Up board live solution for class-12th शिक्षा शास्त्र पाठ -15 रुचि पुरस्कार एवं दंड
कक्षा 12 शिक्षा शास्त्र
पाठ- 15 रुचि पुरस्कार एवं दंड
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1- पुरस्कार वांछित कार्य के प्रति सुखद साहचर्य स्थापित करने का साधन है। यह किसकी परिभाषा है।
क- हरलॉक की
ख- मैक दुग्गल
ग- टरमन की
घ- राय बढ़ने की
उत्तर हरलॉक की।
प्रश्न 2- अमूर्त पुरस्कार है।
क- छात्रवृत्ति
ख- प्रमाण -पत्र
ग- उपयोगी वस्तुएं
घ- प्रशंसा
उत्तर प्रशंसा
प्रश्न 3- पुरस्कार का प्रमुख उद्योग क्या है।
क- योग छात्र का चयन
ख- अनुशासन की स्थापना
ग- शिक्षा का प्रचार प्रसार
घ- विद्यालय की प्रशंसा
उत्तर- योग छात्र का चयन
प्रश्न -4 - रुचि एक!
क- अरिजीत सकती है।
ख- प्रेरक शक्ति है
ग- शक्ति है
घ- बौद्धिक शक्ति है
उत्तर प्रेरक सकती है।
प्रश्न 5 -विद्यालय में पुरस्कार देने का क्या उद्देश्य है!
क- शांतिपूर्ण वातावरण हो
ख- पाठ के क्रियात्मक पथ पर ध्यान दिया जाए
ग- उपयुक्त शिक्षण विधियों का प्रयोग किया जाए
घ- इनमें से सभी
उत्तर -इनमें से सभी
प्रश्न -6 - छात्रों पर अर्थदंड लगाना किस प्रकार का दंड है।
क- शारीरिक दंड
ख- आर्थिक दंड
ग- सामाजिक दंड
घ- मानसिक दंड
उत्तर -सामाजिक दंड
निश्चित उतरी प्रश्न
प्रश्न 1 -पुरस्कार की एक परिभाषा लिखिए ।
अथवा
पुरस्कार क्या है।
उत्तर पुरस्कार व्यक्ति में अच्छा कार्य करने की भावना जागृत करता है।
प्रश्न 2- सीखने में दंड का क्या स्थान है।
उत्तर सीखने में दंड का महत्वपूर्ण स्थान है परंतु यह सुधारात्मक होना चाहिए।
प्रश्न -3- दंड कितने प्रकार का होता है।
उत्तर -दंड कई प्रकार के होते हैं, आर्थिक दंड, शारीरिक दंड, मानसिक दंड, आदि।
प्रश्न 4 -पुरस्कार क्यों दिया जाता है।
उत्तर -पुरस्कार व्यक्ति को अच्छा कार्य करने की भावना जागृत करने के लिए दिया जाता है।
प्रश्न 5 -पुरस्कार किसे कहते हैं।
उत्तर- अच्छे कार्य करने के परिणाम स्वरूप जो सुबह अनुभव व्यक्ति को प्राप्त होता है ,उसे पुरस्कार की संज्ञा दी जाती है।
प्रश्न 6 वातावरण के संपर्क से विकसित रुचि किस प्रकार की रुचि होती है
उत्तर अर्जित रुचि
प्रश्न 7 आपके विचार में दंड का कौन सा उद्देश सर्वोत्तम है?
उत्तर सुधारात्मक
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 - अवधान की विशेषताएं बताइए!
उत्तर अब धान की विशेषताएं हैंl
(क) अवधान चंचल होता है! किसी वस्तु या विचार पर 9 से 10 सेकंड से अधिक नहीं टिकता है!
(ख) अवधान का क्षेत्र संकुंचित होता है!
(ग) अवधान के लिए मानसिक सक्रियता आवश्यक होती है!
(घ) अदधान के पूर्व मानसिकता तत्परता आवश्यक है!
प्रश्न 2- दंड के दो लाभ बताइए!
उत्तर दंड के लाभ
1 चरित्र निर्माण में सहायक
2 बुरी आदतों के छुड़ाने में सहायक
प्रश्न 3- रुचि के कौन से लक्षण है व्याख्या कीजिए!
उत्तर 1 - रुचि की जानकारी के आधार पर पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता मिलती है!
2 रुचि सीखने में सहायता प्रदान करती है!
प्रश्न 4- दंड क्या है शिक्षा में इसकी क्या उपयोगिता है?
उत्तर दंड अवांछनीय व्यवहार को दूर करने का धनात्मक साधन है!
दंड का महत्व 1 अनुशासन की स्थापना
2 अपराधिक कार्यों पर नियंत्रण
3 बुरी आदतों का गलत आचरण में सुधार होना!
प्रश्न 5 - रुचि को प्रभावित किया और अब दांत लिख के संबंध की व्याख्या कीजिए?
उत्तर जेम्स ड्राइवर - रुचि अपने गाया तमक रूप में एक मनोवृति है!मैक्डूगल ने लिखा है रुचि गुप्त अवधान है और अवधान रुचि का क्रियात्मक पक्ष या रूप है बिना रुचि के अवधान नहीं होता है!
प्रश्न 6- छात्रों को दिए जाने वाले सामाजिक दंड का अर्थ लिखिए?
उत्तर सभी के सामने कक्षा से बाहर निकाल देना कक्षा में एक ही कोने में खड़ा करना बेंच के ऊपर खड़ा करना उसकी गलतियों को सबके सामने बताकर लज्जित करना खेलकूद या अन्य सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकना सामाजिक दंड के स्वरूप है! यह उपाय बहुत प्रभाव कारी होते हैं! और छात्रों में सुधार की प्रेरणा देते हैं!
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 - शिक्षा के क्षेत्र में दंड से हानियां बताइए?
उत्तर दंड से कुछ लाभ होने के साथ ही साथ कुछ हानिया भी इसलिए अनेक विद्वान दंड के विरुद्ध है! दंड से होने वाली मुख्य हानियों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है!
1 प्रतिरोध की भावना का विकास दंड के फल स्वरुप अपराधी में दंड देने वाले के प्रति इर्षा देश एवं बदले की भावना उत्पन्न हो जाती है! इस भावना के कभी-कभी बडे घातक परिणाम होते हैं!
2 विपरीत प्रभाव दंड देने से कभी-कभी बालक जिदी् भी हो जाते हैं और दंड पाने पर भी बार-बार यही कार्य करते हैं! अर्थात दंड का उल्टा प्रभाव पड़ता है!
3 अस्थाई प्रभाव पड़ना दंड का प्रभाव स्थायी नहीं होता है दंड के भय से बालक कुछ समय तो गलत काम नहीं करता है! लेकिन थोड़े समय बाद फिर करने लगता है!
4 संवेगात्मक का संतुलन बनाना दंड भय नामक सवेंग से संबंधित है और इस भय के कारण ना तो बालक का सवेंगात्मक संतुलन रहता है और ना ही ठीक से बौद्धिक विकास हो पाता है!
5 प्रभाविता विकसित होना बार बार दंड मिलने पर छात्र उसका अभ्यस्त हो जाता है और उस पर दंड का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है!
प्रश्न 2- छात्रों को पुरस्कार देने की मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए!
अथवा
पुरस्कार के प्रकार बताइए इन्हें क्यों दिया जाता है?
उत्तर पुरस्कार के उद्देश्य
छात्रों को पुरस्कार देने के निम्नलिखित उद्देश्य हो सकते हैं
1 अनुशासन के प्रति आस्था जब अनुशासित हो रहने पर अनुशासन संबंधी उत्तम कार्य करने पर छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है, तो उनकी अनुशासन के प्रति आस्था अधिक बढ़ जाती है, दूसरे शब्दों में पुरस्कार द्वारा छात्रों में अनुशासन स्थापित किया जा सकता है
2 स्वास्थ्य प्रतियोगिता जागृत करना प्राय: यह देखा गया है कि पढ़ने लिखने या खेलकूद में छात्रों में परस्पर प्रति सर्वदा होने लगती है! एक छात्र दूसरे छात्र से आगे निकलने की भरसक कोशिश करता है इससे विकास तथा सीखने की क्रिया अति तीव्र हो जाती है!
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- रुचि क्या है विषय वस्तु में रुचि पैदा करने के लिए अध्यापक को कौन-कौन से उपाय करने चाहिए स्पष्ट कीजिए।
अथवा
रुचि से क्या तात्पर्य है, शिक्षा में रुचि उत्पन्न करने के कुछ प्रयासों के बारे में लिखिए।
अथवा
रुचि का अर्थ स्पष्ट कीजिए छात्रों में रुचि उत्पन्न करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
सीखने में रुचि का क्या महत्व है, विवेचना कीजिए।
अथवा
रुचि के स्वरूप पर प्रकाश डालें किसी पाठ को पढ़ाते समय अध्यापक अपने छात्रों में किस प्रकार रुचि उत्पन्न कर सकता है।
अथवा
जन जागृति का उदाहरण स्पष्ट कीजिए।
रुचि का अर्थ एवं परिभाषा
रुचि एक प्रवृत्ति है यह हमें वातावरण के कुछ विशेष तत्वों की ओर ध्यान देने की प्रेरणा देती है इसकी परवाह से इस प्रकार की जा सकती है।
" वृत्ति किसी व्यक्ति या वस्तु या पारिस्थितिक की ओर आकर्षित होने की प्राकृतिक जन्मात अथवा अर्जित प्रवृत्ति है।
बालक पहले मां की ओर चमकीले भड़कीले गतिशील धनी करने वाले खिलौने की ओर आकृष्ट होता है कुछ बड़ा होने पर समय वयस्कों की ओर आकर्षित होता है आकाश सर्विस समलिंगी व्यक्ति की ओर हो जाता है हम देखते हैं कि रुचिका आधार पर आया मनोज की प्रवृतियां ही होती है रुचि एक स्थाई और सामाजिक तथ्य जो अपना कार्य पूरा करने के लिए उपरांत क्लीन होती है।
रुचि के स्त्रोत
प्राकृतिक स्त्रोत - इसके अंतर्गत मूल प्रवृत्तियां जन्मजात प्रेरणा है ,आवश्यकताएं इच्छाएं आती हैं। जिनके कारण व्यक्ति जन्म से ही स्वभाविक रूप से कुछ वस्तुओं में रुचि लेने लगता है। ऋषि यों का प्रभाव व्यक्ति के विकास पर पड़ता है। व्यक्ति के विकास के साथ साथियों में भी परिवर्तन होता जाता है।
अर्जित स्त्रोत - रूचि का कारण अर्जित संस्कार भी होते हैं। आंतरिक भावनाओं से जो रुचियां उत्पन्न होती है। वह आयोजित रुचियां कहलाती हैं! अर्जित संस्कार के अंतर्गत आदतें स्थाई भाव झुकाव और स्वभाव आते हैं। मानसिक विकास के साथ-साथ व्यक्त की आदतें इस भागों तथा उसकी आवश्यकता के अनुसार उसकी रुचि यों का निर्माण होता है जिस व्यक्ति के हृदय में स्वदेश ,प्रेम का स्थाई भाव होता है वह उन बातों में अधिक रुचि लेता है, जिन पर उसके देश का कल्याण निर्भर खेलकूद में जुकाम होने के कारण हम खेल में रुचि लेते हैं।
रुचि के प्रकार
जन्मजात रुचि - ऐसी रुचि जो मूल प्रवृत्तियों पर आधारित होती है, जन्मजात कहलाती है। क्योंकि उसका स्त्रोत जन्म से ही व्यक्ति में उपस्थित होता है? नवीन वस्तुओं की और दिव्या के द्वारा रुचि होना वस्तुओं कोई खट्टा करने में संग्रह की प्रवृत्ति से रुचि होना भोजन में भूख लगने की प्रवृत्ति के कारण विषम लिंगी प्राणियों में काम प्रवृत्ति के कारण लोगों की रूचि होती है।
अर्जित रुचि - कुछ सुरतिया अनुभवों के आधार पर व्यक्ति में बनते हैं इनके आधार आदत स्थाई भाव और भावना आदि हैं। उसे जिन प्राणियों और वस्तुओं से लाभ होता है। उन में उसकी रुचि बढ़ जाती है। इस प्रकार की दूसरी के निर्माण में संबंध परिवर्तन द्वारा सीखने का सिद्धांत कार्य करता है।
प्रश्न , 2- लिखने में पुरस्कार और दंड की सापेक्षा भूमिका की विवेचना कीजिए।
उत्तर- पुरस्कार के लाभ या महत्व
यद्यपि मनोविज्ञान एवं शिक्षा शास्त्री शिक्षा में दंड का समर्थन नहीं करते हैं किंतु विद्यालय में ऐसी परिस्थितियां आती रहती हैं जिनमें दंड प्रक्रिया को अपनाना आवश्यक हो जाता है शिक्षा का उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करना विकास के अंतर्गत शारीरिक मानसिक सामाजिक एवं नेतृत्व तथा आध्यात्मिक पक्ष होते हैं विद्यार्थियों के जो कार्य युवा विकास की प्रक्रिया में बाधा उपस्थिति करते हैं उनसे निपटने के लिए प्रयोग भी करना पड़ता है शिक्षा में सुधार होना चाहिए।
दंड के द्वारा छात्रों के आचरण को सुधारने का प्रयास किया जाता है।
बालकों में अनुशासन की प्रवृत्ति विकसित करने में सहायक मिलती है।
छात्रों को अपराध की ओर जाने से रोकता है।
दंडम सामाजिक नियंत्रण का एक साधन है।
दंड कब है नियम बता की ओर प्रेरित करता है।
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