CG August Assignment class 12th Psychology Solutions
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, रायपुर
कक्षा - बारहवीं
विषय - मनोविज्ञान
प्रश्न क्रमांक 1 का उत्तर
बुद्धि एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग हम अपने आम जीवन की दिनचर्या में करते हैं। लेकिन जितना हम अपने जीवन में बुद्धि के अर्थ को समझते हैं, बाल विकास, शिक्षा शास्त्र और मनोवैज्ञानिक में इसका अर्थ और महत्व कई ज्यादा है।
बुद्धि अंग्रेजी शब्द Intelligence का हिंदी वर्जन है। Intelligence लैटिन भाषा का शब्द है जो कि लैटिन भाषा के 2 शब्दों Inter एवं Legere से मिलकर बना है। बुद्धि के अर्थ के बारे में मनोवैज्ञानिकों के बीच मतभेद है, जिससे बुद्धि के किसी एक अर्थ में सहमति नहीं है।
त्रिचापीय सिद्धांत-
रॉबर्ट जे स्टर्नबर्ग ने मानव बुद्धि पर कार्य किया। इन्होंने मानव IQ को चुनौती देते हुए कहा कि जरूरी नहीं है, जिस व्यक्ति का IQ level कम हो वह अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है। तथा यह भी जरूरी नहीं है कि जिस व्यक्ति का IQ level अच्छा हो वह निश्चित ही अपने जीवन में सफल हो। एक सफल बुद्धिमान व्यक्ति की सफलता उसकी बुद्धि पर निर्भर करती है। प्रत्येक व्यक्ति में तीन प्रकार की बुद्धि होती है। तीन प्रकार मैं सेवाएं किसी भी प्रकार की बुद्धि के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है।
- घटकीय उपसिद्धांत
- अनुभवी उपसिद्धांत
- संदर्भात्मक उपसिद्धांत
प्रश्न क्रमांक 2 का उत्तर
भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की यह विशिष्ट योग्यताएं तथा कौशल ही अभिक्षमताएं कहलाती हैं। उचित प्रशिक्षण देकर इन योग्यताओं में पर्याप्त अभी वृद्धि की जा सकती है। अभिरुचि का अर्थ है किसी व्यक्ति का किसी क्षेत्र में रुझान और सफलता प्राप्ति की रूचि होना।
अभिक्षमता का मापन अभिक्षमता परीक्षणों को उनकी प्रकृति के अनुसार प्रमुख रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। 1.बहुअभिक्षमता परीक्षण माला- इस परीक्षण माला का तात्पर्य उन परीक्षण मालाओं से होता है जिसके द्वारा एक साथ कई क्षेत्रों में अंतर्निहित क्षमताओं का मापन होता है।
प्रश्न क्रमांक 4 का उत्तर
बुद्धि से तात्पर्य संज्ञानात्मक व्यवहारों के संपूर्ण वर्ग से होता है, जो व्यक्ति में सूझबूझ द्वारा समस्या का समाधान करने की क्षमता, नई परिस्थितियों के साथ समायोजन करने की क्षमता और अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता को दिखलाता है।
बुद्धि केवल एक योग्यता ही नहीं है परंतु इसमें अनेक तरह की योग्यताएं सम्मिलित होती हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मनोवैज्ञानिक बैशलर ने बुद्धि को परिभाषित किया है। "बुद्धि एक समुच्चय या सार्वजनिक क्षमता है जिसके सहारे व्यक्ति उद्देश्य पूर्ण क्रिया करता है, विवेकपूर्ण चिंतन करता है तथा वातावरण के साथ प्रभाव कारी ढंग से समायोजन करता है।"
बुद्धि के प्रकार-
बुद्धि तीन प्रकार की होती हैं।
1.सामाजिक बुद्धि- सामाजिक बुद्धि वह सामान्य मानसिक क्षमता है जिसके आधार पर व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को समझता है तथा व्यवहार कुशलता के साथ-साथ सामाजिक संबंधों को भी अच्छा बनाता है।
2. अमूर्त बुद्धि- अमूर्त चिंतन का तात्पर्य ऐसी मानसिक क्षमता से है जिसमें व्यक्ति शब्द तथा गणितीय संकेतों एवं चिन्हों को आसानी से समझ जाता है तथा उसकी व्याख्या कर लेता है।
3. मूर्त बुद्धि- मूर्त बुद्धि वह मानसिक क्षमता है जिसके आधार पर व्यक्ति ठोस वस्तुओं के महत्व को समझता है तथा उसका ठीक ढंग से भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में परिचालन करना सीखता है।
Written by - Nitya Kushwaha
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