CG Board August assignment 2021 class 12 लेखाशस्त्र |cgbse 12th लेखाशस्त्र Assignment 2021 answer
छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट कक्षा बारहवीं लेखाशस्त्र फुल सलूशन सितंबर माह 2021-
नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं। छत्तीसगढ़ बोर्ड माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं असाइनमेंट जारी कर दिए गए हैं तो दोस्तो आज की पोस्ट में हम आपको कक्षा बारहवीं लेखाशास्त्र का फुल सलूशन बताने वाले हैं।
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छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट कक्षा बारहवीं लेखाशस्त्र फुल सलूशन सितंबर माह 2021 |
छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट -01
कक्षा- 12
विषय- लेखाशास्त्र
प्रश्न क्रमांक 1 का उत्तर
उत्तर - साझेदारी फर्म साझेदारों के मध्य हुए समझौते का परिणाम है यह समझौता मौखिक अथवा लिखित हो सकता है उस लिखित समझौते को साझेदारी संलेख कहते हैं यह समझौता लिखित में रहना उचित रहता है जिससे भावी विवाद की स्थिति में इसका निपटारा आसानी से किया जा सके तथा व्यापार को सुचारू एवं व्यवस्थित रूप से चलाया जा सके इसमें साझेदारी के पारस्परिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का उल्लेख होता है साझेदारी संलेख में दी जाने वाली मुख्य बातें।
1. साझेदारों के नाम एवं पते।
2. फर्म का नाम व पता व्यवसाय का स्वरूप।
3. साझेदारों द्वारा लगाई गई पूंजी।
4. कोई भी साझीदार फर्म को ऋण दे सकता है या नहीं यदि दे सकता है तो उस पर ब्याज की दर क्या होगी।
5. यदि साझेदारों की पूंजी पर ब्याज दिया जाएगा तो ब्याज की दर क्या होगी।
6. किसी साझीदार को वेतन दिया जाएगा या नहीं
7. फर्म की वाहिया किस प्रकार रखें जाएंगी और साझेदार लाभ हानि किस अनुपात में बाटेंगे।
8. साझेदारों को निजी वेयर के लिए फार्म से कितनी रकम निकालने का अधिकार होगा न जी भर के लिए फर्म से कितनी रकम निकालने का अधिकार होगा इस ब्याज की दर पर कितनी होगी
9. साझेदारों के कर्तव्यों का उल्लेख।
10. किसी साझेदार के अवकाश ग्रहण करने या मृत्यु होने पर ख्याति तथा संपत्तियों और धनो के मूल्यांकन की विधि क्या होगी।
प्रश्न क्रमांक 2 का उत्तर
ख्याति का मूल्यांकन करना एक कठिन कार्य है सामान्यता ख्याति राशि की गणना निम्नलिखित विधियों से की जाती है।
औसत लाभ पर आधारित विधि - सर्वप्रथम गत कुछ वर्षों का औसत लाभ ज्ञात किया जाता है तत्पश्चात संदेश में उल्लेख खेत नियमानुसार इस प्राप्त औसत लाभ एक निश्चित संख्या का गुणा करने के बाद राशि को ही ख्याति का मूल्य माना जाता है।
आधिलाभ आधार विधि - अधिलाभ से आज अतिरिक्त लाभ से है जब कोई फर्म उसी पूंजी पर अन्य फर्मों से अधिक लाभ अर्जित करती है तो यह अतिरिक्त लाभ ही लाभ है इस विधि के अनुसार सर्वप्रथम आधी लाभ ज्ञात किया जाता है तथा इस अधिलाभ को सलेख में वर्णित संख्या से गुणा करके ख्याति राशि ज्ञात की जाती है।
पूंजीकरण विधि - इस विधि में यह मान लिया जाता है कि फर्म द्वारा व्यवसाय में लगाई गई पूंजी सामान्य लाभ अर्जित करती है यदि फर्म को अधिक लाभ हो रहा है तो वह अतिरिक्त पूंजी जो इस अतिरिक्त लाभ को प्राप्त करने हेतु लगाई जाती है फर्म की ख्याति का मूल्य
वार्षिक विधि - यदि एक फर्म को आधिलाभ हो रहा है तो इस विधि के अनुसार सर्वप्रथम यह अनुमान लगाया जाता है कि यह अधिकतम वर्षों तक प्राप्त होता रहेगा जितने वर्षों तक अधिलाभ प्राप्त होने की आशा है उतने वर्षों के अधीलाभ का वर्तमान मूल्य वार्षिक विधि द्वारा ज्ञात कर लिया जाता है।
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