शिक्षक दिवस पर कविता हिंदी में

Ticker

शिक्षक दिवस पर कविता हिंदी में

Happy Teachers day par poem today| शिक्षक दिवस पर कविता हिंदी में





शिक्षक के उद्धार



शिक्षक दिवस पर साथियों एक बात

         कहना चाहता हूं

जब भी धरा पर जन्म लूं, शिक्षक ही

        रहना चाहता।


गलियों से खेलते वर्तमान से, भविष्य के

          ख्वाब सजाता हूं

कोरे कागजों पर लिखकर, उन्हें किताब मैं

           बनाता हूं।


"अ" अनपढ़ से शुरू कर, "ज्ञ" ज्ञानी

         तक पहुंचाता हूं

घनी अधेंरी दीवारों, पर रोशनी की मुहर

         लगाता हूं।


माना कि केवल शिक्षक हूं, विद्यार्थी को

         पढ़ाता हूं

मगर चंद्रमा तक जाने की, पहली सीढ़ी

        मैं बनाता हूं।


शिक्षा पर नित नए प्रयोग देख, थोड़ा

        विचलित हो जाता हूं

मगर हर सरकारी फरमान को, बखूबी मैं

        निभाता हूं।


Happiness और EMC से, विद्यार्थियों को

        परिचित कराता हूं

सपना देखने और उन्हें पूरा करने का,

       मार्ग मैं दिखाता हूं।


जो शिक्षा देता हूं सबको, पहले आदर्श

       बन दिखाता हूं

त्याग देता हूं इच्छाएं बहुत सी, मगर कभी

        ना ये बताता हूं।


शिक्षक दिवस पर साथियों, एक बात

        कहना चाहता हूं

जब भी धरा पर जन्म लूं , शिक्षक ही

       रहना चाहता हूं


      Written by-Nitya Kushwaha







1 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

inside

inside 2