दशहरा पर निबंध (essay on Dussehra in Hindi)
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दशहरा पर निबंध (essay on Dussehra in Hindi) |
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहकर अपनी आवश्यकताओं को पूरी करता है। समाज के दुख सुख उसके स्वयं के अपने सुख दु:ख होते हैं। इन्हीं सुख दु:खों को सहते हुए वह अपनी जीवन नौका को पार पर लगाता है और सदैव यह प्रयास करता है कि उसका जीवन प्रेम और उल्लास से भरा रहे।
ये त्योहार हमारे जीवन में अनेक खुशियां लेकर आते हैं। इसलिए हमारे देश में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। विजयदशमी एक धार्मिक त्योहार है।
दशहरा मनाने के कारण -
इस पर्व को मनाए जाने के अनेक कारण हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि इस दिन रामचंद्र जी ने लंका के राजा रावण को मारकर लंका पर विजय प्राप्त की थी। उस शुभ दिन को याद करने के लिए यह पर्व हर साल मनाया जाता है। कुछ विद्वानों का मत है कि यह पर्व वर्षा ऋतु के बाद आता है। इस शुभ दिन को छत्रिय राजा अपनी सेना सुसज्जित करके विजय यात्रा पर निकला करते थे।
बंगाल और असम में यह त्यौहार आसुरी शक्तियों पर दुर्गा की विजय के रूप में मनाया जाता है। बंगाल में इसे दुर्गा पूजा का उत्सव कहा जाता है। गांव-गांव, शहर-शहर, गलियों और घरों में दुर्गा की पूजा होती है और लोग सज-धज कर दुर्गा की मूर्ति को नदी में विसर्जित करने जाते हैं।
असत्य पर सत्य की विजय -
भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इस दशमी को विजयदशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा वर्ष की 3 अत्यंत शुभ तिथियों में से एक हैं, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारंभ करते हैं, इस दिन शस्त्र पूजा, वाहन पूजा की जाती है।
प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। दशहरा का पर्व 10 प्रकार के पापों - काम, क्रोध, लोभ,मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा हमें देता है।
रामलीला का आयोजन -
देश के कई हिस्सों में दशहरा को मनाने का रीति रिवाज और परंपरा अलग-अलग है। कई जगहों पर दशहरा 10 दिन के लिए मनाया जाता है। मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्र और रामायण की कहानियां भक्तों की बड़ी भीड़ के सामने सुनाई जाती हैं। साथ ही कई जगहों पर रामलीला का आयोजन 7 दिन तक किया जाता है। सारे शहर में रामलीला का आयोजन होता है। रामलीला पौराणिक महाकाव्य, रामायण का एक लोकप्रिय अधिनियम है। ऐसा माना जाता है कि महान संत तुलसीदास ने राम, राम की परंपरा शुरू की जो भगवान राम की कहानी के अधिनियम था। उनके द्वारा लिखी गई रामचरितमानस आज तक रामलीला प्रदर्शन का आधार बनाती है। रामनगर रामलीला (वाराणसी) सबसे पारंपरिक शैली में अधिनियमित किया गया है।
दशहरा मनाने का समय व ढंग -
विजयदशमी हमारे देश का एक धार्मिक पर्व है। यह आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। 10 दिन पहले से घरों में दुर्गा पूजा प्रारंभ हो जाती है जो दशमी को दुर्गा विसर्जन कर समाप्त होती हैं।
स्थान-स्थान पर रामलीलाओं का आयोजन होता है जिसमें श्री राम के संपूर्ण जीवन की घटनाओं को बहुत सुंदर ढंग से जन-समुदाय के सामने प्रकट किया जाता है। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी रामलीलाओं को बड़े चाव से देखते हैं।
दशहरे के दिन बड़ी धूमधाम से रावण का वध कर उसका पुतला दहन होता है। क्षत्रिय लोग दशहरा के दिन अपने अस्त्र शस्त्रों का पूजन करते हैं और व्यापारी लोग दशहरे को बहीखातों व तराजू बांटों की पूजा करते हैं। इस दिन कुछ लोग नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बहुत शुभ समझते हैं।
उत्तरी भारत के प्रायः सभी नगरों में दशहरे के मनाने का ढंग एक-सा ही है, किंतु हिमाचल प्रदेश के कुल्लू क्षेत्र में इसको मनाने के ठाठ निराले हैं। वहां दशहरे के दिन सभी देवी-देवता रघुनाथ जी की परिक्रमा करने के लिए नीचे उतर आते हैं।
विजयदशमी से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां-
विजयदशमी जैसे धार्मिक महत्व वाले दिन कुछ असामाजिक तत्व के लोग मदिरापान का सेवन कर लोगों को परेशान करते हैं। कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़छाड़ जैसी शर्मनाक हरकत करते हैं। अगर समाज में दशहरा के दिन कुरीतियों को दूर रखा जाए, तो दशहरा का पर्व वास्तव में आनंदमय हो जातें हैं।
रावण, भगवान राम की पत्नी देवी सीता का अपहरण कर लंका ले गया था। भगवान राम युद्ध की देवी मां दुर्गा के भक्त थे, उन्होंने युद्ध के दौरान पहले 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की और दसवें दिन दुष्ट रावण का वध किया। इसलिए विजयदशमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। राम की विजय के प्रतीक स्वरूप इस पर्व को 'विजयादशमी' कहा जाता है। |
क्यों ना हम पहले अपने अंदर के रावण को मारें -
"रावण पर विजय पाने के लिए पहले खुद राम बनना पड़ता है"
हम बाहर रावण का पुतला तो जलाते हैं लेकिन अंदर उसे पोषित करते हैं। वो तो सतयुग था जिसमें केवल एक रावण था जिस पर भगवान राम ने विजय प्राप्त की। यह तो कलयुग है जिसमें हर घर में रावण है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना मुश्किल है। विजयदशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगों को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है।
ना जाने कई सालों, सदियों से पूरे देश में रावण का पुतला हर साल जलाकर दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। अगर रावण की मृत्यु सालों पहले हो गई थी तो फिर वो आज भी हमारे बीच जीवित कैसे है? आज तो कई रावण हैं। उस रावण के 10 सिर थे लेकिन हर सिर का एक ही चेहरा था जबकि आज के रावण का सिर एक है पर चेहरे अनेक हैं, चेहरे पर चेहरे हैं जो नकाबों के पीछे छिपे हैं। इसलिए इनको खत्म करने के लिए साल में 1 दिन काफी नहीं है इन्हें रोज मारना हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। उस रावण को प्रभु श्री राम ने धनुष से मारा था, आज हम सभी को राम बनकर उसे संस्कारों से, ज्ञान से और अपनी इच्छाशक्ति से मारना होगा।
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दशहरा पर निबंध (essay on Dussehra in Hindi) |
दशहरे पर्व पर मेलें -
दशहरा पर्व को मनाने के लिए जगह-जगह बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। यहां लोग अपने परिवार, दोस्तों के साथ आते हैं और खुले आसमान के नीचे मेले का पूरा आनंद लेते हैं। मेले में तरह-तरह की वस्तुएं, चूड़ियों से लेकर खिलौने और कपड़े बेचे जाते हैं। इसके साथ ही मेले में व्यंजनों की भी भरमार रहती है।
उपसंहार -
इस प्रकार विजयदशमी मानवता की दानवता पर, अच्छाई की बुराई पर, सत्य की असत्य पर विजय का त्यौहार है। यह पर्व हमें अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध बहादुरी से लड़ने का संदेश देता है।
दशहरा पर निबंध 10 लाइन -
दशहरा पर निबंध 10 लाइन में जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं पर नजर डाल सकते हैं। यहां आपके लिए दशहरा पर निबंध 10 लाइन में दिया गया है-
1. दशहरा हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे 10 दिनों तक मनाया जाता है।
2. दशहरा का पर्व राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है।
3. संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा।
4. यह हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्योहारों में से एक है।
5. दशहरा ना केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, बल्कि देश के अन्य धर्मों जैसे मुस्लिम, ईसाई और सिखों द्वारा भी मनाया जाता है।
6. दशहरा को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जिसे भारतीय घरों में खुशी फैलाने के लिए मनाया जाता है।
7. रामलीला रामायण का एक नाट्य रूपांतरण है जिसका आयोजन आमतौर पर विजयदशमी के दिन किया जाता है।
8. इस दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाद जैसे राक्षसों के पुतले जलाए जाते हैं।
9. 10 सिर वाले रावण को जलाते वक्त जोरदार आतिशबाजी की जाती है।
10. दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंका के राजा रावण की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है।
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