MP pre board exam 2023 class 10th Hindi set a paper solution//कक्षा 10 हिंदी सेट ए फुल पेपर सलूशन एमपी प्री बोर्ड एग्जाम 2023
अभ्यास प्रश्न पत्र (सेट-अ) 2023
कक्षा 10वीं
विषय- हिन्दी
समय-3 घंटा. पूर्णांक 75
MP pre board exam 2023 class 10th Hindi set a paper solution//कक्षा 10 हिंदी सेट ए फुल पेपर सलूशन एमपी प्री बोर्ड एग्जाम 2023
निर्देश-
1. सभी प्रश्न करना अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं। जिनके लिए 1x30 = 30 अंक निर्धारित है।
3. प्रश्न क्र. 06 से 17 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।
4. प्रश्न क्र. 18 से 20 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।
5. प्रश्न क्र. 21 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 120 शब्द
6. प्रश्न क्र. 06 से 23 तक सभी प्रश्नों के आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
कक्षा दसवीं सामाजिक विज्ञान प्री बोर्ड पेपर 2023
1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए. (1x6=6)
i. काव्य की दृष्टि से रीतिकाल को बाँटा गया है-
(अ) दो भागों में
(ब) तीन भागों में
(स) चार भागों में
(द) सात भागों में
ii. सूर के पदों में तेल की गागरी कहा गया है-
(अ) श्रीकृष्ण को
(ब) उद्धव को
(स) गोपियों को
(द) सूर को
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iii. चरणों में निहित मात्राओं के आधार पर दोहा है-
(अ) सममात्रिक छंद
(ब) विषममात्रिक छंद
(स) अर्द्ध मात्रिक छंद
(द) अर्द्धसममात्रिक छंद
iv. नेताजी का चश्मा कहानी का मूलभाव है।
(अ) शिक्षा का विकास
(ब) समाज सुधार
(स) मूर्ति कला का
(द) देशभक्ति की भावना
v. वह धीरे-धीरे रोने लगा वाक्य में क्रियाविशेषण का भेद है-
(अ) कालवाचक क्रियाविशेषण
(ब) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(स) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(द) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
vi. भोलानाथ और उनके हम उम्र चबूतरे के एक कोने को बना देते थे।
(अ) सिनेमाघर
(ब) टिकटघर
(स) रसोईघर
(द) नाटकघर
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2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए- (1x6=6)
i. परशुराम अपना गुरु, भगवान____ को मानते थे। (शिव/ श्रीकृष्ण / विष्णु)
ii. आश्रय की बाह्य शारीरिक चेष्टाओं को____ कहते हैं। (विभाव/अनुभाव / आलम्बन)
iii. विस्तृत कलेवर वाले काव्य को कहते____ हैं | (दृश्य काव्य / खण्डकाव्य / महाकाव्य)
iv. 'बालगोबिन भगत' की प्रभातियाँ_______तक चलती थी। (कार्तिक मास/ फागुन मास / चैत्र मास)
V. ....... वाक्य से किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है। (विधानवाचक / निषेधवाचक/इच्छावाचक)
vi. कटाओं में बर्फ से ढके पहाड़ _____की तरह चमक रहे थे। (चाँदी / सोने / मोती)
3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए-. (1x6=6)
स्तम्भ (अ) स्तम्भ (ब)
i उत्साह कविता. (क) तार सप्तक
ii. मानवीय क्रियाओं का आरोप. (ख) वाचाल
iii. रिपोर्ताज की भाषा. (ग) सज्जन व्यक्ति
iv सफेदपोश. (घ) एक आह्वान गीत
v.जो कम बोलता हो. (ड.) मानवीकरण अलंकार
vi. अज्ञेय. (च) भद्रव्यक्ति
(छ) फ्रेंच
(ज) मितभाषी
4. एक वाक्य में उत्तर लिखिए-. (1x6=6)
i. फसल कविता हमें किसके करीब ले जाती है ?
ii. विभाव के भेदों के नाम लिखिए ?
iii. शास्त्रों में काशी किस नाम से प्रतिष्ठित है ?
iv. किस समास में प्रथम पद प्रधान एवं अव्यय होता है ?
v. 'अपना हाथ जगन्नाथ लोकोक्ति का क्या अर्थ है ?
vi. भोलानाथ के पिता फूल के कटोरे में उसे क्या सानकर खिलाते थे ?
5. सत्य / असत्य कथन लिखिए-. (1x6=6)
i. मुख्य गायक की आवाज़ भारी व गंभीर होती है।
ii. दोहा और चौपाई वर्णिक छंद हैं।
iii. मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है।
iv. दो वर्णों के मेल को संधि कहते हैं।
v. रंगीन पताकाएँ शांति और अहिंसा का प्रतीक हैं।
vi. पढ़कर ही लेखक आभ्यंतर विवशता को पहचानता है।
6. रीतिकाल को श्रृंगारकाल क्यों कहा जाता है ? रीतिकालीन किसी एक कवि का नाम लिखिए। (2)
अथवा
नई कविता की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
7. तुलसीदास अथवा नागार्जुन की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- (2)
i. दो रचनाएँ
॥ कला-पक्ष
8. गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है ? (2)
अथवा
'राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ के आधार पर राम के स्वभाव की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
9. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है ? (2)
अथवा
कवि नागार्जुन के अनुसार फसल क्या है ?
10. खण्डकाव्य की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। (2)
अथवा
स्थायी भाव एवं संचारी भाव में कोई दो अंतर लिखिए।
11. चौपाई छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। (2)
अथवा
अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
12. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार निबन्ध की परिभाषा लिखते हुए आपके पाठ्यक्रम में सम्मिलित किसी एक निबन्ध रचना का नाम लिखिए। (2)
अथवा
कहानी एवं उपन्यास में कोई दो अंतर लिखिए।
13. स्वयं प्रकाश अथवा मन्नू भंडारी की साहित्यिक विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए-. (2)
i. दो रचनाएँ
ii. भाषा-शैली
14. सेनानी न होते हुए भी चश्में वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ? (2)
अथवा
बालगोबिन भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त की ? लिखिए।
15. बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है ? (2)
अथवा
वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति किसे कहा जा सकता है ?
16. निम्नलिखित वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए- (2)
1. दो भाषाएँ बोलने वाला |
ii. जिसका वर्णन न किया जा सके
अथवा
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए
i. खून पसीना एक करना
ii. गागर में सागर भरना
17. बच्चे माता- पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं? लिखिए। (2)
अथवा
गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है।
18. निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए-। (3)
ऊधौ, तुम हो अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तें नाहिन मन अनुरागी ।
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यों जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताको लागी।
अथवा
मधुप गुनगुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी ।
इस गंभीर अनंत नीलिमा में असंख्य जीवन इतिहास,
यह लो करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य मलिन उपहास |
19. निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए-। (3)
बालगोबिन भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जिस दिन उनका बेटा मरा इकलौता बेटा था वह कुछ सुस्त और बोदा-सा था, किन्तु इसी कारण बालगोबिन भगत उसे और भी मानते। उनकी समझ से ऐसे आदमियों पर ही ज्यादा नजर रखनी चाहिए या प्यार करना चाहिए; क्योंकि ये निगरानी और मुहब्बत के ज्यादा हकदार होते हैं।
अथवा
काशी में संगीत आयोजन की एक परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है। यह मंदिर शहर के दक्षिण में लंका पर स्थित है व हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ पाँच दिनों तक शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन वादन की उत्कृष्ट सभा होती है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है।
20. 'मीठी बोली का महत्त्व विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए। (3)
अथवा
एक आदर्श विज्ञापन की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए ।
21. निम्नलिखित अपठित काव्यांश अथवा गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (4)
श्रम होता सबसे अमूल्य धन, सब जन खूब कमाते
सब अशंक रहते अभाव से सब इच्छित सुख पाते ||
राजा प्रजा नहीं कुछ होता होते मात्र मनुज ही।
भाग्य-लेख होता न मनुज का होता कर्मठ भुज ही ॥
प्रश्न i. उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ii. राजा प्रजा नहीं कुछ होता से कवि का क्या आशय है
iii. उपर्युक्त काव्यांश का भावार्थ लिखिए।
अथवा
कभी-कभी लक्ष्य बहुत दूर दिखाई देता है। संदेह होने लगता है कि इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे या नहीं। कई बार लक्ष्य प्राप्ति के लिए अनेक प्रयास करने पर भी असफलता मिलती है। इससे मन में निराशा का भाव जागृत हो जाता है। निराशा से प्रसन्नता और शांति नष्ट हो जाती है आशा उत्साहित करती है। निराशा का भाव अकेले नहीं आता। उसके साथ हीनता की भावना का जन्म होता है। असुरक्षा का भाव आता है, तनावों का बवंडर आ जाता है। मन उत्साहहीन हो जाता है। मन में निराशा को नहीं आशा को बसना चाहिए। जो लोग जीवन में आशावादी रहते हैं वही विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य प्राप्ति में सक्षम हो सकते हैं।
प्रश्न i. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ii. निराशा का भाव क्यों जागृत होता है ?
iii. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
22. अपने वार्ड में व्याप्त गंदगी को दूर करने के लिए नगरपालिका अधिकारी को आवेदन पत्र लिखिए | प्रातः कालीन सैर के लाभ बताते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए। (4)
23. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर रूपरेखा सहित सारगर्भित निबंध लिखिए- (4)
i. विद्यार्थी जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्त्व
ii. पर्यावरण प्रदूषण में हमारी व्यक्तिगत भूमिका
iii. स्वच्छ भारत अभियान
iv. आजादी का अमृत महोत्सव
v. जल संरक्षण
Class 10th Hindi Set A Abhyas Prashn Patr 2023 Full Solutions
सही विकल्प
प्रश्न 1.(उत्तर)
(i) (अ)
(ii) ब
(iii) द
(iv) द
(v) स
(vi) द
प्रश्न 2. रिक्त स्थान (उत्तर)
1. शिव
2. अनुभाव
3. महाकाव्य
4. फागुन मास
5. विधानवाचक
6. चांदी
प्रश्न 3. सही जोड़े (उत्तर)
1 → घ
2 →ड
3 → छ
4 → च
5 →ज
6 →क
प्रश्न 4. एक वाक्य में उत्तर
1. किसान और संस्कृति
2.आलंबन, उदीबन
3. आनंद कानन
4. अव्ययीभाव समास
5. अपने हाथ से किया गया काम अच्छा होता है।
6. गोरस और भान
प्रश्न 5 उत्तर (सही गलत)
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii)सत्य
(iv) सत्य
(v) असत्य
(vi)असत्य
प्रश्न क्र. 06 उत्तर' अथवा '
उत्तर –
(i) कुंठा, संत्रास, मृत्युबोध
(ii) व्यंग्य प्रधान रचनाएं।
प्रश्न क्र 7 उत्तर (अथवा)
( i). दो रचनाएं - सतरंगे पंखों वाली, प्यासी पथराई आँखे
(ii) कला पक्ष- इनकी बोली सामान्य बोलचाल की खड़ी बोली है। काव्य विषय इनके प्रतीको के माध्यम से स्पष्ट उभरकर आते है। इन्होंने दोनों ही प्रकार की छन्द बद्ध एवं छन्द मुक्त रचनाएं की है
प्रश्न क्र. 08 उत्तर
गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा का ऐसे लोगों को देने की बात कही हैं जिनके मन में चकरी हो, जो अस्थिर बुद्धि हो, जिनका मन चंचल हो योग की शिक्षा तो उन्हीं को दी जानी चाहिए, जिनके मन प्रेम-भाव के कारण स्थिरता पा चुके है। उनके लिए योग' की शिक्षा की कोई अवश्यकता नहीं हैं।
प्रश्न क्र. 09 उत्तर अथवा '
कवि नागार्जुन के अनुसार फसल, पानी, मिट्टी, धूप, हवा एवं मानव-श्रम का मिला जुला रूप है।
प्रश्न क्र. 10 उत्तर
खण्ड काव्य की विशेषताएं:- (i) इसमें पात्रों की संख्या सीमित होती हैं। (ii) इसका आकार लघु होता है।
प्रश्न क्र. 11 उत्तर
चौपाई :-
यह मात्रिक सम छन्द है। इसमें प्रत्येक
भाग में 16 मात्राएँ होती हैं। चरण के अन्त में जगण और तगण का आना वर्जित है
उदाहरण :-
बंदए गुरु पद पदुम परागा।
सुरूच सुबास सरस अनुरागा ।"
प्रश्न क्र. 12 उत्तर
प्रश्न क्र. 13उत्तर
उत्तर- मन्नू भंडारी का साहित्यिक परिचय
(i) दो रचनाएँ - आपका बंटी, महाभोज
(ii) भाषा-शैली - मन्नू भंडारी की भाषा और शैली के विभिन्न रूप इस प्रकार हैं-
भाषा - मन्नू भंडारी वैसे तो हिंदी खड़ीबोली की लेखिका हैं। फिर भी उनके साहित्य में व्यवहारिक भाषा का सरल और सहज रूप भी दिखाई देता है। उनकी भाषा में तत्सम तद्भव, देशी और विदेशी भाषा की अद्भुत कुशलता दिखाई देती है। मुहावरे और लोकोक्तियों से भाषा को रोचक बना देना उनकी कला थी
शैली - मन्नू भंडारी की शैली के विविध रूप इस प्रकार हैं-
(i) भावात्मक शैली- उन्होंने विषय को
भावात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए इस शैली
का प्रयोग किया है।
(ii) वर्णनात्मक शैली- लेखिका ने इस शैली का प्रयोग किसी विषय घटना अथवा स्थान को प्रभावी बनाने के लिए किया है।
(iii) संवाद शैली - मन्नू जी ने अपनी कहानियों, उपन्यास और नाटक में सजीवता लाने के लिए इस शैली का प्रयोग किया है।
(iv) व्यंग्य शैली - लेखिका ने नारी समस्या और सामाजिक रुढियों पर तेज व्यंग्य किए हैं।
प्रश्न क्र. 14 उत्तर
उत्तर - अपने बेटे की मृत्यु होने पर भगत उसके शव के पास बैठकर कबीर के भक्तिहीन गाने लगे। अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए भगत ने कहा कि यह रोने का नहीं, बल्कि उत्सव मनाने का समय है। विरहिणी आत्मा अपने प्रियतम परमात्मा के पास चली गई है। उन दोनों के मिलन से बड़ा आनंद और कुछ नहीं हो सकता ।
इस प्रकार भगत ने शरीर की नश्वरता और आत्मा की अमरता का भाव व्यक्त किया ।
प्रश्न क्र. 15 उत्तर(अथवा)
वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' उसे कहा जा सकता है जिसमें अपनी बुद्धि तथा योग्यता के बल पर कुछ नया करने की क्षमता हो। जिस व्यक्ति में ऐसी बुद्धि तथा योग्यता जितनी अधिक मात्रा में होगी वह व्यक्ति उतना ही अधिक संस्कृत होगा ।
प्रश्न क्र. 16 उत्तर
1. दो भाषाएं बोलने वाला – द्विभाषीय
2. जिसका वर्णन किया जा सके – वर्णनीय
प्रश्न क्र. 17 उत्तर
बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को उनके साथ रहकर, उनकी सिखाई हुई बातों में रुचि लेकर, उनके लिए खेल करके, उन्हें चूमकर, उनकी गोद में या कधे पर बैठकर प्रकट करते हैं।
प्रश्न क्र. 18 उत्तर
(1) ऊधो, तुम हो अति बड़भागी। अपरस रहत सनेह तगा तै, नाहिन मन अनुरागी । पुरइनि पात रहत जल भीतर, तारस देह न दागी। ज्यौं जल माँह तेल की गागरि, बूँद न ताकौ लागी । प्रीति-नदी मैं पाँऊ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी । सूरदास अबला हम भोरी, गुर बाँटी ज्याँ पागी ॥
उत्तर- भावार्थ- गोपियाँ उद्धव से कहती है कि हे उद्धव, तुम सचमुच बहुत भाग्यशाली हो क्योंकि तुम प्रेम बंधन से बिल्कुल अछूते अर्थात स्वतंत्र हो और न ही तुम्हारा मन किसी के प्रेम में अनुरक्त हुआ है। जिस प्रकार कमल के पत्ते सदा जल के अन्दर रहते हैं परंतु ये जल से अछूते ही रहते हैं, उन पर जल की एक बूँद का भी धब्बा नहीं लगता और जिस प्रकार तेल की मटकी को जल में रखने पर जल की एक बूँद भी उस पर नहीं ठहरती, उसी प्रकार तुम कृष्ण के समीप रहते हुए भी उनके प्रेम बंधन से सर्वथा मुक्त हो। तुमने प्रेम रूपी नदी में कभी पाँव ही नहीं डुबायो अर्थात् तुमने कभी किसी से प्रेम ही नहीं किया और न ही कभी किसी के रूप- लावण्य ने तुम्हें आकर्षित किया है। गोपियाँ उद्धव से कहती है कि हम तो भोली-भाली अबलाएँ हैं। और हम कृष्ण के प्रेम में पागल गई हैं, अतः उनसे विमुख नहीं हो सकतीं। हमारी स्थिति उन चींटियों के समान हैं जो गुड़ पर आसक्त होकर उससे चिपट जाती हैं और फिर स्वयं को छुड़ा न पाने के कारण वहीं प्राण त्याग देती हैं।
प्रश्न क्र. 20 उत्तर
विज्ञापन की विशेषताएं
1. विज्ञापन जनता के सामने सार्वजनिक रूप से सन्देश प्रस्तुत करने का साधन है।
2. विज्ञापन एक व्यापक सन्देश पहुंचाने का व्यापक माध्यम है, जिसके द्वारा सन्देश को बार-बार दोहराया जाता है।
3. विज्ञापन द्वारा एक ही सन्देश को विभिन्न प्रकार के रंगों, चित्रों, शब्दों, वाक्यों तथा लाइट से सुसज्जित कर सन्दीश जनता तक पहुंचाये जाते है, जो ग्राहक को स्पष्ट एवं विस्तृत जानकारी देता है।
4. विज्ञापन सदैव अव्यक्तिगत होता है। कभी कोई व्यक्ति आमने-सामने विज्ञापन नहीं करता ।
5. विज्ञापन मौखिक, लिखित, दृश्य तथा अदृश्य हो सकता है।
6. विज्ञान के लिए विज्ञानकर्त्ता द्वारा भुगतान किया जाता है।
7. विज्ञान के विविध माध्यम से जिसमें विज्ञापनकर्त्ता अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकता है।
प्रश्न क्र. 22 उत्तर
Que: 22. अपने शहर के नगरपालिका अधिकारी को आवेदन पत्र लिखते हुए वार्ड में व्याप्त गंदगी को दूर करने का निवेदन कीजिए।
Answer:
65/A आनंद नगर भोपाल (म. प्र. )
दिनांक 03-02-2023
सेवा में,
श्रीमान् प्रशासक महोदय,
नगर निगम, भोपाल
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि गुना की नालियों में नियमानुसार सफाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण मच्छरों एवं मक्खियों का प्रकोप है। फलस्वरूप कॉलोनी के लोगों में बीमारी फैलने का भय है।
अतः आपसे प्रार्थना है कि नालियों की सफाई की उचित व्यवस्था कराने एवं कीटनाशक दवाई के छिड़काव कराने की शीघ्र व्यवस्था करने की कृपा करें। इसके लिए हम सब आपके आभारी रहेंगे।
भवदीय
सुभांष
28, गुना कॉलोनी, भोपाल
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
प्रस्तावना - स्वच्छता क्या है? यदि इस विषय पर विचार किया जाए तो हम पाते हैं कि निरंतर प्रयोग में आने से वातावरण के प्रभाव से अथवा स्थान मलिन होता रहता है। धूल, पानी, धूप, कूड़ा करकट की पर्त साफ करना, धोना, मैला और गंदगी को हटाना ही स्वच्छता कही जाती है। अपने शरीर, वस्त्रों, घरों, गलियों, नालियों और यहां तक कि अपने मोहल्लों तथा ग्राम नगरों को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है। स्वच्छता ना केवल हमारे घर, सड़क तक के लिए ही जरूरी नहीं होती है। यह देश और राष्ट्र की आवश्यकता होती है इससे ना केवल हमारा घर आंगन ही स्वच्छ रहेगा पूरा देश भी स्वच्छ रहेगा। इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान जो कि हमारे देश के प्रत्येक गांव और शहर में प्रारंभ की गई है।
स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ है लक्ष्य - 'स्वच्छ भारत अभियान' एक राष्ट्रीय स्तरीय अभियान है। राष्ट्रीय पिता गांधी जी हमेशा स्वच्छ भारत का सपना देखते थे, वह चाहते थे कि हमारा देश भी साफ सुथरा रहे। गांधी जी की 145वीं जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान के आरंभ की घोषणा की, तथा प्रधानमंत्री जी ने 2 अक्टूबर के दिन सर्वप्रथम गांधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर नई दिल्ली में स्थित बाल्मीकि बस्ती में जाकर झाड़ू लगाई।
इसके बाद मोदी जी ने जनपद जाकर इस अभियान की शुरुआत की और सभी राष्ट्रपतियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की, इस अवसर पर उन्होंने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा गांधीजी ने आजादी से पहले नारा दिया था। 'क्लीन इंडिया, क्लीन इंडिया' ।
आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने 'क्विट 'इंडिया' कैसा सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका 'क्लीन इंडिया' का सपना अधूरा ही है। अब समय आ है कि हमारा देश भी साफ सुथरा रहे। गांधी जी की 145वीं जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान के आरंभ की घोषणा की, तथा प्रधानमंत्री जी ने 2 अक्टूबर के दिन सर्वप्रथम गांधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर नई दिल्ली में स्थित बाल्मीकि बस्ती में जाकर झाड़ू लगाई।
इसके बाद मोदी जी ने जनपद जाकर इस अभियान की शुरुआत की और सभी राष्ट्रपतियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की, इस अवसर पर उन्होंने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा गांधीजी ने आजादी से पहले नारा दिया था। 'क्लीन इंडिया, क्लीन इंडिया' ।
आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने 'क्विट इंडिया' कैसा सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका 'क्लीन इंडिया' का सपना अधूरा ही है। अब समय आ गया है कि हम सवा सौ करोड़ भारतीय अपनी मातृभूमि को स्वच्छ बनाने का प्रण करें। इस अभियान के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के लिए सरकार समाचार पत्रों विज्ञापनों आदि के अतिरिक्त सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है।
वर्तमान समय में स्वच्छता को लेकर भारत की स्थिति -
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत अभियान' या गंदगी मुक्त भारत' की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, पहले पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है। कुछ वर्ष पहले ही हमारे पड़ोसी देश चीन के कई ब्लॉगों पर गंगा में तैरती लाशों और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर सारी तस्वीर चाहिए, आज भारत के कई बड़े-बड़े शहर स्वच्छता में ऐसे हो गए हैं कि जहां आपको ढूंढने पर भी कचरा या गंदगी नहीं मिलेगी। इसका उदाहरण है भारत के मध्य प्रदेश राज्य है
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत अभियान' या 'गंदगी मुक्त भारत' की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, पहले पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है। कुछ वर्ष पहले ही हमारे पड़ोसी देश चीन के कई ब्लॉगों पर गंगा में तैरती लाशों और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर सारी तस्वीर चाहिए, आज भारत के कई बड़े-बड़े शहर स्वच्छता में ऐसे हो गए हैं कि जहां आपको ढूंढने पर भी कचरा या गंदगी नहीं मिलेगी। इसका उदाहरण है भारत के मध्य प्रदेश राज्य
स्वच्छता का महत्व यह सभी बातें और तथ्य हमें यहां सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम भारतीयों साफ-सफाई के मामले में भी पिछड़े हुए क्यों हैं? बल्कि हम उस समृद्धि और गौरवशाली भारतीय संस्कृति के अनुयाई हैं इसका मुख्य उद्देश्य सदा 'पवित्रता' और 'शुद्धि' रहा है, यह सही है कि चरित्र की शुद्धि और पवित्रता बहुत आवश्यक है लेकिन बाहर की सफाई भी उतनी ही आवश्यक है। जिस प्रकार स्वच्छ परिवेश का प्रतिकूल प्रभाव हमारे मन मस्तिष्क पर पड़ता है, इसी प्रकार एक स्वच्छ और सुंदर व्यक्तित्व का विकास भी स्वच्छ और पवित्र परिवेश में ही संभव है। अतः अंतःकरण की शक्ति का मार्ग बाहरी जगत की
शुद्धि और स्वच्छता से होकर ही गुजरता है।
स्वच्छता के प्रकार स्वच्छता को मोटे रूप से दो प्रकार से देखा जा सकता है- व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता। व्यक्तिगत स्वच्छता में अपने शरीर को स्नान आदि से स्वच्छ बनाना, घरों में झाडू पोछा करना, स्नान ग्रह और शौचालय को विसंक्रामक पदार्थों के द्वारा स्वच्छ रखना। घर और घर के सामने से बहने वाली नालियों की सफाई, ये सभी व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से मोहल्ले और नगर की स्वच्छता आती है, जो प्रायः नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों पर निर्भर करती है। सार्वजनिक स्वच्छता भी व्यक्तिगत सहयोग के बिना पूरी नहीं हो सकती।
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