Lalit nibandh kya hai//ललित निबंध की विशेषताएं

Ticker

Lalit nibandh kya hai//ललित निबंध की विशेषताएं

Lalit nibandh kya hai//ललित निबंध की विशेषताएं

ललित निबंध अर्थ क्या है?

ललित निबंध के जनक कौन है?

ललित निबंध में क्या महत्वपूर्ण होता है?

निबंध किसे कहते हैं? कितने प्रकार के होते हैं?

ललित निबंध

निबंध और ललित निबंध में अंतर


Lalit nibandh kya hai//ललित निबंध की विशेषताएं
Lalit nibandh kya hai//ललित निबंध की विशेषताएं

ललित निबंध Lalit nibandh ललित निबंध किसे कहते हैं ललित निबंध की विशेषताएं क्या है निबंध और ललित निबंध में अंतर हिंदी ललित निबंधकार ललित निबंध क्या अर्थ है ललित निबंध का उद्भव और विकास Lalit nibandh karo ke naam


Lalit nibandh ki visheshtaen


ललित निबंध का आशय उस निबंध से है जिसका भूत पक्ष उतना प्रधान नहीं होता है जितना कि भाव पक्ष अर्थात निबंध की एक विशेष शैली को ललित निबंध कहते हैं? इसमें बुद्ध की अपेक्षा हृदय को स्पर्श करने की क्षमता अधिक होती है ऐसे निबंध में विषय गण तथा शैली की चारूत्व प्रधान होता है।


भारतेंदु हरिश्चंद्र के समय तक निबंध के साथ ललित विशेषण का प्रचलन नहीं हुआ था फिर भी उस समय के निबंधों में ललित निबंधों की प्रारंभिक विशेषताएं दिखाई पड़ती हैं। द्विवेदी युग में आचार्य शुक्ल बालमुकुंद गुप्त अध्यापक पूर्ण सिंह आदि ऐसे निबंधकार हुए जिनका निबंध विशुद्ध भाव प्रधान है इनके निबंधों को ललित की कोटि में रखा जा सकता है।


बाबू गुलाब राय मैं समय में निबंध के साथ ललित विशेषण विधिवत जोड़ दिया गया। उनके अनुसार डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने अपने विस्तृत ज्ञान और गंभीर पांडित्य से ललित निबंधों को गौरवान्वित किया अशोक के फूल उनके ललित निबंधों का स्वीट संग्रह है। द्विवेदी जी के पश्चात विद्यानिवास मिश्र इस शैली के प्रमुख निबंधकार माने जाते हैं उनके अलावा कुबेरनाथ राय को ललित निबंधों की रचना में बहुत ही यश प्राप्त हुआ। इस प्रकार भाव प्रधान निबंध को ललित निबंध के अधिक निकट रखा जाता है।

👇👇👇👇

Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2