अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi

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अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध, अल्बर्ट आइंस्टीन पर 10 लाइन हिंदी में, सभी की जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से दी जाएगी। तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi

Table of contents

Albert Einstein का दिमाग क्यों था खास?

आइंस्टीन की थ्योरी क्या है?

दुनिया में सबसे ज्यादा आईक्यू लेवल किसका है?

अल्बर्ट आइंस्टीन ने क्या क्या आविष्कार किया था?

अल्बर्ट आइंस्टीन की बचपन की कहानी

अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग कहां रखा गया है?

अल्बर्ट आइंस्टीन के आविष्कार इन हिंदी

10 lines on Albert Einstein in Hindi

Albert Einstein per nibandh Hindi mein

FAQ


10 Lines on Albert Einstein in Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन पर 10 लाइन


1- अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में हुआ था।


2- अल्बर्ट आइंस्टीन एक सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें व्यापक रूप से अब तक के सबसे महान और सबसे प्रभावशाली भौतिकविदों में से एक माना जाता है।


3- उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन और माता का नाम पॉलीन कोच था।


4- उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक सेल्समैन और इंजीनियर थे।


5- उन्होंने फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल से डिप्लोमा और ज्यूरिख विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी।


6- स्कूल के दिनों से ही भौतिकी और गणित अल्बर्ट आइंस्टीन के पसंदीदा विषय थे।


7- अल्बर्ट आइंस्टीन ने ऊर्जा और द्रव्यमान के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया. उन्होंने बताया कि ऊर्जा और द्रव्यमान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।


8- 1922 में, उन्हें विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


9- अपने पूरे जीवन में, अल्बर्ट आइंस्टीन ने 300 से अधिक वैज्ञानिक पत्र और 150 गैर-वैज्ञानिक कार्य प्रकाशित किए थे।


10- अल्बर्ट आइंस्टीन का 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की आयु में प्रिंसटन के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में निधन हो गया था।


अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Biography of Albert Einstein in Hindi

   

नाम : अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन

जन्म : 14 मार्च 1879 उल्मा (जर्मनी)

पिता : हेर्मन्न आइंस्टीन

माता : पौलिन कोच

पत्नी : पहला मरिअक और दूसरा एलिसा लोवेंन थाल।


आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है।


आरंभिक जीवन 


अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में वुतटेमबर्ग के यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक इंजिनियर और सेल्समन थे जबकि उनकी माता पोलिन आइंस्टीन थी। 1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था।


Albert Einstein परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की, वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी।


1895 में इंस्टें ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जानी जाती थी। भौतिकी और गणित के विषय को छोड़कर बाकी दुसरे विषयो में वे पर्याप्त मार्क्स पाने में असफल हुए। और अंत में पॉलिटेक्निक के प्रधानाध्यापक की सलाह पर वे आर्गोवियन कैनटोनल स्कूल, आरु, स्विट्ज़रलैंड गये। 1895-96 में अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा उन्होंने वही से पूरी की।


अविष्कार :


अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है -


 प्रकाश की क्वांटम थ्योरी – आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है. E= MC square – आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.


ब्रोव्नियन मूवमेंट – यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.


स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है. जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi

रोचक तथ्य 

Albert Einstein एक दिन कही भाषण देने जा रहे थे रास्ते में जाते समय उनके ड्राइवर ने उनसे कहा कि मैं आपका भाषण इतनी बार सुन चुका हूँ कि लोगों के सामने मैं ही आपका भाषण दे सकता हूँ। उसकी बात सुनकर उन्होंने उससे कहा ‘ठीक है आज तुम्हीं मेरी जगह भाषण देना’ Einstein ने ड्राइवर की पोशाक पहन कर उसका स्थान ले लिया और अपना स्थान ड्राइवर को दे दिया। भाषण हॉल में ड्राइवर ने सचमुच, आइंस्टाइन के जैसे ही, धुआँधार भाषण दिया।


भाषण देने के बाद जब लोगों ने प्रश्न पूछने शूरू किए और ड्राइवर पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब भी सही दिए। किन्तु किसी एक ने ऐसा कठिन प्रश्न पूछ लिया कि ड्राइवर को उसका उत्तर नहीं पता था। इस पर ड्राइवर ने कहा, “अरे इस प्रश्न का जवाब तो इतना सरल है कि मेरा ड्राइवर ही आपको बता देगा।” ऐसा कहकर उसने ड्राइवर वाली पोशाक पहने Einstein को जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया।


महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही शोध का विजुअल प्रयोग कर खाका तैयार कर लेते थे। यह उनके लेबोरेट्री प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था। आइंस्टीन को उनके प्रयोग के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, लेकिन इसके साथ मिलने वाली राशि पर उनका अधिकार नहीं हो पाया। यह राशि उनके तलाक के दौरान बीवी से सेटलमेंट के दौरान देनी पड़ी। भले ही आइंस्टीन को दुनिया सबसे महान वैज्ञानिक मानें, लेकिन वे बचपन में सीखने और पढ़ने में कमजोर और धीमे थे।


वे यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए पहले एंट्रेन्स एग्ज़ाम में फेल हो गए थे। एक पैथोलॉजिस्ट (रोग विज्ञानी) ने आइंन्स्टीन के शव परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था। उसके बाद वह 20 सालों तक एक जार में बंद रहा। आइंस्टीन अपनी खराब याददाश्त के लिए बदनाम थे। यह सच है कि वे अक्सर तारीखें, नाम और फोन नंबर भूल जाते थे।


जर्मन वैज्ञानिक आइंस्टीन को इज़राईल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। इतने बड़े वैज्ञानिक के साथ कोई विवाद न हो, ऐसा हो नहीं सकता। वे 1902 में एक अवैध संतान के पिता बने। 1879 में जन्मे आइंस्टीन की कानूनी रूप से 1909 और 1919 में दो शादियाँ हुईं थीं। आइन्स्टीन समेत डार्विन एलन पोई और सद्दाम हुसैन जैसी हस्तियों ने अपनी पहली शादी कज़िन से की थी।


मृत्यु 

आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल लिया गया। यह अनैतिक कार्य Dr.Thomas Harvey ने उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया गया। 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे जिन्हें देखने के बाद उन्होने पाया कि उन्के दिमाग में आम इन्सान से ज्यादा cells की गिनती हुई।


FAQ

1-अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग क्यों था खास?

 उत्तर-वैज्ञानिकों का दावा है कि आज टीम के दिमाग पर अन्य मस्तिक की तुलना में ज्यादा फोल्डर्स धारिया थी संभवतः यही उनकी इंटेलिजेंसी का कारण भी था नोबेल विजेता आइंस्टीन की मृत्यु के बाद 1955 में उनके दिमाग को 240 ब्लॉक्स में विभाजित कर वैज्ञानिकों को शोध के लिए दिया गया था।


2-आइंस्टीन की थ्योरी क्या है?

 उत्तर-आइंस्टीन का सिद्धांत यह है कि काल और अंतरिक्ष टाइम एंड स्पेस में किसी भी भारी पिंड की वजह से जो झूल पड़ जाता है वही गुरुत्वाकर्षण है। वर्षों की मेहनत के बाद जो आंकड़े सामने आए उनसे यह निष्कर्ष निकला कि पृथ्वी के आसपास सचमुच गुरु आकर्षण में अनियमित सिलवटें पाई जाती हैं।










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