हिंदी भाषा पर निबंध || essay on Hindi language in Hindi

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हिंदी भाषा पर निबंध || essay on Hindi language in Hindi

हिंदी भाषा पर निबंध || essay on Hindi language in Hindi

वैसे तो भारत देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन सबसे प्रमुख है हिंदी। इस विषय पर कई लोगों के अपने-अपने अलग मत है। हिंदी राष्ट्रभाषा है या नहीं। और आज हम राष्ट्रभाषा हिंदी पर निबंध के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे तो बने रहिए पोस्ट के अंत तक और आपको अगर यह पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तों में शेयर करना बिल्कुल भी ना भूले।


हिंदी भाषा पर निबंध || essay on Hindi language in Hindi
हिंदी भाषा पर निबंध || essay on Hindi language in Hindi

Table of contents 

हिंदी भाषा पर निबंध || essay on Hindi language in Hindi

हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी भाषा का सामान्य परिचय:-  

हिंदी दिवस का इतिहास

राष्ट्रभाषा हिंदी का स्वरूप

हिंदी भाषा का स्थान

हिंदी भाषा की विशेषताएं

हिंदी भाषा पर निबंध 200 शब्द

हिंदी हमारी मातृभाषा क्यों है?

हिंदी कितने देश में बोली जाती हैं।

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हिंदी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। विश्व की प्राचीन समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। वह दुनिया भर में हमें सम्मान भी दिलाती है यह भाषा है हमारे सम्मान सम्मान और गर्व की।


हिंदी भाषा का महत्व


संस्कृत भाषा से हिंदी का उदगम हुआ है। यह विश्व की प्राचीन भाषा है। हिंदी भाषा में कालांतर में काफी बदलाव भी हुआ है। समय समय पर कई भाषाओं का प्रभाव हिंदी पर रहा है। वर्तमान में बोली जाने वाली हिंदी भाषा शुद्ध नही है। भारत में प्रान्त, राज्य, स्थान पर हिंदी बोली बदल जाती है।


हिंदी की विशेषता यह भी है कि दूसरी भाषाओं के शब्द भी इसमें आसानी से समाहित हो जाते है। जैसे कि “बटन” एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है लेकिन हिंदी में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। हिंदी शब्द का उद्गम सिंधु शब्द से हुआ है। ईरान के लोग “स” शब्द को “ह” कहते थे। इससे सिंधु का हिन्दू हुआ और हिन्दू से भाषा “हिंदी” कहलाई।


हिंदी भाषा की ग्रामर बहुत सरल है जिसे समझना बहुत आसान है। हिंदी में जैसा लिखा होता है, वैसा ही बोला जाता है। किसी भी भाषा की सुंदरता, उसकी सरलता होती है। भाषा जितनी सरल होगी, उतनी ही सुंदर होगी। हिंदी की व्याकरण में सभी तरह के भावार्थ है। मानवीय विचारों को भाषा के रूप में प्रकट करने के लिए हिंदी में काफी शब्दावली है।


भारतीय हिंदी भाषा में वर्णों की संख्या 52 है। इनमें 11 स्वर और और 41 कि संख्या में व्यंजन है।


हिंदी भाषा का सामान्य परिचय:-  


चीनी भाषा के बाद हिंदी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत और विदेश में करीब 50 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं तथा इस भाषा को समझने वाले लोगों की कुल संख्या करीब 90 करोड़ है। हिंदी भाषा का मूल प्राचीन संस्कृत भाषा में है। इस भाषा ने अपना वर्तमान स्वरूप कई शताब्दियों के पश्चात हासिल किया है और बड़ी संख्या में बोलीगत विभिन्नताएं अब भी मौजूद हैं। हिंदी की लिपि देवनागरी है, जो कि कई अन्य भारतीय भाषाओं के लिए संयुक्त है। हिंदी के अधिकतम शब्द संस्कृत से आए हैं। इसकी व्याकरण की भी संस्कृत भाषा के साथ समानता है। “हिंदी” भारत की राज(राष्ट्रीय) भाषा है. .


हिंदी दिवस का इतिहास


भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में अपनाया। इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल हुईं। 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। वर्ष 1949 से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।


राष्ट्रभाषा हिंदी का स्वरूप


हिंदी भाषा का जन्म संस्कृत से हुआ संस्कृत की लिपि देवनागरी को अंगीकार करते हुए हिंदी भाषा ने अपना पर्याप्त विकास किया या लिपि हर प्रकार से पूर्ण है । विश्व की किसी भी भाषा की कोई ध्वनि ऐसी नहीं है जिसके उच्चारण का सूचक अक्षर हिंदी में ना हो हिंदी में उच्चारण एवं लेखन की समानता है। 


अब हिंदी का मानक रूप भी स्थिर हो चुका है । जिन प्रांतों में हिंदी भाषा नहीं बोली जाती थी उन प्रांतों में हिंदी भाषा का भी प्रयोग होने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती चली जा रही है।


हिंदी भाषा का स्थान


हिंदी भाषा इस समय संसार की उन भाषाओं में से एक है जो सर्वाधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। इस समय संसार के प्रत्येक विकसित देश के रेडियो प्रसारण में हिंदी को अच्छा सम्मान प्राप्त है विश्व के लगभग सभी देशों के विश्वविद्यालयों में हिंदी को स्थान दिया गया है। 


अमेरिका के 26 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है हालैंड के सभी विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षा चल रही है।  इसी प्रकार अन्य राज्यों में भी हिंदी का गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है। भारत में सभी विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है अधिकतर विश्वविद्यालयों में हिंदी शिक्षा का माध्यम है।


हिंदी देश की समृद्ध भाषा है इसमें हर प्रकार के साहित्य का निर्माण हो चुका है हिंदी साहित्य ने अब तक कई महान साहित्यकारों को जन्म दिया है कबीर, सूर, तुलसी, बिहारी आदि प्राचीन कवि हिंदी के वरद पुत्र हैं भारतेंदु द्ववेदी, प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त, पंत, महादेवी वर्मा, दिनकर, प्रेमचंद्र आदि जैसे साहित्यकार हिंदी ने पैदा किया है।


हिंदी भाषा की विशेषताएं


हिंदी भाषा पर निबंध || essay on Hindi language in Hindi


हिंदी भाषा को देव भाषा संस्कृत का सबसे सरल रूप कहा जा सकता है हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है हम हिंदी भाषा को आसानी से सीख और बोल सकते हैं हिंदी भाषा बहुत ही आसान भाषा है जिससे सभी लोग आसानी से समझ और बोल सकते हैं।


हिंदी भाषा का प्रयोग सभी क्षेत्र में तेजी से बढ़ता जा रहा है हिंदी भाषा का प्रयोग कई Website में भी किया जा रहा है तथा हिंदी भाषा को विशेष महत्व दिया जा रहा है।


उत्तर भारत में ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी भाषा है ऐसा माना जाता था लेकिन अब हिंदी भारत प्रति क्षेत्र में फैल चुका है और धीरे-धीरे हिंदी भाषा को पूरे भारत में लोकप्रिय हो गया है वर्तमान समय में हिंदी भाषा वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुका है।


हिंदी भाषा पर निबंध 200 शब्द


हिंदी का उदय संस्कृत भाषा से हुआ है। देवनागरी लिपि में हिंदी भाषा लिखी जाती है। यह दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भारत देश की राजभाषा भी है। भोजपुरी, मारवाड़ी इत्यादि भाषाएं हिंदी से ही निकली है। वर्तमान में हिंदी अपने मूल देश में ही अपना महत्व खोती जा रही है।


वर्तमान में दुनिया के लगभग हर कोने में हिंदी भाषी लोग मिल जाते है। भारत में मुख्य हिंदी भाषी राज्यों में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, बिहार इत्यादि आते है। वैसे दोस्तों हिंदी गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल इत्यादि राज्यों में भी बोली जाती है। इन राज्यों में हिंदी आम बोलचाल की प्रथम भाषा नही है। फिर भी हिंदी यहां पर समझी और बोली जाती है।


हिंदी भाषा भारत को एकता के सूत्र में बांधती है। भारत में हिंदी के अलावा तेलुगु, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराठी, बंगाली, असमी, उर्दू इत्यादि भाषाएं बोली जाती है। इतनी सारी भाषाओं के बावजूद हिंदी का खास महत्व है। क्योंकि गैर हिंदी भाषी राज्यों के लोग हिंदी सीखते है। हिंदी उत्तर भारतीयों की मातृभाषा है।


दक्षिण भारतीयों के लिए हिंदी समझना मुश्किल होता है। इसका मुख्य कारण है कि हिंदी उनकी मातृभाषा नही है। दक्षिण भारत के लोग हिंदी सीखते है। भारत में विभिन्न भाषाओं का बोले जाना विविधता है। भारत में विविधता में ही एकता है।


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प्रश्न-हिंदी का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

उत्तर- एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।


प्रश्न-हिंदी हमारी मातृभाषा क्यों है?

उत्तर- राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने सन् 1917 में सबसे पहले हिंदी को राष्‍ट्रभाषा के रूप में मान्‍यता प्रदान की थी। लेकिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से इसे राजभाषा का दर्जा देने को लेकर सहमति जताई। 1950 में संविधान के अनुच्‍छेद 343(1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि के रूप में राजभाषा का दर्जा दिया गया।


प्रश्न-हिंदी कितने देश में बोली जाती हैं।

उत्तर- हिंदी भारत की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है और 7 अन्य देशों में आबादी के एक हिस्से द्वारा मासिक भाषा के रूप में बोली जाती है। हिंदी भाषा (मूल नाम: हिंदी, हिंदी) की जड़ें इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार में हैं।


प्रश्न-हमारे देश की राज्य भाषा कौन सी है

उत्तर- एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।


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