जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (pollution Essay Hindi

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जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (pollution Essay Hindi

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (pollution Essay in Hindi)

प्रस्तावना


जनसंख्या का अर्थ है किसी विदेश में रहने वाले लोगों की आबादी से होता है किसी भी निश्चित स्थान पर रहने वाले प्राणियों की जनसंख्या ही जनसंख्या होती है।


आबादी की बढ़ती दर कई समस्याओं का कारण है विकासशील देश विकसित देशों के स्तर तक पहुंचने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इन देशों में जनसंख्या में तेजी से वृद्धि इस दिशा में मुख बाधाओं में से एक है। बढ़ती आबादी के कारण बेरोजगारी की समस्या उच्चतम स्तर पर है। नौकरियों की तलाश में कई लोग हैं लेकिन रित्तीया सीमित है।


जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (pollution Essay Hindi

जनसंख्या में वृद्धि किसी भी देश के विकास में बाधा बनती है भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या चिंता का विषय बन गई है। क्योंकि हम प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ से अधिक व्यक्ति अपने पहले से ही बहुत बड़ी जनसंख्या में जोड़ देते हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या ने स्थान की समस्या उत्पन्न कर दी है। आवाज की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। सड़कों पर भीड़ रहती है और ट्रैफिक जाम रहते हैं इसलिए जनसंख्या को देश का साधन एवं साध्य दोनों माना जाता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा जनसंख्या किसी भी देश के सामाजिक आर्थिक राजनीतिक विकास में रुकावट पैदा करती हैं।


Table of contents 

प्रस्तावना

जनसंख्या वृद्धि दर क्या है?

जनसंख्या वृद्धि का अर्थ

जनसंख्या वृद्धि दर सूत्र

जनसंख्या वृद्धि का अर्थ

जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण- 

जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय

जागरूकता

जनसंख्या वृद्धि से होने वाली हानियां

(Disadvantage of population growth)

People also asked


जनसंख्या वृद्धि दर क्या है?


"जनसंख्या वृद्धि दर"वह दर है, जिसमें व्यक्तियों की संख्या एक निश्चित अवधि बढ़ जाती है। प्रारंभिक आबादी के एक अंश के रूप में व्यक्त की जाती है।


जनसंख्या वृद्धि का अर्थ


जनसंख्या वृद्धि का अर्थ है किसी विशेष समय अंतराल में जैसे कि 10 वर्षो के भीतर किसी देश या राज्य के निवासियों की जनसंख्या में होने वाला परिवर्तन। इस प्रकार के परिवर्तन को दो प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है। पहला सापेक्ष वृद्धि तथा दूसरा प्रतिवर्ष होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के द्वारा।


यदि हम 2008 की जनगणना को 2011 की जनगणना से हटा दें है तो जो अंतर प्राप्त होता है उसे निरपेक्ष वृद्धि करते हैं।


भारत में हर 10 वर्षों के अंतराल में जनगणना की जाती है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ थी। जो कि विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5% है। जबकि दशकीय वृद्धि 17.7% है।


भारत में जनगणना की शुरुआत 1872 मैं लाड न्यू के कार्यालय में हुई थी। भारत में नियमित जनगणना की शुरुआत 18 सो 81 में लार्ड रिपन के कार्यकाल मैं हुई थी।


जनसंख्या वृद्धि दर सूत्र


जनसंख्या वृद्धि दर = जन्म दर = आप्रवासन-

(मृत्यु दर =उत्प्रवासन


भारत की जनगणना में जनसंख्या वृद्धि दर 10 सालों का निकाला जाता है जबकि इसे प्रतिवर्ष अभी निकाला जा सकता है।


जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण- 


1.शिक्षा का अभाव-

जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण अशिक्षा है। जब लोग अशिक्षित होते हैं तो वे जनसंख्या वृद्धि के प्रभावों को नहीं जान पाते हैं।


2.जन्म दर और मृत्यु दर- किसी भी देश में निश्चित समय अवधि में पैदा होने वाले बच्चे वाह मरने वाले व्यक्तियों की संख्या ही जन्म दर और मृत्यु दर होती है जब अधिक बच्चे पैदा होते हैं और कम लोगों की मृत्यु होती है तो एक देश की जनसंख्या में वृद्धि होती है।


3.प्रवास के कारण

प्रवास का अर्थ एक निश्चित स्थान से दूसरे निश्चित स्थान में जाना होता है। जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर रहने लगते हैं तो उस स्थान की जनसंख्या में वृद्धि होती है।


4.बाल विवाह

कुछ लोग अशिक्षित के कारण छोटी उम्र में ही बालकों का विवाह कर देते हैं जिस कारण उनकी छोटी उम्र में ही बच्चे हों जाते हैं। जिससे वह जल्दी बच्चे कर लेते हैं इससे जनसंख्या में वृद्धि होती है।


5.नियमों के अभाव के कारण


देश में बच्चों की संख्या के लिए कोई नियम नहीं है नियम होने पर ही देश की बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है।


जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय


जनसंख्या में कमी, अधिकतम सामान्यता बेहतर पोषण साल भर में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरकारों और मजबूत नागरिक सामाजिक संस्थाओं के बीच बेहतर सामंजस्य की आवश्यकता है।


महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा उन्हें निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना तथा अधिक बच्चों के जन्म देने के दृष्टिकोण को परिवर्तित करना। इत्यादि कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके माध्यम से जनसंख्या वृद्धि की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।


जागरूकता


कुछ सामाजिक कार्यक्रम जैसे नुक्कड़ नाटक सांस्कृतिक कार्यक्रम तरह-तरह की प्रयोग विधाओं के माध्यम से भी लोगों को जनसंख्या वृद्धि के कारण होने वाली समस्याओं की जानकारी देकर इस में कमी लाई जा सकती है।


  • परिवार नियोजन कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.

  • सभी को शिक्षक बनाया जाए, शिक्षित को परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूकता प्रदान की जाए.

  • बाल विवाह पर रोक लगाई जाए तथा सभी जाति एवं वर्ग हेतु बहुपति प्रथा पूर्णरूपेण समाप्त की जाए.

  • अधिक समितियों वाले माता-पिता ओं को हतोत्साहित करने के नियम बनाए जाएं। उन्हें शास्त्र की सुविधाओं से वंचित रखा जाए।

  • एक पत्र अथवा पुत्री वाले माता-पिता को सम्मानित किया जाए तथा उसे निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाए और अन्य सुविधाएं रक्षण पालन विषयक दी जाएं।

  • बच्चे एक या दो ही अच्छे'और उनके मध्य कम से कम 5 वर्ष का अंतराल होना चाहिए।

  • जनता को परिवार नियोजन साधन अपनाने हेतु पदों को साहित किया जाए।


जनसंख्या वृद्धि से होने वाली हानियां

(Disadvantage of population growth)


 जहां जनसंख्या बढ़ेगी वहां यह निश्चित है कि महंगाई बढ़ेगी तथा अनेक दरिद्रता विषयक व्याधियाँ पैदा हो जाएंगी। भूमि सीमित है, यदि जनसंख्या अधिक बढ़ गई तो खाद्यान्न संकट पैदा होगा, लोग भूखें मरने लगेंगे, कृषि भूमि की कमी, मारपीट, छीना झपटी, चोरी डकैतियां बढ़ेंगी। जीवन स्तर में बुरी तरह से गिरावट आएगी। अधिकांश जनसंख्या के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, रोटी, कपड़ा और मकान की सही व्यवस्थाएं नहीं हो सकेंगी। हमारे देश के लिए तो जनसंख्या वृद्धि अभिशाप बन चुकी है। इसलिए तो भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने जनसंख्या विस्फोट विषयक हानियों को दृष्टिगत रखते हुए कहा था - "जनसंख्या के तीव्र गति से बढ़ते रहने पर योजनाबद्ध विकास करना बहुत कुछ ऐसी भूमि पर मकान खड़ा करने के समान है जिसे बाढ़ का पानी बराबर बाहर ले जा रहा है।"


विनोवा भावे जी ने कहा था, "जो बच्चा एक मुंह लेकर पैदा होता है, वह दो हाथ लेकर आता है।" आशय यह है कि दो हाथों से पुरुषार्थ करके व्यक्ति अपना एक मुंह तो भर ही सकता है। पर यह बात देश के औद्योगिक विकास से जुड़ी है। यदि देश की अर्थव्यवस्था बहुत सुनियोजित हो तो वहां रोजगार के अवसरों की कमी नहीं रहती। अब बड़ी मशीनों और उनसे भी अधिक शक्तिशाली कंप्यूटरों के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए और अधिकाधिक होते जा रहे हैं। आजीविका की समस्या के अतिरिक्त जनसंख्या वृद्धि के साथ एक ऐसी समस्या भी जुड़ी हुई है जिसका समाधान किसी के पास नहीं और वह है भूमि सीमितता की समस्या। भारत का क्षेत्रफल विश्व विभाग का कुल 2.4% ही है, जबकि यहां की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या की लगभग 17% है; अतः कृषि के लिए भूमि का अभाव हो गया है। इसके परिणामस्वरूप भारत की सुख समृद्धि में योगदान देने वाले अमूल्य जंगलों को काट कर लोग उससे प्राप्त भूमि पर खेती करते जा रहे हैं, जिससे अमूल्य वन संपदा का विनाश, दुर्लभ वनस्पतियों का अभाव, पर्यावरण प्रदूषण की समस्या, वर्षा पर कुप्रभाव एवं अमूल्य जंगली जानवरों के वंश विनाश का भय उत्पन्न हो गया है।


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प्रश्न-जनसंख्या वृद्धि से आप क्या समझते हैं? निबंध

उत्तर- मृत्यु दर में तेज गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का मुख्य कारण है। 1980 तक उच्च जन्म दर एवं मृत्यु दर में लगातार गिरावट के कारण जन्म दर तथा मृत्यु दर में काफी बड़ा अंतर आ गया एवं इसके कारण जनसंख्या वृद्धि दर अधिक हो गई।


प्रश्न-जनसंख्या वृद्धि के परिणाम क्या है?

उत्तर- अधिक लोगों का अर्थ है भोजन, पानी, आवास, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन, और बहुत कुछ की बढ़ती मांग। और यह सब उपभोग पारिस्थितिक गिरावट, बढ़ते संघर्षों और महामारी जैसी बड़े पैमाने पर आपदाओं के उच्च जोखिम में योगदान देता है।


प्रश्न-भारत की जनसंख्या के ऊपर रही है?

उत्तर- शहरी और ग्रामीण दोनों ही लोगों में शिक्षा की कमी पड़ रामस्वरूप उनके प्रजनन स्वास्थ्य की प्रक्रियाओं तथा परिवार नियोजन विकल्पों के बारे में ज्ञान की कमी होती है। इससे परिवार में अधिक बच्चे होते हैं जिससे देश की जनसंख्या बढ़ती है।


प्रश्न-जनसंख्या के दुष्प्रभाव क्या है?

उत्तर- जनसंख्या वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बेरोजगारी पर्यावरण का अवनयन आवासों की कमी निम्न जीवन स्तर जैसी समस्याएं जुड़ी रहती। भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है।


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