बैंक पर निबंध | Essay on Bank in Hindi

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बैंक पर निबंध | Essay on Bank in Hindi

बैंक पर निबंध | Essay on Bank in Hindi

प्रस्तावना


बांग्लादेश की एक महत्वपूर्ण विधि संस्थान है। देश के अर्थव्यवस्था के लिए बैंक का काफी महत्व है आज के दैनिक जीवन में बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य वर्षिकता मानी जाती है। बैंग यूरोपीय संस्कृति की देन है। आजादी से लेकर अब तक बैंकिंग में काफी बदलाव हुए हैं देश की जनता अपनी धनराशि को बैंक में जमा करती है जितना धन बैंक में जमा होता है उतनी राशि का ब्याज जनता को दिया जाता है। आज भारत में शेरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।


बैंक पर निबंध | Essay on Bank in Hindi

Table of contents 

बैंक पर निबंध | Essay on Bank in Hindi

प्रस्तावना

बैंक का महत्व

बैंक देश के उद्योगों के विकास

बैंक के कार्य

धनराशि जमा करना

बैंक पर निबंध (500 शब्द)

बैंक का सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या है?

बैंक क्या है इसकी क्या विशेषताएं हैं?

FAQ-question answer 



बैंक देश के उद्योगों के विकास में सहायता करता है। बैंक आर्थिक जगत के लिए प्राण समान है किसी भी देश का उत्पादन व्यापार और उद्योग सभी उसे देश के बैंकिंग विकास पर निर्भर होता है।


बैंक एक ऐसा संस्थान है जो जनता से धन जमा करता है और व्यक्तियों के साथ-साथ फरमान को भी धन उपलब्ध कराता है। यह एक बैंक के प्राथमिक कार्य है लेकिन एकमात्र नहीं वे अपने ग्राहकों को कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं जैसे कि लॉकर सुविधा धन का हस्तांतरण ड्राफ्ट और पोर्टफोलियो प्रबंधन जारी करना आदि ‌


बैंक का महत्व


आज इस आधुनिक समय में बैंक का महत्व काफी अधिक बढ़ गया है। इस समय ज्यादातर धनराशि का आदान प्रदान ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही किया जाता है जिसके लिए बैंक में खाता होना अनिवार्य है।


आज प्रत्येक व्यक्ति अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों पर निर्भर है घर में रखे हुए धन के चोरी होने का डर रहता है ‌


इसलिए इस डर से बचने के लिए ही लोग अपने धन को बैंकों में सुरक्षित रखते हैं। इससे उसे धनराज की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंकों में होती है।


बैंक के कार्य


बैंक के सभी कार्य विस्तारपूर्ण रूप से निम्नलिखित है:-


धनराशि जमा करना


  1. बैंक का मुख्य कार्य जनता की धनराशि को जमा करना होता है। यह खाताधारकों के धन को सुरक्षित रखने का कार्य भी करता है। बैंक के मुख्य खाता प्रकार निम्नलिखित है:-

  2. बचत खाता:- यह खाता धनराशि को सुरक्षित रखने के लिए खोला जाता है। यह खाता सामान्य नौकरी करने वाले लोगों के द्वारा ही खोला जाता है। इसमें उन्हें ब्याज भी दिया जाता है। इसमें हम एक दिन में सीमित संख्या में ही धनराशि निकाल सकते है।

  3. चालू खाता:- इसे ज्यादातर व्यापारियों द्वारा ही खोला जाता है। वें इसमें दिन में बिना किसी सीमा के अनेकों समय धनराशि निकाल सकते है। इसमें खाताधारकों को ब्याज नहीं मिलता है बल्कि, इसमें उन्हें एक निश्चित राशि बैंक को देनी पड़ती है।

  4. सावधि जमा खाता:- यह खाता बचत खाता और चालू खाता दोनों से अलग होता है। इसमें खाताधारकों द्वारा अपने धन को लम्बे समय तक बैंक में जमा किया जाता है। इसे निकालने का समय भी निश्चित ही होता है और इसमें बचत खाता से अधिक ब्याज दिया जाता है।

  5. उधार देना:- बैंक लोगों द्वारा जमा किये हुए धन को ऋण में देकर उनसे लाभ कमाते है। यह उद्योगपतियों एवं धन की आवश्यकता रखने वाले लोगों को ब्याज पर पैसे उधार देते है। इससे बैंक अपने पास रखे हुए धन का निवेश कर देता है। बैंक लम्बे समय के लिए उधार देते है और इसे वापस किस्तों के माध्यम से लेते है, जिससे देने वाले पर यह ज्यादा भार न पड़े।

  6. ऋण लेना व देना:- बैंक लिए हुए धन व दिए हुए धन दोनों पर ब्याज देती व लेती है। इसी से ही बैंक चलता रहता है और उसे लाभ भी होता है। लेकिन, इसमें ब्याज की दर अलग-अलग होती है।

  7. अन्य सुविधाएँ प्रदान करना:- बैंक इसके अलावा भी कईं प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करता है। इसमें खाताधारकों को लॉकर की सुविधा भी दी जाती है, जिसमें खाताधारक अपनी आवश्यक वस्तुएँ रख सकते है। बैंक खाते से किसी भी तरह का लेन-देन होने या इससे संबंधित सूचनाएं खाताधारकों को प्रदान करता रहता है। बैंक से खाताधारकों को चेकबुक, एटीएम कार्ड एवं और भी अन्य सुविधाएँ प्रदान करता है।


बैंक पर निबंध (500 शब्द)


बैंक एस्से इन हिंदी : बैंक आधुनिक समय मे एक महत्वपूर्ण संस्थान है जिससे हमारा दैनिक जीवन पूरी निर्भर हो चूका है। बैंक के माध्यम से ही धन का लेन देन किया जाता है। पैसों के आदान प्रदान बैंकिंग व्यवस्था के बिना सम्भव ही नहीं है। प्रत्येक देश का अपना एक बैंकिंग सिस्टम होता है। कुछ अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैंक भी होते है। जो वैदेशिक मुद्रा विनिमय की भूमिका का निर्वहन करते है।


हमारी आर्थिक व्यवस्था में बैंकों की अहम भूमिका हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी बचत राशि को बैंक खाते में जमा करवा सकता है। तथा उसे आवश्यकता पड़ने पर कभी भी निकाल सकता है। बैंक व्यापार, कृषि, निर्माण तथा शिक्षा के लिए लोन भी देते है।


बैंक अपने ग्राहकों को जमा पूंजी की न केवल सुरक्षा देता है बल्कि उस पर ब्याज भी देता हैं । बैंकिंग व्यवस्था के इसी लाभ के कारण अधिकतर लोग इसे अपनाते है। साथ ही आजकल के बैंक अपने ग्राहकों को पैसे जमा कराने तथा निकालने की अनेक सुविधाए प्रदान करते है जिससे वे 24 घण्टे लाभान्वित हो सके।


बैंक अपनी सेवाएं उन्ही को देता है जो उनके रजिस्टर्ड ग्राहक है। सरल अर्थों में बैंक की सेवाओं का लाभ वही व्यक्ति ले सकता है जिसके पास बैंक खाता है, जो आजकल निशुल्क भी खोले जा रहै है। बैंक द्वारा ग्राहक को एक खाता संख्या तथा बैंक डायरी के साथ एटीएम, चेक बुक तथा क्रेडिट कार्ड सेवाएं भी दी जाती है।


बैक खाता मुख्यतः दो प्रकार का होता है जिन्हें बचत खाता और चालू खाता कहा जाता है। बैंक द्वारा ग्राहक को आसानी से धन निकासी के लिए एटीएम कार्ड दिया जाता है, जिसकी मदद से सार्वजनिक स्थलों पर लगी एटीएम मशीन से धन निकासी की जा सकती हैं।


सभी बैंकों के एटीएम सप्ताह के सातों दिन 24 घण्टे खुले रहते है। बैंकिंग सेवा में एटीएम मशीन आने के बाद ग्राहक बिना बैंक जाए धन निकाल पाने में समर्थ हुआ है। हमारे समाज में बैंक एक महत्वपूर्ण संस्था है यह जरूरतमंद लोगों को ऋण भी उपलब्ध करवाता है। ऋण अदायगी की क्षमता के आंकलन के  बाद ही बैंक किसी व्यक्ति को लोन जारी करता है।


विश्व में बैंकिंग व्यवस्था का इतिहास लगभग छह सौ वर्ष पुराना हैं। 14 वीं सदी में सबसे पहले इटली से बैंकिंग की शुरुआत हुई थी। पुराने समय में प्रचलित लेनदारी व देनदारी की अवधारणा पर बैंकों की प्रणाली को विकसित किया गया।


प्राचीनकाल में भारत मे वस्तु विनिमय की प्रथा प्रचलित थी। एक व्यक्ति अपनी वस्तु के बदले आवश्यक वस्तु प्राप्त करते थे। मुद्रा के चलन के बाद इसने मुद्रा विनिमय के स्वरूप को ले लिया। भारतीय समाज मे साहूकारों व बनियों द्वारा बैंकर के रूप में कार्य किया जाता था। खासकर किसान आदि बनियों से ब्याज पर धन उधार लेते थे। बदले में अनाज, जमीन आदि के रूप में अदायगी करते थे।


विश्व के कई क्षेत्रों में ऐसे राजवंश हुए है, जिन्होंने इस व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप तक लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। फागर्स, मेडिसिंस, बिरेनबर्गस, रोथ सिचलस आदि का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ स्कॉटलैंड 17 वीं सदी में स्थापित विश्व के सबसे प्राचीनतम बैंक माने जाते है।


यदि हम भारत में बैंकिंग व्यवस्था के इतिहास की बात करे तो वैदिक काल के ऋण पत्रों के आधार पर कहा जा सकता है कि हमारे देश मे बैंकिंग व्यवस्था का इतिहास सदियों पुराना है। इन ऋण लेखों पर ब्याज पर दिए गए धन तिथि व्यक्ति आदि का ब्यौरा लिखा जाता था। जो आजकल के बैंक लोन एग्रीमेंट के रूप मे उपयोग करते है।


उस समय के बड़े सेठ साहूकार तथा व्यापारी किसानों, मजदूरों एवं कम आय वाले जरूरतमंद लोगों को ब्याज पर ऋण दिया करते थे। जो व्यक्ति उधार दी गई यह रकम समय पर अदा नही कर पाता था उनके द्वारा ऋण की सुरक्षा में गिरवी रखे धन, जमीन जेवरात आदि को जब्त कर लिया जाता था। आज के बैंक भी डिफॉल्टर के साथ ऐसा ही करते है।


FAQ-question answer 


प्रश्न- बैंक का क्या महत्व है?

उत्तर- यह सेवाएं दीर्घ एवं अल्प अवधि के लिए वित्त प्रदान करना, पैसे के हस्तांतरण की व्यवस्था करना, चेक विल आदि का पैसा एकत्रित करना एवं पूंजी जुटाना में सहायता करना। मुद्रा के उपयोग को कम करना बैंक के जमा करता हूं को चेक से भुगतान की सुविधा प्रदान करता है जो की हस्तांतरि भी होता है।


प्रश्न- बैंक क्या है इसकी क्या विशेषताएं हैं?

उत्तर- बैंक एक आर्थिक संस्था है, जिसका मकसद पैसे और क्रेडिट साधन के आदान-प्रदान के द्वारा फायदा कमाना है। आर. पी. कैंट. के अनुसार बैंक एक संस्था है, जिसका मुख्य कम लोगों को बिना सोचे समझे धन एकत्रित करना और दूसरे लोगों को उधार देना शामिल है।


प्रश्न- बैंक का सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या है?

उत्तर- बैंक जनता का बचत धन जमा लेता है और वापसी का विश्वास दिलाता है इस तरह धन कालीन दिन करना ही उसका महत्वपूर्ण कार्य है।


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