मानसून एवं उसके प्रकार

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मानसून एवं उसके प्रकार

मानसून एवं उसके प्रकार (mansoon)

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मानसून एवं उसके प्रकार (mansoon)

Table of contents 

1.मानसून किसे कहते हैं

2.मानसून कितने प्रकार का होता है?

3.मानसून से बारिश कैसे होती है?

4.भारत में मानसून कब आता है।

5.मानसून का महत्व 

6.भारतीय मानसून में विच्छेद

7.मानसून विस्फोट क्या होता है?

8.मानसून की वर्षा सर्वप्रथम कहां होती है?

9.भारत में पहला मानसून कब आता है?

10.सबसे पहले केरल में मानसून क्यों आता है? 

11.मानसून का दूसरा नाम क्या है?

12.भारत में कितने मानसून हैं?


मानसून किसे कहते हैं


मानसून ऐसी हवाये होती है जो बारिश का कारण बनती है। अगर भारत की बात करे तो यह से पहुँचती है। इन हवाओं के साथ पानी की बदले तक भरी बारिश

हवाएं अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के माध्यम

भारतीय उपमहाद्वीप में पहुँचती है और तीन महीनो करती हैं।


अधिकांश उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मानसून वर्षा का

कारण बनती है। मानसून हवाएं अक्सर हिन्द महासागर से बहती हुयी भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करती हुयी भारत, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशो में बारिश लती हैं।


मानसून हवाएं हमेशा ठंडे क्षेत्र से गर्म क्षेत्रों की ओर बहती है। और उन क्षेत्रों में कुछ महीनो तक बारिश बाढ़

करती है। भारत में 16 जून के बाद मानसून दक्षिण के

भारत में प्रवेश करता है फिर धीरे धीरे पुरे भारत में

फ़ैल जाता है। जब यह हवाएं हिमालय की विशाल

शिखर से टकराती है तो उत्तर और पूर्वी भारत में अधिक वर्षा होती है। जिसके कारण इलाको में जैसी विपदा भी आ जाती है।


मानसून कितने प्रकार का होता है?

मानसून विशेष प्रकार की हवाओं को कहा जाता है यह दो प्रकार का होता है। गर्मी का मानसून जो अप्रैल से सितंबर तक चलता है। और दूसरा सर्दी का मानसून  अक्टूबर से मार्च तक चलता है। भारत में ज्यादातर लोग मानसून और वर्षा ऋतु को एक ही मानते हैं भारत में वर्षा करने वाले मानसून (अरब सागर का मानसून एवं बंगाल की खाड़ी का मानसून)।


मानसून से बारिश कैसे होती है-


दोस्तों इसमें पर्वतों का भी अहम रोल होता है। मानसून सीधे बारिश नहीं कराता है बल्कि उसमें कई चीजों का योगदान होता है। दक्षिण पश्चिम मानसून में काफी मात्रा में नमी होती है। जब यह भारत में प्रवेश करता है और यह यहां उच्च पर्वतमालाओं से टकराता है तो फिर बारिश होती है। इन पर्वत श्रृंखलाओं से टकराने के बाद जिस समय बारिश होती है, उसे वर्षा ऋतु के नाम सभी आप लोग जानते हैं।


भारत में मानसून कब आता है।


भारत में जून के महीने में मानसून आ जाता है। कभी-कभी मानसून लेट भी होता है। लेकिन जून अंत तक तो वह भारत को भीगा ही जाता है। हालांकि कभी-कभी वह पहले भी आ जाता है। जैसे इस बार यानी 2023 में मानसून 16 मई को ही दस्तक दे चुका है यानी इस बार वह काफी पहले आ चुका है। इसका मतलब यह हुआ। कि अगर मानसून समय से है तो मई मध्य तक भारत में प्रवेश कर जाएगा और अगर लेट है तो फिर जून तक आ जाता है।


मानसून का महत्व 


मानसून का महत्व तो किसी से भी छिपा नहीं है। खासकर भारत जैसे देश में यहां 70 फ़ीसदी किसान आज भी बारिश पर ही निर्भर है। यानी अपने देश के अन्य का एक बड़ा हिस्सा इसी मानसून पर ही निर्भर है बारिश अच्छी होगी और समय से होगी तो अन्न का भंडार भरेगा अन्न का भंडार भरेगा, प्रचुर मात्रा में फल और सब्जियों की खेती होगी तो महंगाई पर काबू रहेगा। इसके अलावा भीषण गर्मी से राहत पाना है। तो भी आपको मानसून की जरूरत है। पानी की समस्या आजकल कितनी बढ़ रही है। पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है अच्छी बारिश होगी तो जल बढ़ेगा और पानी की दिक्कत दूर होगी इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षी सबके लिए पानी की जरूरत है।


भारतीय मानसून में विच्छेद-


जब मानसूनी पवने 2 सप्ताह या 2 सप्ताह से अधिक की अवधि के लिए वर्षा करने में असफल रहती है तो वर्षा काल में शुष्क दौरा जाता है। इस लंबी सुखद और कोई मानसून विच्छेद कहते हैं। मानसून विच्छेद विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से होते हैं। उत्तरी भारत के मैदानी भागों में मानसून का विच्छेद उष्णकटिबंधीय चक्रवात की आवृत्ति कम हो जाने से तथा आता उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति में बदलाव आने से होता है। पश्चिमी तट पर मानसून का विच्छेद तब होता है। जब आर्द पवने तट की समांतर बहने लगती हैं।

 राजस्थान में मानसून का विच्छेद तब होता है जब वायुमंडल के स्तरों पर तापमान का प्रतिलोमन वर्षा करने वाली और दोनों को ऊपर उठने से रोक देता है।


मानसून विस्फोट क्या होता है?


यह एक सवाल बहुत किया जाता है। कि मानसून रिपोर्ट क्या है कई लोग गूगल पर कैसे सर्च करते हैं अगर आप भी इसे सर्च कर रहे हैं। तो चलिए हम आपको विस्तार से इसके बारे में बताएंगे। दरअसल, अरब सागर और हिंद महासागर के बीच से भारत में प्रवेश करने वाला मानसून जो कि भारत के दक्षिण और पश्चिम तट की तरफ से आता है। उसे ही मानसून विस्फोट के नाम से जाना जाता है। इस मानसून विस्फोट इसलिए कहा जाता है। क्योंकि इसमें भारी बारिश होती है। मतलब इतनी बारिश की कई बार लोग परेशान हो जाते हैं। अपने कई बार सुना होगा कि कुछ जगहों पर लगातार कई दिनों तक बारिश हुई वह इसी कारण से होता है मानसूनी विस्फोट जो है। वह शब्द बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिए ही किया जाता है। जो अपने साथ भारी बारिश बुलाते हैं इसके कारण बहुत भयंकर बारिश होती है इसलिए इसे विस्फोट नाम दिया गया।


FAQS-


मानसून की वर्षा सर्वप्रथम कहां होती है?

उत्तर- सबसे पहले बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न होती है जिससे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में वर्षा होती है दूसरा दक्षिण पश्चिम मानसून की अरब सागर धारा है जो भारत के पश्चिमी तट पर बरसा लाते हैं दक्षिण पूर्वी मानसून सबसे पहले केरल में भारतीय मुक्त भूमि के दरवाजे पर दस्तक देता है।


भारत में पहला मानसून कब आता है?

उत्तर भारत में मानसून लगभग जून की शुरुआत में आता है।


सबसे पहले केरल में मानसून क्यों आता है? 

उत्तर-दक्षिण पश्चिम मानसून की अरब सागर सागर पहले भारत के केरल के तटीय राज्य के पश्चिमी घाटों को हीट करती है। इस प्रकार दक्षिण पश्चिम मानसून से बारिश प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्र को भारत का पहला राज्य बना देता है। आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र और तमिलनाडु के बहुमत इस मानसून से अधिकतर बारिश प्राप्त करते हैं।



मानसून का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर-जल प्रलय, बाढ़, आंधी- तूफान, बादल फटना और सलाद आदि मानसून के दूसरे नाम है।


भारत में कितने मानसून हैं?

उत्तर-भारत में मानसून दो प्रकार के होते हैं दक्षिण पश्चिम मानसून, पूर्वोत्तर मानसून।


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