कक्षा 9 संस्कृत का त्रैमासिक पेपर 2024 एमपी बोर्ड || MP board class 9th Sanskrit trimasik paper 2024

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कक्षा 9 संस्कृत का त्रैमासिक पेपर 2024 एमपी बोर्ड || MP board class 9th Sanskrit trimasik paper 2024

कक्षा 9 संस्कृत का त्रैमासिक पेपर 2024 एमपी बोर्ड || MP board class 9th Sanskrit trimasik paper 2024 

नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको एमपी बोर्ड कक्षा 9वीं संस्कृत का त्रैमासिक पेपर बताएंगे। आपको इस पोस्ट में कक्षा नौवीं संस्कृत के पेपर का संपूर्ण हल भी देखने को मिलेगा। पोस्ट पसंद आए तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।

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त्रैमासिक परीक्षा 2024-25

कक्षा - 9वीं

विषय - संस्कृत 

(समय:3 घंटे)                                          (पूर्णांक:75)


निर्देश :


(i) सर्वे प्रश्नाः अनिवार्यतः।

(ii) प्रश्नानां सम्मुखे अडाः प्रदत्ता:।


प्रश्न 1. उचितं विकल्पं चित्वा लिखत–           (6)


(क) ‘दैत्य + अरि:’ इत्यस्य सन्धि: अस्ति–

(i)  दैत्यरि:                        (ii) दैत्यारिः

(iii)  दतयरि:                      (iv) दैतयारि:


(ख) ‘सूर्योदय:’ इत्यस्य सन्धिविच्छेद: अस्ति–

(i) सूर्य+उदय:                             (ii) सूय+उदयः

(iii) सूर्यो+उदय:                           (iv) सूर्यो+दय:


(ग) ‘इत्युक्त्वा’ इत्यस्य सन्धिविच्छेद: भवति–

(i) इति+कत्वा                             (ii) इती+त्वा

(iii)  इति+उक्त्वा                          (iv) इती+कत्वा


(घ) ‘जले मग्नः’ इत्यस्य समस्तपदं भवति–

(i) जलेमग्नः                          (ii) जलमग्न

(iii) जलस्यमग्नः                      (iv) जलाय मग्नः


(ड़) घनश्याम: इत्यस्य विग्रह: भवति–

(i) घन इव श्याम:                     (ii) घनश्याम:

(iii) श्याम: घन:                       (iv) श्यामाय घन:


(च) ‘अव्ययीभाव:’ इति समासस्य उदाहरणम् अस्ति–

(i) घनश्याम:                             (ii) नवरात्रम्

(iii) महापुरुष:                           (iv) प्रतिदिनम्


प्रश्न 2. रिक्तस्थानानि पूरयत्–        (6)


(क) गम्+क्तिन् = ……… ।        (गमि:/गति:)

(ख) वि +क्री + ………… = विक्रीय।   (कत्वा/ ल्यप)

(ग) दृश् + क्त्वा = ………..।      (दृष्ट्वा/ पष्ट्वा)

(घ) कवि: वाणीं कां वादयितुं प्रार्थयति?      (वीणाम्/ वेणम्)

(ड़) प्रासाद: कीदृशः वर्तते?    ( स्वर्णमयाः/ रजतमयः)

(च) कः तन्द्रालु भवति?   (बालः/ गोपालः)


प्रश्न 3. युग्ममेलनं कुरुत–             (6)


‘अ’                                        ‘आ’


(क) बालकेषु         —      षष्ठी बहुवचनम्

(ख) लतानाम्        —       प्रथमा बहुवचनम्

(ग) फलानि          —       बीता हुआ कलं

(घ) नदीम            —       सप्तमी बहुवचनम्

(ड़) ह्म:               —        कहां

(च) कुत्र              —        द्वितीय बहुवचनम्


प्रश्न 4. एकवाक्येन उत्तरं लिखत–          (6)


(क) ‘पठति’ क्रियापदे का धातुः?

(ख) ‘गम्’ धातोः लङलकारस्य उत्तमपुरुष एकवचनस्य रूपं लिखत।

(ग) ‘भविष्यति’ इति रूपं कस्य लकारस्य अस्ति?

(घ) ‘पिवतु’ इति पदे वचनम् किम्?

(ड़) ‘प्रहारः’ इत्यस्मिन् पद उपसर्गः अस्ति?

(च) ‘दुराचार:’ पदे उपसर्गः किम्?


प्रश्न 5. शुद्धवाक्यानां समक्षम् ‘आम्’ अशुद्धवाक्यानां समक्षम् ‘न’ इति लिखत–          (6)


(क) ‘अहम् दीर्घा कथाम् पठामि’ अत्र विशेष्यपदं कथाम् अस्ति।

(ख) ‘खिन्न:बालः’ अत्र विशेषणपदं बालः अस्ति।

(ग) ‘इन्द्र’ इत्यस्य पर्यायपदं ‘शुक्र’ भवति।

(घ) ‘रसाल:’ इत्यस्य पर्यायपदं भवति।

(ड़) ‘शीघ्रम’ इत्यस्य विलोमपदंअतिशीघ्रम् भवति।

(च) ‘अध्:’ इत्यस्य विलोमपदं उपरि भवति।


प्रश्न 6. स्वर्णकाकः कान् आखादत् ?       (2)

अथवा 

नन्दिन्याः पादप्रहारः कः रक्तरजितः अभवत्।


प्रश्न 7. कवि: कां संबोधयति ?     (2)

अथवा 

निर्धनाया: वृद्धायाः दुहिता कीदृशी आसीत् ?


प्रश्न 8. वसन्ते किं भवति ?      (2)

अथवा

निर्धनाया: दुहिता मन्जषाया कानि अपश्यत् ?


प्रश्न 9. कस्य रसं पिबति ?      (2)

अथवा 

मासपर्यन्तं धेनोः अदोहनस्य किं कारणमासीत् ?


प्रश्न 10. सज्जनानां मैत्री कीदृशी भवति ?    (2)

अथवा 

बाला: कदा: क्रीडितुम् आगच्छत् ?


प्रश्न 11. स्वार्थन्धः मानवः किं करोति ?    (2)

अथवा 

लोकरक्षा कथं संभवति ?


प्रश्न 12. रेखाड़ितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माण कुरुत– (कोडपि दो)            (2)


(क) स्वर्णकाकः निवारयन्ती बालिका प्रार्थयत्।

(ख) खलानाम् मैत्री आरम्भगुर्वी भवति।

(ग) चटक: स्वकर्मणि त्याग्र: आसीत्।


प्रश्न 13. अधोलिखितानिकथनानी क: कं प्रति कथयति (कोडपि दो)       (2)


(क) अहं तुभ्यं तण्डुलमूल्यं दास्यति।

(ख) धन्यवाद मातुल! याम्यधुना।

(ग) नाहं जाने कोडस्ति भवान्।

(घ) नाव: तडागं अस्ति।


प्रश्न 14. अधोलिखितानांवाक्यानां वाच्यपरिवर्तनं कुरूत–

(कोडपि दो)       (2)


(क) अहं जलं पिवामि।

(ख) तेन हस्यते।

(ग) त्वं पत्रं लिखसि।


प्रश्न 15. प्रश्नपत्रे समागतान् श्लोकान् विहाय स्वपाठ्यपुस्तकात् कण्ठस्थीकृतं सुभाषितद्धयं लिखत्। (2)


प्रश्न 16. अशुद्धकारक संशोधनं कुरूत– (कोडपि दो) (2)


(क) मां मोदकं रोचते।

(ख) नरेश: फलानि खादति।

(ग) युवक: अश्वं पतति।


प्रश्न 17. प्रदत्तशब्दैः पाठगतानि रिक्तस्थानानि पूरयत– (2)


(क) कस्मिश्चिद् ……. एका निर्धना वृद्धा स्त्री न्यवसत्।

(ख) विरम! मा स्पृश! एतानि ……..।

(ग) नद्यां मूढडपि  ……… सेतुं निर्मातुं प्रयतते।

(घ) प्रकृति: समेषां …….. संरक्षणएणाय प्रयतते।

(ड़) प्रयत्नेन किं न भवति।

(च) दिवसे मार्गभ्रान्त: …….. यावत् यदि गृहमुपैति तदपि वरम्।


प्रश्न 18. अधोलिखितानां गद्यांश प्रश्नानां उत्तरं लिखत–  (3)


पुरा कस्मिश्चिद् ग्रामे एका निर्धना वृद्ध स्त्री न्यवसत्। तस्या! च एका दुहिता विनमा मनोहरा चासीत्। एकदा माता स्थाल्या तण्डुलान् निक्षिप्य पुत्रीम् आदिशत्। सूर्यातापे तण्डुलान् खमेभ्यो रक्ष। किञ्चित् कालादनन्तरम् एको विचित्रः काकः समुद्रीय तस्या समीपम् अगच्छत्। नैतादृशः स्वर्थपक्षो रजतचम्चु स्वर्णकाकस्तया पूर्व दृष्टा। तं तण्डुलान् खादन्त हसन्तन्च  विलोक्य बालिका रोदितुमारधान।


प्रश्ना: -

(1) ग्रामे का न्यवसत्?

(2) दुहिता कीदृशा आसीत्?

(3) माता पुत्री किम् आदिशत्?

अथवा 

तस्य च गृहे लौहघटिता पूर्वपुरुषोपार्जिता तुला आसीत् तां च कस्यचित् श्रेष्ठिनो गृहे निक्षेपभूतां कृत्वा देशांतरं प्रस्थितः। तवः सुचिरं कालं देशांतरमं भ्रान्त्वा पुनः स्वपुरम् आगत्य तं श्रेष्ठिनम् अवदत् - ‘’भो श्रेष्ठिन्’’ दीयतां मे सा निक्षेपतुलं सोडवदत् - ‘’भो:। नास्ति सा, लदीयां तुला मूषकैः भक्षिता।


प्रश्ना: -

(1) तुला कीदृशी आसीत्?

(2) तुला कै भक्षिता आसीत्?

(3) वणिकपुत्रः कुत्र प्रस्थितः?


प्रश्न 19. अधोलिखितेषु पद्यांशस्य प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृत भाषायां लिखत–         (3)


वृत्तं यत्नेन संरक्षेद्, वित्तमेति च याति च

अक्षीणोः वृत्तः क्षीणो वृततस्तु हतो हतः।।


प्रश्ना: -

(1) किं यत्नेन संरक्षेद्?

(2) कस्मात् क्षीणः मानवः हताः?

(3) कं येति याति च?

अथवा

प्रिय वाक्य प्रदानेन, सर्वे तुष्यन्ति मानवाः

तस्मात् तदैव हि वक्तटयं, वचने च दरिद्रता:।।


प्रश्ना: -

(1) किं वक्तव्यम्?

(2) जन्तवः केन तुष्यन्ति?

(3) तस्मात् इति पदे किं वचनम्?


प्रश्न 20. अधोलिखितम् अपठितगद्यांशं सम्यक् पठित्वा चतुराणां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखित– (4)


गोदावरीतीरे विशाल: शाल्मलीतरू: आसीत्। तत्र पक्षिणः निवसन्ति स्म। अथ कदाचित् रात्रौ कश्चिद त्याधः तत्र तण्डुलान् विकीर्य जाल च विस्तीर्य प्रच्छन्नो भूत्वा स्थितश्च। प्रातः काले चित्रग्रीवनामा कपोतराजः सपरिवारः आकाशे तान् तण्डुलकणान् अपश्यत्। ततः कपोतराजः तण्डुललुब्धान् कपोतान् प्रत्याह “ कुतोडत्र निर्जने वने तण्डुलकणानां सम्भवः। भद्रभिदं न पश्यामि। संभवतः कोडपि व्याधः अत्र भवेत्।‌ सर्वथा अविचारितं कर्म न कर्तव्यम्।


प्रश्ना-

(1) शाल्मलीतरू: कुत्र आसीत्?

(2) व्याधः कान् विकीर्य प्रच्छन्नो भूत्वा स्थितः?

(3) सर्वथा कीदृशं कर्म न कर्तव्यम्?

(4) कपोतराज: कान् प्रत्याहः?


प्रश्न 21. अवकाशार्थम् प्रार्थना पत्रम् लिखत-     (4)

अथवा 

शुल्कमुक्तयर्थ प्रार्थना पत्रम् लिखत।


प्रश्न 22. स्वस्य प्राचार्यस्य कृते छात्रवृत्यर्थम् एकं प्रार्थनापत्रं संस्कृतं लिखत।          (4)

अथवा 

स्वामित्राय एकं शुभकामनापत्रं संस्कृतभाषायां लिखत।



प्रश्न 23. अधोलिखितेषु एकं विषयं स्वीकृत्य शतशब्देषु संस्कृते निबन्धं लिखत–      (4)


(i) संस्कृतभाषायाः महत्वम्

(ii) महाकवि: कालिदास:

(iii) अस्माकं देशः

(iv) उत्सव: (दीपावलि:)


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