UP board class 10th social science solution chapter 2 (भारत में राष्ट्रवाद)
UP board class 10th social science solution(सामाजिक विज्ञान)
भारत में राष्ट्रवाद
बहुविकल्पी प्रश्न-
1- महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस कब लौटे?
(क) 1914 में
(ख) 1915 में
(ग) 1918 में
(घ) 1919 में
(ख) 1915 में
(ग) 1918 में
(घ) 1919 में
प्रश्न -2 सविनय अवज्ञा आंदोलन में महात्मा गांधी ने नमक को अत्यधिक महत्व क्यों दिया?
(क) नमक का प्रयोग अमीर गरीब सभी करते थे
(ख) यह भोजन का अभिन्न हिस्सा था
(ग) नमक तैयार करने पर सरकार का एकाधिकार था
(घ) उपर्युक्त में से सभी
उत्तर - (क) नमक का प्रयोग अमीर गरीब सभी करते थे
प्रश्न-3 महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन कब प्रारंभ किया?
(क) 1919 ई. को
(ख) 1920 ई .को
(ग) 1922 ई .को
(घ) 1923 ई. को
उत्तर - 1920 ई. को
प्रश्न 4- 'वंदे मातरम' गीत किसके द्वारा लिखा गया था?
(क) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा
(ख) रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा
(ग) अबनींद्रनाथ टैगोर द्वारा
(घ) महात्मा गांधी द्वारा
उत्तर- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा
प्रश्न 5- भारत आने पर महात्मा गांधी जी ने अपना सबसे पहला सत्याग्रह आंदोलन कौन सा किया?
(क) बारडोली सत्याग्रह आंदोलन
(ख) खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन
(ग) चंपारण सत्याग्रह आंदोलन
(घ) अहमदाबाद आंदोलन
उत्तर- चंपारण सत्याग्रह आंदोलन
Class 10th social science chapter 1
अति लघु उत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न-1 रौलट एक्ट क्या था?
उत्तर- रौलट एक्ट 1919 ईस्वी में पारित एक ऐसा कानून था जिसमें भारतीयों पर किसी तरह के मुकदमे चलाए बिना शंका के आधार पर गिरफ्तार कर 2 साल तक जेल में बंद किया जा सकता था।
प्रश्न-2 असहयोग आंदोलन कब और क्यों वापस लिया गया?
उत्तर- असहयोग आंदोलन 1922 ईस्वी में चौरी -चौरा की घटना के कारण वापस लिया गया।
https://www.upboard.live/2021/06/up-board-live-solution-class-12th.html
प्रश्न 3- साइमन कमीशन का गठन क्यों किया गया था इसका विरोध क्यों हुआ?
उत्तर- सर जॉन साइमन के नेतृत्व में एक वैधानिक आयोग का गठन किया गया। राष्ट्रवादी आंदोलन के जवाब में गठित किए गए इस आयोग को भारत में संवैधानिक व्यवस्था की कार्य - शैली का अध्ययन करना था और उसके बारे में सुझाव देने थे। इस आयोग में एक भी भारतीय सदस्य नहीं था, सारे अंग्रेज थे ।इसलिए साइमन कमीशन का भारत में विरोध हुआ।
प्रश्न 4- गांधी इरविन समझौता कब हुआ? इसकी कोई एक शब्द बताइए।
उत्तर- 5 मार्च 1931 को गांधीजी और इरविन के बीच समझौता हुआ था। इस समझौते में सरकार ने वचन दिया कि हिंसा के आरोप में गिरफ्तार लोगों को छोड़कर सभी राजनीतिक बंदी रिहा कर दिए जाएंगे।
प्रश्न 5-' केसरी समाचार' पत्र का प्रकाशन किसके द्वारा किया गया?
उत्तर- बाल गंगाधर तिलक द्वारा
लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1- भारत में लोगों द्वारा रौलट एक्ट का किस प्रकार विरोध किया गया ?उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
अथवा
रौलट एक्ट क्या था? इसका विरोध कैसे किया गया क्या परिणाम हुआ?
उत्तर- रौलट एक्ट 1919 ई. में पारित एक ऐसा कानून था जिसमें भारतीयों पर किसी तरह के मुकदमे को चलाएं बिना शंका के आधार पर गिरफ्तार कर 2 साल तक जेल में बंद किया जा सकता था।
परिणाम- अंग्रेजों ने राष्ट्र वादियों पर दमन शुरू करने के साथ मार्शल लॉ लागू कर दिया। 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ।
विरोध- भारत में लोगों द्वारा रौलट एक्ट का विरोध निम्न प्रकार से किया गया था-
1- विभिन्न शहरों में रैली जुलूसों का आयोजन किया गया।
2- रेलवे वर्कशॉप में कामगार हड़ताल पर चले गए
3- कई शहरों में दुकानदारों ने दुकान बंद करके अपना विरोध जताया।
प्रश्न-2 पूना पैक्ट पर किसके हस्ताक्षर हुए? इसकी दो शर्ते लिखिए।
उत्तर- पूना पैक्ट पर गांधी जी और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के हस्ताक्षर हुए ।सितंबर 1932 में हुए पूना पैक्ट की 2 शर्ते निम्नलिखित हैं-
1- अंबेडकर द्वारा दलितों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों की मांग को वापस लेना
2- दलित वर्गों को प्रांतीय एवं केंद्रीय विधायी परिषदों में आरक्षण दिया जाना।
प्रश्न 3- खिलाफत आंदोलन क्यों शुरू हुआ?
उत्तर- पहले विश्वयुद्ध में ऑटोमन तुर्की की हार हो चुकी थी। इस आशय की अफवाह फैली हुई थी कि इस्लामिक विश्व के आध्यात्मिक नेता ऑटोमन सम्राट पर एक बहुत सख्त शांति संदेश थोपी जाएगी। खलीफा की तात्कालिक शक्तियों की रक्षा के लिए 1919 में मुंबई में एक खिलाफत समिति का गठन किया गया था। मोहम्मद अली और शौकत अली बंधुओं के साथ-साथ कई युवा मुस्लिम नेताओं ने इस मुद्दे पर संयुक्त कार्रवाई की संभावना तलाशने के लिए महात्मा गांधी के साथ चर्चा शुरू कर दी थी ।सितंबर 1920 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में महात्मा गांधी ने भी दूसरे नेताओं को राजी कर लिया की खिलाफत आंदोलन के समर्थन और स्वराज के लिए एक असहयोग आंदोलन शुरू किया जाना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1- गांधीजी की नमक यात्रा का वर्णन कीजिए।
अथवा
नमक सत्याग्रह क्यों प्रारंभ किया गया था? इसका संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर- 31 जनवरी 1930 को गांधीजी ने वायसराय इरविन को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने 11 मांगों का उल्लेख किया था। इन मांगों के जरिए वे समाज के सभी वर्गों को जोड़ना चाहते थे ।इनमें सबसे महत्वपूर्ण मांग नमक कर को खत्म करने के बारे में थी। नमक का अमीर गरीब सभी इस्तेमाल करते थे। यह भोजन का एक अभिन्न हिस्सा था। इसलिए नमक पर कर और उसके उत्पादन पर सरकारी इजारेदारी को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार का सबसे दमनात्मक पहलू बताया था। महात्मा गांधी का यह पत्र एक चेतावनी की तरह था ।उन्होंने लिखा था कि यदि 11 मार्च तक उन मांगों को नहीं माना गया तो कांग्रेश सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर देगी । इरविन झुकने को तैयार नहीं थे। महात्मा गांधी ने अपने 78 ववश्वस्त वालंटियरों के साथ नमक यात्रा शुरू कर दी। यह यात्रा साबरमती में गांधी जी के आश्रम से 240 किलोमीटर दूर दांडी नमक गुजराती तटीय कस्बे में जाकर खत्म होनी थी। गांधीजी की टोली ने 24 दिन तक हर रोज लगभग 10 मील का सफर तय किया ।गांधीजी जहां भी रुकते हजारों लोग उन्हें सुनने आते। इन सभाओं में गांधी जी ने स्वराज का अर्थ स्पष्ट किया और अहान किया कि लोग शांतिपूर्वक अंग्रेजों की अवज्ञा करें 6 अप्रैल को वे दांडी पहुंचे और उन्होंने समुद्र का पानी उबालकर नमक बनाना शुरू कर दिया यह कानून का उल्लंघन था।
हजारों लोगों ने नमक कानून तोड़ा और सरकारी नमक कारखानों के सामने प्रदर्शन किया। आंदोलन फैला तो विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया जाने लगा ।शराब की दुकानों की पिकेटिंग होने लगी। किसानों ने लगान और चौकीदारी कर चुकाने से इंकार कर दिया। गांव में तैनात कर्मचारी इस्तीफे देने लगे इन घटनाओं से चिंतित औपनिवेशिक गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन वापस ले लिया।
प्रश्न 2- भारत में राष्ट्रवाद की भावना पनपने में किन किन कारकों का योगदान था?
उत्तर- राष्ट्रवाद की भावना तब पनपती है जब लोग यह महसूस करने लगते हैं कि वे एक ही राष्ट्र के अंग हैं। तब वे एक दूसरे को सामूहिक अपनेपन की यह भावना आंशिक रूप से संयुक्त संघर्षों से पैदा हुई थी । इतिहास व साहित्य, लोक कथाएं व गीत ,चित्र व प्रतीक सभी ने राष्ट्रवाद को साकार करने में अपना योगदान दिया था। भारत में राष्ट्रवाद की भावना पनपने में योगदान देने वाले कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं-
1- 20 वीं सदी में राष्ट्रवाद के विकास के साथ भारत की पहचान भी भारत माता की छवि का रूप लेने लगी ।यह तस्वीर पहली बार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने बनाई थी। 1870 के दशक में उन्होंने मातृभूमि की स्तुति के रूप में' वंदे मातरम 'गीत लिखा था। बाद में इसे उन्होंने अपने उपन्यास आनंदमठ में शामिल कर लिया। यह गीत बंगाल में स्वदेशी आंदोलन में खूब गाया गया। स्वदेशी आंदोलन की प्रेरणा से अबनींद्रनाथ टैगोर ने भारत माता की विख्यात छवि को चित्रित किया। इस पेंटिंग में भारत माता को एक सन्यासिनी के रूप में दर्शाया गया है। इस मात्र छवि के प्रति श्रद्धा को राष्ट्रवाद में आस्था का प्रतीक माना जाने लगा ।
2- राष्ट्रवाद का विचार भारतीय लोक कथाओं को पुनर्जीवित करने के आंदोलन से भी मजबूत होगा। 19वीं सदी के अंत में राष्ट्र वादियों ने भाटो व चरणों द्वारा गाए सुनाई जाने वाली लोक कथाओं को दर्ज करना शुरू कर दिया। उनका मानना था कि यही कहानियां हमारी परंपरागत संस्कृति की तस्वीर पेश करती हैं। जो बाहरी ताकतों के प्रभाव से भ्रष्ट और दूषित हो चुकी हैं। अपनी राष्ट्रीय पहचान को ढूंढने और अपने अतीत में गौरव का भाव पैदा करने के लिए लोक परंपरा को बचा कर रखना जरूरी था।
प्रश्न 3- भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में सविनय अवज्ञा आंदोलन के महत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर- 1929 ईस्वी के अपने लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को अपना आदर्श घोषित किया। परंतु यह आदर्श तब तक पूरा नहीं हो सकता था जब तक ब्रिटिश सरकार का जोर शोर से विरोध ना किया जाए। इस तरह महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1930 ईस्वी में कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया ।आंदोलन का श्रीगणेश महात्मा गांधी जी की दांडी यात्रा और नमक कानूनों को तोड़कर शुरू किया गया ।कई उतार-चढ़ाव के साथ यह आंदोलन 1934 ईस्वी तक चलता रहा ।इस आंदोलन को 1934 में वापस ले लिया गया। फिर भी इसने राष्ट्रीय आंदोलनों पर अपने गहरे प्रभाव छोड़े-
1- सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान लोगों का ब्रिटिश शासन से विश्वास जाता रहा और वे ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध लड़ने के लिए एकजुट होने लगे।
2- सविनय अवज्ञा आंदोलन के चलाए जाने के साथ भारत में क्रांतिकारी आंदोलन फिर से जागृत हो गए। इसी काल में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त आदि क्रांतिकारी देशभक्तों ने दिल्ली में असेंबली में दो बम फेंके।
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Class 10th social science chapter 1
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