UP board class 10th social science solutions in Hindi medium

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UP board class 10th social science solutions in Hindi medium

UP board class 10th social science solutions chapter 1 (यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय)




UP board solutions for class 10th social science



        इकाई -1


भारत और समकालीन विश्व -2( इतिहास)


     खण्ड-1घटना और प्रक्रियाएं



1-यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

2-भारत में राष्ट्रवाद


1-यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय-


बहुविकल्पीय प्रश्न-


1- यंग इटली सोसाइटी का संस्थापक कौन था?


क-गैरीबाल्डी

ख-बिस्मार्क

ग-काबूर

घ-मेजिनी



उत्तर- (घ) मेजिनी



2- फ्रांस में गणतंत्र  की घोषणा किस वर्ष हुई?


क-1815 ई.

ख-1830 ई.

ग-1848 ई.

घ-1871 ई.



उत्तर-(ग) 1848ई.



3-राष्ट्रवाद का प्रारंभ जिस देश से हुआ वह है-


क-जर्मनी

ख-इटली

ग-फ्रांस

घ-इंग्लैंड



उत्तर-फ्रांस



4- जर्मनी का एकीकरण का श्रेय इनमें से किसे दिया जाता है?


क-ऑटो वान बिस्मार्क

ख-काइजर विलियम प्रथम

ग-हिटलर

घ-मेत्सिनी



उत्तर -(के) ऑटो वान बिस्मार्क



5- नेपोलियन का संबंध किस देश से था?


क-जर्मनी

ख-इटली

ग-फ्रांस

घ-इंग्लैंड



उत्तर-(ग) फ्रांस



6- 1848 की फ्रांसीसी राज्य क्रांति के फलस्वरूप-


क-निरंकुश राजतंत्र की स्थापना हुई


ख-सीमित राजतंत्र की स्थापना हुई


ग-सैन्य शासन की स्थापना हुई


घ-गणतंत्र की स्थापना हुई



उत्तर -(घ) गणतंत्र की स्थापना हुई



अति लघु उत्तरीय प्रश्न-


प्रश्न -1 किस प्रसिद्ध फ्रांसीसी चित्रकार ने 4 चित्रों की श्रंखला बनाई?


उत्तर- फ्रेडरिक सारयू ने (1848 में)




प्रश्न -2 निरंकुशवाद से क्या तात्पर्य है?


उत्तर- एक ऐसी सरकार या शासन व्यवस्था जिसका सत्ता पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं होता। ऐसी सरकार जनता के अनुकूल कार्य नहीं करती। यह अत्यंत केंद्रीकृत सैन्य बल पर आधारित और दमनकारी सरकारें होती थी।



प्रश्न -3 जर्मन राष्ट्र का प्रथम सम्राट कौन घोषित किया गया?


अथवा


जर्मनी के एकीकरण में सबसे महत्वपूर्ण योगदान किसका था?



उत्तर- जर्मनी के एकीकरण में ऑटो वान बिस्मार्क का सबसे महत्वपूर्ण योगदान था ।प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मन राष्ट्र का प्रथम सम्राट घोषित किया गया।



प्रश्न 4- जनमत संग्रह क्या है?


उत्तर- जनमत संग्रह एक प्रत्यक्ष मतदान है जिसके जरिए एक क्षेत्र के सभी लोगों से एक प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए पूछा जाता है।



प्रश्न 5- नारीवाद क्या था?


उत्तर- स्त्री पुरुष को सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक समानता की सोच के आधार पर महिलाओं के अधिकारों और हितों का बोध नारीवाद है।


प्रश्न 6- ऑटो वान बिस्मार्क को जर्मनी के एकीकरण का जनक क्यों कहा जाता है दो कारण लिखिए।



उत्तर- 

1-बिस्मार्क ने सुधार एवं कूटनीति के अंतर्गत जर्मनी के क्षेत्रों का प्रशाकरण अथवा प्रशा का एकीकरण करने का प्रयास किया।

2-बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण के लिए रक्त और लौह की नीति का पालन किया ।इस नीति से तात्पर्य था कि सैन्य उपायों द्वारा ही जर्मनी का एकीकरण करना।



लघु उत्तरीय प्रश्न-


प्रश्न 1- 1848 की उदारवादी क्रांति का क्या परिणाम हुआ?


उत्तर- रूढ़िवादी शक्तियां 1848 में उदारवादी आंदोलनों को दबा पाने में कामयाब हुई किंतु वे पुरानी व्यवस्था बहाल नहीं कर पाई। राजाओं को यह समझ में आना शुरू हो गया था कि उदारवादी राष्ट्रवादी क्रांतिकारियों को रियायतें देकर ही क्रांति को समाप्त किया जा सकता था अतः 1848 के बाद के वर्षों में मध्य और पूर्वी यूरोप की निरंकुश राजशाहियों  ने उन परिवर्तनों को प्रारंभ किया जो पश्चिमी यूरोप में 1815 से पहले हो चुके थे। इस प्रकार हैब्सवर्ग अधिकार वाले क्षेत्रों और रूस से भू-दासत्व  और बंधुओं मजदूरी समाप्त कर दी गई है। हैब्सबर्ग शासकों ने हंगरी के लोगों को ज्यादा स्वायत्तता प्रदान की हालांकि इससे निरंकुश मैंग्यारों के प्रभुत्व का रास्ता भी साफ हुआ।




प्रश्न-2 नेपोलियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।


उत्तर- नेपोलियन बोनापार्ट विश्व के महानतम व्यक्तियों में से एक था। उसके असाधारण कार्यों और आश्चर्यजनक विजयों ने 1799 ईस्वी से 1815 ईस्वी तक संपूर्ण यूरोप को प्रभावित किया ।उसके प्रमुख सुधार निम्नलिखित हैं-


1-शासन संबंधी सुधार- 

नेपोलियन की शासन व्यवस्था प्रतिभा व्यापकता और कार्यक्षमता के सिद्धांतों पर आधारित थी। देश की अराजकता को समाप्त करने के लिए उसने शासन का केंद्रीकरण कर दिया।


2- आर्थिक सुधार- नेपोलियन ने पेरिस में बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना कराई । मादक द्रव्यों, नमक आदि पर कर लगाया। मजदूरों का वेतन निश्चित किया, चोर बाजारी ,सट्टेबाजी ,मुनाफाखोरी को समाप्त किया।


3- धार्मिक सुधार- नेपोलियन ने अपने देशवासियों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करने का प्रयत्न किया। राज्य की ओर से सभी को अपने धर्म का आचरण करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई थी।



4- शिक्षा संबंधी सुधार-नेपोलियन ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए ।उसने फ्रांस में राष्ट्रीय शिक्षा की नींव डाली और पेरिस में एक विश्वविद्यालय की स्थापना भी की।



5-न्याय संबंधी सुधार- नेपोलियन ने फ्रांस के लिए विधि संहिताओं का निर्माण कराया ।इसे "नेपोलियन कोड" के नाम से भी जाना गया। नेपोलियन का यह कार्य फ्रांस को एक स्थाई देन थी।




प्रश्न 3- यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति का क्या योगदान था?


उत्तर- यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति के योगदान को निम्नलिखित उदाहरण से समझा जा सकता है-


प्रथम उदाहरण- के रूप में हम रूमानीवाद नामक सांस्कृतिक आंदोलनों को ले सकते हैं। रूमानीवाद एक ऐसा सांस्कृतिक आंदोलन था जो विशिष्ट प्रकार की राष्ट्रीय भावना का विकास करना चाहता था।


द्वितीय उदाहरण के रूप में हम क्षेत्रीय बोलियों को ले सकते हैं ।क्षेत्रीय बोलियां राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करती थी। क्योंकि यही यथार्थ रूप में आधुनिक राष्ट्र वादियों के संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाती थी जो अधिकांश था निरक्षर थे।



तृतीय उदाहरण के रूप में हम संगीत को ले सकते हैं ।कैरोल कुपिर्स्की, एक पोलिश नागरिक ,ने राष्ट्रीय संघर्ष का अपने ओपेरा में संगीत के रूप में गुणगान किया और पोलेनेस और माजुरला  जैसे लोकनृत्यों को राष्ट्रीय प्रतीकों में बदल दिया।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
उत्तरीय प्रश्न उत्तरीय प्रश्न- 

प्रश्न-1 किन्हीं दो देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बताएं कि 19वीं सदी में राष्ट्र किस प्रकार विकसित हुए?


उत्तर- 19वीं शताब्दी में लगभग पूरे यूरोप में राष्ट्रीयता का विकास हुआ। जिस कारण राष्ट्र राज्यों का उदय हुआ। इनमें बेल्जियम व पोलैंड भी ऐसे ही देश थे ।1815 ई. में नेपोलियन की हार के बाद वियना संधि द्वारा बेल्जियम और पोलैंड को मनमाने तरीके से अन्य देशों के साथ जोड़ दिया गया। जिनका आधार यूरोपीय सरकारों की यह रूढ़िवादी विचारधारा थी कि राज्य व समाज की स्थापित परंपरा संस्थाएं जैसे राजतंत्र, चर्च ,सामाजिक ऊंच-नीच ,संपत्ति और परिवार आदि बने रहने चाहिए ।इसका बेल्जियम व पोलैंड ने विरोध किया। अपने को स्वतंत्र राष्ट्र राज्य के रूप में स्थापित किया इनका निर्माण किस प्रकार हुआ-


1-बेल्जियम- वियना कांग्रेस द्वारा बेल्जियम को हालैंड के साथ मिला दिया गया। परंतु दोनों देशों में ईसाई धर्म के कट्टर विरोधी मतानुयायी ही रहते थे ।जहां बेल्जियम में कैथोलिक थे, वहीं हॉलैंड में  प्रोटेटेस्ट । हॉलैंड का शासक भी हॉलैंडवासियों को बेल्जियमवासियों से श्रेष्ठ मानता था ।अतः इस श्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए उसने सभी स्कूलों में प्रोटेस्टेंट धर्म की शिक्षा देने की राजाज्ञा जारी की। इसका बेल्जियमवासियों ने कड़ा विरोध किया ,इसमें इंग्लैंड ने भी उसका साथ दिया जिस कारण हॉलैंड को बेल्जियम को 1830 में स्वतंत्र करना पड़ा। बाद में यहां पर इंग्लैंड जैसी संवैधानिक व्यवस्था कायम हुई।


2- पोलैंड- वियना संधि द्वारा ही पोलैंड को दो भागों में बांटा गया और इसका बड़ा भाग रूस को इनाम के तौर पर दे दिया गया। परंतु जब वहां के लोगों में राष्ट्रीय भावना का विकास हुआ तो 1848 में पोलैंड और वारसा में क्रांति प्रारंभ हुई ।इसे रूसी सेनाओं ने कठोरता से दबा दिया ,परंतु राष्ट्रवादियों ने हार नहीं मानी और दोबारा विद्रोह किया, जिसमें उन्हें सफलता मिली।


प्रश्न-2 1789 की फ्रांसीसी क्रांति का फ्रांस व यूरोप पर क्या प्रभाव पड़ा?


अथवा



फ्रांस की क्रांति के दो परिणाम बताइए।


उत्तर- 1789 में फ्रांस में जो क्रांति हुई उसके फ्रांस और यूरोप पर निम्नलिखित व्यापक प्रभाव पड़े थे-



फ्रांस पर प्रभाव- 


1- लुई वंश के शासक का अंत हुआ और उनके स्थान पर लोकतांत्रिक शासन की स्थापना हुई।


2- सरकार द्वारा लोक कल्याणकारी कार्य किए गए: जैसे- सड़कों, पुलों, नहरों ,अस्पतालों, बांधों ,स्कूलों आदि का निर्माण।



3- समानता, स्वतंत्रता, भ्रातत्व की भावना से भरे हुए नए समाज की नींव रखी गई।



4- न्याय व्यवस्था का पुनर्गठन करके देश के लिए नवीन कानून संहिता लागू की गई।


यूरोप पर प्रभाव-


1- यूरोप में राष्ट्रवाद को मंजूरी मिली और राष्ट्र राज्यों का उदय होने लगा।



2- लोकतंत्र सिद्धांत को विश्व आधार मिला तथा 'सरकार जनता द्वारा और जनता के लिए होनी चाहिए' इस विचार को बल मिला।


3- यूरोप में भी समाजवादी विचारधारा का प्रचार होने लगा जिस कारण सामाजिक, आर्थिक ,राजनीतिक समानता के सिद्धांतों पर बल दिया जाने लगा।


4- यूरोप के अन्य राष्ट्र के लोग भी मानवीय अधिकारों की मांग करने लगे।




प्रश्न 3- उदारवादियों की 1848 की क्रांति का क्या अर्थ लगाया जाता है? उदारवादियों ने किन राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया?


उत्तर- उदारवादियों की 1848 की क्रांति वास्तव में तब हुई जब कई यूरोपीय देशों में बेरोजगारी ,भुखमरी तथा गरीबी का वातावरण था। इस क्रांति को लाने में मध्यम वर्ग का बहुत बड़ा योगदान था, जिस कारण सभी देशों में कई व्यापक परिवर्तन हुए इसमें प्रमुख राजनीतिक सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन निम्नलिखित है- 



राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन-


1- राजतंत्र का अंत करके गणतंत्र की स्थापना की गई।


2- सार्वजनिक मताधिकार के आधार पर निर्मित जनप्रतिनिधि सभाओं के निर्माण के प्रयास प्रारंभ हुए।


3- जर्मनी ,इटली ,पोलैंड ऑस्ट्रो हंगेरियन साम्राज्य में उदारवादी मध्यम वर्गों के स्त्री -  पुरुषों ने संविधानवाद की मांग को राष्ट्रीय एकीकरण की मांग के साथ जोड़ा।


सामाजिक क्षेत्र में परिवर्तन-



 1- महिलाओं को पुरुषों के समान दर्जा दिया जाने लगा तथा उनकी सभी क्षेत्रों में भागीदारी को महत्व व सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा।


2- कुलीन वर्ग की अपेक्षा मध्यम वर्ग के सभी क्षेत्रों (राजनीतिक ,आर्थिक व सामाजिक) में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी जिससे कुलीन वर्ग की श्रेष्ठता कम हुई।



आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन-


 1- मजदूरों और कारीगरों ने भी अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन व आंदोलन का मार्ग अपनाया।


2- भू दास्तां और बंधुआ मजदूरी का अंत किया गया।


3- बाजारों की मुक्ति, चीजों तथा पूंजी के स्वतंत्र आदान-प्रदान की मांग ने जोर पकड़ा ताकि व्यापारिक उन्नति के मार्ग खोलें।


Writer- Bandana Kushwaha











 

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