Up board live class- 12th solution शिक्षा शास्त्र पाठ- 16- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य अर्थ एवं महत्व
कक्षा 12 शिक्षा शास्त्र
पाठ- 16- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य अर्थ एवं महत्व
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1- मानसिक स्वास्थ्य के निम्नलिखित पहलू हैं।
क- सचनात्मक पहलू
ख- सांस्कृतिक पहलू
ग- विचारात्मक पहले
घ- निरोधात्मक पहलू
उत्तर -सांस्कृतिक पहलू
प्रश्न 2 -निम्न में से कौन मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का कार्य है।
क- मानसिक स्वास्थ्य की रचना करना
ख- मानसिक रोगों की रोकथाम करना
ग- मानसिक रोगों का उपचार करना
घ- इनमें में सभी
उत्तर- इनमें से सभी
प्रश्न 3- निम्न में से कौन मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का घटक नहीं है ।
क- व्यवहारिक समायोजन
ख- संवेगात्मक समायोजन
ग- मानसिक संघर्ष
घ- योगिता और कौशलों का समुचित उपयोग
उत्तर -मानसिक संघर्ष
प्रश्न 4- निम्न में से कौन सा मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का क्षेत्र है।
क- मानसिक रोगियों का अध्ययन
ख- संपूर्ण समाज के मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन
ग- सामान व्यक्तियों का अध्ययन
घ- इनमें से कोई नहीं
उत्तर- मानसिक रोगियों का अध्ययन
प्रश्न 5- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का उद्देश्य है।
क- सामाजिक विकास
ख- सांस्कृतिक विकास
ग- मानसिक रोगों का उपचार
घ- संवेगात्मक विकास
उत्तर -मानसिक रोगों का उपचार
प्रश्न 6- निम्न में से कौन सा मानसिक अर्थव्यवस्था का कारण नहीं है।
क- स्व मूल्यांकन की योग्यता
ख- समायोजन शीलता
ग- आत्मविश्वास
घ- इनमें से सभी
उत्तर -निंद्रा
प्रश्न 7- निम्नलिखित में से कौन सा उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का नहीं है?
क- अधिकतम प्रभाव पादप और संतुष्टि
ख- जीवन की वास्तविकता को स्वीकार करना
ग- व्यक्तियों का आपसी सामंजस्य
घ- तेज गति से आर्थिक समृद्धि
उत्तर- तेज गति से आर्थिक समृद्धि
निश्चित उतरी प्रश्न
प्रश्न 1- किस प्रकार के व्यक्तियों में आत्मविश्वास की सुदृढ़ भावना और पर्याप्त सहनशीलता होती है ।
उत्तर मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्तियों में।
प्रश्न 2- मानसिक आयु और बुद्धि लब्धि पर्यायवाची है। (सत्य सत्य) ।
उत्तर -असत्य।
प्रश्न 3- मानसिक स्वास्थ्य के 3 पक्ष कौन-कौन से हैं।
उत्तर -1=व्यक्ति का पूर्ण विकास
2.उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य।
3. समस्याओं के समाधान में सक्षम।
प्रश्न 4- मानसिक स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं।
उत्तर संपूर्ण व्यक्तित्व की पूर्ण एवं संतुलित क्रियाशीलता को मानसिक स्वास्थ्य कहते हैं।
प्रश्न 5 - मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का क्या अर्थ है।
उत्तर- मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ है समायोजन की वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी योग्यताओं एवं सीमाओं को समझते हुए अपने समाज में प्रभावपूर्ण एवं सुखद जीवन गुजारने में सफल हो।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के प्रमुख पक्षों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के सकारात्मक पक्ष क्या है।
उत्तर- उत्तर मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के तीन प्रमुख पक्ष हैं।
सकारात्मक पक्ष - सकारात्मक पक्ष में उन नियमों तथा परिस्थितियों को दफन करने का प्रयास किया जाता है। जिनके द्वारा मनुष्य का संतुलित विकास करते हुए जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में समाज से स्थापित करने में सफल हो सके इनमें मानसिक रोगों की खोज करना तथा उनकी रोकथाम करना आते हैं।
नकारात्मक पक्ष - मानसिक रोगों की सहानुभूति हो ढंग से तथा कुशलता से चर्चा करना उन परिस्थितियों से बचने का प्रयास करना जिनके कारण मानसिक संघर्ष था भावना के उत्पन्न होने की संभावना होती कारण मानसिकता भावना ग्रंथियों के उत्पन्न होने की समस्या होती है।
प्रश्न 2- मानसिक स्वास्थ्य और सीखने में सफलता का क्या संबंध है।
उत्तर मानसिक स्वास्थ्य तथा सीखने में सफलता के बीच घनिष्ठ संबंध है। वास्तव में सीखने की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए शिक्षार्थी तथा शिक्षक दोनों का मानसिक रूप से स्वस्थ होना अति आवश्यक है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति का दृष्टिकोण सामान तथा सकारात्मक होता है। वह सभी कार्यों को पूर्ण उत्साह एवं लगन से सीखने को तात्पर्य पर रहता है। तथा उन्हें सुधारने का भी प्रयास करता है। इसमें उसकी सीखने की प्रक्रिया अच्छे ढंग से चलती है। इन समस्त तत्वों को भी ध्यान में रखते हुए वहां से स्वस्थ और सीखने में सफलता का बहुत घनिष्ठ संबंध है"।
प्रश्न 3- मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ बताइए।
उत्तर मानसिक स्वास्थ्य के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए मनोवैज्ञानिकों द्वारा दी गई परिभाषाएं निम्नलिखित है । हेडफील्ड के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य संपूर्ण व्यक्तित्व का पूर्ण समस्त के साथ कार्य करना है
लेडीस के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य संपूर्ण व्यक्तित्व का पूर्ण समस्त के साथ कार्य करना वास्तविक के धरातल पर वातावरण के पर्याप्त समस्त करने की योग्यता।
प्रश्न 4- मनुष्य किस प्रकार मानसिक संतुलन को बनाए रख सकता है।
उत्तर- बालक की मानसिक स्वास्थ्य को बनाने के लिए परिवार का वातावरण शांतिपूर्ण होना चाहिए तथा परिवार के सभी सदस्यों में परस्पर प्रेम और सद्भावना होने चाहिए बालक को रूचि के अनुसार कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
विद्यालय के वातावरण का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है विद्यालय में नियमित शारीरिक शिक्षा भोजन विश्राम स्वच्छता रोगों के उपचार आदि की व्यवस्था होनी चाहिए तभी मनुष्य का मानसिक संतुलन ठीक रहेगा।
प्रश्न 5 - मानसिक स्वास्थ्य की विशेषताओं का विवेचना कीजिए।
उत्तर- मानसिक स्वास्थ्य का दूसरा मुख्य संगठक संवेगात्मक समायोजन है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है। कि वह संवेगात्मक रूप से समायोजित हो।
1. मानसिक स्वास्थ्य का एक आवश्यक पंचकल्याण की आधुनिकता स्थिति है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में इस स्थिति का उपलब्ध होना आवश्यक है।
3. मानसिक स्वास्थ्य का एक संगठन अपनी योग्यताओं एवं कुशलता ओं के सदुपयोग का बोध है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में इस बात का बोध होना आवश्यक है। कि वह अपनी योग्यताओं एवं अपने कौशलों का समुचित उपयोग कर रहा है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2- दो प्रमुख लक्षणों का संक्षेप में विवरण कीजिए जिनमें आधार पर यह कहा जाता है/ कि अमुक व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है।
उत्तर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को अनेक लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है दो प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं।
साधारण समायोजन दोष - यह एक ऐसी अर्थव्यवस्था है। जो कुछ ना कुछ हर व्यक्ति में पाई जाती है। मानसिक अवस्था का यह बहुत ही समाज रूप है। हर व्यक्ति के जीवन में ऐसे अनेक अवसर आते हैं। जब वह किसी बाधा के कारण अपने काम को पूरा करने में असफल हो रहता है। यह व्यक्तियों में कुछ सामान दोष पैदा कर देते हैं। तो हर एक में पाए जाते हैं जैसे चिड़चिड़ापन ,आक्रामकता ,हट ,संवेदनशीलता इत्यादि
मनोरुगणता सामान्य जीवन वाले व्यक्तियों में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, कभी-कभी लिखने पढ़ने बोलने या अन्य क्रियाकलापों में प्राय: भूल होना एक स्वाभाविक बात ही है इसे मानसिक अस्वस्थता का नाम नहीं दिया जा सकता लेकिन जब इन फूलों की आवृत्ति बढ़ जाए तो आसमान से प्रतीत होने लगती है! इसे मानव विकृति का आ जाएगा बेड़ेंगे तथा अप्रचलित वस्त्र धारण करना क्रम बिगाड़ कर वाक्य बोलना तुतलाना हकलाना चलने फिरने में असमान लगना अजीबोगरीब हरकतें करना चोरी करना धोखा देना आदि मानसिक अस्वस्थता के लक्षण है!
प्रश्न 2- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य का अंतर स्पष्ट कीजिए
उत्तर मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान मानसिक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के उपचार में योग देता है! तथा मानसिक स्वास्थ्य का संबंध उस तरीके से है! जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी इच्छाओं महत्वाकांक्षाओं विचार भावनाओं को अपनी आत्मा से समन्वित करता है! ताकि वह अपने जीवन की उन मांगों को पूरा कर सके जो उसके सामने आती है!
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान से आप क्या समझते हैं? वर्तमान सामाजिक परिवेश में इसके अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डालिए!
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं? मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालिए!
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए!
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के अर्थ और महत्व को ध्यान में रखते हुए इसके विषय में अपने विचार व्यक्त कीजिए!
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा उसके कार्यों का वर्णन कीजिए!
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान से आप क्या समझते हैं? दोनों को अंतर को स्पष्ट कीजिए!
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का शिक्षा में महत्व का वर्णन कीजिए!
अथवा
शिक्षा के संबंध में मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के महत्व का वर्णन कीजिए!
अथवा
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की आवश्यकताओं को स्पष्ट करते हुए शिक्षा में उसके महत्व की व्याख्या कीजिए!
उत्तर- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का शाब्दिक विश्लेषण करने पर यह मालूम होता है! कि यह विज्ञान है जो मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है! इसको दूसरे शब्दों में हम इस प्रकार कह सकते हैं कि यह व्यक्तित्व के संतुलन विकास से संबंधित हैं! क्योंकि एक संतुलन व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का ही मन स्वस्थ रह सकता है! संतुलन व्यक्तित्व कह जाता है, जो हर तरह की सम विषम परिस्थितियों मैं अपने को समायोजित कर सके मनुष्य के मानसिक स्वास्थ्य को कायम करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान को तीन पदों में बांटा गया है!
व्यक्ति की मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा इसके अंतर्गत वे सभी समान कार्य आ जाते हैं जिनमें व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य कायम रह सकता है
व्यक्ति के मानसिक रोगों की रोकथाम यह प्रयास करना कि व्यक्ति के पास मानसिक रोग पटकने ही ना पाए अर्थात ऐसी दशाएं या परिस्थितियां ना उत्पन्न होने पाए जो मानसिक रोग उत्पन्न करते हैं!
व्यक्ति की मानसिक रोगों का प्रारंभिक उपचार मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का तीसरा पक्ष व्यक्ति के प्रारंभिक मानसिक रोगों का उपचार करना भी है!
मानसिक स्वास्थ्य संबंधी इस प्रकार के तीनों कार्य करने वाला विज्ञान मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान कहलाता है
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की परिभाषाएं मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की प्रमुख परिभाषा निम्नलिखित हैं!
1 ड्रेवर के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ है ,मानसिक स्वास्थ्य के नियमों का अनुसरण करना और उनकी सुरक्षा के उपाय करना !
2 क्रो एवं क्रो के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान वह विज्ञान है, जो मानव कल्याण से संबंधित है, और मानव संबंधों के समस्त क्षेत्रों को प्रभावित करता है !
3 रोजाना के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान व्यक्ति की मानसिक कठिनाइयों को दूर करने में सहायता देता है, तथा कठिनाइयों के समाधान के लिए साधन प्रस्तुत करता है!
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का शिक्षा में महत्व
1- संतुलित व्यक्तित्व का विकास संतुलित व्यक्तित्व का विकास होने पर भी व्यक्ति अपने चारों ओर की परिस्थितियों से समायोजन स्थापित कर पाता है! व्यक्तित्व के अंतर्गत व्यक्ति का शारीरिक मानसिक संवेगात्मक एवं सामाजिक विकास होता है! मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान व्यक्ति के सब बच्चों के संतुलन विकास में काफी सहायता प्रदान करता है!
2- सुसमायोजित जीवन जब मनुष्य अपने चारों ओर की वातावरण से समायोजन स्थापित करने में पूर्ण सफल हो जाता है! तो उसका जीवन सुख से व्यतीत होता है! मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान अध्यापकों एवं छात्रों दोनों को अपनी अपनी परिस्थितियों से अनुकूलन स्थापित करने में सहायता देता है!
3- पारिवारिक वातावरण को स्वास्थ्य बनाना मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान परिवार के सभी सदस्यों के व्यक्तित्व का संतुलन विकास होने में सहायता प्रदान करता है! और उन्हें स्वस्थ मनोवृति उत्पन्न करता है, फलस्वरूप परिवार में सुख शांति बनी रहती है! इस प्रकार स्वस्थ पारिवारिक वातावरण का निर्माण होता है, इस वातावरण का एक छात्र के लिए बहुत महत्व होता है!
4- शिशुओ का उचित पालन पोषण जब परिवार का वातावरण सुख में वह शांतिपूर्ण होगा तो शिशुओ का पालन पोषण ठीक ढंग से होगा, फल स्वरुप उनके व्यक्तित्व का पूर्णतया संतुलित विकास होगा और वे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफल रहेंगे!
5- उपचारात्मक महत्व कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहता है कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो लेकिन ना चाहते हुए भी कभी-कभी व्यक्तियों को ऐसे विशेष परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है! कि उनका सामना करते करते वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाता है! ऐसी स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों को मानसिक चिकित्सा में प्रयुक्त करके उसे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाया जाता है!
6- शैक्षिक प्रगति तथा अध्यापकों के लिए महत्व मानसिक
अस्वस्थता शिक्षा की प्रगति में रोड़ा अटका दी है! तथा मानसिक अस्वस्थता को दूर करके मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान शिक्षा की प्रकृति में सहयोग देता है! मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अध्यापकों के लिए भी विशेष महत्व है! अध्यापकों का मुख्य कार्य बालकों का सर्वांगीण विकास करना होता है विकास की इस प्रक्रिया में उन्हें इस विज्ञान के ज्ञान से विशेष सहायता प्राप्त होती है! वह सरलता से समझ लेते हैं, कि किस व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य कैसा है, उसे कोई समस्या तो नहीं है यदि किसी बालक की कोई मानसिक समस्या होती है, तो कुशल अध्यापक उसके निवारण के लिए उपाय करता है अध्यापक कक्षा का ऐसा वातावरण बनाए रखते हैं! कि बालकों के मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने के अवसर ही ना आए!
7- व्यवसायिक सफलता व्यवसायिक सफलता भी व्यक्ति के स्वस्थ मस्तिष्क पर निर्भर होती है, अतः व्यवसाय में सफल होने में भी मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान व्यक्ति की सहायता करता है!
प्रश्न 2- बालक के मानसिक स्वास्थ्य के विकास में बाधा डालने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
अथवा
मानसिक अस्वस्थता के क्या कारण हैं?
उत्तर - मानसिक अस्वस्थता के कारण या मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक
मानसिक अस्वस्थता के निम्नलिखित कारण होते हैं
1- शारीरिक कारण मानसिक अस्वस्थता का एक कारण शारीरिक अव्यवस्था है, किसी असाध्य रोग जैसे क्षय कैंसर
संग्रहडी आदि से पीड़ित व्यक्तियों की शारीरिक क्षमता बहुत घट जाती है! वह स्वभाव से चिड़चिडे़ निराश और दुखी हो जाते हैं, शरीर के अंदर स्थित अंत: स्त्रावी ग्रंथियों के ठीक कार न करने के कारण भी लोगों में अधिक मानसिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं!
2 - वंशानुक्रमणीय कारण कुछ विशिष्ट मानसिक रचनाएं जो व्यक्ति वंशानुक्रम से प्राप्त करते हैं, मानसिक अव्यवस्था और विकास जल्दी उत्पन्न करती हैं रक्त की विशेषताएं शरीर में मानसिक विकारों को उत्पन्न करने के लिए उचित दशाएं पैदा कर देती हैं, इस प्रकार के मानसिक रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संक्रमित होते रहते हैं!
3 - पारिवारिक कारण व्यक्ति के व्यक्तित्व की न्यू बाल्यावस्था में परिवार में ही पड़ती है, व्यक्तित्व निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था जन्म से 5 - 6 वर्ष तक होती है! अतः यदि इस समय सुसु का सही ढंग से पालन पोषण नहीं होता उसकी सभी मूल प्रवृत्तियों संतुष्ट नहीं होती हैं !माता-पिता आपस में लड़ते रहते हैं, और बालक को संचित उसने नहीं देते हैं परिवार में माता या पिता दोनों में से एक नहीं अथवा माता-पिता के व्यक्तित्व का प्रभाव अधिक या कम लाड प्यार आदि ऐसे कारण हैं जो बालक में मानसिक अस्वस्थता उत्पन्न करते हैं! आगे चलकर यही मानसिक अस्वस्थता कभी-कभी मानसिक रोग का भी रूप धारण कर लेती है!
4 - आर्थिक कारण कभी-कभी परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण भी बालक तथा बड़े लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है, गरीबी के कारण भी जब बालक को लगातार अपनी अनेक इच्छाओं का दामन करना पड़ता है, तो वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाता है! इसके विपरीत धनी परिवारों को लोगों में शराब पीने व वेश्या गमन आदि की आदत पड़ जाती है इनमें भी कोई प्रकार के मानसिक विकार उत्पन्न होते हैं!
5- विद्यालयी कारण ऐसे विद्यालय जहां मनो वैज्ञानिक विधियों से शिक्षण नहीं किया जाता, और बालकों को कठोर अनुशासन में रहना पड़ता है! और तरह-तरह के कठोर दंड मिलते रहते हैं! अथवा अध्यापकों में आपसी कलह और द्वेष के कारण तनाव बना रहता है! वहां बालकों को मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है, इस प्रकार विद्यार्थियों का मानसिक संतुलन बिगड़ने को उत्तरदायित्व विद्यालयों पर है!
6 - सामाजिक वातावरण समाज के विरोधी तत्व कभी-कभी व्यक्ति को पर्याप्त मानता नहीं प्रदान करते उसके कार्यों और विचारों का विरोध भी होता रहता है! कुछ स्वार्थी और अत्याचारी लोग कभी-कभी निर्दोष व्यक्तियों का भारी नुकसान कर देते हैं, इस प्रकार समाज के विरोध और अन्याय से लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है!
7 - आकस्मिक कारण कुछ घटनाओं और दुर्घटनाओं के कारण भी मानसिक विकास उत्पन्न हो जाते हैं! जैसे एक व्यक्ति ने एक लाख की लाटरी जीती रुपया पाते ही उसे आनंद हो गया खुशी में वह पागल हो उठा कभी-कभी अचानक होने वाली दुर्घटनाएं जैसे किसी प्रियजन की अचानक मृत्यु चोरी डकैती का अपमान होना किसी रोग से या चोट से मस्तिष्क का क्षतिग्रस्त हो जाना भी मानसिक संतुलन बिगाड़ देता है!
8 - मनोविकृति यह गंभीर मानसिक रोग है जिनके उपचार हेतु मानसिक चिकित्सालय में दाखिल होना पड़ता है! मनोविकृति से पीड़ित व्यक्तियों का अर्थात से पूरी तरह संबंध टूट जाता है वे अनेक प्रकार के प्रमुख व ग्रंथियों के शिकार हो जाते हैं! और उन्हें सत्य समझने लगते हैं! मनोविकृति के अंत र्गत ऐसे रोग आते हैं, स्थिर भ्म से ग्रस्त किसी व्यक्ति को पीड़ा कम रहने के कारण वह स्वयं को पीड़ित समझ बैठता है !
9 - योन विकृतियां मानसिक रोगी का यौन संबंधी या लैंगिक जीवन सामान्य नहीं होता योन विकृतियां मानसिक अस्वस्थता की परिचारक है! और अस्वस्थता में वृद्धि करती है, इनके प्रमुख लक्षण यह है! विपरीत लिंग के वस्त्र पहनना स्पर्श से यौन सुख प्राप्त करना स्वयं को या दूसरे को पीड़ा पहुंचा कर कम सुख प्राप्त करना बालकों पशुओं समलिंगियों तथा शव से यौन क्रियाएं करना हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन आदि!
10 - संवेगात्मक कारण संवेग भी मानसिक वेद उत्पन्न करते हैं मनुष्य में अनेक मूल प्रवृत्तियां होती हैं! जो किसी ना किसी संवेग से संबंधित होती हैं, उनमें से कुछ प्रवृतियां और संवेग अधिक प्रबल होते हैं! जैसे कम वासना का समवेत क्रोध भय आदि इनके अब दमन या व्यक्ति में केंद्रीकरण हो जाने से मानसिक असंतुलन उत्पन्न हो जाता है! किसी भी संवेग की अतिशयता शरीर में ग्रंथियों की क्रियाशीलता में तथा रक्त की रचना में स्थाई परिवर्तन उत्पन्न करती है! जो मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ देते हैं! और प्रयोग के विभिन्न मनो रोगों का अनेक संबंधित लक्षणों के साथ वर्णन किया गया है, वह आवश्यक नहीं है, कि किसी व्यक्ति में यह सभी लक्षण दिखाई पड़े इनमें से कोई एक लक्षण भी मानसिक अस्वस्थता के संकेत देता है! यह व्यक्ति में इन लक्षणों के प्रकट होते हैं उसका मानसिक उपचार किया जाना चाहिए!
Writer by - sandhya kushwaha
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