Up board live solution class- 12th शिक्षा शास्त्र पाठ 10 शिक्षा का प्रसार शैक्षिक स्तर
कक्षा 12 शिक्षा शास्त्र
पाठ- 10 शिक्षा का प्रसार ,शैक्षिक स्तर
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न- 1.शिक्षा के क्षेत्र में अपव्यय का मुख्य कारण है।
क- निर्धनता
ख- सरलता
ग- निडरता
घ- उदासीनता
उत्तर -उदासीनता
प्रश्न-2.शिक्षा के क्षेत्र में कौन सा कारक अवरोधन की समस्या नहीं है ।
क- निर्धनता
ख- अनुपयुक्त पाठ्यक्रम
ग- नीरज शिक्षण विधि
घ- व्यवस्थित विद्यालय
उत्तर व्यवस्थित विद्यालय
प्रश्न -3.ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड कब से आरंभ हुआ।
क- 1987
ख- 1988
ग- 1990
घ- 1991
उत्तर 1987
प्रश्न 4 अपव्यय एवं अवरोधन की समस्या निम्न में से किससे संबंधित है।
क- व्यवसायिक शिक्षा
ख- प्राथमिक शिक्षा
ग- प्रोड शिक्षा
घ- तकनीकी शिक्षा
उत्तर प्राथमिक शिक्षा
निश्चित उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- अवरोधन दूर करने के 2 उपाय बताइए ।
उत्तर- 1.पाठ्यक्रम को व्यवहारिक बनाया जाए।
2.कक्षा में छात्रों की संख्या अधिक होने चाहिए।
प्रश्न -2 प्राथमिक स्तर पर शिक्षा के स्तर में गिरावट का एक कारण बताइए।
उत्तर -भारत की निर्धनता।
प्रश्न 3.स्वतंत्रता के पश्चात भारत में विश्वविद्यालय शिक्षा में सुधार के लिए कौन सा आयोग गठित किया गया था।
उत्तर- राधाकृष्णन आयोग।
प्रश्न 4- वर्तमान भारत में शिक्षा परिषद का स्वरूप गुणात्मक पर आत्मक है।
उत्तर -परिणाम आत्मक संख्यात्मक।
प्रश्न 5- अवरोधन की समस्या किस स्तर की शिक्षा से संबंधित है।
उत्तर प्राथमिक स्तर से।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 -शिक्षा के प्रसार में आने वाली किन्हीं दो समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर अरुचिकर शिक्षण पद्धति- प्राथमिक विद्यालयों में प्रचलित शिक्षण पद्धति दोषपूर्ण है । अध्यापक नवीन शिक्षण पद्धति से होते हैं । उन्हें बाल मनोविज्ञान का ज्ञान नहीं होता बालक की रुचि योग्यता, क्षमता आदि की अवहेलना करके अपनी इच्छा अनुसार अध्यापन कार्य करते हैं। फल स्वरुप अधिकांश विद्यार्थियों की पढ़ाई की ओर ही समाप्त हो जाती है। वह बार-बार अनुत्तरित होते हैं और पढ़ाई छोड़ देते हैं।
प्राथमिक शिक्षा स्तर पर अपव्यय और अवरोधन अधिक है। इसके कारण छात्र अपनी शिक्षा सफलतापूर्वक नहीं भूल कर पाते वे एक ही कक्षा में कई वर्ष लगाते हैं। या बीच में ही किसी कारणवश पढ़ना छोड़ देते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 शैक्षिक स्तर के पतन के क्या कारण हैं। शिक्षा स्तर में सुधार के लिए सुझाव दीजिए।
अथवा
ऐसा कहा जाता है। कि भारत में शैक्षिक स्तर लगातार गिरता जा रहा है। आप इस कथन से कहां तक सहमत हैं। लिखिए।
उत्तर शैक्षिक स्तर का तात्पर्य- जो कुछ छात्र गण माध्यमिक विद्यालय में करते हैं। उसके धारा तली गुड को प्रकट करना ही शैक्षिक स्तर होता है। जैसे एक विद्यालय के सभी बालक भाषा में उच्च अंक प्राप्त करते हैं तो हम कह सकते हैं। कि वहां भाषा का शैक्षिक स्तर ऊंचा है। और अधिक मात्रा में फेल होते हैं। जो इस तरह निम्न है। इस प्रकार से अचित स्थल ज्ञान प्राप्त और उसके प्रयोग से संबंधित मानक हैं यह ज्ञान की गुणात्मक बताने वाला होता है।
शैक्षिक स्तर गिरने के कारण - माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा के स्तर गिरने की निम्नलिखित कारण है।
सेक्सी किस तक पहुंचा बनाए रखने की आवश्यकता - शैक्षिक स्तर काजल एक गुणात्मक मानक है। तो निश्चय ही उसे ऊंचा रखना सभी देशों की शिक्षा का लक्ष्य होता है। ऊंचा रखने की आवश्यकता निम्नलिखित दृष्टि से होती है।
प्रश्न- 2.प्रारंभिक शिक्षा की प्रगति ना होने के कारण है उसके उन्नयन के उपाय बताइए।
उत्तर प्रारंभिक शिक्षा की प्रकृति ना होने के कारण-
प्रारंभिक शिक्षा में संतोषजनक प्रगति न होने के कारण निम्नलिखित हैं।
अक्षम प्रशासनिक व्यवस्था लापरवाही और ध्यान ना होना।
जनता की गरीबी जिससे छोटे बच्चे भी कामकाज सेवा में लगाए जाते हैं।
शिक्षा जीवन के लिए उपयोगी नहीं है ऐसी धारणा होना।
अपव्यय और अवरोधन होना ग्रामों में शिक्षक विश्वविद्यालय एवं शिक्षा साधनों की आपूर्ति ना होना।
प्राथमिक शिक्षा स्तर पर कई प्रकार के विद्यालय होना बेसिक विद्यालय अंग्रेजी पद्धति के विद्यालय जिला परिषद व नगर पालिका के विद्यालय ब्लॉक स्तर पर पंचायत के विद्यालय इससे भिन्नता होने के कारण संतोषजनक प्रगति नहीं हो पाती है।
शैक्षिक स्तर के उन्नयन व सुधार के उपाय - भारत में शिक्षा के स्तर विशेष तौर से प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने वालों में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 शैक्षिक स्तर से आप क्या समझते हैं? भारत में शिक्षा के स्तर में गिरावट के कारण बताइए।
अथवा
ऐसा कहा जाता है कि भारत में शैक्षिक स्तर लगातार गिरता जा रहा है, आप इस कथन से कहां तक सहमत हैं? सविस्तार लिखिए।
अथवा
शैक्षिक स्तर के गिरावट के क्या कारण हैं इसके सुधार हेतु आप क्या सुझाव दे सकते हैं?
अथवा
शैक्षिक स्तर के हास का अर्थ क्या है? इसके क्या कारण हैं इसके सुधार के उपाय बताइए!
अपने देश में माध्यमिक शिक्षा से संबंधित कई समस्याएं पाई जाती हैं, जैसे प्रसार की समस्या, स्तर गिरने की समस्या पाठ्यक्रम की समस्या, मूल्यांकन की समस्या आदि! ये सभी समस्याएं महत्वपूर्ण हैं फिर भी प्रश्न के अनुसार हम यहां पर केवल शैक्षिक स्तर के उन्नयन की समस्या पर विचार करेंगे!
शैक्षिक स्तर के निम्न होने के कारण
शैक्षिक स्तर के निम्न होने का कोई एक कारण नहीं है अपितु बहुत सारे कारण हैं जो बालकों के शैक्षिक स्तर को निम्न करने में योगदान प्रदान कर रहे हैं
1 विद्यालयीय सुविधाओं का पर्याप्त ना होना
धना भाव के कारण विद्यालयों में शिक्षण उपकरण तथा अन्य सुविधाओं का अभाव भी शिक्षा के स्तर का निर्धारण करता है, सरकार इस दिशा में उदासीन है! जबकि यह महत्वपूर्ण आवश्यकता है, इस आवश्यकता के बिना शिक्षण कार्य सही ढंग से नहीं हो सकता है!
2 दोषपूर्ण शिक्षण विधियां
हमारे देश के शिक्षकों ने पुराने पद्धतियों का आज भी प्रयोग कर रहे हैं! नवीन तथा मनोवैज्ञानिक शिक्षण पद्धतियों को अपनाने में उनकी कोई रुचि नहीं होती है! सिर्फ विषय वस्तु को पूरा कराना मात्र उनका ध्येय होता है! शिक्षकों को नवीन तथा आकर्षक विषय वस्तु को बच्चों को उनका ध्येय होता है शिक्षकों को नवीन तथा आकर्षक विषय वस्तु को बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करने में उचित शिक्षण विधि बहुत उपयोगी है!
3 अनुप्रयुक्त पाठ्यक्रम
भारतवर्ष में शिक्षा का पाठ्यक्रम सैद्धांतिक अधिक है व्यवहारिक कम केवल सिद्धांतों को रख लेना ही छात्रों का उद्देश्य रह जाता है! उनको व्यवहार में लाने की तरफ उनकी रूचि नहीं होती है!
4 शिक्षा सहायक सामग्री का अभाव
भारतवर्ष में नित्य नए विद्यालयों की संख्या तो बढ़ती जा रही है! परंतु विद्यालयों में ना तो पर्याप्त शिक्षक ही पहुंच पाते हैं ,ना यह पर्याप्त शिक्षण सामग्री परिणाम स्वरूप शैक्षिक स्तर प्रभावित होता है!
5 दोस्तपुर परीक्षा प्राणाली-
भारतवर्ष में संचालित परीक्षाओं में केवल स्मरण शक्ति की परीक्षा लेने की परंपरा है! शिक्षा का समस्त ढांचा परीक्षण केंद्रित है! परीक्षा प्राणाली भारतवर्ष की सबसे कमजोर कड़ी है! जो व्यक्ति तथा राष्ट्र दोनों के लिए हानिकारक है, माध्यमिक शिक्षा आयोग के अनुसार वास्तव में परीक्षा के संपूर्ण प्रयासों का बलिदान किया जा रहा है! विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग में ठीक ही कहा गया है! कि यदि विश्वविद्यालय शिक्षा में केवल एक ही सुधार करना है! तो वह है परीक्षाओं के आधार पर सुधार किया जाए!
6 अनुशासनहीनता
राजनीति की अनुशासनहीनता की छाव विद्यार्थियों पर भी पड़ने लगी है! कक्षा कक्ष अध्ययन अध्यापन का केंद्र ना होकर सकरी राजनीति का केंद्र बनता जा रहा है!
7 दोषपूर्ण मूल्यांकन पद्धति
स्तर के गिरावट का एक महत्वपूर्ण कारण दोष पूर्व परीक्षा एवं मूल्यांकन प्राणाली है! कटोरी आयोग ने मूल्यांकन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए लिखा था मूल्यांकन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो शिक्षा की संपूर्ण प्राणाली का एक अभिन्न अंग है जिसका शैक्षिक उद्देश्यों से घनिष्ठ संबंध है!
प्रश्न 2 माध्यमिक शिक्षा की मुख्य समस्याएं क्या है इन समस्याओं के समाधान के उपाय बताइए
माध्यमिक शिक्षा के प्रसार से संबंधित समस्याएं
माध्यमिक शिक्षा की प्रगति में बाधा डालने वाली समस्या निम्नलिखित हैं
1 उद्देश्यविहीनता की समस्या
माध्यमिक शिक्षा की सबसे प्रमुख समस्या उसकी उद्देश्य विभिनता है! आज काल भी माध्यमिक शिक्षा का उद्देश्य या तो विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करना अथवा क्लर्क बना देना है! खेद का विषय है, कि अधिकांश विद्यार्थी अपने सच्चे प्रयत्नों के अंतिम लक्ष्य के विषय में नितांत अन्य भिज्ञ होते हैं!
2 अनुपयुक्त पाठ्यक्रम
माध्यमिक शिक्षा की दूसरी गंभीर समस्या पाठ्यक्रम के है हमारी माध्यमिक शिक्षा ने समय की गति के साथ पाठ्यक्रम में किसी प्रकार का परिवर्तन करने का सार्थक प्रयास नहीं किया पाठ्यक्रम एक मार्ग है जिसके कारण छात्रों को अपनी रुचि के अनुकूल विषयों के चयन करने का अवसर नहीं मिलता दूसरी बात यह है कि पाठ्यक्रम का वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है!
शिक्षा का वशीकरण छात्रों के भावी जीवन को ध्यान में रखते हुए तथा उनकी अभिव्यक्ति के अनुसार किसी विशेष कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में व्यवसायिक पाठ्यक्रम की आवश्यकता की जानी चाहिए।
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