Up board live solution class- 12th शिक्षा शास्त्र पाठ- 9 पर्यावरण को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक आपदाएं

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Up board live solution class- 12th शिक्षा शास्त्र पाठ- 9 पर्यावरण को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक आपदाएं

Up board live solution class- 12th शिक्षा शास्त्र पाठ 9 पर्यावरण को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक आपदाएं।

कक्षा 12 शिक्षा शास्त्र

पाठ - 9  पर्यावरण को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक आपदाएं

( आग, सूखा ,बाढ़, भूकंप ,समुद्री, लहरें आदि) 

बहुविकल्पी प्रश्न 


प्रश्न 1 भूकंप की तीव्रता मापने का पैमाना है। 

(क) न्यूटन स्केल 

(ख) रिक्टर स्केल

(ग) आकिमिडीज स्केल

(घ) एवरेस्ट स्केल


उत्तर रिक्टर स्केल


प्रश्न  2 सर्वाधिक भूकंप किस देश में आते हैं? 

(क) जापान

(ख) चीन

(ग) श्रीलंका

(घ) इंडोनेशिया


उत्तर जापान


प्रश्न 3 भूकंपीय हाल चलो का मापन किस यंत्र द्वारा किया जाता है? 

(क) बैरोमीटर

(ख) सीस्मोग्राफ

(ग) क्लाइमोग्राफ

(घ) हाइड्रोमीटर


उत्तर सीस्मोग्राफ


प्रश्न 4   विश्व की प्रमुख आपात स्वयंसेवी संस्था है? 

(क) रेड क्रॉस

(ख) रेड सर्कल

(ग) रेड ट्रायंगल

(घ) रेड लाइन


उत्तर रेड क्रॉस


निश्चित उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1  आपदा का क्या अर्थ है? 

उत्तर आपदा का अर्थ है विपत्ति! 


प्रश्न 2  आपदा को परिभाषित कीजिए? 

उत्तर  अचानक होने वाली ऐसी विध्वंस कारी करना जिससे व्यापक स्तर पर जैविक एवं भौतिक क्षति होती है, आपदा कहते हैं! 


प्रश्न 3   प्राकृतिक आपदाओं के नाम बताइए? 

उत्तर  भूस्खलन ,भूकंप ,बाढ़, सूखा, बादल, का फटना चक्रवाती तूफान आदि है! 


प्रश्न 4   बिहार का शोक किस नदी को कहते हैं? 

उत्तर  कोसी नदी को! 


प्रश्न 5 सूखा का कोई एक प्रभाव बताइए? 

उत्तर  फसलों के नष्ट हो जाने से खा दांत की कमी हो जाती है! 


प्रश्न 6 बंगाल का शोक किस नदी को कहते हैं

उत्तर    दामोदर नदी को! 


अति लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न  1  सूखा क्या है? 

उत्तर  सूखा वह स्थिति है जिसमें कृषि, पशुपालन तथा मनुष्यों को जल की प्राप्ति समानता व आवश्यकता से कम होती है! स्वस्थ तथा अदृ शुष्क प्रदेशों में एक समान समस्या है ! कभी-कभी पर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र भी इससे प्रभावित हो जाते हैं अकाल की अवधि कुछ महीनों तथा कई वर्षों तक बनी रह सकती है! मानसूनी वर्षा वाले क्षेत्र से अधिक प्रभावित होते हैं ! भारत एक मानसूनी जलवायु वाला क्षेत्र है अतः अपार तथा सूखा दोनों की समस्या प्राय: बनी रहती है! 


प्रश्न 2  सुनामी से क्या आशय है? 


अथवा


सुनामी से आप क्या समझते हैं? 


उत्तर - जब समुद्री लहरें तेज गति से तट की ओर बढ़ती हैं तो उन्हें सुनामी कहते हैं! इन लहरों की ऊंचाई 15 मीटर तथा गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती हैं! 


प्रश्न 3 प्राकृतिक आपदा का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए! 


अथवा


आपदा से आप क्या समझते हैं? 

उत्तर  प्राकृतिक आपदा -


 मानव पर दुष्प्रभाव डालने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों को प्राकृतिक आपदाएं कहते हैं इनमें से कुछ हैं ज्वालामुखी विस्फोट भूकंप सागर कंप (जैसे सुनामी) सूखा , बाढ़, मृदा - अपरदन अपवान, पंक प्रभाह, हिमाधाव  आदि! 


प्रश्न 4 - भूकंप आने के प्रमुख कारणों को स्पष्ट कीजिए! 

उत्तर  भूकंप के कारण -


  भूकंप की उत्पत्ति के प्रमुख कारण निम्न प्रकार है जब कोई ज्वालामुखी तेजी से लावा आदि द्रव पदार्थ फेकता है! तो आसपास की भूमि कापने लगती है! और भूकंप आ जाता है, पर्वतों पर भूस्खलन होने से भी भूकंप आता है, जब समुद्र का जल किसी दरार में होकर स्वीकृति श्री गर्म बाघ में पहुंच जाता है तो भाप बन जाती है यह भाग बलपूर्वक बाहर निकलने का प्रयास करती है! जिससे सर्दी में भूकंप आ जाता है ! पृथ्वी का आंतरिक गर्म बाघ धीरे-धीरे ठंडा होता रहता है जिससे उनकी उपरी भाग की संरचना की चट्टानों का संतुलन बिगड़ जाता है! तो इसे ठीक करने के लिए भूगर्भ मे लावा इधर उधर होता है! जिससे भूकंप आता है! धरती से जल्द खनिज तेल वह वगैरह का अत्यधिक दोहन करने के कारण भीतर स्थान खाली हो जाता है उसे भरने के लिए भूमि में हलचल होती है और भूकंप आता है! 


लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1 आपदाओं के प्रमुख प्रकारों की विवेचना कीजिए? 


उत्तर ( 1)  आकस्मिक रूप से घटित होने वाली आपदाएं  -


कुछ आपदाएं या प्राकृतिक घटनाएं ऐसी हैं जो एकाएक या आकस्मिक रूप से घटित हो जाती हैं! तथा अल्प समय में ही गंभीर प्रतिकूल प्रभाव डाल देती हैं ! इनकी ना तो कोई पक्की पूर्व सूचना होती है और ना निश्चित भविष्यवाणी एक की जा सकती है!

 

(2) धीरे-धीरे अथवा कमश: आने वाली  आपदाएँ  दूसरे वर्ग में उन आपदाओं को सम्मिलित किया जाता है जो आकस्मिक रूप से नहीं बल्कि धीरे-धीरे आती हैं! तथा उनकी गंभीरता क्रमश: बढ़ती है इस वर्ग की आपदाओं की समुचित पूर्व सूचना होती है तथा उनकी भावी गंभीरता की भी भविष्यवाणी की जा सकती है! इस वर्ग की आपदाओं के पीछे  प्राकृतिक कारणों के साथ ही साथ मनुष्य के  प्रबंधन या पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ संबंधी कारक भी नियत होते हैं! 

 

(3) मानव जनित अथवा सामाजिक आपदाएं  तीसरे वर्ग की आपदाओं को हम मानव जनित अथवा सामाजिक आपदाएं कहते हैं ! इस प्रकार की आपदाओं के लिए कोई भी प्राकृतिक कारक जिम्मेदार नहीं होता है बल्कि यह अदाएं मान भी लापरवाही को कुप्रबंधन नियंत्रण अथवा समाज विरोधी तत्वों की गतिविधियों के परिणाम स्वरूप उत्पन्न होती हैं! 


(4) जैविक आपदा या महामारी चतुर्थ वर्ग की आपदाओं में उन आपदाओं को सम्मिलित किया जाता है! जिनका संबंध मनुष्यों के शरीर एवं स्वस्थ से होता है! साधारण शब्दों में कह सकते हैं ! कि व्यापक स्तर पर फैलने वाले संक्रमण एवं घातक रोगों को इस वर्ग की आपदा माना जा सकता है उदाहरण के लिए एक समय था जब प्लेग हैजा है!  चेचक आदि संक्रामक रोग प्रायः गंभीर आपदा के रूप में देखे जाते थे! 


प्रश्न 3 बाढ़ आपदा प्रबंधन को समझाइए


उत्तर बाढ़ आपदा प्रबंधन  -

 बाढ़ नियंत्रण के प्रयासों में मानव को काफी सफलता मिली है! बाढ़ नियंत्रण का प्रबंधन को जल संग्रह क्षेत्र के व्यापक परिप्रेक्ष्य को देखते हैं! वह समिति प्रयास किए जाने चाहिए!

 

1 बाढ़ नियंत्रण केंद्रों की स्थापना कर मौसम की भविष्यवाणी के साथ ही नदी नालों के कदमों के निशान तक पहुंचने की चेतावनी का व्यापक प्रचार करना! 


2 बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को शीघ्र सुरक्षित निकालकर सर्वजनिक भावनाओं या अस्थाई फोन वर्ष केंद्रों पर पहुंचाना! 


भोजन वस्त्र दवाइयां इत्यादि राहत सामग्री पहुंचाना! 


बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में कोई महामारी नहीं फैले इसके लिए मृत जानवरों को शीघ्र हटाने तथा लोगों को विभिन्न रोगों से बचाव के टीके लगाना! 


बालों पर नियंत्रण के दीर्घकालीन उपायों के अंतर्गत नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में वनों की कटाई पर रोक के साथ ही वृक्षारोपण करना आवश्यक है! 


विस्तृत उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1   राष्ट्रीय आपदा से क्या अभिप्राय है? प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?

 

आपदा प्रबंधन


प्राकृतिक पर्यावरण में अचानक होने वाला विशाल परिवर्तन है जिसकी जानकारी पहले से नहीं होती है! और जिसका मानव तथा मानवीय क्रियाएं पर प्रतिकूल एवं हानिकारक प्रभाव पड़ता है! इसमें जन धन की अपार क्षति होती है! ज्वालामुखी उद्गगार भूकंप, और बाढ़, सूखा , हिमपात , ओलावृष्टि भयंकर , तूफान विभिन्न प्रकार की महामारी तथा मनुष्यों पशुओं और पौधों की बीमारियां आदि प्राकृतिक संकट के अंतर्गत आते हैं! 

उन समस्त घटनाओं या दुर्घटनाओं को जो या तो प्राकृतिक कारणों या मानव जनित कारकों से घटित होती है! चरम घटना कहते हैं ! जो कभी कभी घटित होती है यह प्राकृतिक परिस्थितिकी तंत्र के जैविक एवं जैविक से एवं अजैविक शक्ति से बहुत अधिक हो जाती हैं! तथा घटना क्षेत्र में प्रलय कार्य स्थिति उत्पन्न हो जाती है! यह चरम घटनाओं विश्व स्तर पर विभिन्न समाचार माध्यमों रेडियो टेलीविजन समाचार पत्रों की प्रमुख सुर्खियां बन जाती हैं! 


आपदा प्रबंधन की परिभाषा   आपदा का अर्थ है विपत्ति अचानक होने वाली ऐसी विध्वंस कारी घटना जिससे व्यापक स्तर पर जैविक एवं भौतिक शक्ति होती है! आपदा कहते हैं! पाय: प्रकोप एवं आपदा शब्दों का प्रयोग समानार्थी रूप में किया जाता है! किंतु इनकी परिणति में अंतर है आपदा के साथ जन धन की व्यापक क्षति जुडी होती है! 


आपदा पर नियंत्रण   सूखा जैसी प्राकृतिक आपदा पर पूर्ण नियंत्रण तो नहीं किया जा सकता किंतु निम्न उपायों से इस आपदा से निपटा जा सकता है


वनों के संरक्षण के साथ ही भौगोलिक दशाओं के अनुरूप बच्चों का चयन करते हुए वनरोपण करना


छोटे छोटे तालाब व एनीकट बनाकर वर्षा जल का अधिकाधिक संग्रहण


जल की प्रत्येक बूंद का सही उपयोग तथा सीमित जल संसाधनों के अनुरूप जीवन शैली अपनाना


जल के पारंपरिक स्रोतों जैसे कुवा बावड़ी जोहड टांका आदि की अपेक्षा ना कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाए


1  जल की उपलब्धता  अग्निकांड स्थल के निकट जल की उपलब्धता बचाव का प्राथमिक उपाय है पानी के छिड़काव से अग्नि बुझाना पारंपरिक और सर्वोत्तम उपाय है


2  अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता अग्नि कांड कल के अनुसार अग्नि शमन सिलेंडरों की उपलब्धता बचाव का विश्वसनीय उपाय है इन सिलेंडरों में बरी गैस आग बुझाने में तत्काल सफल होती है इसलिए रेलवे स्टेशन औद्योगिक संस्थानों एवं महत्वपूर्ण स्थलों पर इसकी उपलब्धि सदैव रहती है


निकटवर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा - अग्निकांड स्थल पर अग्नि का विस्तार ना हो इसके लिए निकटवर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा का अभी तत्काल उपाय कराना चाहिए ,यदि ऐसा नहीं किया गया।। तो अग्निकांड विस्तृत क्षेत्र में फैल जाएगा ऐसी परिस्थितियां उपस्थित होने पर आग पर काबू पाना आसान नहीं होगा। 


प्रश्न 2- आपदा से आप क्या समझते हैं आपदा के प्रकार बताइए। 


अथवा


प्रकृति आपदाओं के प्रकार बताइए इनमें से किन्हीं दो का वर्णन कीजिए। 


अथवा


आपदा से आप क्या समझते हैं। आपदा के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।


आपदा की परिभाषा -


 आपदा का अर्थ है। विपत्ति अचानक होने वाली ऐसी विध्वंस कारी घटना जिससे व्यापक स्तर पर दैविक एवं भौतिक  क्षति होती है, आपदा कहते हैं प्रिया प्रकोप एवं आपदा शब्दों का प्रयोग समानार्थी रूप में किया जाता है। किंतु इनकी परिवर्ती में अंतर है आपदा के साथ जन धन की व्यापक क्षति जुड़ी होती है। 


बाढ़ आपदा


बाढ़ का तात्पर्य किसी क्षेत्र में निरंतर वर्षा होने या नदियों का जल फैल जाने से उस क्षेत्र का जलमग्न होना है। वर्षा काल में नदियों का जलस्तर वर्षा के कारण अपने स्तर से ऊपर बहने लगता है। और तत्वों को छोड़कर निकटवर्ती क्षेत्रों में फैल जाता है। जिससे आसपास का संपूर्ण क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। ऐसी स्थिति में नदियों के किनारे स्तर गांव तथा नगरों की स्थिति भयावह हो जाती है। वास्तव में बाढ़ एक प्राकृतिक घटना है। किंतु यह है मानव जीवन में संपन्न देश को हानि पहुंचाती है। तो यह प्रकृति आपदा बन जाती है। विश्व की प्रमुख नदियों जो बाढ़ के लिए प्रसिद्ध है। उनके नाम इस प्रकार हैं। गंगा ,यमुना, राम गंगा ,गोमती ,घाघरा गंडक ,कोसी ,दामोदर ,ब्रह्मपुत्र ,कृष्ण गोदावरी, अधिक (भारत),सिंधु पाकिस्तान, जिला, इराक  शोक तथा कोसी नदी बिहार का शोक कहीं जाती है। ब्रह्मपुत्र नदी को असम का शोक कहते हैं। 


बाढ़ के कारण


  1. भारत में भारी मानसूनी वर्षा या चक्रवृद्धि वर्षा से नदियों का जलस्तर कितना बढ़ जाता है। कि वह शर्ट बंधुओं को तोड़कर आसपास के क्षेत्रों को जलमग्न कर देता है। इससे बाढ़ का आना स्वाभाविक है। 


  1. भूस्खलन भी बाढ़ का एक कारण है। कि उसे नदी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है जिससे उसका जल आसपास के क्षेत्रों में फैल जाता है। 


  1. वनों के कटाव के कारण भी भारी संभावनाएं बड़े देंगे हिमालय में बड़े पैमाने पर वन विनाश ही हिमालई नदियों में बाढ़ का कारण है।


सूखा


बाढ़ के सामान सूखा भी एक प्राकृतिक आपदा है। आमतौर पर किसी भी क्षेत्र में होने वाली सामान्य वर्षा 25% से 50% कमी होने पर सूखा की स्थिति मानी जाती है। जब सामान वर्षा में 50% से भी अधिक कमी आए अथवा किसी क्षेत्र में निरंतर 2 वर्षों तक सूखे की स्थिति बनी रहे तो उसे जल का स्तर काफी गिर जाता है। चाय पानी के अभाव में पशुधन की व्यापक हानि होती है। जल के अभाव में कृषि नहीं होने से खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो जाता है। इससे भुखमरी व बेरोजगारी बढ़ती है किसी क्षेत्र में साल दर साल सूखा की पूर्ण आवृत्ति होने पर इसकी भयावहता बढ़ जाती है। अनाज आर्य व पानी की कमी होने पर अकाल का त्रिकाल की संज्ञा दी जाती है। 

सूखा का अकाल पड़ने पर बड़ी संख्या में लोग पशुधन के साथ पलायन कर जाते हैं इससे अर्थव्यवस्था कमजोर होती है, तथा विकास कार्य ठप हो जाते हैं। इथियोपिया में बड़े भयंकर सूखा से देश की समूची अर्थव्यवस्था ही ठप हो गई थी राजस्थान सूखा से सर्वाधिक प्रभावित होने वाला राज्य है अकाल का पर्याय बन चुके मारवाड़ क्षेत्र ने तो स्वतंत्र के 50 अकाल  है। 


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Writer by - roshani kushwaha

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