क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ, प्रकार, परिभाषाएं एवं उद्देश्य / Action Research Meaning, Types and definitions
क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ, प्रकार, परिभाषाएं एवं उद्देश्य / Action Research Meaning, Types and definitions
क्रियात्मक अनुसंधान : (Action research)
किसी समस्या का तत्कालिक या त्वरित समाधान क्रियात्मक अनुसंधान कहलाता है । इसमें किसी स्थानीय परिवेश या दैनिक जीवन से सबंधित व्यवहारिक समस्याओं को रखा गया है। जिन्हें लम्बे समय तक टोला नहीं जा सकता है।
इसे एक शैक्षिक नवाचार में रखा गया है तथा इसे प्रयोग करने का श्रेय स्टीफेन एम. कोरे को दिया गया है ।
क्रियात्मक अनुसंधान की विशेषताएं: -
(Features of Action Research)
1- क्रियात्मक अनुसंधान किसी समस्या का तत्काल या
त्वरित समाधान होता है।
2- क्रियात्मक अनुसंधान केवल वही व्यक्ति कर सकता है जो उस समस्या से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ होता है।
3- क्रियात्मक अनुसंधान की विषयवस्तु दैनिक या व्यवहारिक जीवन से संबंधित होती है।
4- यह विद्यालयी जीवन की दैनिक व वास्तविक समस्याओं का एक समाधान है।
5- क्रियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य विद्यालयी कार्य प्रणाली में सुधार करना है।
6- यह अनुसंधान बहुत ही सीमित तथा निर्धारित समय में पूरा किया जाता है ।
क्रियात्मक अनुसंधान के प्रकार :
(types of action research)
क्रियात्मक अनुसंधान 4 प्रकार का होता है।
1- निदानात्मक क्रियात्मक अनुसंधान (Diagnostic action research)-
2- सहभागी क्रियात्मक अनुसंधान-
(participatory action research)
3- अनुभूति मूलक क्रियात्मक अनुसंधान -
(cognitive action research)
4 - प्रयोगात्मक / क्रियात्मक /प्रयोगिक अनुसंधान-
(Experimental / Action / Experimental Research)
1- निदानात्मक क्रियात्मक अनुसंधान
(Diagnostic action research)-
जब किसी शोध समस्या का उद्देश्य समस्या के कारणों को जानकर उसे दूर करने का प्रयास करना होता है । तब उसे निदानात्मक क्रियात्मक अनुसंधान कहा जाता है।
जैसे - यदि कोई विद्यार्थी परीक्षा में नकल करता हुआ पकड़ा जाए तो उस बालक की समस्याओं को जानना तथा उसे दूर करने का प्रयास करना निदानात्मक क्रियात्मक अनुसंधान कहलाएगा।
2.सहभागी क्रियात्मक अनुसंधान (participatory action research) :
जब किसी शोध समस्या को उस समस्या से सम्बन्धित सभी व्यक्ति मिलजुल कर हल करने का प्रयास करते है तो इसे सहभागी क्रियात्मक अनुसंधान कहा जाता है।
जैसे: पर्यावरण कार्यक्रम को विद्यालय में प्रभावी बनाने के लिए जब अध्यापक छात्र तथा संस्था से जुड़े सभी लोग उस पर मिलजुल कर कार्य करते है । तो उसे सहभागी क्रियात्मक अनुसंधान कहते हैं।
3- अनुभूति मूलक क्रियात्मक अनुसंधान (cognitive action research):
जब किसी समस्या को महसूस करने वाला स्वयं ही उस समस्या को हल करने का प्रयास करता है। तो उसे अनुभूति मूलक अनुसंधान कहा जाता है।
जैस - अध्यापक द्वारा अपनी शिक्षण विधियों में सुधार करना ।
4- प्रयोगात्मक/क्रियात्मक / प्रायोगिक अनुसंधान (Experimental / Action / Experimental Research) :
जब किसी अनुसंधान को करने के पश्चात उससे प्राप्त परिणाम के प्रभाव को दूसरो पर देखा जाता है तो उसे प्रयोगात्मक क्रियात्मक अनुसंधान कहा जाता है।
जैसे- शिक्षण प्रक्रिया में नवाचारों के प्रयोग का प्रभाव छात्रों में देखा जाता है।
क्रियात्मक अनुसंधान के चरण / सोपान (Steps of Action Research) :
1- समस्या की पहचान करना
2- परिकल्पना निर्माण करना
3- शोध रूपरेखा तैयार करना आकड़ो का चयन व एकत्रीकरण करना-
4- परिकल्पना व आंकड़ों का परीक्षण
5- निष्कर्ष निकालना / समस्या समाधान करना
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