स्कीनर के सीखने का सिद्धांत// स्कीनर का क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत।
अमेरिकी मनोवैज्ञानिक स्कीनर (B.F Skinner) ने सीखने की प्रक्रिया के स्वरूप समझने के लिए सर्वप्रथम अन्य वैज्ञानिकों द्वारा किए गए प्रयोगों के निष्कर्षों और सिद्धांतों का अध्ययन किया और पावलोव के प्रत्यावर्तन (Reflex Action) और पुनर्बलन (Reinforcement) को समझा उसके बाद उन्होंने स्वतंत्र रूप से प्रयोग किए इस संदर्भ में में उनके दो प्रयोग- एक चूहे पर तथा दूसरा कबूतर पर किए गए प्रयोग प्रमुख है।
स्कीनर का क्रिया प्रसूत सिद्धांत-
बीएफ इस करने अधिगम के क्षेत्र में अनेक प्रयोग करते हुए यह निष्कर्ष निकाला कि अभिप्रेरणा से उत्पन्न क्रियाशील ही सीखने के लिए उत्तरदाई है। उन्होंने दो प्रकार की क्रियाओं पर प्रकाश डाला क्रिया प्रसूत वा उद्दीपन प्रसूत जो क्रियाएं उद्दीपन के द्वारा होती हैं वे उद्दीपन आधारित होती हैं। क्रिया प्रसूत का संबंध किसी ज्ञात उद्दीपन से ना होकर उत्तेजना से होता है।
स्किनर ने अपना प्रयोग चूहों पर किया। इससे लीवर वाला बॉक्स (स्किनर बॉक्स) बनवाया। लीवर पर चूहे का पैर पढ़ते ही खट की आवाज होती थी इस ध्वनि को सुन चूहा आगे बढ़ता और उससे प्याले में भोजन मिला। यह भोजन चूहे के लिए प्रबलन का कार्य करता। चूहा भूखा होने पर प्रणोदित होता और लीवर को दबाता।
इन प्रयोगों में जल प्राणी स्वयं कोई वांछित व्यवहार करता है तो बिहार के परिणाम स्वरूप उससे पुरस्कार प्राप्त होता है। अन्य व्यवहारों के करने पर उसे सफलता प्राप्त नहीं होती वह पुरस्कृत व्यवहार आसानी से सीख लेता है।
क्रिया प्रसूत अनुबंधन का शिक्षा में महत्व-
इसका प्रयोग बालकों के शब्द भंडार में वृद्धि के लिए किया जाता है।
शिक्षक इस सिद्धांत के द्वारा सीखे जाने व्यवहार को स्वरूप प्रदान करता है वह उद्दीपन पर नियंत्रण कर के वांछित व्यवहार का सृजन कर सकते हैं।
इस सिद्धांत में सीखी जाने वाली क्रिया को छोटे-छोटे पदों में विभाजित किया जाता है। शिक्षा में इस विधि का प्रयोग करके सीखने में गति और सफलता दोनों मिलती हैं।
स्किनर का मत है जब भी कार्य में सफलता मिलती है तो संतोष प्राप्त होता है। यह संतोष क्रिया को बल प्रदान करता है।
इसमें पुनर्बलन को बल मिलता है अधिकाधिक अभ्यास द्वारा की क्रिया को बल मिलता है।
यह सिद्धांत जटिल व्यवहार वाले तथा मानसिक रोगियों को वांछित व्यवहार के सीखने में विशेष रूप में से सहायक होता है।
दैनिक व्यवहार में हम इस सिद्धांत का बहुत प्रयोग करते हैं।
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स्कीनर के सीखने का सिद्धांत// स्कीनर का क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत। |
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