व्यवसायिक शिक्षा पर निबंध || (Evocational Education Essay) Hindi mein
प्रस्तावना - शिक्षा के विभिन्न आयामों में रोजी-रोटी व रोजगार का सर्वकालिक महत्व है। इसी दृष्टि से विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन देश के उत्कृष्ट संस्थानों द्वारा किया जा रहा है। युवाओं को अपने सुनहरे भविष्य के चयन व प्रशासन के लिए विशेष परामर्श व दिशा निर्देशन की आवश्यकता है।
ये दुनिया हुनरदार लोगों को ही पूछती है। पहले मां बाप अपने बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर बनाना ही पसंद करते थे, क्योंकि केवल इसी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सुनिश्चित हुआ करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है प्रशिक्षण और कुशलता हमारी कैरियर रूपी ट्रेन का इंजन है जिसके बिना हमारी जिंदगी की गाड़ी चल ही नहीं सकती इसलिए अगर जीवन में आगे बढ़ना है सफल होना है इस स्किल्ड तो होना ही पड़ेगा।
व्यवसायिक शिक्षा का अर्थ
व्यवसायिक शिक्षा को अंग्रेजी में vocational education कहते हैं। शिक्षा को व्यवसाय के साथ जोड़ना ही व्यवसायिक शिक्षा कहलाती हैं। यह शिक्षा आधुनिक युग की नई मांग है। व्यवसायिक शिक्षा अथवा शिक्षा का व्यवसायीकरण का अर्थ क्या है क्या? समान शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक आर्थिक जीवन के लिए उपयोगी शिल्पो एवं व्यवसाय का ज्ञान प्राप्त करना 'शिक्षा का व्यवसायीकरण, है।
शिक्षा और व्यवसाय जीवन के दो पहिए
शिक्षा और व्यवसाय जीविका रूपी रथ के दो पहिए हैं। शिक्षा के बिना जीव को परिजन संभव नहीं व्यवसाय बिना शिक्षा व्यर्थ है। आता शिक्षा और व्यवसाय एक दूसरे के पूरक है मानवीय प्रगति के संभल है। राष्ट्रीय विकास के उपकरण हैं। आर्थिक उन्नति के परिचायक हैं। प्राचीन युग में शिक्षा ग्रहण करने का उद्देश्य ज्ञानाजन करना था। इसलिए सिद्धांत वाक्य बना ज्ञान प्रति मनुजस्थ नेत्रम् (ज्ञान मनुष्य का तृतीय नेत्र है।) उस समय शिक्षा केवल धन धनोपार्जन का माध्यम नहीं थी। हाँ विद्या अर्थ कारी होनी चाहिए। यह विचार निश्चित ही था। जीव लोक के छय सुखो में अर्थ करी विद्या को भी एक सुख माना गया था।
व्यवसायिक शिक्षा का अर्थ। व्यवसायिक शिक्षा क्या है। व्यवसायिक शिक्षा किसे कहते हैं
व्यवसायिक शिक्षा को अंग्रेजी में Vocational education कहते हैं। शिक्षा को व्यवसाय के साथ जोड़ना ही व्यवसायिक शिक्षा कहलाती है। यह शिक्षा आधुनिक युग की नई मांग है। 'व्यवसायिक शिक्षा' अथवा शिक्षा का व्यवसायीकरण' का अर्थ क्या है? सामान्य शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक आर्थिक जीवन के लिए उपयोगी शिल्पो एवं व्यवसाय का ज्ञान प्राप्त करना शिक्षा का व्यवसायीकरण' है।
व्यवसायिक शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना 2005 (NCF 2005) मैं भी सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में उसी शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्थान दिया जाता है। जो छात्रों को जीविकोपार्जन करने योग्य बनाए। शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसायिक शिक्षा को जोड़ने का प्रथम प्रयास कोठारी आयोग 1964 ने किया। इस आयोग ने सरकार को माध्यमिक शिक्षा के व्यवसायीकरण का सुझाव दिया। व्यवसायिक शिक्षा छात्रों को व्यवसाय एवं व्यवसाय संबंधित योग्यता प्राप्त कराने का अवसर प्रदान करती है।
व्यवसायिक शिक्षा की समस्याओं का समाधान
व्यवसायिक शिक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए प्रमुख सुझाव कुछ इस प्रकार हैं -
दृष्टिकोण में परिवर्तन (change in attitude) शारीरिक श्रम के प्रति जनता का दृष्टिकोण बदलना आवश्यक है। इसके लिए सरकार एवं समाज संस्थाओं का कर्तव्य है कि वे जनता को शारीरिक श्रम के महत्व से अवगत कराएं।
पर्याप्त संख्या में विद्यालयों की स्थापना (Increase in the number of vocational all schools) सरकार को विभिन्न स्तर की व्यवसायिक शिक्षा संस्थाओं का स्थापना करनी चाहिए। जिससे कि व्यवसायिक शिक्षा की महत्वता को लोग जान सके।
विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहन (Encouragement to the teachers for teaching in vocational schools) तकनीकी विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस शिक्षा के अभाव की समस्या तभी हल की जा सकती है। जब सरकार इन विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन में सुधार लाकर उनके समस्याओं का समाधान करें इन्हें सुधारने से शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
प राष्ट्रीय भाषा एवं मातृभाषा शिक्षा का माध्यम (national language or mother tongue is the medium of the instruction) हिंदी को व्यवसायिक एवं तकनीकी शिक्षा का माध्यम बनाया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि हिंदी भाषा में समस्त व्यावसायिक पुस्तकों का अनुवाद कराया जाएगा।
रोजगार की नए आयाम -
पहले बड़ी ही सीमित अवसर होती थे, रोजगार पाने की कारर्पेंट्री, वेल्डिंग, ऑटो-मोबाइल जैसे क्षेत्रों तक ही सीमित थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बहुत सारे नए नए क्षेत्रों का विकास हो गया है, जैसे इवेंट, मैनेजमेंट, टूरिस्ट, मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, कंप्यूटर नेटवर्क मैनेजमेंट, इत्यादि ऐसे कुछ क्षेत्र हैं, जिसमें आप निपुण होकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। कुशल हाथ ही एक नए और बेहतर कल का रचयिता हो सकता है। जब हर हाथ में हुनर होगा तभी हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा हो पाएगा।
भारत में व्यवसायिक शिक्षा की स्थिति
हमारा देश युवाओं का देश है। आज का परिदृश्य उठा कर देखो तो बढ़ती हुई बेरोजगारी सर्वाधिक चिंता का विषय है। इसका निराकरण करना केवल सरकार की ही नहीं अपितु आम नागरिक का भी है, और केवल तभी संभव है आम आदमी स्किल्ड होकर रोजगार का सृजन करें। सवा सौ करोड़ की आबादी वाला हमारा देश और सभी के लिए रोजगार उगा पाना सरकार के लिए भी नामुमकिन है। रोजगारी का अंत तभी संभव है, जब आम आदमी अपना उद्यम स्वयं सृर्जित करें और यह तभी हो सकता है जब हर हाथ हुनरमंद हो।
केवल 25% स्नातकों को ही जॉब मिल पाती है। क्योंकि बाकी के 75% प्रशिक्षित होते ही नहीं। देश में रोजगार के बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है कि सभी को रोजगारोन्मुख कौशल प्रदान करना। आज हमारे देश में कौशल बुद्ध और विशेषज्ञ लोगों की मांग बढ़ रही है। वोकेशनल शिक्षा नौकरी पाने में जॉब सीकर्स की मदद करती है। साथ ही उन्हें उपयुक्त ट्रेनिंग और कौशल प्रदान करती है। भारत का आईटी सेक्टर अपने स्किल के कारण ही विश्व पटल के आकाश का ध्रुव तारा है।
व्यवसायिक शिक्षा का उद्देश्य
1 इस शिक्षा का आधार मनोवैज्ञानिक होना चाहिए - यह बालक की रूचि, प्रगति एवं व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए शिक्षा योजना में शिक्षक एवं पुस्तक के स्थान पर बालक को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।
2 स्थाई ज्ञान की प्राप्ति - इस शिक्षा प्रणाली में प्रत्येक कार को वैज्ञानिक ढंग से सिखाया जाता है विभिन्न क्रियाओं में सक्रिय भाग लेने तथा क्रियाओं के रुचि के अनुकूल होने से इससे प्राप्त ज्ञान स्थाई होता है।
3 व्यक्त को आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबन एवं आत्मनिर्भर बनाना - इस अच्छा प्रणाली में स्वावलंबन एवं आत्मनिर्भरता के सिद्धांत को अपनाया जाता है।
4 सर्वागीण विकास - यह शिक्षा बालक के सर्वागीण विकास पर बल देता है।
5 जीवन से संबंधित - शिक्षा जीवन से संबंधित है यह शिक्षा परिवार, श्रम तथा कार्य से संबंधित है।
उपसंघार - व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण राष्ट्र के शिक्षा संबंधी प्रयास का मुख्य प्रयास है। राष्ट्र के बदलते परिप्रेक्ष्य में व्यवसायिक शिक्षा और अधिक प्रभावी ढंग से अपनी भूमिका निभा सके और भारत का जनसमूह इसका लाभ उठा सकें। इसके लिए व्यवसायिक शिक्षा के तत्वों को पुनः परिभाषित करने की अत्यधिक आवश्यकता है। इसलिए इस योजना में अब तक 9619 स्कूलों में 21000 सेक्शनों की अवसंरचना +2 स्तर पर 10 लॉक छात्रों का क्षमता निर्माण किया जा चुका है। व्यवसायिक शिक्षा योजना के कार्यान्वयन के लिए अब तक रु755 करोड़ का अनुदान जारी किया जा चुका है।
व्यवसायिक शिक्षा पर छोटे-बड़े निबंध
(Short and long essay on vocation education in Hindi, website Shiksha per nibandh Hindi mein)
Essay -1 (300 शब्द)
प्रस्तावना-
वेबसाइट शिक्षा व शिक्षा होती है जिसके द्वारा किसी खास विषय या क्षेत्र में महाभारत हासिल की जाती है। यह कौशल प्रशिक्षण की शिक्षा होती है। यह विविध पाठ्यक्रमों जैसे- कंप्यूटर, बैंकिंग, वित्त, पर्यटन, व्यापार आदि क्षेत्रों में कुशल मनाया जाता है। बिना व्यावहारिक ज्ञान के केवल किताबी ज्ञान से आप कोई भी काम कुशलता से नहीं कर सकते। आजकल यह बहुत ही प्रशांगिक विषय है, जिसे प्राया स्कूल कॉलेजों में पूछा जाता है। यहां हम विभिन्न शब्द सीमाओं में बंधे कुछ निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं, आप अपने अनुकूल चयन कर सकते हैं।
व्यवसायिक शिक्षा पर निबंध 800
शिक्षा जिस तरह से हमारे जीवन और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है उसी तरह है एक अच्छी शिक्षा का भी हमारे जीवन में होना अच्छा रहता है। व्यवसायिक शिक्षा एक एशिया हथियार है जो हमें भविष्य में हमें आगे बढ़ने के लिए मदद करती है ।
वेबसाइट शिक्षा भी कई अलग-अलग प्रकार की होती है, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण होती है। शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा का होना भी बेहद जरूरी है। तकनीकी विषय का आज के समय में काफी क्रेज है। तकनीकी शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा में कंप्यूटर और डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ी शिक्षा के बारे में पढ़ना जरूरी होता है।
वेबसाइट शिक्षा के इस दौर में अगर कोई अपने करियर को एक नई राह देना चाहते हैं, तू वह भी एक वेबसाइट शिक्षा के बारे में सोचने के लिए स्वतंत्र हैं। देश में बढ़ती रोजगारी की वजह से लोग व्यवसायिक शिक्षा की ओर अपना रुख कह रहे हैं। व्यवसायिक शिक्षा ही आज वर्तमान के हालातों में हर व्यक्ति के काम आ रही है, व्यवसायिक शिक्षा की सूची में कई कोर्स है जिसे हम करते हैं और अपने व्यवसायिक शिक्षा को बूस्ट करते हैं। व्यवसायिक शिक्षा आज के समय सबसे ज्यादा पॉपुलर शिक्षा है।
FAQ:- वेबसाइट शिक्षा संबंधी प्रश्न उत्तर
1. वेबसाइट शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए.
उत्तर- तत्पर -व्यवसायिक शिक्षा वह सच्चा है जो व्यवसाय संचालन संबंधी जानकारी प्रदान करती है। वेबसाइट शिक्षा कामगारों को दी जाने वाली शिक्षा या प्रशिक्षण है, इसकी उत्पत्ति कार प्रशिक्षण अथवा कार्य अभ्यास से मानी जाती है इसी प्रकार की शिक्षा या प्रशिक्षण जिसमें कामगार भाग लेता है को व्यवसायिक शिक्षा कहते हैं।
2. आज के जीवन में व्यवसायिक शिक्षा का क्या महत्व है?
उत्तर- व्यवसायिक शिक्षा देश के कई प्रकार की आर्थिक समस्याओं जैसे बेरोजगारी, निर्धनता, आर्थिक समानता, आदि के समाधान में सहायक सिद्ध होगी. इससे छात्रों की रोजगार पाने की क्षमता बढ़ेगी, कुशल जनशक्ति की मांग और आपूर्ति के बीच अस्त-व्यस्त असंतुलन कम होगा।
3. शिक्षा का व्यवसायकीकरण पर निबंध.
उत्तर- शिक्षा के निजीकरण के कारण कोचिंग एवं ट्यूशन संस्कृति को बढ़ावा मिला है, बड़े-बड़े उद्योगपति भी शिक्षा में धन का निवेश कर रहे हैं. शिक्षा धन के निवेश को अच्छा कहा जाता है किंतु उनका उद्देश्य शिक्षा का विकास नहीं बल्कि धन कमाना होता है, जिसके कारण कई अन्य समस्या उत्पन्न हो जाते हैं.
4. शिक्षा का व्यवसायीकरण पीडीएफ.
उत्तर- माध्यमिक स्तर की शिक्षा को वेबसाइट बनाने पर विशेष बल दिया जाता है वशीकरण।
5. व्यवसायिक शिक्षा के उद्देश्य और लक्षण Aims
उत्तर- छात्रों में जीविकोपार्जन करने की दक्षता का विकास करना जिससे वह अपने परिवारिक उत्तरदायित्व का भली-भांति निर्वहन कर सके। राष्ट्र का विकास करना और सामाजिक परिवर्तनों को सही दिशा प्रदान करना राष्ट्रीय आर्थिक संरचना को मजबूती प्रदान करना और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करना.
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