बुखार के प्रकार, जाने बुखार के लक्षण और बचाव के उपाय(fever: types, causes, symptoms and treatment)

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बुखार के प्रकार, जाने बुखार के लक्षण और बचाव के उपाय(fever: types, causes, symptoms and treatment)

बुखार के प्रकार, जाने बुखार के लक्षण और बचाव के उपाय(fever: types, causes, symptoms and treatment)

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बुखार क्या है?

बुखार एक चिकित्सा स्थिति है। जो शरीर के तापमान में 98 से 100 डिग्री से फारेनहाइट की सामान्य सीमा से ऊपर की वृद्धि की विशेषता है। इस स्थिति को चिकित्सीय रूप से पायरेक्सिया या हाइपर्थर्मिया के रूप में जाना जाता है। बुखार बच्चों और वयस्कों दोनों में होता है।


Definition of Fever-


A rise of body temperature above the normal: any of various disease of which fever is a prominent symptom. State of height and or intense emotion or activity.


जब प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में संक्रमण पैदा करने वाले रोगजनक की उपस्थिति का पता लगाती है प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में रोगजनक को खत्म करने के लिए शरीर के तापमान में वृद्धि करना शामिल है। कई अन्य कारक भी शरीर के तापमान को प्रभावित कर सकते हैं।


बुखार कभी ना कभी हर किसी को भी होता है। इसमें शरीर का तापमान अधिक हो जाता है। बुखार कई प्रकार का हो सकता है।


Fever types and symptoms:


बुखार एक शारीरिक समस्या है। जब आपके शरीर का तापमान सामान्य सीमा से ऊपर होता है। तो इसे फीवर या बुखार कहा जाता है।


आपका शरीर संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए या भीतर से किसी समस्या का संकेत देने के लिए आपका तापमान बढ़ाता है। बुखार तब होता है जब शरीर का तापमान 98 से 100 डिग्री फारेनहाइट की सामान्य सीमा से ऊपर हो जाता है।  जैसे-जैसे आप का तापमान बढ़ता है। ठंड लग सकती है। इस दौरान आपका इम्यून सिस्टम बुखार बनकर बीमारी के कारण को दूर करने की कोशिश कर रहा होता है।


बुखार के कारण अलग-अलग होते हैं। साथ ही बुखार की समय सीमा भी अलग-अलग होती है। ऐसे में बुखार को कुछ भागों में वर्गीकृत किया गया है।


बुखार के प्रकार (types of fever in Hindi)-


बुखार में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। बुखार में कुछ स्थिति में तापमान जल्दी उतर जाता है। तो कभी-कभी समय अधिक लगता है। साथ ही बुखार अलग-अलग लोगों को विन तरीके से प्रभावित करता है। ऐसे ही में हेल्थ विशेषज्ञों ने बुखार के 5 मुख्य प्रकारों को वर्गीकृत किया है।


1. आंतरिक बुखार(intermittent fever)-


Touches normal during the day. example- abscess, bacteremia, malaria.


आंतरिक बुखार में पूरे दिन शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। लेकिन रात के समय तापमान बढ़ जाता है। यह बुखार बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। इस तरह का बुखार मलेरिया में आता है। आंतरिक बुखार को कोटीडीयन बुखार, तृतीयक ज्वर, क्वार्टन फीवर में बांटा गया है।


2. रिमिटेंट बुखार(remittant fever)-

Above normal throughout the day with fluctuation.


रिमिटेंट फीवर में दिन के समय शरीर का तापमान काफी ज्यादा होता है। इस स्थिति में शरीर के तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस का उतार-चढ़ाव रहता है। रेमिटेंट बुखार भी बैक्टीरियल इनफेक्शन के कारण होता है। इसे मेडिकल टर्म में इनफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस

कहां जाता है। यह हृदय की आंतरिक ऊतकों में सूजन पैदा करता है।


3. लगातार बुखार (continuous fever)-

Ab normal throughout the day with fluctuation. e.g viral fever.


इसे निरंतर बुखार भी कहा जाता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाला बुखार है। इसमें दिन के दौरान तापमान में बहुत कम या कोई बदलाव नहीं होता यह बुखार निमोनिया यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन और थायराइड के कारण भी हो सकता है।


4. रूमेटिक बुखार(rheumatic fever)-


A non-contagious acute fever marked by inflammation and pain in the joints. it chiefly affects young people and is caused by a streptococcal infection.


रोमांटिक बुखार स्ट्रैप्टॉकोक्ल बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया गले में तेज दर्द का भी कारण बन सकता है। टॉन्सिल, सिर दर्द और सूजन रूमेटिक फीवर के सामान्य लक्षण है।


बुखार के लक्षण (symptoms of fever)

बुखार कोई बीमारी नहीं है। बल्कि आपके शरीर में किसी बीमारियां संक्रमण का संकेत है। हालांकि बुखार आमतौर पर अन्य लक्षणों के साथ होता है बुखार के लक्षणों में शामिल हैं-


  • Chills

  • Headache

  • Muscle pain

  • Poor appetite

  • Fatigue

  • Dizziness

  • Sensitivity to light

  • Vomiting

  • Breathing difficulty

  • Dehydration

  • Seek immediate medical care if you have a high grade fever with a temperature of 103 Fahrenheit or above continuously for more than 3 days and symptoms include.


•पसीना या ठंड लगना

•सिर दर्द होना

•मांसपेशियों में दर्द

•तेज लगातार दर्द का अनुभव होना

•भूख कम लगना

•बेचैनी

•कमजोरी और थकान महसूस होना

•मांसपेशियों की ताकत में कमी

•चिड़चिड़ापन।


बुखार के लिए घरेलू उपाय (prevention of fever at home)-


•बुखार से बचाव के लिए ठंडी और बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचना गुनगुने पानी से नहाए इससे आपको आराम मिलेगा।


•बुखार में कमजोरी महसूस होती है। ऐसे में आपको डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं। इससे बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी पिए रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पिएं।


•बुखार आने पर घर का बना खाना ही खाएं लिखकर डिवाइड ने बाहर का खाना अवाइड करें।


•ठंडे खाद्य पदार्थों पानी से परहेज करें।


Treatment;

A fever is usually not dangerous on its own, as most fevers go away within hours to days as the body beats an infection. follow this simple and effective measures to feel better and recover.


  • Drink enough to stay hydrated like water, juice, clear soup.

  • Eat a blind and soft diet that is light on the tummy.

  • Take enough rest.

  • Take a barm sponge bath.





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