स्वास्थ्य कमेटी और अनुशंसाएं-(Health committees and recommendation)CHN
स्वास्थ्य कमेटी और अनुशंसाएं-(Health committees and recommendation) |
देशवासियों को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के आँकलन (Assessment) करने तथा उनमें आवश्यकतानुसार सुधार कर प्रभावशाली सेवाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित करने हेतु उपयुक्त सिफारिशें देने के लिए भारत सरकार द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य कमेटीज (Health comittees) का गठन किया गया है। प्रस्तुत अध्याय में निम्न प्रमुख स्वास्थ्य कमेटीज तथा उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट के बारे में संक्षेप में अध्ययन किया गया है -
* भोर कमेटी (Bhore Committee )
* मुदालियर कमेटी (Mudaliar Committee )
* चड्ढा कमेटी (Chadah )
* मुखर्जी कमेटी (Mukherjee Committee )
* जंगलवाला कमेटी (Jungalwalla Committee )
* करतार सिंह कमेटी ( Kartar Singh Committee)
* श्रीवास्तव कमेटी (Shrivastav Committee )
* मेहता कमेटी (Mehta Committee )
* बजाज कमेटी (Bajaj Committee )
* ग्रामीण स्वास्थ्य योजना (Rural Health Scheme)
A. भोर कमेटी (Bhore Committee)
1. इस कमेटी का गठन स्वतंत्रता से पूर्व अर्थात् ब्रिटिश काल में सन् 1943 में किया गया था।
2 इस कमेटी को स्वास्थ्य सर्वे तथा विकास कमेटी (Health Survey and Development Committee) के नाम से भी जाना जाता है।
3. इस कमेटी के चेयरमैन सर जोसेफ भोर थे, इसी कारण इसे भोर कमेटी के नाम से जाना जाता है।
4. इस कमेटी का गठन देश में स्वास्थ्य के वर्तमान स्तर का ऑकलन (Assessment) कर भविष्य के विकास हेतु सिफारिशें (Recommendations) देने के उद्देश्य से किया गया था ।
5. वर्ष 1946 में इस कमेटी ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की। इस कमेटी की मुख्य सिफारिशें निम्न थीं
(1) सभी प्रशासनिक स्तरों पर रोकथामात्मक (Preventive) तथा उपचारात्मक (Curative) स्वास्थ्य सेवाओं का एकीकरण होना चाहिये ।
(2) मेडीकल शिक्षा में रोकथामात्मक तथा सामाजिक चिकित्सा (Preventive and Social Medicine) में तीन माह का प्रशिक्षण प्रारम्भ किया जाना चाहिये ताकि सामाजिक फिजीशियन (Social physicians) तैयार किये जा सकें।
(3) ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक 40000 की जनसंख्या पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) स्थापित करने की लघुकालीन योजना । इसके साथ ही द्वितीयक स्वास्थ्य केन्द्र (Secondary health centre) हो जो कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का सुपरविजन करे तथा रैफरल संस्था (Referral institute) के रूप में कार्य करे । इसके अलावा कमेटी ने लघुकाल में जनसंख्या के अनुपात में बिस्तरों की संख्या बढाने, द्वितीयक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दंत विभाग (Dental department) स्थापित करने, एम्बुलेन्स (Ambulance) की व्यवस्था करने, मोबाइल डिस्पेन्सरीज (Mobile dispensaries) की स्थापना करने, प्रत्येक गाँव में 5-7 व्यक्तियों की एक स्वास्थ्य कमेटी बनाने जो कि स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नियोजन (Planning) एवं क्रियान्वयन में शामिल हो आदि के संबंध में भी सिफारिश प्रस्तुत की।
B. मुदालियर कमेटी (Mudaliar Committee) -
1. भारत सरकार ने 1959 में मुदालियर कमेटी का गठन किया। इस कमेटी के चेयरमेन डा. ए. लक्ष्मणा स्वामी मुदालियर थे ।
2. इस कमेटी को स्वास्थ्य सर्वे तथा नियोजन कमेटी (Health Survey and Planning Committee) से भी जाना जाता है ।
4.इस कमेटी के गठन के पीछे निम्न दो मुख्य उद्देश्य थे-
(i) भोर कमेटी की रिपोर्ट के प्रस्तुत किये जाने के पश्चात् स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई प्रगति का आँकलन
( Assessment) करना ।
(ii) स्वास्थ्य के क्षेत्र में भविष्य के विकास हेतु सुझाव देना ।
5.मुख्य कमेटी को निम्न छह उप कमेटी में विभाजित किया गया था जिन्हें स्वास्थ्य के 6 अलग-अलग पहलुओं का बारीकी से अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया था -
(i) सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय स्वच्छता (Public health and environmental sanitation)
(ii) मेडीकल रिलीफ (Medical relief)
(ii) संक्रामक बीमारियाँ (Communicable diseases)
(iv) जनसंख्या समस्या तथा परिवार नियोजन ( Population problem and family planning )
(v) व्यावसायिक शिक्षा एवं अनुसंधान (Professional education and research)
(vi) औषधियाँ तथा मेडीकल स्टोर्स (Drugs and medical strores)
C. चड्ढा कमेटी (Chadah Committee) -
1. इस कमेटी का गठन 1963 में किया गया था।
2..इस कमेटी के चैयरमेन डा. एम.एस.चड्ढा थे।
3. इस कमेटी के गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य थे -
(a) राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (NMEP) जो कि भारत सरकार द्वारा 1958 में प्रारम्भ किया गया था, की maintenance phase के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं का अध्ययन करना।
(b) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का योजना निर्माण एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित, करने के लिए जरूरी आवश्यकताओं का पता करना।
D. मुखर्जी कमेटी (Mukherjee Committee - 1965)
1.भारत सरकार द्वारा 1965 में मुखर्जी कमेटी का गठन किया गया ।
2. इस कमेटी के चैयरमेन श्री मुखर्जी थे ।
3. कमेटी के गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य - चड्ढा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में 10000 की जनसंख्या पर एक basic health workers नियुक्त करने की अनुशंसा की थी। साथ ही इन बेसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं के रूप में कार्य करने तथा इनके मलेरिया के सतर्कता अभियान के अन्तर्गत सम्पादित की जाने वाली गतिविधियों के साथ-साथ परिवार नियोजन एवं स्वास्थ्य सांख्यिकी (Health statistics) के एकत्रीकरण संबंधी गतिविधियों को सम्पादित करने की अनुशंसा भी की थी ।
चड्ढा कमेटी की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लेने के लगभग 2 साल पश्चात् यह महसूस किया गया कि बेसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन प्रभावशाली रूप से नहीं कर पा रहे हैं, परिणामस्वरूप न तो मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की गतिविधियों का सम्पादन उचित तरीके से हो पा रहा है और न ही परिवार नियोजन संबंधी गतिविधियों का। इसी समस्या के निराकरण हेतु आवश्यक अनुशंसाएँ देने के लिए सन् 1965 में भारत सरकार ने Mukherjee Committee का गठन किया।
E. जंगलवाला कमेटी (Jungalwalla Committee) -
1. इस कमेटी का गठन 1964 में किया गया था।
2.इस कमेटी के चैयरमेन डॉ. एन. जंगलवाला थे।
3.इस कमेटी को "स्वास्थ्य सेवाओं की एकीकरण कमेटी' (A committee on integration of health services) के नाम से भी जाना जाता है।
4.इस कमेटी ने 1967 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। कमेटी की मुख्य अनुशंसाएँ (Recommendations ) निम्न थीं -
(i) स्वास्थ्य सेवाओं, संगठन तथा स्वास्थ्यकर्मियों का उच्च स्तर से निम्न स्तर तक एकीकरण (Integration) होना चाहिये।
(ii) स्वास्थ्यकर्मियों को उपयुक्त कार्य स्थितियाँ उपलब्ध हों।
(iii)समान वरिष्ठता
(iv) समान कार्य करने वाले लोगों को समान वेतन मिले तथा विशेष कार्य करने के दौरान विशेष वेतन की व्यवस्था हो ।
(v) अतिरिक्त योग्यता को तवज्जो मिले।
(vi) निजी प्रेक्टिस (Private practice) बंद हो ।
F. करतार सिंह कमेटी (Kartar singh Committee)-
1.इस कमेटी का गठन भारत सरकार द्वारा अक्टूबर, 1972 में निम्न बिन्दुओं के संबंध में अपनी सिफारिशें देने के लिए किया था।
(a)दूरवर्ती तथा सुपरवाइजरी स्तर पर समेकित सेवाओं (Integrated services) की संरचना ।
(b)बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं (Multipurpose health workers) को रखने की व्यवहार साध्यता तथा इन कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण की आवश्यकता ।
(c)समेकित चिकित्सकीय, जनस्वास्थ्य तथा परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं (Integrated medical, public health and family planning services) के क्रियान्वयन हेतु परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थापित की गई भ्रमणशील सेवा ईकाईयों (Mobile service units) का उपभोग ।
2.इस कमेटी के चैयरमेन श्री करतार सिंह थे।
3.इस कमेटी को "The Committee on Multipurpose workers under Health and Family Planning" के नाम से भी जाना जाता है।
4.इस कमेटी ने 1973 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी ।
5.इस कमेटी की मुख्य अनुशंसाएँ (Recommendations) निम्न थीं-
(i) वर्तमान में कार्यरत ANM के स्थान पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (Female Health Workers) को रखा जाना चाहिये ।
(ii)बेसिक हेल्थ वर्कर्स (Basic Health Workers), मलेरिया निगरानी कार्यकर्ताओं (Malaria surveillance workers), स्वास्थ्य शिक्षा सहायकों (Health education assistants), टीकाकरण कर्ताओं (Vaccinators), परिवार नियोजन स्वास्थ्य सहायकों (Family Planning Health Assistants) आदि
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