व्यायाम और स्वास्थ्य पर निबंध - Essay On swasthya aur vyayam in Hindi

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व्यायाम और स्वास्थ्य पर निबंध - Essay On swasthya aur vyayam in Hindi

व्यायाम और स्वास्थ्य पर निबंध - Essay On swasthya aur vyayam in Hindi

व्यायाम और स्वास्थ्य पर निबंध - Essay On swasthya aur vyayam in Hindi

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपके लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण निबंध का शीर्षक है-"व्यायाम और स्वास्थ्य" अथवा "व्यायाम और स्वास्थ्य का महत्व", निबंध लेकर आय है। मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अक्सर हमारे बोर्ड परीक्षा हो या विद्यालयों में होने वाली परीक्षाओं में'व्यायाम और स्वास्थ्य व्यायाम और स्वास्थ्य का महत्व"यह एक ऐसा निबंध है, जिसमें आप बहुत ही अच्छे अंक अपनी परीक्षा में प्राप्त कर सकते हैं. बशर्ते इस विषय पर आप की मजबूत पकड़ और जानकारी होनी चाहिए।

मित्रों", व्यायाम और स्वास्थ्य का महत्व निबंध लिखते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि एग्जाम या परीक्षा हॉल में हमारी भाषा शैली और हमारा कंटेंट उच्च स्तर का एवं वर्तनी शुद्ध होनी चाहिए, जिससे व्यायाम और स्वास्थ्य निबंध पर हमें परीक्षा में बहुत अच्छे अंक हासिल हो सके. इसलिए व्यायाम और स्वास्थ्य का महत्व अधिक है. मित्रों यदि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आए तो इसे सोशल मीडिया एवं अपने दोस्तों में अधिक से अधिक शेयर करिएगा.


Table of contents

रूपरेखा 1-प्रस्तावना

व्यायाम का अर्थ

व्यायाम के रूप

व्यायाम की मात्रा

व्यायाम के लिए आवश्यक बातें,

व्यायाम के लाभ एवं हानियां

उपसंघार।


प्रस्तावना : सुखी जीवन के लिए अच्छे स्वास्थ्य को आवश्यक माना जाता है. मनुष्य यदि शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण स्वास्थ्य है.

 तो वह सबसे अधिक धनवान तथा भाग्यशाली है.  


 स्वास्थ्य व्यक्ति अपने जीवन उद्देश्यो की प्राप्ति कर सकता है तो था और उनके जीवन में भी रोशनी लाने का कार्य कर सकता है व्यक्ति जीवन के चार मूल  ध्येय धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष इन की प्राप्ति के लिए अच्छा स्वास्थ्य होना चाहिए.


अंग्रेजी की प्रसिद्ध कहावत हेल्थ इज वेल्थ स्वास्थ्य के सार्वभौमिक महत्व को दिखाती है अच्छे स्वास्थ्य की कई मार्ग हो सकती है मगर एक संतुलित जीवन में व्यायाम वह माध्यम है जिससे बालक से लेकर वृद्ध तक कोई भी सरलता से अपना सकता है.


व्यायाम का अर्थ : यह शब्द वी और आयाम से मिलकर बना है, जिसका आशय है व्यायाम किसी एक क्रिया का नाम ना होकर इसमें कई सारी क्रियाएं समाहित होती हैं जिनका उद्देश्य व्यक्ति के शरीर को स्वास्थ्य और स्फूर्तिवान बनाना.


योगासन खेलकूद शाम सवेरे का भ्रमण प्रणाम अंग प्रत्यंग क्रियाएं तथा उठक बैठक टहलना आसान ध्यान करना आज को समाहित कर जो नाम दिया जाता है वह व्यायाम है


अर्थात विभिन्न वे आराम जो व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए करता है उसे व्यायाम की संज्ञा दी जाती है.


व्यायाम के विविध रूप : प्रत्येक व्यक्ति अपनी रूचि के अनुरूप व्यायाम कर सकता है, जैसे - अधेड़ व वृद्ध व्यक्तियों के लिए टहलना व तेज चलना उपयुक्त व्यायाम होगा, तो युवा व्यक्तियों के लिए विविध खेल एवं दौड़ आदि लगाना. आजकल युवाओं में जिम जाने का प्रचलन बढ़ा है, किंतु इसके पीछे उनका उद्देश्य आकर्षक शरीर पाना है. यहां वे विविध उपकरणों की सहायता से व्यायाम करते हैं. जिम चलाने वाली संस्थाओं का उद्देश्य अधिक होता है, अतः इन क्रियाओं को सावधानीपूर्वक किया जाना बहुत जरूरी है अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि होने की अधिक संभावना बनी रहती है:


व्यायाम की आवश्यकता : आज भारत ही नहीं पूरा विश्व व्यायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना है योग को वैश्विक स्वीकार्यता का इसका बड़ा प्रमाण है.


संसार में आज हर एक व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रोगों से स्वयं को गिरा हुआ पाता है आज की हमारी व्यवस्था में बीमार पड़ने पर चिकित्सक के पास जाकर दवाई ले आने की व्यवस्था है.


यह चक्र निरंतर चलता रहता है मगर यदि कोई बीमारी और इलाज के चक्र को विध्वंस कर व्यक्त को सदैव स्वस्थ रखने की गारंटी दे सकता है तो वही योग व व्यायाम ही है.


प्रत्येक व्यक्ति में रोगजनक कीटाणु एक मात्रा में होते हैं मगर हमारा शरीर पर्याप्त शक्तिशाली होने के कारण वे अपना प्रभाव दिखा नहीं पाते हैं.


मगर जैसे ही शरीर में दुर्बलता आती है हम बीमार पड़ जाते हैं. मगर जो व्यक्ति नित्य व्यायाम करता है वह कभी भी बीमार नहीं पड़ता है.


एक महान डॉक्टर की पंक्तियां सारगर्भित हैं. वे कहते हैं सच्चा चिकित्सक वही है जो दवाई पर यकीन किए बिना अपने मरीज के स्वास्थ्य को ठीक कर दे वही उत्तम चिकित्सक है.


आए दिन प्रकाशित होने वाले शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि दवाई एक बीमारी को मिटाने के लिए दी जाती है मगर वह दस नई बीमारियों की संभावना को तैयार कर देती है.


अतः हमें दवाई पर निर्भर ना होकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है व्यायाम और योग क्रियाएं हमारे शरीर को पर्याप्त शक्तिशाली बना देगी जिस पर रोगों के परजीवियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.


व्यायाम के रूप : व्यायाम शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं से जुड़ा विषय है. स्वास्थ्य चिंतन मनन कल्पना भी इसका अंग है वही शरीर की क्रियाओं यथा खेलकूद और योग आदि शारीरिक व्यायाम के प्रकार हैं.


मूल रूप से स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए व्यायाम किया जाता है. इन्हें मोटे दो भागों में विभक्त कर सकते हैं खेलकूद एवं नियमित व्यायाम.


शारीरिक गतिविधियों से जुड़े खेल यथा हांकी, कबड्डी, तैराकी, कुश्ती, क्रिकेट, दौड़ आदि से शरीर के सभी अंगो का कोशिकाओं में रक्त संचार व ऑक्सीकरण की क्रिया मजबूत होती है.


शरीर की वृद्धि तथा मांसपेशियों हड्डियों को मजबूती मिलती है तथा मस्तिष्क में वृद्धि का संचार होता है खासकर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए खेल कूद और व्यायाम को पाठ्यक्रम की तरह ही उपयोगी मानकर हमारे देश में इन्हें पाठ्यचर्या का अंग बनाया गया है.


वे व्यक्ति जो खेल आदि क्रियाओं में बाल नहीं ले सकते हैं उन्हें सुबह और शाम के समय भ्रमण योगासन नृत्य आदि क्रियाओं को स्वास्थ्य को अच्छा बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.


व्यायाम की मात्रा : प्रत्येक व्यक्ति कितनी मात्रा में व्यायाम करना चाहिए यह उनकी आयु, शारीरिक क्षमता आदि पर निर्भर करता है.


बच्चों महिलाओं तथा वृद्धों की तुलना में वयस्क पुरुषों को दिन में अधिक व्यायाम करना चाहिए. वृद्धि तथा बच्चों को विशेष रूप से सवेरे नित्य भ्रमण तथा कसरत को अपनी नृत्य दिनचार्य का हिस्सा बनाना चाहिए.


व्यायाम के लिए आवश्यक बातें : सभी के लिए व्यायाम का बेहतरीन समय सवेरे का माना जाता है आत्माएं धोने के बाद निवृत्त होकर व्यायाम करने चाहिए


सुबह व्यायाम करने का एक अन्य लाभ यह है कि स्वच्छ वातावरण होता है वायु स्वच्छ होता है आरंभ में थोड़े-थोड़े समय से व्यायाम की आदत डालने के बाद धीरे-धीरे से बढ़ाना चाहिए


व्यायाम के लाभ : मानव का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य को माना गया है जो शरीर को शिथिल वह मंदबुद्धि बना देता है समय पर कोई कार्य नहीं होता है रक्त संचार और पाचन क्रिया सुस्त पड़ जाती हैं तथा बीमार पड़ने लगता है.


व्यायाम आलस्य को दूर कर शरीर में स्पूर्ति का संचार करता है रक्त का परिसंचरण सही ढंग से होने लगता है तथा भोजन भी ठीक तरह से पचता है इस तरह वह रोगों से दूरी बना लेता है.


निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि व्यायाम और स्वास्थ्य का गहरा अंतर संबंध है नित्य व्यायाम करके व्यक्ति रोगों से छुटकारा पा सकता है तथा अपने जीवन को इच्छित ढंग से जी सकता है.


उम्मीद करता हूं दोस्तों व्यायाम और स्वास्थ्य पर निबंध Essay On Exercise And Health

का यह निबंध पसंद आया होगा यदि आपको व्यायाम और योग पर दिया गया शार्ट निबंध ऐस्से पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें.


FAQ question


Q- मानव जीवन में व्यायाम का क्या महत्व है?

Ans-नियमित व्यायाम करने से मांसपेशियां तो स्वस्थ रहती ही हैं, साथ ही शरीर में खून का बहाव भी बेहतर ढंग से होता है। नियमित रूप से व्यायाम करने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होने के साथ ही गैलरी भी तेजी से बढ़ने होती है। और वजन नियंत्रण में रहता है। शरीर में डायबिटीज आदि जैसे रोग नहीं पनप पाते जिससे आपकी लाइफ स्टाइल बेहतर बनी रहती है।


Q-व्यायाम और स्वास्थ्य में क्या संबंध है?

Ans- इससे हमारे शरीर का हर अंग स्वस्थ रहता है। जब हम व्यायाम करते हैं, तू हम अंगों को हिलाते हिलाते हैं, उससे हमारे हृदय और फेफड़ों को अधिक काम करना पड़ता है जिसके फलस्वरूप हमारी एक ऐसा शुद्ध हो जाती है, हमारे रक्त की एक-एक बूंद स्वच्छ हो जाती है। यह हमारे शरीर को लचिला बनाता है।


Q- स्वस्थ  का क्या महत्व है निबंध?

Ans-स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है। स्वास्थ्य का महत्व सबसे पहले है और बाकी सब कुछ इसके बाद में आता है। अच्छा दोस्त बनाए रखना कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे हम कैसी हवा में सांस लेते हैं, कैसा पानी पीते हैं, कैसा भोजन खाते हैं, किस तरह की लुभावनी मिलते हैं और हम कैसा व्यायाम हम सोते हैं।






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