राष्ट्रपक्षी मयूरः पर संस्कृत निबंध / essay on peacock in sanskrit
Mor ko Sanskrit mein kya kahate Hain-आज के इस लेख में हम आपको मोर को संस्कृत में क्या कहते हैं? के बारे में बताएंगे तो आप लोग इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और इसी एक भाषा से कई अन्य भाषाओं की उत्पत्ति हुई है हालांकि वर्तमान समय में संस्कृत पढ़ने और समझने वाले लोग कम हैं लेकिन फिर भी स्कूल में विद्यार्थियों को संस्कृत की बेसिक शिक्षा दी जाती है ताकि विद्यार्थी विश्व की प्राचीन भाषा को समझ सके आज हम भारत की राष्ट्रपति रानी मोर के बारे में चर्चा करने वाले हैं हम यहां आपको संस्कृत में मोर पर निबंध बताएंगे।
राष्ट्रपक्षी मयूरः पर संस्कृत निबंध / essay on peacock in sanskrit |
essay on peacock in sanskrit
Table of contents
मोर को संस्कृत में क्या कहते हैं? Mor ko Sanskrit mein kya kahate Hain-
मोर का संस्कृत नाम काफी जाना माना और लोकप्रिय है दरअसल संस्कृत भाषा में मोर को मयूरा के नाम से जाना जाता है।
जिस तरह हिंदी भाषा में नर को मोर तथा मादा को मोरनी नाम से जाना जाता है उसी तरह संस्कृत भाषा में भी नर को मोर को मयूरा और मादा को मयूरी नाम से जाना जाता है।
वर्तमान समय में आपको कई लड़कियों का नाम मयूरी सुनने को मिला होगा दरअसल हिंदू समाज के लोग लड़कियों का नाम मयूरी रखते हैं। क्योंकि मयूरी विश्व की सबसे खूबसूरत पक्षी है इसी वजह से लोग अपने लड़कियों का नाम भी मयूरी रखते हैं।
राष्ट्रपक्षी मयूरः
मयूरः शोभनं पक्षी अस्ति । अस्य पक्षास्तु विधिना सौन्दर्येण परिपूरिताः । अतः वर्षाकाले मेघाच्छन्नेषु दिवसेषु यदा मयूरः वने नृत्यति तदा तु अलौकिक दृश्यम् उपतिष्ठते । मयूरपक्षस्य सौन्दर्येण आकृष्टः भगवान् श्रीकृष्णः मयूरपक्षम् स्वकिरीट रूपेण अधारयत् ।
मयूरस्य सौन्दर्यं विलोक्य भारतशासनेन मयूरः राष्ट्रपक्षी घोषितः तस्य प्रजाति-संबर्द्धनाय व तस्य बधः निषिद्धः मयूरः शोभनः उपयोगी च वर्तते । सः मनोहरेण नर्तनेन मनोहारिणा केकारवेण च अस्माकं मनासि विनोदयति, सहैव सर्पादीन् कीटान् च व्यापाद्य प्राकृतिक-सन्तुलनं
विदधाति ।
अतः एवं विधः उपयोगी मयूरः अस्माभिः सदा संरक्षणीयः संवर्द्धनीयश्च ।
मयूर: भारतस्य राष्ट्रीय: खग: अस्ति । अयं सर्वेषु खगेषु अति सुन्दरम् अस्ति । मयूरस्य काय: सर्वेषु खगेषु अत्याधिकं भवति। मयूरस्य मुख: ग्रीवा च नीललोहितवर्ण: अस्ति। अस्य पक्षयो: हरितवर्ण: स्त:।
मयूरस्य कलापः मनोहरः। ययोः चन्द्राकार: नीललोहितवर्ण:, नीलवर्ण:, हरितवर्ण:, पीतवर्णाभि: च निर्मितं भवति। मयूर: शान्तिप्रिय: खग: अस्ति।
मयूरस्य केका बहुतीव्रं भवति। मयूरस्य नृत्यं तस्य वैभवम एव।
हिंदी में अर्थ
मोर एक सुंदर पक्षी है। इसके पंख अनुष्ठान के अनुसार सुंदरता से भरे होते हैं इसलिए बरसात के मौसम में बादल के दिनों में जब जंगल में मोर नाचता है तो यह एक अलौकिक दृश्य होता है। मोर पंख की सुंदरता से आकर्षित होकर, भगवान कृष्ण ने मोर पंख को अपने मुकुट के रूप में पहना था।
मोर की सुंदरता को देखते हुए भारत सरकार ने मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर दिया है और प्रजातियों के प्रजनन के लिए इसे मारने पर प्रतिबंध लगा दिया है।मोर सुंदर और उपयोगी है। वह अपने आकर्षक नृत्य और आकर्षक केकरावे के साथ-साथ सांप और अन्य कीड़ों का पीछा करके प्राकृतिक संतुलन के साथ हमारे दिमाग का मनोरंजन करते हैं इसलिए हमें ऐसे उपयोगी मोर की हमेशा रक्षा और खेती करनी चाहिए।
मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह सभी पक्षियों में सबसे सुंदर है। मोर का शरीर सभी पक्षियों में सबसे बड़ा होता है। मोर के चेहरे और गर्दन का रंग नीला और लाल होता है। इसके पंख हरे होते हैं। मोर की चाल सुंदर होती है। वे चंद्रमा के आकार के नीले, लाल, नीले, हरे और पीले रंगों से बने हैं। मोर एक शांतिप्रिय पक्षी है। मोर का केक बहुत तीव्र होता है। मोर का नृत्य इसकी महिमा है।
F.A.Q.
प्रश्न 1 संस्कृत भाषा में मोर को क्या कहते हैं?
उत्तर संस्कृत भाषा में मोर को मयूर या मयूर: के नाम से जानते हैं।
प्रश्न 2 एक बार में मोर कितने अंडे दे सकता है?
उत्तर एक बार में मोर तकरीबन तीन से पांच अंडे दे सकता है।
प्रश्न 3 कितने वर्षों तक जीवित रह सकते हैं?
उत्तर 20 से 25 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं।
प्रश्न 4 मोर का साइंटिफिक नाम क्या है?
उत्तर मोर का वैज्ञानिक नाम सांइटिफिक नाम पावो क्रिस्टेटस है।
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