जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराएं ? खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है

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जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराएं ? खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है

जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराएं ? खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है जमीन की?

जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराएं ? खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है

जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराएं ? खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है

 रजिस्ट्री कैसे होती है?जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें//प्लॉट रजिस्ट्री कैसे करें//जमीन रजिस्ट्री कैसे करें।


हेलो दोस्तों स्वागत है आज की नई पोस्ट में आज आपको बताने वाले घर से संबंधित एक लेख

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में घर लेना बहुत ही मुश्किल है और जिसमें ज्यादा की बात की जाए तो रजिस्ट्री ना बहुत सारी ऐसी चीजें जो करवाना है इंसान के बहुत ही मुश्किल काम है इसलिए आपको बताने वाले की जमीन की रजिस्ट्री कैसे करें जमीं रजिस्ट्री करवाएं प्लॉट जमीन रजिस्ट्री के नियम 2022


Table of contents 


अनुसूचित जाति की जमीन खरीदने के नियम


अगर जमीन रजिस्ट्री से ज्यादा है।


जमीन खरीदने के कानूनी नियम।


जमीन बेचने के लिए संपर्क करें।


जमीन खरीदने के लिए टोटका।


रजिस्ट्री खारिज हो सकती है क्या?


रजिस्ट्री के नियम क्या है?


जमीन खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए?


जमीन की रजिस्ट्री के कितने दिन बाद दाखिल खारिज होता है?


जमीन खरीदने वाले का नंबर


जमीन या प्लॉट लेने से पहले उसकी जांच कैसे करें।


जमीन खरीदना है।


झारखंड में जमीन खरीदने के नियम।


ऑनलाइन जमीन कैसे बेचे।


कृषि भूमि की रजिस्ट्री।


जमीन रजिस्ट्री की फीस एमपी।


जमीन खरीदने वाली कंपनी।


घर बना हर व्यक्ति की जिंदगी का वह अनमोल हिस्सा होता है जिसके लिए वह अपने जीवन की महत्वपूर्ण कमाई को निवेश करता है एक व्यक्ति के जमीन खरीदने के पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं कोई घर बनाने के लिए जमीन लेता है तो कोई जमीन पर व्यापार करने के लिए जमीन लेता है पर अब सवाल यह उठता है कि किसी भी जमीन को वैध तरीके से अपने नाम कैसे कराएं उसके लिए व्यक्ति को खरीदी हुई जमीन रजिस्ट्री करवानी पड़ती है जिसके लिए भारत के हर राज्य में अलग-अलग नियम व कायदे हैं


हालांकि अधिकतर शहरों में या नियम एक जैसे होते हैं इस जमीन की रजिस्ट्री को लेकर आज भी बहुत से लोग अनजान हैं कि जमीन रजिस्ट्री क्या होती है? जमीन रजिस्ट्री क्यों करवाते हैं जमीं रजिस्ट्री कैसे करवाते हैं यह सब आ जाए के लेख में आप सभी को बताएंगे तो आइए पोस्ट स्टार्ट करते हैं।


रजिस्ट्री क्या होती है?

भारत में जमीन रजिस्ट्री कानूनी प्रक्रिया है जिसके सहायता से जमीन का खरीददार खरीदी हुई जमीन के पहले मालिक का दस्तावेजों से नाम हटा कर अपना नाम दर्ज करवाता है वह स्थाई तौर पर उस जमीन का हकदार कहलाता है जिसे वह खरीद कर अपने किसी भी कार्य के लिए उपयोग कर सकता है।


जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं

एक व्यक्ति जो जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए कुछ नियम बनाया गया जो आपको बताने जा रहे हैं

  1. जमीन की वैल्यू निर्धारित करें:-

भविष्य में आप जो जमीन को खरीदना चाहते हैं उसकी रजिस्ट्री करवाने से पूरब यह सुनिश्चित करने की वह जमीन की मार्केट वैल्यू कितनी है साथ ही यह भी पता कर ले कि उस क्षेत्र में जमीन का सरकारी मूल्य कितना है इसके बाद आपको कागजी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है जिन्हें इस टाइम ड्यूटी पेपर का आ जाता है।

  1. इस टाइम ड्यूटी पर बनवाएं।

यह पेपर एक तरह का जमीन के मालिक के लिए सबूत होता है जमीन के खरीदार को या पेपर खरीदने होते हैं जिसके लिए उसे कोर्ट जाना पड़ता है इन पर बरस के मूल्य को हर राज्य के हिसाब से तय किया जाता है जमीन खरीदते समय इन कागजों को नजरअंदाज ना करें अन्यथा आपको भविष्य में अनेक कानूनी लव फोटो को झेलना पड़ सकता है अगर आप किसी कारण से कोर्ट से इन पेपर्स को कोर्ट या वकील से नहीं खरीद पा रहे हैं उनको परिस्थिति में आप ऑनलाइन भी इस टाइम ड्यूटी पर व खरीद सकते हैं इसके लिए www.shcilestamp.com se ya stemp.com वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।

      3. जमीन खरीदने और बेचने से संबंधित दस्तावेज(कागज)

      जमीन की रजिस्ट्री के तीसरे चरण के दौरान आपको कोर्ट में जाकर के वकील से एक ऐसा कागज बनवाना होगा जिसमें जमीन का विक्रेता यह लिखेगा कि मैंने जमीन पूर्ण रूप से इस व्यक्ति के नाम कर रहा हूं इसके साथ ही अन्य औपचारिक भी बातें लिखनी होती है जो यह सुनिश्चित ने में लाभदायक होती है कि अब जमीन का मालिक बदला जा चुका है वह जमीन को इतने रुपए में छा गया है विक्रेता द्वारा लिखी गई हर बात को एक बार अच्छे से जरूर पढ़ें।

    4. सब-रजिस्ट्रार करेगा रजिस्ट्री

      इसे औपचारिक प्रक्रिया के बाद आपको जमीन बेचने से जुड़े सभी कार्यों को लेकर रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाना होगा इस दौरान जमीन बेचने वाले और खरीदने वाले व्यक्ति को एक साथ में मौजूद होना पड़ता है साथ ही में दो अन्य व्यक्तियों को भी मौके पर पेश होना होता है जो उस समय एक गवाह के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे होते हैं इन दोनों गवाहों के पास सरकारी तौर से बने हुए पहचान पत्रों का होना अनिवार्य होता है जैसे आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस आदि रजिस्ट्रार के पास सभी कार्यों को जमा करने के बाद वह आपको पूछती के आधार पर एक रस्सी देता है जिसे आप को 22:00 में बड़ी ही सुविधा से संभाल के रखना होता हैइस औपचारिक प्रक्रिया के बाद आपको जमीन बेचने से जुड़े सभी कार्यों को लेकर रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाना होगा इस दौरान जमीन बेचने वाले और खरीदने वाले व्यक्ति को एक साथ में मौजूद होना पड़ता है साथ ही में दो अन्य व्यक्तियों को भी मौके पर पेश होना होता है जो उस समय एक गवाह के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे होते हैं इन दोनों गवाहों के पास सरकारी तौर से बने हुए पहचान पत्रों का होना अनिवार्य होता है जैसे आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस आदि रजिस्ट्रार के पास सभी कागजों को जमा करने के बाद वह आपको पूछती के आधार पर एक रसीद देता है जिसे आप को भविष्य में बड़ी ही सुविधा से संभाल के रखना होता है।

       5. अब रजिस्ट्री को प्राप्त करें

     इन सब चरणों के बाद आपके द्वारा पेश किए गए सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रहे पड़ताल की जाएगी जिन्हें देखने के बाद ही रजिस्ट्रार द्वारा यह निर्णय लिया जाएगा की जमीन खरीदने के लिए आप स्थाई रूप से सही हकदार बन चुके हैं तत्पश्चात आप कुछ दिनों में अपनी जमीन से जुड़ी रजिस्ट्री अंग्रेज स्टार के कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं वह अब जमीन  की आपके नाम हो चुकी है।


ध्यान रहे आप जो भी कार्य कारवाही कर रहे हैं वह सब एक वकील की देखरेख में ही करें क्योंकि इस दौरान वकील एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे रजिस्ट्री करवाने से जुड़ी सभी जानकारियों की अच्छी समझ होती है वह आप बिना किसी परेशानी के आसानी से रजिस्ट्री करवा सकते हैं।


रजिस्ट्री से संबंधी महत्वपूर्ण दस्तावेज

रजिस्ट्री के समय कुछ ऐसे जरूरी दस्तावेज की आवश्यकता होती है अगर इनमें से किसी भी दस्तावेज में कोई भी गलती होती है या फ्रॉड केस होता है तब आप जमीन खरीदने में मुश्किल आ सकती है आइए जानते हैं जमीन से जुड़े कागजी दस्तावेज कौन-कौन से हैं।

  • पहचान पत्र

  • खाता प्रमाण पत्र

  • नाॅन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)

  • जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी 

  • अलॉटमेंट लेटर

  • प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट हर रसीदें

  • बैनामा


2022के जमीन रजिस्ट्री के नियम

जमीन की रजिस्ट्री करवाते वक्त इस बात का भी अवश्य ध्यान रखें कि आपको भारत के कानून के आधार पर ही सभी उचित कार्यवाही को अंजाम देना होता है।


एक नियम के तहत पावर ऑफ अटॉर्नी के साथी आवासीय प्रमाण पत्र के साथ में लगाना अनिवार्य है


जमीन को भेजते समय व्यक्ति को अपने हाथ की सभी उंगलियों के निशान देने होते हैं।


जिस भी व्यक्ति के द्वारा जमीन को भेजा जा रहा है उस व्यक्ति के रजिस्ट्री के दौरान जो कागज जमा कराए हैं उनमें उसका सही नाम पति या पुत्र का नाम व स्थाई पता होना चाहिए।


जमीन की रजिस्ट्री के नियम हर राज्य के हिसाब से अलग-अलग होता है जिसे जमीन खरीदने वाले व्यक्ति को मारना अनिवार्य होता है।


जमीन रजिस्ट्री करवाते समय ध्यान देने योग्य बातें।

जमीन की रजिस्ट्री करवाते वक्त निम्नलिखित बातों का जरूर ध्यान रखें


फ्रॉड प्रॉपर्टी डीलर से सावधान: जमीन खरीदना और बेचना एक बड़ी ही सावधानी का कार्य होता है क्योंकि कई फ्रॉड डीलर लोगों को झूठे वादे करके लोगों से पैसे रखने का काम करते हैं।


विज्ञापनों पर ना करें विश्वास: किसी भी अखबार या पोस्टरों पर छपे विश्वास ना करें जिसमें यह बताया जाता है कि यह जमीन बिकाऊ है।


नकली वकीलों से रहे सावधान: जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को एक वकील की आवश्यकता पड़ती है तो आप ध्यान रखें कि आप जिस भी वकील से रजिस्ट्री करवा रहे हैं मार्केट में उसकी छवि अच्छी होनी चाहिए वह वकील को अपने काम की पूरी जानकारी होनी चाहिए अन्यथा वह आपको रजिस्ट्री करवाते वक्त परेशान भी कर सकता है।


व्यापार और घर की जमीन में भिन्नता: आप जिस भी जमीन के लिए रजिस्ट्री करवा रहे हैं ध्यान रहे उसके लिए अलग-अलग रूप से सरकारी फीस तय की जाती है घर के लिए की गई जमीन की तुलना में व्यापारिक दुकान रूप से जमीन की रजिस्ट्री करवाना थोड़ा महंगा होता है वह साथ ही जमीन के साथ के स्थान पर भी मूल्य को मापा जाता है कि किस स्थान पर रजिस्ट्री जमीन की जमीन है।


स्टैंप ड्यूटी रेट कैसे चेक करें

जमीन रजिस्ट्री करवाने में आपको स्टांप ड्यूटी पर नहीं होती है अलग-अलग प्रदेश में और क्षेत्र में जमीन की कीमत और प्रकार के आधार पर इस टाइम ड्यूटी अलग-अलग होती है और आपको इतनी ही धनराशि के स्टांप पेपर खरीदने होते हैं आप नीचे बताए गए इस टाइम से इस टाइम ड्यूटी चेक कर सकते हैं।

WWW.INDIABULLSHOMELOANS.COM से से आप चाहे यहां क्लिक करके डाइट चेक कर सकते हैं।

  • वेबसाइट पर आपको मेनू में से स्टैंप ड्यूटी कैलकुलेटर पर क्लिक करना होगा।

  • अब आपको यहां अपने राज्य का नाम सेलेक्ट करना होगा और फिर नीचे दिए गए बॉक्स में जमीन की कीमत है लिखना होगा।

  • इसके पश्चात आपको कैलकुलेट ऑप्शन पर क्लिक करना होगा जैसे ही आप कैलकुलेट ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपको इस टाइम ड्यूटी पता चल जाएगी।

  • इस केलकुलेटर से आपको वास्तविक इस टाइम ड्यूटी के बारे में पता नहीं चल पाएगा लेकिन यहां यहां से मिलने वाला वास्तविक कीमत थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है ज्यादा नहीं।


जमीन रजिस्ट्री करवाने में कौन कौन से दस्तावेज लगते हैं?

जमीन रजिस्ट्री करवाने में प्लाट के अनुसार आपको पहचान पत्र खाता प्रमाण पत्र नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट पावर ऑफ अटॉर्नी एलाइनमेंट लेटर प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी रसीदें और इस बैनामा की जरूरत पड़ती है।


143 आवासीय प्लॉट का दाखिल खारिज नहीं होता है।

143 रोड का दाखिल खारिज हो जाता है?


किसी जमीन का सर्किल रेट कैसे पता करें?

किसी भी जमीन का सर्किल रेट पता करने के लिए आपको लेखपाल या वकील से संपर्क करना होगा।


क्या ऑनलाइन प्लॉट रजिस्ट्री चेक कर सकते हैं?

हां कुछ राज्यों के प्लॉट रजिस्ट्री को ऑनलाइन चेक एवं वेरीफाई कर सकते हैं।


रजिस्ट्री करवाने में कितने पैसे लगते हैं।

रजिस्ट्री करवाने में आपको वकील की फीस जो 3500 से 5000 के बीच में स्टांप ड्यूटी शुल्क जो कि 10 लाख से अंदर की संपत्ति पर 6% और 10 लाख से ऊपर की संपत्ति पर 7% देनी होती है साथ ही रजिस्ट्री ऑफिस में जो भी आपको एक पर्ची कटानी होती है, जो कि प्लॉट की कीमत के अनुसार होती है।


रजिस्ट्री कराने में कितना टाइम लगता है

रजिस्ट्री कराने में 11 से ज्यादा 1 दिन का समय लगता है यदि रजिस्ट्री ऑफिस में ज्यादा भीड़ ना हुई तो एक-दो घंटे में रजिस्ट्री हो जाती है लेकिन इससे पहले पेपर वगैरा तैयार करने में दो-तीन दिन का टाइम लग सकता है।


मकान की रजिस्ट्री कैसे होती है?

जिस तरह प्लाट की रजिस्ट्री की पूरी प्रोसेस आपको ऊपर बताई गई है उसी तरह से मकान की रजिस्ट्री की प्रोसेस भी बिल्कुल सेम तरीके से होती है कुछ भी अलग करने की आवश्यकता नहीं होती है


प्लॉट रजिस्ट्री में बैंक कितना लोन देती है?

प्लॉट की रजिस्ट्री में बैंक ज्यादा से ज्यादा 90 परसेंट तक लोन देते हैं सामान्य तौर पर बैंक केवल 70 से 80% तक ही लोन देते हैं।


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