तनाव पर निबंध: अर्थ और प्रकार || Essay on stress: meaning and types in Hindi

Ticker

तनाव पर निबंध: अर्थ और प्रकार || Essay on stress: meaning and types in Hindi

तनाव पर निबंध: अर्थ और प्रकार || Essay on stress: meaning and types in Hindi

तनाव के अर्थ पर निबंध:

तनाव एक ऐसा शब्द है जिसे मनोवैज्ञानिकों ने भौतिकी से लिया है। यह शारीरिक (जैव-रासायनिक) परिवर्तन है जो सिस्टम पर एक ओवरलोडिंग बल के परिणामस्वरूप होता है। प्रत्येक शारीरिक परिवर्तन से संबंधित मनोवैज्ञानिक परिवर्तन उत्पन्न होने की संभावना होती है और इसके विपरीत प्रत्येक मनोवैज्ञानिक परिवर्तन से शारीरिक परिवर्तन हो सकता है।


इससे पहले कि हम तनाव शब्द में आएं और इससे छुटकारा पाने के तरीकों और तरीकों की व्याख्या करें, तनाव की प्रकृति को समझना महत्वपूर्ण है। तनाव एक वैश्विक शब्द है और तनाव तनाव का ही एक रूप है। तनाव शब्द लैटिन शब्द स्ट्रिंगर से आया है, जिसका अर्थ है "कसना"। तनाव ऐसी चीजों के प्रति व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और रासायनिक प्रतिक्रिया है जो डराती है, उत्तेजित करती है, भ्रमित करती है, खतरे में डालती है या परेशान करती है।

तनाव पर निबंध: अर्थ और प्रकार || Essay on stress: meaning and types in Hindi

इससे पहले कि हम तनाव शब्द में आएं और इससे छुटकारा पाने के तरीकों और तरीकों की व्याख्या करें, तनाव की प्रकृति को समझना महत्वपूर्ण है। तनाव एक वैश्विक शब्द है और तनाव तनाव का ही एक रूप है। तनाव शब्द लैटिन शब्द स्ट्रिंगर से आया है, जिसका अर्थ है "कसना"। तनाव ऐसी चीजों के प्रति व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और रासायनिक प्रतिक्रिया है जो डराती है, उत्तेजित करती है, भ्रमित करती है, खतरे में डालती है या परेशान करती है।


 Essay 1. तनाव का अर्थ (Meaning of Stress)


तनाव मूल रूप से 'विघर्षण' है। हमारा शरीर लगातार बदलते वातावरण के साथ समायोजन करते हुए इसका अनुभव करता है। हम पर इसके शारीरिक तथा मानसिक प्रभाव होते हैं जो सकारात्मक या नकारात्मक दोनों ही तरह के हो सकते हैं।


सकारात्मक दृष्टिकोण से तनाव हमें मुश्किल हालात से जुझने की प्रेरणा और ताकत देता है।

नकारात्मक प्रभाव देखिए तो यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का विनाश भी करता है।


कार्य की समय-सीमा परिवार की जिम्मेदारी दर्द ट्राफिक जाम आर्थिक दबाव साथ ही साथ कार्य क्षेत्र में पदोन्नति नया घर और शादिय तनाव के ऐसे कई कारण हैं जो हमें प्रतिदिन प्रभावित कर रहे हैं यहां तक कि हमारे जीवन में होने वाला बहुत सुखद परिवर्तन भी कई बार थकाने वाला   हो सकता है।


परिवर्तन अपने-आप में ही तनावपूर्ण है। साथ ही कोई परिवर्तन न होना भी तनावपूर्ण है। इससे बचा नहीं जा सकता। तो हमें यह सीखने की जरूरत है कि इससे समाज इस कैसे बिठाया जाए।


शरीर पर तनाव का प्रभाव (Effects of Stress on the Body):


तनाव अगर लंबे समय तक रहे और तीव्र हो, तो गंभीर बीमारियाँ होने का खतरा बढ जाता है और मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं को बदतर बना देता है । तनाव अकेला शायद ही किसी रोग का कारण बनता है, लेकिन चिकित्सक कहते है कि रोग के विरुद्ध शरीर के शुरुआती संघर्ष में और बाद में शरीर उस रोग से किस तरह निपटता है, इसमें तनाव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है ।


लंबे समय तक चलने वाला तनाव, सबसे पहले हृदय वाहिका-तंत्र, प्रतिरोधक प्रणाली, आमाशय-आंत प्रणाली पर बुरा असर डालता है । और फिर हृदय रोगों के बढे हुए खतरों या उसमें गिरावट, माइग्रेन, दमा और कई अन्य रोगों का कारण बनता है ।


तनाव के प्रकार (Types of Stress)

1. जीवन से जुड़े तनाव (Stress Related to Life)


तनाव मूल रूप से विघर्षण है। हमारा शरीर लगातार बदलते वातावरण के साथ समायोजन करते हुए इसका अनुभव करता है। हम पर इसके शारीरिक तथा मानसिक प्रभाव होते हैं, जो सकारात्मक या नकारात्मक दोनों ही तरह के हो सकते हैं।


सकारात्मक दृष्टिकोण से तनाव हमें मुश्किल हालात से जूझने की प्रेरणा और ताकत देता है। नकारात्मक प्रभाव देखें तो यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का विनाश भी करता है।


कार्य की समय-सीमा परिवार की जिम्मेदारी, दर्द, ट्राफिक, जाम, आर्थिक दबाव, साथ ही साथ कार्य क्षेत्र में पदोन्नति नया घर और साधना तनाव के ऐसे कई कारण हैं, जो हमें प्रतिदिन प्रभावित कर रहे हैं, यहां तक कि हमारे जीवन में होने वाला बहुत सुखद परिवर्तन भी कई बार थकाने वाला हो सकता है।


परिवर्तन अपने-आप में ही तनावपूर्ण है। साथ ही कोई परिवर्तन ना होना भी तनावपूर्ण है इससे बचा नहीं जा सकता तो हमें यह सीखने की जरूरत है कि इससे सामंजस्य कैसे बिठाया जाए।


तनाव के प्रकार

1. जीवन से जुड़े तनाव

1. जब जीवन या स्वास्थ्य संकट में हो या जब मानव पर दबाव डाला जा रहा हो या फिर किसी अप्रिय या चुनौतीपूर्ण काम का अनुभव हुआ हो।


ii. शरीर एड्रिनेलिन स्रावित करता है और लडो या भाग जाओ वाली प्रतिक्रिया महसूस करते हैं।


2. भीतरी रूप से उत्पन्न में तनाव (Inner Tension)


i. ऐसी परिस्थितियों या घटनाओं के बारे में चिंतित होकर दुखी रहना, जो नियंत्रण से बाहर है जीवन के प्रति तनाव या व्यकुंलता भरा नजरिया या रिश्तो में समस्याएं होना।


ii. यह 'तनाव का आदी' होने या अत्यधिक उसी का परिणाम भी हो सकता है या तनावपूर्ण रहने से वास्तव में कुछ और प्रेरित होना।


3. पर्यावरणीय और कार्यक्षेत्र के तनाव (environmental and workplace stress)


i. घर या कार्यक्षेत्र का तनावपूर्ण पर्यावरण।


ii. शोर, भीड़, प्रदूषण, अव्यवस्था, द्वंद्ध या किसी अन्य विचलन से हो सकता है।


iii. काम की समय सीमा, प्रस्तुत, कार्य छेत्र में सुरक्षा, यह सभी आपकी नौकरी से जुड़े तनाव हैं।


4. थकान और अत्यधिक काम (Fatigue and Excessive work)


यह तनाव एक लंबे समय से निर्मित हो रहा होता है- यह तब होता है, जब या तो कम समय में बहुत कुछ हासिल करना चाहते हो या समय प्रबंधन के प्रभावी तरीकों का उपयोग ना कर रहे है।


शरीर प्रदूषण के रूप में तनाव (stress as body pollution)


आदिमानव के दौर में गए थे तो उस समय तनाव किसी खास मौके पर ही पैदा होता था। जब बात जीवन मरण की होती थी या शरीर को चुनौती मिलती थी, और वे अपनी प्रतिक्रिया शारीरिक रूप से ही देते थे और फिर आराम करने और स्वास्थ्य होने का समय भी मिलता था।


परिवार के किसी सदस्य की लंबी बीमारी या नौकरी छूट जाने जैसी वजहों के चलते हमें चिंता से घिरे रहते हैं। ऐसे में तनाव के हार्मोन लंबी अवधि तक बहुत अधिक मात्रा में स्रावित होते हैं और इस स्थिति से समायोजन करने के लिए वे शरीर के स्रोतों को खत्म करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में तनाव शरीर प्रदूषण का एक रूप बन जाता है।


जबकि आज तनाव प्रतिदिन के जीवन का हिस्सा बन गया है और हमें बहुत लंबे समय तक चौकन्ना रहना पड़ता है। इतना कि हम इस परिस्थिति को ही सामान्य मानने लगे हैं तनाव हमारा स्थाई साथी बन गया है।


निराशाजनक लग रहा है? क्या मन कर रहा है की गुफा मानव के समय में पहुंच जाएं? यह परिदृश्य इतना आसमान भी नहीं है। शेरॉन को अभी-अभी कई स्रोतों से शरीर प्रदूषण की भारी खुराक मिली है। कार्यक्षेत्र में उसकी मानसिक अवस्था जिस हवा में वह सांस ले रही है, जो लता हुआ भोजन वह खा, रही है, उसमें उपस्थित विषाक्त पदार्थ और प्रति रक्षकों यहां अतिरिक्त कैलोरी की तो बात ही नहीं हुई है और घर में अजीब असमजस भारी स्थिति यदि वह सोचे कि इन सब का उसके स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं होगा तो वह खुद से छलावा कर रही है।


जब व्यक्ति हर रोज ही ऐसी बल्कि इससे भी बदतर परिस्थिति में रह रहा हो तो मानव शरीर के अनुकूलन क्षमता पर केवल आश्चर्य ही  जता सकते हैं। जीवन में तनाव को आधिकाधिक रूप से कम करके अपनी उर्जा बचाकर उसे अन्य सकारात्मक कामों पर खर्च कर सकते हैं।


तनाव दूसरी विषाक्त पदार्थ के समान ही शरीर प्रदूषण का एक रूप है इससे पूरी तरह बचा नहीं जा सकता लेकिन आपको इसके नकारात्मक प्रभावों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में सजग रहना चाहिए।


मानसिक तनाव या साधारणतः नकारात्मक विचार समय-समय पर आते हैं। ये भी शरीर प्रदूषण का ही प्रकार है – इसे हम मस्तिष्क का प्रदूषण कह सकते हैं। इसके अलावा मीडिया द्वारा ताजा त्रासदियों को  हर रोज जिस तरह प्रस्तुत किया जाता है। वह इसमें इंजन का काम करता है और यदि सतर्क ना रहे तो मस्तिष्क का प्रदूषण जीवन का अंग बन जाएगा।


तब जीवन अपने आप में ही तनावपूर्ण हो जाएगा। तनाव अपनी आदतों की तरफ ले जाता है, जैसे खानपान संबंधी दोष बहुत अधिक या बहुत कम खाना और नींद में अनियमितता हो जाना। दोनों ही परिस्थितियां अगर लंबे समय तक रहे तो आपको सारी रूप से अस्वस्थ बना देती है।


FAQ-question


प्रश्न-तनाव प्रबंध का महत्व.

उत्तर-लंबे समय तक तनाव न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।तनाव के जवाब में आपका शरीर संचालित रूप से रक्तचाप, और आपकी मांसपेशियां मैं रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है.तनाव से स्ट्रोक दिल का दौरा,पेप्टिक अल्सर और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। 


प्रश्न-तनाव की विशेषता क्या है।

उत्तर-तनाव एक द्वंद है जो एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकार का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशांत भावना स्तर एवं शरीर आवश्यकता का अनुभव करते हैं ऐसी स्थिति में हमारे कार्य क्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है।


प्रश्न-तनाव क्या है परिभाषा।

उत्तर- तनाव (Stress) मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है।


प्रश्न-परीक्षा का तनाव पर निबंध.

उत्तर- तनाव क्या है? प्रतिक्रिया लोगों को अत्यधिक मांग या परीक्षा से गुजर के रूप में इस तरह के दबाव, है. आप यह कार्य जिम्मेदारियों, या दबाव के अन्य प्रकार के साथ मुश्किल से निपटने के लिए या आप उत्सुक के लिए इस तरह की मांग को पूरा करने की कोशिश कर रहा हो सकता है मिल सकता है.





Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2