Class 11th Sanskrit varshik real paper 2023 RBSE Board

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Class 11th Sanskrit varshik real paper 2023 RBSE Board

Class 11th Sanskrit varshik real paper 2023 RBSE Board || आरबीएसई बोर्ड कक्षा 11वीं  संस्कृत वार्षिक पेपर 2023


RBSE Board Varshik Paper 2023 || राजस्थान बोर्ड वार्षिक परीक्षा पेपर 2023


Rajasthan Board Class 9th & Class 11th varshik paper 2023 download pdf || राजस्थान बोर्ड कक्षा 9वीं एवं कक्षा 11वीं वार्षिक परीक्षा पेपर 2023   


Class 11th Sanskrit varshik real paper 2023 RBSE Board 


नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट www.upboardlive.com पर। दोस्तों, जैसा कि आप सभी विद्यार्थियों को ज्ञात होगा कि राजस्थान बोर्ड के वार्षिक पेपर अप्रैल माह में प्रारम्भ होने वाले हैं। RBSE, अजमेर बोर्ड अप्रैल महीने में कक्षा- 9वीं और कक्षा- 11वीं की वार्षिक परीक्षा 2023-24 (annual exam) आयोजित करेगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम आपको राजस्थान बोर्ड के वार्षिक परीक्षा 2023 के सभी कक्षाओं के प्रश्न पत्रों के संपूर्ण हल (full solution) उपलब्ध करवाएंगे। इसलिए यदि आप भी आरबीएसई बोर्ड, अजमेर की वार्षिक परीक्षा 2024 में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं तो RBSE Board class 9th & Class 11th की संपूर्ण तैयारी के लिए जुड़े रहिए हमारी वेबसाइट www.upboardlive.com से। इसके साथ ही हमारे telegram channel पर भी जुड़ जाइए जहां पर आपको सभी पेपर की pdf download करने को मिल जाएंगी।

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RBSE Board Class 11th varshik priksha time table 2023 download PDF


माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की वार्षिक परीक्षाएं 15 अप्रैल 2023 से आरंभ हो रही हैं। परीक्षा का आयोजन प्रत्येक दिन 2 पालियों में किया जाएगा। प्रथम पाली का समय 8:00 बजे से 11:15 बजे तक तथा द्वितीय पाली का समय दोपहर 11:30 बजे से 2:45 बजे तक होगा। याद रहे भिन्न-भिन्न जिलों के लिए भिन्न-भिन्न समय का भी निर्धारण किया गया है। इसीलिए आप सभी विद्यार्थियों से निवेदन है कि RBSE Board class 9th & class 11th yearly time table 2023 की PDF district wise (जिला स्तर) पर अवश्य देखें। एवं उसी के हिसाब से परीक्षा देने एग्जाम सेंटर पर जाएं।

Rajasthan Board examination Class 9th & Class 11th Annual time table 2023- 24


प्रिय विद्यार्थियों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं की वार्षिक परीक्षाएं 15 अप्रैल 2023 से शुरू होंगी जो कि 27 अप्रैल 2023 को समाप्त होंगी। जो विद्यार्थी Rajasthan board, Ajmer की कक्षा 9वीं एवं कक्षा 11वीं की वार्षिक परीक्षा तिथि 2023 की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ऐसे सभी विद्यार्थीगण अब वार्षिक परीक्षा टाइम टेबल (annual exam time table 2023) यहां से देख सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा को पास करने और उसमें बहुत अच्छे अंक हासिल करने के लिए यहां पर कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। यहां पर नीचे कुछ बातें बिंदुवार बताई गई हैं इन बातों का अनुसरण कर आप राजस्थान बोर्ड की कक्षा नौवीं एवं 11वीं की वार्षिक परीक्षा में बहुत अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं–

प्रमुख ध्यान देने योग्य बातें-


1.सभी विद्यार्थी अपनी सेहत का पूरा खयाल रखें।

2.कक्षा में पढ़ायें गए सभी नोट्स (notes) का ध्यान पूर्वक गहन अध्ययन करें।

3.सभी परीक्षार्थीगण शिक्षक द्वारा बताए गए महत्वपूर्ण प्रश्नों एवं उनके उत्तरों को अवश्य देखें।

4. आप सभी विद्यार्थियों को सभी विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्न (important questions) पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

5. सभी विद्यार्थियों को परीक्षा देते समय time का विशेष ध्यान रखना होगा जिससे कि निर्धारित समय में आपका संपूर्ण प्रश्न पत्र हल हो जाए

Class 11th varshik exam paper 2023-24 RBSE Board 

                वार्षिक परीक्षा 2023-24

                            कक्षा 11वीं

                  विषय- संस्कृत साहित्यम्


समय : 2.45 घण्टा

पूर्णांक : 80


निर्देश:

 

(i) सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।

(ii) सभी प्रश्नों के अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

(iii) प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।


1. चवर्गस्य उच्चारणस्थानं किम् अस्ति ?


(अ) कण्ठः                   (ब) तालुः


(स) मूर्धा                      (द) दन्ताः


उत्तर- (ब) तालुः


2. जिह्वामूलीयस्य उच्चारण-स्थानं अस्ति?


(अ) जिह्यमूलम्               (ब) ओष्ठौ


(स) नासिका                   (द) कण्ठः


उत्तर- (अ) जिह्यमूलम्


3. स्पंशवर्णानाम् आभ्यन्तर प्रयत्नं भवति ?




4. 'मध्वरि:' इति पदस्य सन्धिविच्छेदम् अस्ति ?


(अ) मधु+उरि                  (ब) मध्+वरिः


(स) मधु + अरिः              (द) मध्+अरिः


उत्तर- (स) मधु + अरिः


5. 'महा+ईश:' इत्यस्य सन्धिपदं किम् ?


(अ) महीश:                   (ब) महेश:


(स) महैश:                    (द) महश


उत्तर- (ब) महेश:



6. 'विष्णवे ' इति पदे सन्धिः अस्ति ?


(अ) यण्                         (ब) गुण्


(स) वृद्धि :                      (द) अयादि


उत्तर- (द) अयादि


7. 'उपकृष्णम्' इति पदे समासः अस्ति?


(अ) बहुव्रीहि:                  (ब) द्वन्द्वः


(स) अव्ययीभावः             (द) द्विगु:


उत्तर- (स) अव्ययीभावः


8. बालकाः विद्यालयं…………..?


(अ) गच्छति                   (ब) गच्छथ


(स) गच्छन्ति                  (द) गच्छामः


उत्तर- (स) गच्छन्ति


11. अहं पत्रं ......?


(अ) लेखिष्यामि               (ब) लेखिष्यति


(स) अलिखत्                  (द) लिखति


उत्तर- (अ) लेखिष्यामि


12. रामः शीतलं जलम् ..............?


(अ) अपिबाव                    (ब)अपिबत्


(स) अपिबम्                     (द) अपिय


उत्तर- (ब)अपिबत्


13. बालकः..............सह गच्छति ।

उत्तर- मात्रा


14…………नमः

उत्तर- गुरवे


15. सः ........... आयाति ।

उत्तर- ग्रामात्


16….. ..... बालकाः गृहं गच्छन्ति । ।

उत्तर- सर्वे


17.  ……………..कुत्र निवसति ।

उत्तर- भवान्


18. राकेशः सम्भाषणक्षेत्रे …….. आसीत् ।

उत्तर- प्रथम:


19. गणेश: पाठं………क्रीडति ।

उत्तर- पठित्वा 


20. बालिका………..गच्छति ।

उत्तर- पठन्ती


21. मया पत्रं……….. ।

उत्तर- लेखनीयम् 


22. मञ्जूषात: उचित-अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत—

(श्वः, उच्चैः, अधः)


(i) गायकः…….... गायति ।

उत्तर- उच्चैः


(ii) रमेश :......... जयपुरं गमिष्यति ।

उत्तर- श्वः


(iii) वृक्षस्य……….... एव साधोः उटजम् । ।

उत्तर- अधः


23. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एक पदेन लिखत-


(i) संस्कृत साहित्यस्य आदिकवि : क: मन्यते ?

उत्तर- 


(ii) महाभारतस्य रचयिता कः अस्ति?

उत्तर- 


(iii) 'चरक संहिता' ग्रन्थस्य लेखकः कः अस्ति?

उत्तर- 


(iv) 'मृच्छकटिकम्' कस्य रचना अस्ति?

उत्तर- 


(v) विद्यापति कति ग्रन्थानां प्रणयनम् अकरोत् ?

उत्तर- 


(vi) नाटकस्य विघ्नोपशान्तये नाट्याभिनयस्य पूर्व किं करोति ?

उत्तर- 


(vii) भरतस्य अर्थं किम् अस्ति?

उत्तर- 


(viii) पात्रं स्वकीये मनसि कथयति तत् किं भवति ।

उत्तर- 


24. अधोलिखितेषु प्रश्नेषु केषाञ्चित् सप्त प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-

(i) वसन्ते समन्ततः गिरिशिखराणि कीदृशानि भवन्ति ?

उत्तर- 


(ii) महासत्व: मीनानां कै: परमनुग्रहं करोत् ?

उत्तर-


(iii) 'मानो हि महतां धनम्' इत्ययं पाठः कस्माद, संकलित : ?

उत्तर-


(iv) रोहसेन: कीदृशीं शकटिकां याचते?

उत्तर-


(v) अजीर्ने भुञ्जानस्य क: दोष: भवति।

उत्तर- 


(Vi) भारतानां माता कं विलोक्य भृशं क्रुन्दति ?

उत्तर- 


(Vii) पुरुष परीक्षायाः लेखकः कः?

उत्तर- 


"(viii) निष्कुटेषु का आहिता?

उत्तर-


(ix) हरिश्चन्द्रकथायामक्षरशः कस्य प्रतीतिः आसीत्?

उत्तर-


(x) महात्मा गाँधी किन्नाम नाटकम् अपठत् ?

उत्तर- 


25. कस्यचित् कस्य गद्यांशस्य हिन्दीभाषायाम् अनुवादं करोतु-उष्णमश्नीयात्, ऊष्णं हि भुज्यमानं स्वदते, भुक्तं चाग्नि मौदर्यम् उदीरयति, क्षिप्र जरां गच्छति, वातमनुलोमयति, श्लेष्माणं च परिह्यासयति, तस्मादुष्णमश्नीयात् ।

उत्तर- 


                              अथवा


अस्ति कालिन्दीतीरे योगिनीपुरं नाम नगरम् । तत्र अलावदीनो नाम यवनराजो बभूव । स चैकदा केनापि निमित्तेन महिमासाहिनाम्ने सेनानिने अकुष्यत् । स च यवन स्वामिनं प्रकुपितं प्राण ग्राहकें च ज्ञात्वा चिन्तयामास, सामर्षो राजा विश्वसनीयो न भवति ।

उत्तर-


26. कस्यचित् एकस्य पद्यांशस्य हिन्दी भाषायाम् अनुवादं करोतु- हंसो यथा राजतपञ्जरस्थः सिंहो यथा मन्दरकन्दरस्थः । वीरो यथा गर्वित कुञ्जरस्थ श्चन्द्रोऽपि बभ्राज तथाम्बरस्थ: ।।

उत्तर-


                               अथवा

यस्य वृत्तं न जल्पन्ति मानवा महदद्भूतम् ।

राशि वर्धन मात्रं स नैव स्त्री न पुनः पुमान् ।।

उत्तर-


27. कस्यचित् एकस्य नाट्यांशस्य हिन्दी भाषायाम् अनुवादं करोतु-                                                  3

वसन्त सेना - हा धिक् हा धिक् ! अयमपि नाम परसम्पत्त्या सन्तप्यते ? भगवन् कृतान्त |

पुष्कर पत्र पतित जल बिन्दु सदृशैः क्रीडसि त्वं पुरुषभागधेयैः । जात! मा रुदिहि !

सौवर्ण शकटिकया क्रीडिष्यसि ।

दारकः - रदनिके! का एषा ?

रदनिका - जात! आर्या ते जननी भवति ।

उत्तर-


                               अथवा


दारकः - रदनिके! अक त्वं भठासि । यधस्माकमार्या जननी तत् केन अलङ्कृता ?

वसन्तसेना -जात! मुग्धेन मुखेन अतिकरूणं मन्त्रयसि ।

(नाट्येन आभरणान्यवतार्य रोदिति )

एषा इदानीं ते जननी संवृता । तद् गृहाणैत मलङ् कारकम् ।

उत्तर-


28. कस्यचित् एकस्य गद्यांशस्य सप्रसङ्ग- संस्कृत व्याख्या करणीया-                                              3

प्रथमयुद्धानन्तरं यवनराजेन हम्मीरदेवं प्रति दूतः प्रहितः । दूत उवाय राजन् हम्मीर ! -

श्रीमान् यवनराजस्त्वामादिशति यन्ममापथ्यकारिणं महिमासाहिं परित्यज्य देहि । यद्येनं न दास्यसि तदा श्वने प्रभाते तव दुर्ग तुरगखुराघातै श्चूर्णावशेषं कृत्वा महिमा साहिना सह त्वामन्त कपुरं नेष्यामि ।

उत्तर-


                                अथवा

मम पित्रा क्रीत्वा स्थापितस्य श्रवण पितृ भक्त्याख्यनाटक ग्रन्थ स्योपरि कथमपि में दृष्टि रपतत्। तमेनं तत्परतयाहमपठम् । तत्कालमेव ग्रामाद् ग्रामं पर्यटन्तः पुत्तलिका प्रदर्शनोपजीविनः केचिदस्मद् ग्राममुपागमन् ।

उत्तर-


29. कस्यचित् एकस्य पद्यांशस्य सप्रसङ्ग व्याख्या करणीया- सनातनान्याह्वय भारतानां, कुलानि युद्धाय, जयोऽस्तुनो भीः ।

भो जागृतास्मि क्व धनुः क्व खड्गः, उत्तिष्ठतोत्तिष्ठत सुप्तसिंहाः ।।                              3

उत्तर-


                               अथवा

संस्कृतो धानदूर्वा दरिद्रीकृता, निष्कुटेषु स्वयं कण्टकिन्याहिता । पुष्पितानां लतानां न रक्षा कृता, विस्तृता वाटिका योजना निर्मिता ।।

उत्तर-


                                (3)


30. कस्यचित् एकस्य नाट्यांशस्य सप्रसङ्ग- व्याख्या करणीया-

(ततः प्रविशति दारकं गृहित्वा रदनिका)

रदनिका - एहि वत्स! शकटिकया क्रीडाव:

दारक:- (सकरुणम्)

रदनिके! किम्मम एतया मृतका शकटिकया? तामेव सौवर्णशकटिकादेहि ।

( रदनिका सनिर्वेद निःश्वस्य)

जात! कुतोऽस्माकं सुवर्णव्यवहारः? तातस्य पुनरपि ऋद्ध्या सुवर्णशकटिकया क्रीडिष्यसि।

उत्तर-

                              

                              अथवा

वसन्त सेना - रदनिके! स्वागतं ते । कस्य पुनरयं दारकः ? अनलङ्कृतशरीरोऽपि चन्द्रमुख आनन्दयति मम हृदयम् । रदनिका एष खलु आर्यचारूस्तस्य पुत्रो रोहसेनो नाम । वसन्तसेना - ( बाहू प्रसार्य) एहि में पुत्रक ! आलिङ्ग । (इत्यङ् के उपवेश्य) अनुकृतमनेन पितुः रूपम्। रदनिका न केवलं रूपं, शीलमपि तर्कयामि । एतेन आर्यचारुदन्तस्य आत्मानं विनोदयति ।

उत्तर- 


31. स्वकीयं रमेशं मत्वा मित्राय पत्रं लिखत ।


                                सङ्केत सूची

(ममाध्ययनं, प्रचलति भवतोऽध्ययनमपि, प्रचलेत्, वक्तव्याः मित्रं, रमेशः, ग्रीष्मावकाशे, भवत्सकाशमागन्तुं, बहुआनन्दः, फलमपि, सम्यक् परिश्रमं सफलतायै, प्रसन्नता प्राप्तवान्, पादकन्दुकं, अहमतीव, चिरात्, अत्र कुशलम् )

उत्तर-

                             अथवा

स्वकीयं अशोकं मत्वा श्रीमान् निदेशक महोदय: राजस्थान संस्कृत अकादमी - जयपुरम् | पक-प्रेषणार्थं मञ्जूषातः पदानि चित्वा पत्रं लिखत । (राजस्थान-संस्कृत-अकादमी, क्रयण, मयाऽवलोकितः, ग्रन्थस्य, व्यवस्था कुर्वन्तु, पञ्चाशत्, प्रेषयामि, समयेऽवशिष्ठं प्रेषयिष्ये, अशोकः)

उत्तर- 


32. मञ्जूषायां प्रदत्त-संकेतानां प्रयुज्य अनुच्छेदं लेखनीयम्                                                      4

                            रामायणम्

नवीन, रामचरितस्य, धार्मिक ग्रन्थः, नाटकाणाम्, साहित्यस्य उपजीव्यः, 24000, मुख्यरूपेण, गायत्री मन्त्रे, मान्यता, मत्वा रचिताः, श्लोकानाम्, उत्तरकाण्डश्च, सुन्दर काण्डः, अयोध्या काण्डः, सप्त काण्डाः, वर्णिता, रामकथा, महर्षि वाल्मीकेः

उत्तर- 


                              अथवा


                          मृच्छकटिकम्

शर्विलक:, विश्वस्य, समाजे, मृच्छकटिके जीवनस्य, पात्राणि, पात्राणाम्, नागरिकाः, दरिद्रः, सदाचारिणी, गणिका, प्रमुख विशेषता, अस्य नाटकस्य, महत्त्वपूर्ण, शूद्रकस्य, तस्य नाट्य कृत्याः

उत्तर- 


33. अधोलिखितं अपठित गद्यांश पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-                                               8

कुमार सम्भवस्य मुख्यरसः वीरः अस्ति। वीरस्य चत्वारः भेदाः भवन्ति । युद्धवीरः यथा

श्रीरामचन्द्रः। धर्मवीरः यथा युधिष्ठिरः । दानवीरः यथा कर्णः । दयावीरः यथा महात्मा बुद्धः । अत्र कुमार कार्तिकेय द्वारा तारका- सुरस्य वध प्रसंगे युद्धवीरः अस्ति । शिव द्वारा कामदहनस्य प्रसंगे धर्मवीर रसः अस्ति । धर्मविरोधी कामः पार्वत्याः सौन्दर्येण शिवोपरि प्रहर्तुम् इच्छति । शिवः तृतीय नेत्रेण ज्ञान नेत्रेण कामदहनं करोति । 

शिव प्राप्त्यर्थं पार्वती तपसः आचरणं करोति एष एव धर्म मार्ग । पञ्चम सर्गे पार्वत्याः तपसः वर्णन प्रसंगे अपि धर्मवीर रसः एव अस्ति । शिव-पार्वत्योः श्रृंगारलीला वर्णने गौणरूपेण शृंगार रसः अस्ति । रति विलापे करूणरसः अस्ति । कालिदासस्य काव्येषु वैदर्भीरीतिः प्रसादगुणश्च स्तः । कथितमपि वैदर्भीरीति सन्दर्भे कालिदासो विशिष्यते । तस्य शैली लालित्ययुक्ता परिष्कृता च अस्ति ।

1.अस्य गद्यांशस्य समुचित शीर्षकं लिखत ।        1

उत्तर- कुमारसम्भव:


2. कुमार सम्भवस्य प्रधानरसः कः ?                  1

उत्तर- मीर: रस :


3. कालिदासः कस्मिन् सन्दर्भे विशिष्यते ?          1

उत्तर- वैदर्भीरीतिसन्दर्भे


4. 'तस्य' शैली लालित्ययुक्ता परिष्कृता च अस्ति । 'तस्य' शब्द कस्मै प्रयुक्तः ।                                1

उत्तर- 


5. गद्यांशात् 'मुख्य' पदस्य विलोमपदं लिखत।       1

उत्तर- गौठा


6. ‘तृतीय नेत्रेण' इत्यत्र विशेष्यपदं किम् ?             1

उत्तर- नेत्रेण


7. 'रति विलापे करूणरसः अस्ति' अस्मिन् वाक्ये कर्तृपदं किम्?                                                  1

उत्तर- करुणरस:


8. 'कामः शिवोपरि प्रहर्तुम् इच्छति ।' अस्मिन् वाक्ये क्रियापदं किम् ?                                               1

उत्तर- इच्छति 




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