झारखंड राज्य पर निबंध || essay on Jharkhand in Hindi
इस पोस्ट के माध्यम से आज हमारा राज्य झारखंड पर निबंध (hamara rajya Jharkhand per nibandh) लिखने और साथ ही झारखंड राज्य के बारे में ढेरों जानकारी देने वाले हैं यदि आप झारखंड राज्य के बारे में निबंध लिखना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े.
साथ ही झारखंड राज्य पर निबंध आपके बोर्ड परीक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है बोर्ड परीक्षा में इस से प्रश्न आते ही रहते हैं। इसलिए आज के इस पोस्ट में हम लोग झारखंड राज्य पर 250, 300,500 शब्दों और 600,800 100 शब्दों में निबंध देखेंगे।
झारखंड राज्य पर निबंध || essay on Jharkhand in Hindi |
मेरा राज्य झारखंड पर निबंध | essay on Jharkhand in Hindi- हमारे देश के अन्य राज्यों की तरह ही झारखंड भी भारत का एक प्रमुख राज्य है इस राज्य का नाम प्राकृतिक स्थिति के आधार पर ही दिया गया है इस राज्य में हरियाली ही हरियाली देखने को मिलती है आज के आर्टिकल में हम झारखंड राज्य के बारे में जानेंगे।
छोटा नागपुर पठार पर स्थित आदिवासी झारखंड राज्य निर्माण से पूर्व दक्षिण बिहार का भाग था. आजादी के बाद से इस क्षेत्र के लोगों ने अलग राज्य बनाने की मांग निरंतर रही, आखिर वर्ष 2000 में जब अटल बिहारी बाजपेई थे उन्हीं ने छत्तीसगढ़ उत्तराखंड के साथ ही झारखंड राज्य के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
राज्य की स्थापना का दिवस 15 नवंबर को चुना गया, यह बिरसा मुंडा का जन्मदिन भी है. आदिवासी समुदाय के बड़े नेता थे. जिन्होंने 1850 से 1900 तक अंग्रेज सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया था. राज्य की राजधानी रांची है. जमशेदपुर राज्य का सबसे बड़ा महानगर है धनबाद का रुधिर औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है भारत में नक्सल समस्या से प्रभावित राज्यों में झारखंड भी एक है.
झारखंड का इतिहास
शुरुआत से ही झारखंड का क्षेत्र आदिवासी समुदाय भवन था. जब अंग्रेजों की दखल क्षेत्र में बढ़ने लगी तो वहां के लोगों ने 1765 में ईस्ट इंडिया का घोर विरोध किया तथा अपने राज्य को बचानेके लिए 1771 से 1900 जन आंदोलन चले.
राज्य की अधिकतर आबादी आदिवासी समुदाय से है इसी वजह से राज्य के जीवन और संस्कृति में इसकी छाप स्पष्ट देखी जा सकती है. जितिया पूजा करमा पूजा सरहुल यहां के समाज के मूल्य रीति रिवाज है.राज्य के लोगों में प्रकृति के प्रति अनोखा प्रेम है.यहां की प्रत्येक घर के आंगन में हरा पेड़ अवश्य नजर आएगा।
झारखंड के पर्व त्योहार
झारखंड में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं इसलिए यहां विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते। हिंदू यहां पर दशहरा, दीपावली, होली, रक्षाबंधन, रामनवमी, इत्यादि मनाते हैं। मुसलमान ईद, बकरीद, मोहर्रम, इत्यादि और ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस गुड फ्राइडे तथा जैन धर्म के लोग महावीर जयंती और सबसे प्रमुख आदिवासी लोग सरहुल कर्मा टिशू आदित्य वार मनाते हैं।
झारखंड की नदियां
झारखंड की नदियां पर शादी होती है इसलिए इन्हें बरसात के दिनों में ही पानी होता है तथा यह गर्मी के दिनों में सूख जाता है झारखंड की सबसे लंबी नदी स्वर्ण रेखा को कहा जाता है। तथा दूसरी सबसे बड़ी नदी दामोदर है। दामोदर नदी को बंगाल का शोक भी कहा जाता है।
झारखंड की भाषा
झारखंड राज्य भाषा के लिहाज से बहुभाषी राज्य है, यहां की मुख्य भाषा हिंदी है जिन्हें अधिकतर लोग बोलते हैं और समझते हैं। राज एवं प्रशासन के माध्यमों की भाषा हिंदी है इसके अतिरिक्त सताली, हो मंदारी भाषा बोली जाती है।
झारखंड और पर्यटन स्थल
अपनी सुंदर प्राकृतिक बसावट, प्राचीन संस्कृति एवं लोक जीवन के अनोखेरंग के चलते राज्य में प्रथम की असीम संभावनाएं हैं, यहां हर साल बड़ी तादाद ने देसी विदेशी पर्यटन सर करने आते हैं.राजधानी शहर रांची एक बड़ा पर्यटन स्थल बनकर उभरा है यहां रांची है तथा सूर्य मंदिर मुख्य आकर्षण के केंद्र रहे हैं।
इसके अतिरिक्त यहां के 4 बड़े शहर जगदीशपुर धनबाद पलामू और बोकारो भी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल है बेल्ट और दलमा वन्य जीव अभ्यारण भी झारखंड के पैटर्न के आधार रहे हैं वन एवं वन्य जीवन से इस मध्य प्रदेश राष्ट्रीय पार्क उद्धव तथा विविधता के लिए जाना जाता है यहां हजारीबाग का सुंदर अभ्यारण है।
झारखंड की चौहद्दी
झारखंड के उत्तर में बिहार दक्षिणी उड़ीसा पूर्व में पश्चिम बंगाल तथा पश्चिमी छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश।
झारखंड की प्रमुख समस्याएं
झारखंड की प्रमुख समस्या यह है कि वहां पर राज्य के निर्माण को 19 साल पूरे होने के बाद भी झारखंड में गरीबी कमजोर प्रशासन की स्थिति अभी बनी हुई है क्योंकि राज्य की 33% आबादी अभी तक जीवन गरीबी रेखा के नीचे ही अपना जीवन गुजार रही है, 25% बच्चे कुपोषण और भुखमरी का शिकार हो रहे हैं।
झारखंड राज्य पर निबंध 250 शब्द
हमारे देश में झारखंड राज्य में सबसे अधिक हरियाली होने के कारण यहां इस राज्य में अधिक जारी होने की वजह से इसका नाम झारखंड पड़ा है. झारखंड का अर्थ झाड़ अर्थात झाड़ी और खंड मतलब जगह अवतार झाड़ियों वाला स्थान. इसलिए इसको झारखंड कहा जाता है. झारखंड में खनिजों का भरपूर भंडार है.
अगर झारखंड राज्य को शब्दों के अर्थ के रूप में देखा जाए, तो इसका शाब्दिक अर्थ वन प्रदेश भी होता है और भारत के सबसे अधिक वन क्षेत्रों की भूमि कहा जाता है दूसरी यहां पर वन संपदा बहुत अधिक पाई जाती है। सबसे पहले झारखंड शब्द का प्रयोग ऐतरेय ब्राह्मण उपनिषद में हुआ था जिसको पंडित शब्द भी कहा है। इसके अलावा पद्मावत में अकबरनामा और कबीर की रचनाओं में भी इस राज्य को झारखंड प्रदेश कहां गया था।
यहां अधिकतर आदिवासी समुदाय से जुड़े हुए लोग रहते हैं इसी वजह से उस राज्य के लोगों के जीवन और संस्कृत में भी इस समुदाय की छाप देखी जा सकती है। यहां जितिया पूजा करमा पूजा सरहुल यह आदिवासी समाज के प्रमुख रिवाज है।
निष्कर्ष
झारखंड राज्य जब से नए राज्य के रूप में बना है यह बहुत खुशी की बात रही है, परंतु नए राज्य के रूप में 20 साल होने के बाद भी यहां पर सही तरीके से विकास कार्य नहीं हो पा रहा है,जिसके कारण जनता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही बच्चों को भी कुपोषण और बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा जरूरत हमारी सरकार को वहां पर जागरूक होने की है और इसके साथ-साथ लोगों को भी बहुत जागरूक होना पड़ेगा ।
FAQ question
प्रश्न-झारखंड का पूरा नाम क्या है.
उत्तर-मुगल काल में इस क्षेत्र को कुकरा नाम से जाना जाता था ब्रिटिश काल में यह झारखंड नाम से जाना जाने लगा. पुराण कथाओं को भी इतिहास का हिस्सा मानने वाली इतिहासकारों के अनुसार वायु पुराण में छोटानागपुर को मुंड तथा विष्णु पुराण में कहा गया.
प्रश्न-झारखंड क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर- झारखंड अपने समृद्ध खनिज संसाधनों जैसे यूरेनियम, मीका, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, सोना, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट, डोलोमाइट, फायरक्ले, क्वार्ट्ज, फील्डस्पार, कोयला (भारत का 32%), लोहा, तांबा (भारत का 25%) के लिए प्रसिद्ध है। आदि। वन और वुडलैंड्स राज्य के 29% से अधिक पर कब्जा कर लेते हैं जो भारत में सबसे अधिक है।
प्रश्न-झारखंड कब बना?
उत्तर-झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था. हर साल 15 नवंबर को झारखंड दिवस के रूप में मनाया जाता है.
प्रश्न-झारखंड की भाषा कौन सी है?
उत्तर- हिंदी, खोरठा, नागपुरी, कुरमाली, पंचपरगनिया यहाँ की प्रमुख भाषाएं हैं। झारखंड में बसने वाले स्थानीय हिन्द-आर्य भाषाएँ बोलने वाले लोगों को सादान कहा जाता है। इसके अलावा यहां संथाली, मुंडारी, भूमिज, हो, खड़िया, कुड़ुख जैसी जनजातीय भाषाएं बोली जाती है।
प्रश्न-झारखंड का इतिहास।
उत्तर- शुरुआत से ही झारखंड का क्षेत्र आदिवासी समुदाय भवन था. जब अंग्रेजों की दखल क्षेत्र में बढ़ने लगी तो वहां के लोगों ने 1765 में ईस्ट इंडिया का घोर विरोध किया तथा अपने राज्य को बचानेके लिए 1771 से 1900 जन आंदोलन चले.
राज्य की अधिकतर आबादी आदिवासी समुदाय से है इसी वजह से राज्य के जीवन और संस्कृति में इसकी छाप स्पष्ट देखी जा सकती है. जितिया पूजा करमा पूजा सरहुल यहां के समाज के मूल्य रीति रिवाज है.राज्य के लोगों में प्रकृति के प्रति अनोखा प्रेम है.यहां की प्रत्येक घर के आंगन में हरा पेड़ अवश्य नजर आएगा।
प्रश्न-झारखंड राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
उत्तर-15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ था इस दिन को झारखंड गठन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. झारखंड को 2000 में बिहार से अलग किया गया था. इससे पहले झारखंड दक्षिणी बिहार का हिस्सा था, लेकिन बिहार पुनर्गठन अधिनियम के तहत इसे 28 वा राज्य बनाया गया था.
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