सोशल मीडिया की लत पर निबंध || Essay on Social Media Addiction in Hindi

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सोशल मीडिया की लत पर निबंध || Essay on Social Media Addiction in Hindi

सोशल मीडिया की लत पर निबंध | Essay on Social Media Addiction in Hindi


हेलो फ्रेंड्स! आज के आर्टिकल में हम सोशल मीडिया की लत पर निबंध लेकर आए हैं, सोशल मीडिया के बारे में तो आप सभी को पता होगा, क्योंकि अधिकतर लोगों का समय सोशल मीडिया पर व्यतीत होता है, आज हम सोशल मीडिया की लत पर निबंध और चर्चा करेंगे, जिससे आप सभी को सोशल मीडिया की लत के बारे में जानकारी प्राप्त हो।


सोशल मीडिया की लत पर निबंध | Essay on Social Media Addiction 

सोशल मीडिया की लत बच्चों के लिए काफी हद तक नुकसानदायक हो सकती है क्योंकि विद्यार्थी सोशल मीडिया के लत में पड़ने पर अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान नहीं दे पाते, और अपना अधिकतर समय सोशल मीडिया पर व्यतीत करते हैं। तो चलिए हम सोशल मीडिया की लत पर निबंध को शुरू करते हैं और इसके बारे में सारी जानकारियों को प्राप्त करते हैं।


सोशल मीडिया क्या है ?


सोशल मीडिया यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है सोशल + मीडिया | सोशल अर्थात सामाजिक और मीडिया अर्थात माध्यम | इस प्रकार सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जो हमें समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से जोड़ता है |  तकनीक, हमेशा से ही लोगों की समस्याओं का समाधान ढूंढ निकालने के लिए अग्रसर रही है, सोशल मीडिया का आविष्कार भी इसी सोच के साथ किया गया था कि जो लोग किन्ही कारणों से अपनों से दूर है, अकेले हैं,  उनकी इस समस्या का निवारण हो सके और आज इसी प्रकार तकनीक के माध्यम से लोग घर बैठे इंटरनेट के जरिए लोगों से जुड़ पा रहे हैं और दुनियाभर की जानकारियाँ आपस में साँझा कर रहे हैं। 



जैसे कि आज हम व्हाट्सप्प के माध्यम से अपने रिश्तेदारों, मित्रों का ग्रुप बनाकर उनसे बात कर सकते है, तस्वीरें,  वीडियो साँझा कर सकते हैं। फेसबुक, इंस्ट्राग्राम के माध्यम से आज हजारों लोग अपना व्यापार आगे बढ़ा रहे हैं, लिंक्डइन के माध्यम से आज कई कम्पनियाँ नौकरियां दे रही हैं। आज आप घर बैठे किसी भी कंपनी के एच आर को सीधे अपना रिज्यूमे भेज सकते हैं और मनचाही नौकरी पा सकते हैं। तो इस प्रकार सोशल मीडिया आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया हैं।


सोशल मीडिया का इतिहास और क्रांति 


अमेरिका में साल 1979 में एक क्रांति का उदय हुआ – अरपानेट (ARPANET – Advanced Research Project Agency Network) . इसके बाद पूरी दुनिया में तेजी से इन्टरनेट का जाल फ़ैल गया और इसी के साथ शुरू हुआ नए अविष्कारों का दौर,  जिसने पूरी दुनिया‌ को बदल कर रख दिया ।


 इसी क्रम में सबसे पहले  – 1997 में पहला सोशल मीडिया प्लेटफार्म सिक्स डिग्री, एंड्रयू वेंरीच ने लांच किया गया था। वहीं 2001 में इसके 10 लाख से अधिक यूजर होने के बावजूद तकनीकी समस्या के कारण इसे बंद करना पड़ा । लेकिन यह अंत नहीं था यही से  एक नए युग का आग़ाज हुआ  । 


इसके बाद एक के बाद एक कई सोशल मीडिया एप्स लांच हुए, जिनमें से कई बंद हुए हैं, तो कई अभी तक पूरी दुनिया में अपनी जड़ें जमाए हुए हैं | इनमें से कुछ प्रमुख सोशल मीडिया एप्प और उनका इतिहास इस प्रकार है –


फेसबुक – स्थापना  2004 


संस्थापक मार्क जकरबर्ग


मुख्यालय कैलिफोर्निया 



इंस्टाग्राम – स्थापना  2010  


संस्थापक केविन सिस्ट्रोम और माइक क्रेगेर 


मुख्यालय कैलिफोर्निया 


 


ट्विटर –            स्थापना  2006 


संस्थापक जैक डोर्सी  


मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को 


 


व्हाट्सएप्प –  स्थापना  2009


संस्थापक ब्रोयान एक्टन और जॉन कॉम   


मुख्यालय कैलीफोर्निया 



स्नेपचैट  –  स्थापना  2011 


संस्थापक बोंबी मोफी, इवोन स्पिगल   


मुख्यालय कैलीफोर्निया 



इस प्रकार हम देखते हैं समय के साथ सोशल मीडिया तेजी से विस्तृत और प्रसारित हो रहा है तकनीक की दुनिया में बहुत तेजी से परिवर्तन हो रहा है और हमें नित नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स देखने को मिल रहे हैं | भारत सरकार की तरफ से भी स्टार्टअप इंडिया और  मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत कई देसी एप्स लांच किए गए हैं, जैसे चिंगारी, कू । जिसने सोशल मीडिया की दुनिया में क्रांति ला दी है। आज पूरी दुनिया में लगभग 4.30 सौ करोड़ एक्टिव सोशल मीडिया यूजर्स है। यानी दुनिया के कुल आबादी में इस समय 53% लोग सोशल मीडिया पर है। 21वीं सदी में दुनिया ने सोशल मीडिया की क्रांति के युग में प्रवेश किया है और इस डिजिटल क्रांति से  देश-विदेश में कई राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव देखने को मिले हैं। 





सोशल मीडिया का  महत्त्व 

 

आज सोशल मीडिया के महत्त्व से कोई अनजान नहीं हैं । हर वर्ष 30 मई को सोशल मीडिया दिवस मनाया जाता हैं।  इसका उद्देश्य लोगो को सोशल मीडिया के इतिहास और उसके विकास से अवगत कराना हैं। 



विश्व भर में सोशल मीडिया दिवस को मनाने की शुरुआत साल २०१० में हुई थी, जब वैश्विक संचार में इसके उपयोग को बढ़ावा देने हेतु सोशल मीडिया दिवस को मनाया गया था। आज के तेजी से बदलते समय में लोगों के बीच सोशल मीडिया काफी लोकप्रिय हो रहा हैं। वर्तमान समय में ट्विटर, इंस्ट्राग्राम, लिंक्डइन, स्नैपचैट जैसे प्लेटफार्म सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जा रहे हैं।    


 

सोशल मीडिया सूचनाओं का सागर है जहां मात्र मनोरंजन ही नहीं होता  बल्कि इसके अलावा अन्य कई प्रकार की सूचनाएं भी होती है, जो युवाओं को  विकास से जुड़ी जानकारियों  और प्रतिक्रियाओं से अवगत कराती है |



आज सोशल मीडिया पर सिर्फ बड़े-बड़े सुपरस्टार, खिलाड़ी और सेलिब्रिटीज का ही अपना अकाउंट नहीं है, बल्कि छोटे गांवों में रहने वाले प्रतिभाशाली लोग भी सोशल मीडिया के जरिए लोकप्रिय हो रहे हैं । यानी सोशल मीडिया ने नए सेलिब्रिटीज बनाए हैं। अगर आज कोई प्रतिभाशाली है, अच्छा कलाकार है या गायक है, या फिर उसमें कोई और टैलेंट है तो वह व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपने वीडियो डाल कर लोकप्रिय बन सकता है। जैसे कच्चा बादाम सिंगर भुवन बड़याकर, रानू मंडल सिंगर , सहदेव दिरदो बचपन का प्यार गाने से फेमस हुए हैं आदि |



सोशल मीडिया का दुरुपयोग 

 


आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में फेसबुक, ट्विटर समेत कई साइटों पर 3,245 आपत्तिजनक सामग्रियों के मिलने की शिकायत की गई थी | जिनमें से जून 2019 तक 2,662 सामग्रियाँ हटा दी गईं थीं।


उल्लेखनीय है कि इनमें ज़्यादातर वह सामग्री थी जो धार्मिक भावनाओं और राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान का निषेध करने वाले कानूनों का उल्लंघन कर रही थी। इस अल्पावधि में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सामग्री का पाया जाना यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया का कितना ज़्यादा दुरुपयोग हो रहा है।


दूसरी ओर सोशल मीडिया के ज़रिये ऐतिहासिक तथ्यों को भी तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को अलग रूप में पेश करने की कोशिश हो रही है बल्कि आज़ादी के सूत्रधार रहे नेताओं के बारे में भी गलत जानकारी बड़े स्तर पर साझा की जा रही है। वही हाल ही में सामने आए हनी ट्रैप मामले में भी सोशल मीडिया एप्प्स का गलत इस्तेमाल देखने को मिला और ऑनलाइन माध्यम से कई तरह के गोरख धंधे खुले आम चल रहे हैं,  जैसे आतंकवादियो को फंडिंग, ड्रग्स की स्मग्लिंग, सेक्स रैकेट, अपहरण, ऑनलाइन फ्रॉड आदि |   


विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचनाओं का प्रसार कुछ प्रमुख उभरते जोखिमों में से एक है।

 

समस्याएं

 

  • साइबरबुलिइंग या ट्रोलिंग: इसने गंभीर समस्याएँ पैदा की हैं और यहाँ तक ​​कि किशोरों के बीच आत्महत्या के मामलों को भी जन्म दिया है। इसके अलावा, साइबरबुलिइंग जैसे कृत्य में संलग्न किशोर मादक पदार्थों के सेवन, आक्रामकता और आपराधिक कृत्य में संलग्न होने के प्रति भी संवेदनशील होते हैं।


वही कुछ लोग अपनी फोटो, पोस्ट पर कम लाइक्स या कमेंट मिलने, ट्रोलिंग  की वजह से डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लेते हैं।


  • फेक न्यूज – जैसे कुछ लोग गलत जानकारियों, विज्ञापनों के भ्रम में पड़कर अपना नुकसान कर लेते हैं। 

  • समय‌ की बर्बादी -‌ युवा अपना कीमती समय सोशल मीडिया पर बर्बाद कर रहे हैं। युवा, बच्चे घंटों बैठकर सोशल मीडिया पर चैटिंग करते हैं, इससे उनके सामाजिक व्यवहार पर असर होता हैं। 

  • स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव – लगातार स्क्रीन पर देखने से, सभी उम्र के लोगो में आँखों की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। छोटी उम्र में ही बच्चों को चश्मे लग रहे हैं। वही झुककर मोबाइल देखने से शारीरिक संरचना पर नकारात्मक असर पड़ता हैं। छोटी उम्र में ही दुधमुंहे बच्चे मोबाइल चला रहे हैं, इससे उनकी बौद्धिक क्षमता प्रभावित हो रही हैं। 


इस प्रकार सोशल मीडिया के कारण युवा, बच्चों और बुजुर्गों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा हैं।


समाधान 

 


माता-पिता को चाहिए कि वे अपने दूधमुंहे बच्चे को मोबाइल ना चलाने दें, उसके बजाए उसे खेल-कूद जैसी गतिविधियों में व्यस्त रखें और खुद भी बच्चे के सामने मोबाइल का इस्तेमाल न करें। 


  • सतर्क रहें वयस्कों को यह बात ध्यान रखना चाहिए कि सोशल मीडिया की चकाचौंध को ख़ुद पर हावी ना होने दे, यहाँ हर पोस्ट पर मिलने वाले लाइक्स, कमेंट आपकी जान से ज्यादा कीमती नहीं हैं,  सोशल मीडिया उपयोग करते समय यह विशेष ध्यान रखें कि किसी भी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें और किसी से भी अपनी प्राइवेट जानकारी शेयर ना करें। 

 


  • स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण करें– हर 20 मिनट से अपनी आँखे मोबाइल से दूर करें और थोड़ा ब्रेक लें। चाहे तो आँखों को ठंडे पानी धो लें और थोड़ा वॉक करें | जिससे शारीरिक समस्या न हो। युवा बच्चों के माता-पिता को ये ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे एक निश्चित समय तक ही मोबाइल चलाए और सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें। 

 

चाहे को इसके लिए मोबाइल में पैरेंटिंग कण्ट्रोल सेट कर दें, जिससे आप यह देख पाएंगे की बच्चा कितनी देर, किस एप्प का इस्तेमाल कर रहा हैं। आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल करने पर एप्प अपने आप बंद हो जाएगा। और इस तरह आप खुद भी  सोशल मीडिया के एडिक्शन से बच सकते हैं।   


शासन और विनियमन: कंटेंट, डेटा स्थानीयकरण, थर्ड पार्टी डिजिटल ऑडिट, सशक्त डेटा संरक्षण कानून आदि के लिये इन मंचों के अधिक उत्तरदायित्व हेतु सरकारी विनियमन भी आवश्यक है। 


सोशल मीडिया मंचों की भूमिका: ’ऑटो-प्ले’ सेशन, पुश अलर्ट जैसे कुछ फीचर्स पर प्रतिबंध लगाना और इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण ऐसे उत्पादों का सृजन करना जो युवाओं को लक्षित न करें।   


सोशल मीडिया की लत पर निबंध 1


प्रस्तावना:-


सोशल मीडिया की लत एक वास्तविक समस्या है, और इसके परिणाम भी गंभीर होते हैं, दुनिया में बहुत से लोग सोशल मीडिया के लत में पड़ जाते हैं, और यह उनके व्यक्तिगत और व्यावसाय तथा व्यक्ति के सेहत पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है, इससे केवल उनका समय बर्बाद नहीं होता बल्कि उनके आसपास के लोगों का जीवन भी प्रभावित होता है।


सोशल मीडिया का लत एक बहुत बड़ा चिंता का कारण बन चुका है, इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई भी काफी हद तक बाधित होती है और विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन भी नहीं लगता तथा विद्यार्थी अपना अधिकतर समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं जिसके कारण उनका मार्क्स भी अच्छा नहीं आता है।


सोशल मीडिया का प्रभाव :-


सोशल मीडिया का अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म होता है, लेकिन अगर किसी को इसकी आदत हो जाए तो यह उतना ही नुकसानदायक भी हो सकता है। आज के युवा सोशल मीडिया के आदी होते जा रहे हैं, जिससे यह युवाओं के दिमाग को नुकसान पहुंचा रहा है।


जो व्यक्ति सोशल मीडिया के आदी हो जाते हैं उनको सोशल मीडिया बहुत बुरी तरह से प्रभावित करता है, जिससे विद्यार्थियों का पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित होता है और लोग सोशल मीडिया की लत में पड़कर अपना पूरा समय बर्बाद कर देते हैं।


सोशल मीडिया की लत में पड़ कर लोग अपने करियर के बारे में भी नहीं सोचते हैं, और पढ़ाई पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते, सोशल मीडिया में बेकार की गतिविधियों की ओर आकर्षित होकर कीमती समय बर्बाद करते रहते हैं। यह ना केवल उनके व्यक्तिगत विकास में बाधा डालता है बल्कि यह राष्ट्र के विकास में भी बाधा डालता है।


उपसंहार:-


सोशल मीडिया की लत एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है, सोशल मीडिया एक अच्छा माध्यम है जिससे दूर के इलाके में रहने वाले दोस्तों और रिश्तेदारों से सम्पर्क कर सकते हैं और उनके जीवन के दिनचर्या को जान सकते हैं, तथा इससे हम अपने ज्ञान में भी वृद्धि कर सकते हैं।


सोशल मीडिया के माध्यम से हम दुनिया में हो रहे सभी गतिविधियों के बारे में जान सकते हैं, परंतु सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग करना हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है इसलिए हमें सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए।


सोशल मीडिया की लत पर निबंध  2


प्रस्तावना:-


वर्तमान में सोशल मीडिया का इस्तेमाल सभी वर्ग के लोगों द्वारा किया जा रहा है, छोटे बच्चे भी कम उम्र से ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, सोशल मीडिया पर सभी वर्ग के लोगों का अकाउंट है, अधिकतर लोग अपना पूरा दिन सोशल मीडिया पर व्यतीत करते हैं, सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता अपना प्रोफाइल बहुत ही शानदार दिखाना चाहते हैं।


सोशल मीडिया की लत में पड़ने के बाद सोशल मीडिया से अपने आप को दूर करना मुश्किल हो सकता है, सोशल मीडिया की लत सभी लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है, हमें स्वस्थ और सुखी जीवन जीने के लिए सोशल मीडिया की लत से दूर रहना चाहिए।


आज के युग में सोशल मीडिया सभी लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है, जिसके माध्यम से हम सूचना आदान-प्रदान कर सकते हैं, मनोरंजन कर सकते हैं और ज्ञान की बातें भी सीख सकते हैं।


सोशल मीडिया :-


सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम कितने भी दूर रहने वाले रिश्तेदारों या दोस्तों से बातें कर सकते हैं और उनके बारे में जान सकते हैं, सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है जो संसार के सभी लोगों को एक साथ जोड़े रखता है।


यह बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म होता है इसके द्वारा हम अच्छे कार्य भी कर सकते हैं तथा इसके अधिक प्रयोग से हमें नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। यह संसार के लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़े रखने के लिए बहुत ही अच्छा माध्यम होता है, जिसमें सभी क्षेत्र की खबर होती है, इसके माध्यम से हम दूर दूर के सूचनाओं के आदान-प्रदान कर सकते हैं।


सोशल मीडिया की लत पर निबंध 2023

सोशल मीडिया के द्वारा विकास के कार्य भी किए जा सकते हैं जिससे किसी भी देश के अखंडता समाजवादी और एकता आदि गुणों में वृद्धि होती है।


सोशल मीडिया लोकप्रियता के प्रसार में एक बेहतरीन प्लेटफार्म है, जहां व्यक्ति स्वयं को अथवा अपने किसी उत्पाद को ज्यादा लोकप्रिय बना सकता है। सोशल मीडिया के द्वारा हम ऑडियो तथा वीडियो चैट भी कर सकते हैं, सोशल मीडिया के कई माध्यम है।


जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर, व्हाट्सएप आदि प्रमुख प्लेटफार्म है। सोशल मीडिया जहां सकारात्मक भूमिका अदा करता है वही कुछ लोग सोशल मीडिया का गलत प्रयोग भी करते हैं जिससे उनको पछताना भी पड़ सकता है।


दैनिक जीवन में सोशल मीडिया का प्रभाव :-


सोशल मीडिया का इस्तेमाल बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और यह संचार का बहुत ही बेहतरीन माध्यम है। यह जानकारियों को एकत्रित करके रखता है तथा सरलता से दुनिया में हो रही समाचार को प्रदान करता है। सोशल मीडिया के द्वारा फोटो, वीडियो और डॉक्यूमेंट आदि सभी चीजों को आसानी से शेयर किया जा सकता है।


सोशल मीडिया की लत का दुष्प्रभाव:-


सोशल मीडिया बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है जिसमें बहुत सी जानकारियां गलत भी होती हैं, किसी भी जानकारी को उसका स्वरूप बदल कर फसाने वाली बनाई जाती है जिसका वास्तविकता से कोई लेन-देन नहीं होता है।


सोशल मीडिया पर अपलोड फोटो या वीडियो को गलत तरीके से एडिटिंग करके लोगों को परेशान भी किया जाता है, सोशल मीडिया के द्वारा साइबर अपराध जैसी समस्याएं भी उत्पन्न होती है।


सोशल मीडिया का उद्देश्य:-


सोशल मीडिया तकनीकी प्रणाली का एक ऐसा माध्यम या अविष्कार है जो हमें समाज के विभिन्न वर्गों से जोड़ता है, तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का अविष्कार दूर बैठे लोगों को जोड़ने, समस्याओं का समाधान प्राप्त करने आदि सभी सुविधाओं के लिए किया जाता है।


सोशल मीडिया के जरिए हम सारी जानकारियों को घर बैठे प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए समाज पर बहुत बुरा प्रभाव भी पड़ रहा है, लोग हमेशा सोशल मीडिया में लगे होते हैं जिससे उनका समय बर्बाद होता है और यह मानव जाति के लिए बाधा भी उत्पन्न कर सकता है, परंतु सोशल मीडिया का उद्देश्य केवल मानव जाति के कामों को सरल और सुविधाजनक बनाना रहा है।


सोशल मीडिया की लत:-


आज के बच्चे और युवा तथा बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग सोशल मीडिया की दुनिया को ही अपना दुनिया समझ लेते हैं, सोशल मीडिया पर सभी लोग अपने पल पल की खबर को तस्वीरों के माध्यम से साझा करते हैं, जिससे लोगों को खुशियां मिलती हैं।


यही कारण है जिससे कुछ लोग सोशल मीडिया पर पूरे दिन अपना समय बिताते रहते हैं। सोशल मीडिया का लत बच्चों और युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है, समाज में सोशल मीडिया का दर्द इतना बढ़ रहा है कि इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने से रोकना काफी मुश्किल हो सकता है।


उपसंहार:-


सोशल मीडिया सभी के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म है लेकिन इसका इस्तेमाल केवल आवश्यकता पड़ने पर ही करना चाहिए, सोशल मीडिया लोगों को अभिव्यक्ति का एक सीधा मौका देता है, सोशल मीडिया की लत से दूर रहना चाहिए क्योंकि सोशल मीडिया की लत लगने पर यह बहुत नुकसानदायक हो सकता है।


डिजिटल दुनिया काफी तेजी से प्रगति कर रहा है और इसमें लोग भी काफी योगदान दे रहे हैं, सोशल मीडिया की आवश्यकता से अधिक उपयोग करना काफी नुकसानदायक साबित होता है खासकर युवा और विद्यार्थियों के लिए, इसलिए इसका इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए जब अधिक आवश्यकता हो तभी सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए।


निष्कर्ष:-


आजकल सभी लोग अपना अधिकतर समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं, मोबाइल फोन से जुड़ने का मुख्य कारण सोशल मीडिया है, सोशल मीडिया का अधिक उपयोग हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है इसलिए सोशल मीडिया का हमें कम से कम उपयोग करना चाहिए, आशा करते हैं आपको यह पोस्ट सोशल मीडिया की लत पर निबंध पसंद आया होगा।


प्रश्न 1- सोशल मीडिया की लत की समस्याएं क्या हैं?

उत्तर- चिंता या अवसाद, बढ़ा हुआ अलगाव, घटी हुई शारीरिक गतिविधि, कम आत्मसम्मान, और खराब काम या स्कूल का प्रदर्शन शामिल हैं।


प्रश्न 2- सोशल मीडिया की लत क्यों है?

उत्तर- यह डोपामाइन, "फील-गुड" रसायन को छोड़ने के लिए मस्तिष्क की इनाम प्रणाली को ट्रिगर करता है। 


प्रश्न 3- सोशल मीडिया का छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर- वह पढ़ाई से मन चुराने लगते हैं


प्रश्न 4- सोशल मीडिया की लत कैसे छोड़े?


सोशल मीडिया की लत से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये टिप्स.


  1. By: ABP Live Updated at: Mon, August 15,2022, 4:12 pm (IST) सोशल मीडिया

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  3. 1.सोशल मीडिया 'डिटॉक्स' (Detox) पर जाएं ...

  4. 2.अपने लिए 'डिजिटल टाइम' फिक्स करें ...

      5.   किताब पढ़ें ...

      6.   कुछ नया सीखें ...

      7.   5.अपने दोस्तों और परिवार के साथ अधिक समय        ,           बिताएं ...

      8.   यें भी पढ़ें


प्रश्न 5- सोशल मीडिया से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या क्या है?

सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव


उत्तर- सोशल मीडिया साइबर-बुलिंग को बढ़ावा देता है। 


प्रश्न 6- सोशल मीडिया के दुरुपयोग क्या है?

उत्तर- इसकी वजह से परिवारों का विघटन, पति-पत्नी में आपसी कलह तक के मामले सामने आ रहे हैं। बच्चे अब मैदान में खेलने की बजाय मोबाइल पर खेल रहे हैं।


प्रश्न 7- सोशल मीडिया का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?


सोशल मीडिया का बच्‍चे को नुकसान


उत्तर- ऐसी स्थितियां बच्चों को अश्लील, हानिकारक या ग्राफिक वेबसाइटों तक पहुंचा सकती हैं, जो उनकी सोचने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।


प्रश्न 8- क्यों सोशल मीडिया बच्चों के लिए खराब है


उत्तर- सोशल मीडिया बच्चों को महत्वपूर्ण सामाजिक संकेतों से वंचित करके व्यवहार को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जो वे आमतौर पर इन-पर्सन कम्युनिकेशन के माध्यम से सीखते हैं। इससे वे अधिक कठोर, चिंतित और असुरक्षित हो सकते हैं।


प्रश्न 9- सोशल मीडिया के 10 फायदे क्या हैं?


  • नियंत्रण स्थापित करना

  • स्मार्टफोन और अन्य डिवाइस

  • ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क

  • गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म और अन्य डिवाइस

  • सोशल मीडिया गोपनीयता गाइड

  • मनोरंजन और खोज इंजन

  • ऑनलाइन सुरक्षित रूप से कनेक्ट करना


प्रश्न 10-सोशल मीडिया समाज के लिए खराब क्यों है?


उत्तर- सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने से साइबरबुलिंग, सामाजिक चिंता, अवसाद और ऐसी सामग्री के संपर्क में आने का खतरा हो सकता है जो उम्र के अनुकूल नहीं है। 


प्रश्न 11- सोशल मीडिया की लत को दूर करने में कितना समय लगता है?

उत्तर- लगभग तीन महीने (या 100 दिन) लगते हैं।


प्रश्न 12- सोनल मीडिया अपराध क्या है?


उत्तर- आई टी एक्ट की धारा 67 के अंतर्गत सोशल मीडिया पर या कहीं अन्य इलेक्ट्रॉनिक रूप में किसी ग़लत कमेंट, अश्लील सामग्री आदि पब्लिश करने पर दंड का प्रावधान है। 


प्रश्न 13- सोशल मीडिया की शुरुआत कब हुई?

उत्तर- 1997 में


प्रश्न 14- सोशल मीडिया का शिक्षा पर क्या प्रभाव है?


उत्तर- सोशल मीडिया की मदद से शिक्षा को आसान और सुविधाजनक बनाया जा सकता है। 


प्रश्न 15- सोशल मीडिया का जीवन में क्या महत्व है?


उत्तर- यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह द्रुत गति से सूचनाओं के आदान-प्रदान करने, जिसमें हर क्षेत्र की खबरें होती हैं, को समाहित किए होता है। सोशल मीडिया (Social Media) सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है।


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