आतंकवाद पर निबंध || terrorism Essay in Hindi 2023

Ticker

आतंकवाद पर निबंध || terrorism Essay in Hindi 2023

आतंकवाद पर निबंध : आतंकवाद पर निबंध कैसे लिखें- यपी बोर्ड कक्षा 10वीं 12वीं हिंदी आतंकवाद पर निबंध(Terrorism Essay in Hindi 2023)

/ Class 10, Class 10 Hindi, Class 11 Hindi, Class 11th, Class 12, Class 12 Hindi, Class 9, Class 9 Hindi / upboardlive.com


नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे एक और नये आर्टिकल पर। आज की पोस्ट में हम आपको आतंकवाद पर निबंध: आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in Hindi)के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे एवं इस निबंध से संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर पर भी परिचर्चा करेंगे। ये सभी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर एनसीईआरटी पैटर्न पर आधारित हैं।  तो इस पोस्ट को आप लोग पूरा पढ़िए। अगर पोस्ट अच्छी लगे तो अपने दोस्तों में भी शेयर करिए।


आतंकवाद पर निबंध : आतंकवाद पर निबंध कैसे लिखें - यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं 12वीं हिंदी आतंकवाद पर निबंध


इस पोस्ट में मैंने आतंकवाद पर निबंध को बताया हैं, आप बोर्ड परीक्षा में आये निबंध को अगर सही तरीके से लिखते हैं तो आप अच्छा अंक प्राप्त कर सकते हैं | इस पोस्ट में मैंने भारत में आतंकवाद : समस्या और समाधान को कैसे लिखे, को अच्छे तरीके से समझाया हैं |


आतंकवाद पर निबंध : आतंकवाद पर निबंध कैसे लिखें 


आतंकवाद : समस्या और समाधान


भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को बड़ी गम्भीरता से लिया है और इनकी समाप्ति के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए है । भारत की संसद ने ' आतंकवाद – विरोधी विधेयक पारित कर दिया है , जिसके अन्तर्गत आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहनेवाले व्यक्तियों को कठोर – से – कठोर दण्ड देने की व्यवस्था की गई है ।

                 अथवा


भारत में आतंकवाद : समस्या और समाधान


आंतकवाद की समस्या के कुछ मुख्य कारण (Cause of Terrorism Problem in hindi)–

  • बन्दूक, मशीन गन, तोपें, एटम बोम, हाईड्रोजन बम, परमाणु हथियार, मिसाइल आदि का अधिक मात्रा में निर्माण होना.
  • आबादी का तेजी से बढ़ना
  • राजनैतिक, सामाजिक, अर्थव्यवस्था
  • देश की व्यवस्था के प्रति असंतुष्ट
  • शिक्षा की कमी
  • गलत संगति
  • बहकावे में आना

अथवा भारत में आतंकवाद के बढ़ते कदम


                  अथवा


आतंकवाद : एक चुनौती या एक समस्या


आतंकवाद एक व्यापक समस्या इसलिए भी है, क्योंकि वह प्रजातांत्रिक रूप से स्थापित सरकार को अस्थिर करने या गिराने में योगदान देती है, कानूनसम्मत शासन व्यवस्था को चुनौती देती है तथा कानून के शासन और सरकार के प्रति सामान्य जनता के विश्वास को कम करती है।

                  

अथवा


आतंकवाद : कारण और निवारण अथवा


आतंकवादी और विघटनकारी कार्यकलाप (निवारण) अधिनियम, 1987 उल्लेख करता है कि 'जो कोई भी कानून द्वारा स्थापित सरकार को आतंकित करने अथवा लोगों या लोगों के किसी वर्ग में आतंक फैलाने अथवा उन्हें मारने या विभिन्न वर्गों के बीच सौहार्द को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने के आशय से बम, डायनामाइट या अन्य विस्फोटक पदार्थ अथवा ज्वलनशील .


भारत में आतंकवाद : कारण और समाधान


                   अथवा


आतंकवाद की समस्या


आतंकवाद का समाधान क्या है?

अहिंसा से समस्या का समाधान -

देश को बढ़ते आतंकवाद से मुक्ति भी मिलेगी। इस आतंक से मुक्ति पाने के लिए मानव जाति को एकजुट होकर आतंकवादियों से टक्कर भी लेनी पड़ सकती है। प्यार के दो बोल, पत्थर जैसे विशाल हृदय को भी नम बनाने की क्षमता रखते हैं । जो लोग आतंक को बढ़ा रहे हैं वह भी आखिर इंसान ही है।

आतंकवाद के कारण क्या है?

ऐसा माना जाता कि जब व्यक्ति आंतरिक रूप से समाज में खुद की स्थिति को देख परेशान रहता है और इन्हीं कारणों की वजह से वह अपनी स्थिति को सुधारने के लिए हिंसात्मक कार्य करने लगता है जिसे आतंकवाद कहा जाता है। अतः व्यक्ति द्वारा किए जा रहे किसी भी प्रकार के आतंकवाद का कारण मनोवैज्ञानिक कारण ही होता है।
आतंकवाद क्या है इसके कारण एवं समाधान लिखिए?

एडवांस लर्नर्स डिक्शनरी आफ करण्ट इंग्लिश के अनुसार " राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हिंसा एवं भय का उपयोग करना आतंकवाद है ।" लॉगमैन माडर्न इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार " शासन करने या राजनीतिक विरोध प्रकट करने के लिए भय से एक विधि के रूप में उपयोग करने की नीति को प्रेरित करना ही आतंकवाद है।" राम अहूजा के शब्दों में

भारत में आतंकवाद को कैसे रोका जा सकता है?

क्षमता निर्माण: भारत को सीमा पार आतंकवाद से लड़ने के लिये सेना की विशेषज्ञता की दिशा में आगे बढ़ना चाहिये ताकि आतंकी गतिविधियों की घुसपैठ को रोकने के लिये खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जा सके।

आतंकवाद क्या है इसके कारण क्या है?

अगर कोई व्यक्ति या कोई संगठन अपने आर्थिक, राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए देश या देश के नागरिकों की सुरक्षा को निशाना बनाए, तो उसे आतंकवाद कहते हैं 

आतंकवाद की शुरुआत कैसे हुई?

'आतंकवाद' शब्द की उत्पत्ति फ्राँसीसी क्रांति के दौरान उस समय हुई थी, जब वर्ष 1793-94 के दौरान वहाँ आतंक का राज स्थापित हुआ था। लेकिन मूल रूप से इसका आरंभ विश्व भर में 1950 के दशक में हुए वामपंथ के उत्थान के बाद से देखा जा सकता है।

आतंकवाद के परिणाम क्या हैं?

आतंकवादी कृत्यों से अर्थव्यवस्था में तरंग प्रभाव पैदा हो सकता है जिसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सबसे स्पष्ट संपत्ति और जीवन का प्रत्यक्ष आर्थिक विनाश है। आतंकवाद अप्रत्यक्ष रूप से बाजार की अनिश्चितता, विदेशियों के प्रति भय, पर्यटन को नुकसान और बीमा दावों में वृद्धि करके अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।

आतंकवादी देश कौन सा है?

इनमें अफगानिस्तान, सूडान, सउदी अरब, तुर्की, ईरान, यमन, चेचेन्या, कजाकिस्तान, बहरीन, इराक, अल्बानिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि के आतंकवादी शामिल हैं।

आतंकवाद पर निबंध कैसे लिखें?

आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं होता वो केवल अपनी माँगों को पूरा करने के लिये सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिये निर्दोष लोगों के समूह या समाज पर हमला करते हैं। उनकी माँगे बेहद खास होती हो, जो वो चाहते हैं केवल उसी को पूरा कराते हैं। ये मानव जाति के लिये एक बड़ा खतरा है।

भारत में कितने आतंकी हमले हुए?

2020 में 113 आतंकी हमले (2021 में 164) हुए थे, जिनमें से 76 हमलों में जिहादी आतंकी शामिल थे.

भारत का पहला आतंकवादी कौन है?

भारत का पहला आतंकवादी था अब्दुल रशीद, जिसने की थी एक महात्मा की हत्या

भारत में आतंकवाद कब हुआ था?

13 दिसंबर 2001 में लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद 5 आतंकवादियों ने भारत की संसद पर हमला किया था। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया था।

आतंकवाद कितने प्रकार के होते हैं?

आतंकवाद के प्रकार :-

  • राजनीतिक आतंकवाद – राजनीतिक आतंकवाद के रूप को अक्सर आंदोलनकारी या निम्न स्तर के आतंकवाद के रूप में जाना जाता है। ...
  • प्रतिक्रियावादी आतंकवाद – ...
  • पुरातनपंथी आतंकवाद – ...
  • साम्राज्यवाद विरोधी आतंकवाद – ...
  • राज्य आतंकवाद – ...
  • राज्य प्रायोजित आतंकवाद – ...
  • धार्मिक आतंकवाद –
क्या गरीबी आतंकवाद का कारण बनती है?

10 अबादी के शोध का निष्कर्ष है कि गरीबी और आतंकवाद के बीच कोई संबंध नहीं है । निष्कर्ष बताते हैं कि दोनों के बीच एक संबंध केवल वहीं मौजूद है जहां महत्वपूर्ण चर जैसे कि जातीय और धार्मिक मतभेद और राजनीतिक स्वतंत्रता को बाहर रखा गया था।



आतंकवाद का जनक कौन है?

स्वतंत्रता आंदोलन की ललक जगाने वाले बाल गंगाधर तिलक एक महान समाज सुधारक भी थे। नई दिल्‍ली। स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को राजस्थान की किताब ने आतंकवाद का जनक बताया है।

आतंकवाद का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

आतंकवाद के प्रभाव-

(1) नागरिकों में असुरक्षा की भावना जाग्रत हो जाती है। (2) आर्थिक विकास के मार्ग में बाधा आती है। जिस गति से विकास कार्य करने हैं उन्हें छोड़कर बचाव कार्य करने होते हैं। इससे शासकीय योजनाएँ प्रभावित होती हैं।

आतंकवाद से कौन से मानवाधिकार प्रभावित होते हैं?

आतंकवाद का मानव अधिकारों पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जिसके परिणाम जीवन के अधिकार, स्वतंत्रता और व्यक्तियों की शारीरिक अखंडता के आनंद के लिए होते हैं, विशेष रूप से आतंकवाद के शिकार।

आतंकवाद मानवता के लिए खतरा कैसे है?

आतंकवाद एक अवैध कार्य है, जिसका उद्देश्य आम लोगों में भय पैदा करना है । आतंकवाद केवल एक शब्द नहीं है; यह मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यदि कोई व्यक्ति या समूह हिंसा, दंगे, डकैती, बलात्कार, अपहरण, लड़ाई, बम विस्फोट फैलाता है, तो यह सब आतंकवाद है।

दुनिया का नंबर वन आतंकवादी कौन है?

अलकायदा दुनियाभर में आतंकी संगठनों में सबसे बड़ा ब्रांड माना जाता है. इस उग्रवादी संगठन की स्थापना 1989 में ओसामा बिन लादेन ने की थी. ओसामा के नेतृत्व में ही अलकायदा ने अमेरिका में 9/11 का हमला किया था

आतंकवाद सबसे ज्यादा कहां प्रचलित है?

अफगानिस्तान 2020 में आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश है । - हाल ही में, आतंकवादी गतिविधि दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में केंद्रित रही है, दोनों क्षेत्रों में 2018 के बाद से MENA की तुलना में आतंकवाद से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं।

कौन से देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं?

2023 तक, सूची में क्यूबा, ​​​​ईरान, उत्तर कोरिया और सीरिया शामिल हैं। पूर्व में सूची में शामिल देश इराक, लीबिया, दक्षिण यमन और सूडान थे।

आतंकवाद के प्रभाव क्या हैं कक्षा 10?

आतंकवाद का सामाजिक प्रभाव नागरिकों के बीच विश्वास और भाईचारे की हानि, सांप्रदायिक संघर्ष और राष्ट्र का विघटन है। व्यापार और व्यापार संबंधों के विघटन को आतंकवाद के आर्थिक प्रभाव के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

मोदी सरकार में कितने आतंकी हमले हुए हैं?

साल 2018 में 417 हमले, 257 मारे गए और 105 गिरफ्तार. साल 2019 में 255 घटनाएं, 157 मारे गए और 115 गिरफ्तार. साल 2020 में 244 हमले, 221 मारे गए और 328 गिरफ्तारियां. साल 2021 में 229 घटनाएं, 180 की मौत और 311 गिरफ्तार और अगस्त 2022 तक 191 आतंकी हमले, 142 मारे गए और 260 पकड़े गए.

भारत में कुल कितने हमले हुए हैं?

साल 2021 में अब तक देश में कुल 196 आतंकवादी हमले हुए हैं. इनमें से 195 हमले जम्मू एवं कश्मीर में जबकि एक हमला दिल्ली में हुआ है.

पुलवामा हमले का बदला भारत ने कैसे लिया?

जम्मू कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Terror Attack) में विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी ने CRPF के काफिले को टक्कर मार दी। इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए। तब से 14 फरवरी को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाया जाता है। हालांकि भारत ने इस हमले का जवाब देते हुए बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जवानों की शहादत का बदला लिया था।

भारत में आतंकवाद विरोधी कानून क्या हैं?

27 अप्रैल 1999: सशस्त्र बल (नागरिक शक्ति की सहायता में कार्य) अध्यादेश का निरसन। हालांकि, "नागरिक हंगामा" को 1997 के आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत एक अपराध के रूप में शामिल किया गया है। 27 अगस्त 1999: पूरे देश में एटीसी (आतंकवाद विरोधी न्यायालय) को अधिकृत करते हुए आतंकवाद विरोधी अधिनियम में संशोधन।

आतंकवाद क्या है और इसके प्रकार

आतंकवाद एक सरकार या उसके नागरिकों को कुछ राजनीतिक या सामाजिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए डराने या मजबूर करने के लिए व्यक्तियों या संपत्ति के खिलाफ बल या हिंसा का गैरकानूनी उपयोग है। कानून प्रवर्तन आम तौर पर दो प्रकार के आतंकवाद को पहचानता है: घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय।

उग्रवादियों और आतंकवादी में क्या अंतर है?

आंतकवाद और उग्रवाद में क्या अंतर है? मैं अपने विचार के अनुसार इसकी परिभाषा बता सकता हूं। आतंकवाद:— आतंकवाद एक ऐसे परिस्थिति का नाम है जहां पर लोगों के मध्य भय का वातावरण बना रहता है। उग्रवाद:— जब मनुष्यों के बीच में मानवीय विचारों को लेकर मतभेद का स्तर भयावह हो जाता है,तो ऐसी स्थिति को उग्रवाद कहते हैं।

भारत में आतंकवाद कहाँ से प्रेषित है?

अतीत में पंजाब में पनपे उग्रवाद में आंतकवादी गतिविधियां शामिल हो गयीं जो भारत देश के पंजाब राज्य और देश की राजधानी दिल्ली तक फैली हुई थीं। 2006 में देश के 608 जिलों में से कम से कम 232 जिले विभिन्न तीव्रता स्तर के विभिन्न विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों से पीड़ित थे।

आतंकवाद की परिभाषा क्या है?

एक शब्दकोश में दी गई परिभाषा के अनुसार 'लोगों को अपने वश में करने अथवा किसी लक्ष्य या उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हिंसा और डराने-धमकाने का प्रयोग करना' आतंकवाद है । इस परिभाषा के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ऐसी कोई भी कार्रवाई जो कि एक निश्चित वर्ग में आतंक पैदा करती है, वह आतंकवाद है ।

आतंकवाद का सबसे आम रूप क्या है?

बम विस्फोट आतंकवादी कृत्य का सबसे आम प्रकार है।

आतंकवाद के प्रमुख तत्व क्या हैं?

आतंकवाद को अक्सर, हालांकि हमेशा नहीं, चार विशेषताओं के संदर्भ में परिभाषित किया जाता है: (1) हिंसा की धमकी या उपयोग; (2) एक राजनीतिक उद्देश्य; यथास्थिति को बदलने की इच्छा; (3) शानदार सार्वजनिक कार्य करके भय फैलाने का इरादा; (4) नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना।

आतंकवाद पर निबंध - आतंकवाद पर निबंध कैसे लिखें?


  • प्रस्तावना


  •  आतंकवाद का अर्थ


  • आतंकवाद के कारण और उद्देश्य


  •  भारत में आतंकवाद


  • आतंकवाद अन्त का उपाय


  • उपसंहार


प्रस्तावना-


मनुष्य भय से निष्क्रिय और पलायनवादी बन जाता है। इसीलिए लोगों में भय उत्पन्न करके कुछ असामाजिक तत्त्व अपने नीच स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास करने लगते हैं। इस कार्य के लिए वे हिंसापूर्ण साधनों का प्रयोग करते हैं। ऐसी स्थितियाँ ही आतंकवाद का आधार हैं। आतंक फैलाने वाले आतंकवादी कहलाते हैं। ये कहीं से बनकर नहीं आते। ये भी समाज के एक ऐसे अंग हैं जिनका काम आतंकवाद के माध्यम से किसी धर्म, समाज अथवा राजनीति का समर्थन कराना होता है। ये शासन का विरोध करने में बिलकुल नहीं हिचकते तथा जनता को अपनी बात मनवाने के लिए विवश करते रहते हैं।


आतंकवाद का अर्थ -


आतंकवाद पूर्णतया अनर्थकारी होते हुए भा अर्थ से भारी कद का है, जिसे क्षेत्रवाद, जातिवाद, मजहबवाद और सम्प्रदायवाद का बड़ा भाई कहा जा सकता है। तात्पर्य यह है कि इन सभी वादों का वीभत्स रूप आतंकवाद है। वस्तुतः आतंकवाद एक ऐसी पशु-प्रवृत्ति है, जिसकी कोई जाति है, न धर्म है, न समाज और न ही कोई राष्ट्र है। यह तो विघटनकारी तत्त्वों द्वारा स्वार्थान्ध होकर किया गया सामूहिक हिंसात्मक प्रयास है, जिसमें राष्ट्रद्रोह के प्रति राग और देशभक्ति के प्रति द्वेषभाव मुख्य रूप से रहता है।


आतंकवाद के कारण और उद्देश्य -


अर्थ के अन्तर्गत प्रस्तुत आतंकवाद के स्वरूप के आधार पर इसके कारण और उद्देश्य स्पष्ट होते हैं। आतंकवादी व्यक्ति मात्र एक माध्यम होता है। उसके हाथ और हथियार किसी दूसरे के होते हैं। आतंकवादी तो लक्ष्यहीन होता है। उसे दिशा भी दूसरा व्यक्ति ही बताता हैं। तर्राष्ट्रीय प्रगति की दौड़ में प्रत्येक राष्ट्र एक-दूसरे के प्रगति पथ पर पत्थर रखना चाहता है। आतंकवाद एक पत्थर ही है जो जाति, धर्म, भाषा तथा क्षेत्र आदि को माध्यम बनाकर प्रगति पथ पर गतिरोधक बनाकर रखा जाता है। गतिरोधक पूरे देश में अस्थिरता पैदा कर देता है, जिसके पीछे एक घृणित और कुत्सित महत्त्वाकांक्षा होती है।


भारत में आतंकवाद -


आतंकवाद की आग से सर्वाधिक पीड़ित देश भारत है। हालत यहाँ तक आ पहुँची है कि 13 दिसम्बर, 2001 को हमारी संसद पर भी हमला हुआ। इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई० एस० आई० के कोई जाति है, न धर्म है, न समाज और न ही कोई राष्ट्र है। यह तो विघटनकारी तत्त्वों द्वारा स्वार्थान्ध होकर किया गया सामूहिक हिंसात्मक प्रयास है, जिसमें राष्ट्रद्रोह के प्रति राग और देशभक्ति के प्रति द्वेषभाव मुख्य रूप से रहता है।


आतंकवाद के कारण और उद्देश्य -


अर्थ के अन्तर्गत प्रस्तुत आतंकवाद के स्वरूप के आधार पर इसके कारण और उद्देश्य स्पष्ट होते हैं। आतंकवादी व्यक्ति मात्र एक माध्यम होता है। उसके हाथ और हथियार किसी दूसरे के होते हैं। आतंकवादी तो लक्ष्यहीन होता है। उसे दिशा भी दूसरा व्यक्ति ही बताता हैं। तर्राष्ट्रीय प्रगति की दौड़ में प्रत्येक राष्ट्र एक-दूसरे के प्रगति पथ पर पत्थर रखना चाहता है। आतंकवाद एक पत्थर ही है जो जाति, धर्म, भाषा तथा क्षेत्र आदि को माध्यम बनाकर प्रगति पथ पर गतिरोधक बनाकर रखा जाता है। गतिरोधक पूरे देश में अस्थिरता पैदा कर देता है, जिसके पीछे एक घृणित और कुत्सित महत्त्वाकांक्षा होती है।




भारत में आतंकवाद -

आतंकवाद की आग से सर्वाधिक पीड़ित देश भारत है। हालत यहाँ तक आ पहुँची है कि 13 दिसम्बर, 2001 को हमारी संसद पर भी हमला हुआ। इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई० एस० आई० के हाथ होने की पुष्टि हुई है। ऐसा ही हमला जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर भी हो चुका है। हमारे भारत में आतंकवाद का सिर दिनों-दिन उठता ही जा रहा है। पंजाब और असम इस संत्रास से कुछ समय पहले ही बाहर आये हैं। कश्मीर की स्थिति ऐसी है कि वह अपनी व्यथा कथा सुना नहीं पा रहा है, क्योंकि उसके मुँह पर मात्र अपने देश के देशद्रोहियों के हाथ नहीं हैं, अपितु कई विदेशी देशों के भी हाथ हैं। आतंकवाद की लगी आग में वर्षों से जल रहे पंजाब की पीड़ा अभी शान्त भी नहीं हुई थी कि भारत का एक कोना कश्मीर कराह उठा और कहने लगा कि मुझ पर मेरे अपनों के ही खंजर भोंके जा रहे हैं। उस दिन तो कश्मीर के मुँह पर कालिख ही वहाँ के कुछ आतंकवादियों ने पोत दी, जब उन लोगों ने केन्द्रीय गृहमंत्री की युवा अविवाहिता पुत्री का अपहरण कर उसकी रिहाई के बदले उन कैदी आतंकवादियों को रिहा करा लिया, जो अपने मुँह की कालिख कश्मीर के कपोल पर पोतने का प्रयास कर रहे थे। आज भी ऐसे कुछ कश्मीरी कुपुत्र हैं, जो खाते यहाँ का हैं और गाते पाकिस्तान का हैं। अपनी माँ को दूसरे के हाथों सौंपने की बात करने वाले कुपुत्रों को कश्मीर कभी माफ नहीं कर सकता। असम आज भी बोडो आन्दोलन की आग में झुलस रहा है । कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत में आतंकवाद है। दिनों- दिन पूरे जोर से आगे बढ़ रहा है।


आतंकवाद - एक मानवी अभिशाप

  • आतंकवाद हिंसा का एक गैर-कानूनी तरीका है
  • लोगों को डराने के लिये आतंकवादियों द्वारा हिंसा पैदा की जाती है। 
  • लोगों का समूह जो आतंकवाद का
  • समर्थन करते हैं उन्हें आतंकवादी कहते हैं। 
  •  इसका इस्तेमाल आम लोगों और सरकार को डराने-धमकाने के लिये हो रहा है।
  • आतंकवाद, देश के सभी युवाओं के विकास और वृद्धि को प्रभावित करता है। 
  •  ये राष्ट्र को उचित विकास से कई वर्ष पीछे ढकेल देता है।
  •  ये मानव जाति के लिये एक बड़ा खतरा
  • अपनी योजना, विचार और लक्ष्य के बारे में लोगों तक पहुँच बनाने के लिये आतंकवाद भी मीडिया का सहारा लेता है।
  • आतंकवाद के कुछ उदाहरणों में अमेरिका का 9/11 और भारत का 26/11 हमला है।
  • लोगों के साथ बड़े पैमाने पर इसने देश की अर्थव्यवस्था को भी चोट पहुँचायी है।


आतंकवाद अन्त का उपाय -


आतंकवाद के अन्त के लिए हमें युद्धस्तर पर जूझना पड़ेगा। आज सद्भावना के प्रसार की आवश्यकता है। युवा पीढ़ी, जो भटकान के


रास्ते पर है, उन्हें विश्वास में लिया जाय और उनमें देशभक्ति की भावना का प्रचार प्रसार किया जाय। आतंकवादियों से किसी प्रकार का समझौता राष्ट्र के लिए घातक सिद्ध होगा। उन्हें देश-द्रोह के आरोप में मृत्युदण्ड दे दिया जाना चाहिए। प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाय और समुचित अधिकार दिये जायें, जिससे वे हर परिस्थिति में स्वयं निर्णय ले सकें। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों के विरुद्ध संघर्ष किया जाय और उनकी निन्दा हो । आतंकवाद के आश्रयदाता पर भी देशद्रोह का आरोप लगाकर कड़ी सजा दी जानी चाहिए। भारत यदि यह समझता है। कि राजनीतिक स्तर पर आतंकवाद की समस्या का समाधान है, तो उसे इसके लिए आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन यह आवश्यक है कि समझौता 'सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं' के सिद्धान्त से प्रेरित हो। ऐसा समझौता कठिन हो सकता किन्तु असम्भव नहीं ।


उपसंहार-


आतंकवाद और भारत क्रमशः मृत्यु और जीवन जैसे एक-दूसरे के सामने खड़े हैं। अतः प्रत्येक जनता का उत्तरदायित्व है कि वह इसको समाप्त करने के लिए अन्त तक संघर्ष करे। किसी देश में अशान्ति और आतंक फैलाना उस देश में अस्थिरता की आग फैलाना है। इससे शत्रुओं को तो बल मिलता ही है, धन-जन की भी बहुत हानि होती है। प्रगतिवादी योजनाओं की प्रगति के पाँव रुक जाते हैं। प्रशासन का पूरा समय आतंकवाद से निपटने में लग जाता है। अतः यदि हम चाहते हैं कि हम और हमारा भारत शान्तिमय रहे, अहिंसा के पथ पर चले और अन्य बड़े देश की भाँति प्रगति के पथ पर चले, तो भारत के जन-जन का यह नैतिक कर्त्तव्य है कि वे आतंकवाद के विरुद्ध आवाज उठाएँ। 



Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2