समाज (society) तथा समुदाय (community) - sociology

Ticker

समाज (society) तथा समुदाय (community) - sociology

समाज (society) तथा समुदाय (community) - sociology

sociology,समुदाय,community,समुदाय क्या है,society and community in sociology,समुदाय का अर्थ,mptet varg - 1(pgt) sociology chapter -2 community समुदाय,ugc net sociology,society and community,समुदाय तथा समाज में अंतर,difference between society and community,समुदाय (community),समुदाय की परिभाषा,difference between society and community in hindi,#sociology,समुदाय की विशेषताएं,society,mcq in community in sociolovy,human society and community
समाज (society) तथा समुदाय (community) - sociology

समाज क्या है?

सामान एक से अधिक लोगों के समुदायों से मिलकर बने एक वृहद समूह को कहते हैं। जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते हैं मानवीय क्रियाकलापों में आचरण, सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती है। समाज लोगों का ऐसा समूह होता है जो अपने अंदर के लोगों के मुकाबले अन्य समूह से काफी कम मेलजोल रखा है।


समाज के प्रकार

(Types of Society)


टॉनीज का वर्गीकरण (Tonnie's Classification) - टॉनीज ने सामाजिक सम्बन्धों की प्रकृति के आधार पर दो प्रकार के समाज बताये हैं।-


(1) गेमाइनशाफ्ट (Gemeinschaft) - यह औद्योगीकरण के पूर्व का समाज था। इसमें उच्च कोटि की सामाजिक एकता (Social cohesion) देखने को मिलती थी । तब मूल्यों व मानकों में मतैक्य था । व्यक्ति समुदाय व समाज के प्रति प्रतिबद्ध था।


(2) गेसेलशाफ्ट (Gesellschaft)- यह औद्योगिक समाज है। इसमें कृत्रिम रूप से स्थापित सम्बन्धों की प्रधानता रहती है ।


समाज का निम्न वर्गीकरण भी प्रचलित है -


(1) परम्परागत समाज (Traditional Society)- यह समाज प्रथा, परम्परा व धर्म और नैतिकता से आबद्ध समाज है। इसमें आध्यात्म की प्रमुखता रहती है। प्रकृति में यह रूढ़िवादी है। जनमत व जन्म को महत्ता रहती है।


(2) मुक्त समाज (Open Society) — इसमें योग्यता, शिक्षा, दक्षता व कुशलता का महत्व होता है। इसमें सामाजिक नियन्त्रण के औपचारिक साधन अधिक प्रभावी होते हैं तथा वैयक्तिक स्वतंत्रता की प्रधानता होती है। विज्ञान व प्रौद्योगिकी ने इस प्रकार के समाजों को विकसित किया है।


समाज व समुदाय में अंतर-

(Distinction between society and community)-


समाजशास्त्र में समाज व समुदाय दोनों पृथक अवधारणाएं हैं। दोनों में अनेक बिंदुओं पर यथेष्ट अंतर है, जैसा की दृष्टव्य है -


समाज (Society)


1. समाज एक अमूर्त व्यवस्था है । समाज सामाजिक सम्बन्धों से बनता है। 


2. इसका कोई निश्चित भू-भाग नहीं होता।


3.समाज में सभी प्रकार के सम्बन्ध पाये जाते हैं । यहाँ सहयोग के साथ-साथ संघर्ष अर्थात् दोनों विद्यमान रहते हैं।


4. समाज में असमानताएँ व विषमताएँ बहुत पायी जाती हैं। व्यक्तियों की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षिक स्थितियाँ एक-दूसरे से काफी ऊँची व नीची हो सकती हैं। एक समुदाय सामान्य जीवन पर आधारित होता है। अतः इसमें सदस्यों के मध्य समानता प्रमुख होती है। सदस्यों की प्रस्थिति, विचारों, जीवनयापन के ढंग में ज्यादा भिन्नता नहीं होती है ।


5. समाज का कोई विशिष्ट नाम नहीं होता यह तो सामाजिक सम्बन्धों की एक सामान्य व्यवस्था है। समुदाय का एक विशिष्ट नाम होता है, जिससे समुदाय की पहचान होती है।


6.समाज में विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के पारस्परिक सम्बन्धों का भी योगदान होता है। एक समुदाय में सामान्यतः एक ही संस्कृति, आचार विचार के लोग पाये जाते हैं।


7. एक समाज के अन्तर्गत अनेक समुदाय हो सकते हैं। 


8.एक समुदाय में एक से अधिक समाजों का में प्रभाव नहीं हो सकता।


9. समाज में लोगों के स्वार्थ एक-दूसरे से बहुत भिन्न हो सकते हैं।


10. समाज की प्रकृति सम्पूर्णता की होती है।


समुदाय क्या है?


समुदाय सामान्यता एक सामान्य निश्चित और सीमा अंकित विभाग में रहने वाले परिवारों के संग्रह को कहते हैं जो एक साथ रहने के कारण सामाजिक संबंध विकसित कर लेते ।हैं समुदाय, निवास की इकाई सामुदायिक संगठन की प्रक्रिया समुदाय के पर्यावरण तथा वहां के दोनों के विभिन्न चरणों तथा निपुणताओं के द्वारा विकास की ओर ले जाने में कार्य करते हैं।


समुदाय ( Community )


1.समुदाय के सदस्यों के हितों में समानता देखने को मिलती है।


3.समुदाय की प्रकृति पूर्ण नहीं होती है। यह सीमावर्ती या विशुद्ध या परिवर्तित समुदाय भी हो सकता है।


4.समुदाय एक मूर्त संगठन है। 


5.समुदाय व्यक्तियों की बहुलता से बन जाता है, जिसमें व्यक्ति समूह संघ हो सकते हैं।


6. प्रत्येक समुदाय में लोग एक निश्चित भू-भाग के अन्दर रहकर जीवन व्यतीत करते हैं। 


7.इसमें सहयोग के सम्बन्ध ही प्रधान होते हैं। 


8.सहयोग से ही सामुदायिक भावना का विकास होता है।


9. समुदाय का एक विशिष्ट नाम होता है जैसे से समुदाय की पहचान होती है।


10 एक समुदाय में सामान्यता एक ही संस्कृति, आचार- विचार के लोग पाए जाते हैं।


समुदाय और समाज से जुड़े कुछ प्रश्न-


समुदाय से आप क्या समझते हैं?

"किसी निश्चित भू-क्षेत्र, क्षेत्र की सीमा कुछ भी हो पर रहने वाले व्यक्तियों के समूह हैं जो सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं।"


समुदाय की विशेषता क्या है?

समुदाय को एक सामान्य स्थान में रहने वाले लोगों के साथ बातचीत करने वाले समूह के रूप में परिभाषित किया गया है इस शब्द का प्रयोग अक्सर एक समूह को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो सामान्य मूल्यों के आसपास संगठित होता है और एक साझा भौगोलिक स्थान के भीतर सामाजिक सामंजस्य के साथ जिम्मेदार होता है आमतौर पर एक ही घर से बड़ी सामाजिक इकाइयों में।


समाज और समुदाय में क्या अंतर है?

समुदाय व्यक्तियों का समूह होता है, जबकि समाज सामाजिक संबंधों के जाल को कहते हैं।


समुदाय के तत्व क्या हैं?


समुदाय के भावना के चार घटक हैं: सदस्यता, प्रभाव, आवश्यकता की पूर्ति और भावनात्मक संबंध।


इसे भी पढ़ें👇👇







Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2