"गरीबी एक अभिशाप" पर निबंध || essay on poverty a curse

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"गरीबी एक अभिशाप" पर निबंध || essay on poverty a curse

"गरीबी एक अभिशाप" पर निबंध || essay on poverty a curse

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"गरीबी एक अभिशाप" पर निबंध || essay on poverty a curse

"गरीबी एक मजबूरी है,

                 इसका उन्मूलन जरूरी है।"


प्रस्तावना - गरीबी की समस्या हिंदुस्तान में एक अभिशाप का रूप ले चुकी है। भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीबी की मार झेल रहा है। गरीबी किसी भी व्यक्ति या इंसान के लिए अत्यधिक निर्धन होने की स्थिति है। ये एक ऐसी स्थिति है जब एक व्यक्ति को अपने जीवन में छत, जरूरी भोजन, कपड़े दवाइयां इत्यादि जरूरतों को जारी रखने में भी असमर्थ होता है।

                         गरीबी के कारण कई कठिनाइयों का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है। कुछ लोगों की स्थिति इतनी खराब है कि उनको दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता।


गरीबी क्या है - गरीबी वह स्थिति होती है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं कर पाता है।

मूलभूत आवश्यकताएं जैसे - रोटी, कपड़ा एवं मकान आदि। कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हो सकता है, जब तक उसके लोग गरीबी से उभर नहीं जाते हैं।


गरीबी के कारण - गरीबी अर्थात् निर्धनता के बहुत से कारण हैं जैसे कि अत्यधिक जनसंख्या, जानलेवा और संक्रामक बीमारियां, प्राकृतिक आपदा, कम कृषि पैदावार,बेरोजगारी,जातिवाद,अशिक्षा, लैंगिक असमानता,पर्यावरणीय समस्याएं,देश में अर्थव्यवस्था की बदली प्रवृत्ति,अस्पृश्यता,लोगों की अपने अधिकारों तक कम या सीमित पहुंच, राजनीतिक हिंसा,प्रायोजित अपराध,भ्रष्टाचार,प्रोत्साहन की कमी,अकर्मण्यता, प्राचीन सामाजिक मान्यताएं इत्यादि।

गरीबी के निम्नलिखित कारण हैं -


जनसंख्या वृद्धि - जनसंख्या देश की सबसे बड़ी समस्या है। इसके कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। इन्हीं में से एक है गरीबी। जब देश में अधिक लोग हो जाते हैं, तो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना काफी मुश्किल हो जाता है। मांग अधिक होने व पूर्ति कम होने से वस्तुओं की कीमत भी अधिक हो जाती है। जिससे कम आय वाले लोग उन्हें खरीदने में असमर्थ हो जाते हैं।


भ्रष्टाचार - आज हमारे देश में भ्रष्टाचार इतना अधिक हो गया है कि उसके बिना लोगों का कोई काम ही नहीं होता है। भ्रष्टाचार से अमीरों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है लेकिन, गरीबों को काफी फर्क पड़ता है। भ्रष्टाचार इस देश को आंतरिक रुप से कमजोर कर रहा है।


शिक्षा का अभाव - हमारे देश के विकास की राह पर होने के बावजूद भी यहां कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें आज भी शिक्षा प्राप्त नहीं हो पा रही है। वे अभी भी शिक्षा से काफी दूर हैं। शिक्षा ना मिल पाने की वजह से वे गरीबी रेखा से ऊपर नहीं आ पा रहे हैं, वे शिक्षा कैसे प्राप्त कर पाएंगे।


रोजगार का अभाव - कई बार रोजगार ना होने के कारण भी गरीबी की समस्या पैदा होती है। रोजगार न होने पर व्यक्ति अपने लिए दो वक्त के खाने का इंतजाम भी नहीं कर पाता है।


गरीबी एक अभिशाप - इस दुनिया में किसी भी इंसान के लिए गरीबी किसी अभिशाप से कम नहीं होती है।

एक गरीब व्यक्ति अपनी इच्छानुसार जीवन जीने में सक्षम होता है। गरीबी की स्थिति को कोई ना ही अनुभव करे‌ तो ही अच्छा है। एक गरीब इंसान बहुत ही मजबूर होता है। वह भोजन, शिक्षा, घर, वस्त्र इत्यादि सभी आवश्यक वस्तुओं हेतु संघर्ष करना पड़ता है। गरीबी केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है बल्कि राष्ट्रीय समस्या भी है। कोई भी देश अपने देश के नागरिकों के दम पर ही चलता है। यदि देश की जनता ही गरीबी में पड़ी रहेगी तो देश का विकास भला किस प्रकार संभव हो सकता है।


गरीबी को कम करने के उपाय - यदि हमें इस देश से गरीबी कम करना है, तो हमें इसके लिए सभी आवश्यक उपाय करने होंगे। तभी देश की गरीबी को कम किया जा सकता है।


शिक्षा को बढ़ावा - गरीबी को इस देश से कम करने के लिए हमें शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए, कोई भी बच्चा बिना शिक्षा के ना हो। सिर्फ शिक्षा ही इस देश की गरीबी को कम कर सकती है। यदि प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित होगा तो वह कोई भी रोजगार प्राप्त करके अपना जीवन यापन कर सकता है।


रोजगार उपलब्ध कराना - सरकार को गरीब लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना चाहिए और उन्हें एक सही राशि प्रदान करनी चाहिए, जिससे वे अपना जीवन स्तर बढ़ा सके और अपने बच्चों को भी शिक्षित कर सकें। रोजगार उपलब्ध होने से गरीबी भी समाप्त हो जाएगी।


जनसंख्या वृद्धि को रोकना - आज जनसंख्या गरीबी का मुख्य कारण बनी हुई है। मांग अधिक होने व पूर्ति कम होने के कारण भी गरीबी बढ़ती है क्योंकि इससे उनकी कीमत बढ़ जाती है। इससे जिनके पास पैसे होते हैं, वे तो वस्तु को खरीद लेते हैं लेकिन, जिनके पास पैसे नहीं होते हैं, वे उस वस्तु को नहीं खरीद पाते हैं इसलिए हमें इस देश से गरीबी को मिटाने के लिए जनसंख्या को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।


गरीबी का उन्मूलन जरूरी - गरीबी को दूर करने के लिए उन दशाओं को सुधारना आवश्यक है जिनके कारण निर्धनता उत्पन्न होती है। विश्व बैंक के विशेषज्ञों के अनुसार विकासशील देशों में आर्थिक विकास हेतु नियोजन का उद्देश्य विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धनों की दशा सुधारने से संबंधित होना चाहिए। देश में रोजगार के नए अवसरों का सृजन होना चाहिए। निर्धनों की भौतिक दशा में प्रत्यक्ष सुधार की रणनीति अपनाई जाए ना की औद्योगीकरण के द्वारा होने वाले धीमे प्रभावों की प्रतीक्षा की जाए।

कृषि, हस्तशिल्प का विकास करके भी निर्धनता का निवारण किया जा सकता है। सूक्ष्म स्तरीय नियोजन को स्वीकार करते हुए आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति को महत्ता प्रदान की जाए। अभाव, भुखमरी, कुपोषण से ग्रस्त व्यक्तियों की जीवन दशा को सुधारने के प्रयास किए जाएं।


उपसंहार - समाज में गरीबी के साथ-साथ भ्रष्टाचार, अशिक्षा तथा भेदभाव जैसी अनेक समस्याएं हैं, जो आज के समय में विश्व भर को प्रभावित कर रही है।

हमें इनके कारणों की पहचान करनी होगी और इनसे निपटने की रणनीति बनाते हुए समाज के विकास को सुनिश्चित करना होगा क्योंकि गरीबी का उन्मूलन मात्र समग्र विकास के द्वारा ही संभव है।


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प्रश्न- गरीबी अभिशाप है कैसे?

उत्तर- गरीबों का ज्यादातर जगहों पर तिरस्कार किया जाता है। गरीब लोग अशिक्षित होने के कारण सही- गलत और अच्छाई-बुराई में फर्क नहीं कर पाते हैं। गरीब मजदूरों से बड़े व्यापारी अधिक मजदूरी कराते हैं लेकिन पैसे बहुत कम मिलते हैं। गरीब आदमी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए अच्छे स्कूल में दाखिला कराने में असमर्थ है।


प्रश्न- भारत में गरीबी एक समस्या है क्यों?

उत्तर- भारत में गरीबी का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या दर है। इससे निरक्षरता, खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और वित्तीय संसाधनों की कमी की दर बढ़ती है। इसके अलावा उच्च जनसंख्या दर से प्रति व्यक्ति आय भी प्रभावित होती है और प्रति व्यक्ति आय घटती है।


प्रश्न- गरीबी से क्या अभिप्राय है?

उत्तर- गरीबी उस समस्या को कहते हैं जिसमें व्यक्ति अपने जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं यथा- रोटी, कपड़ा और मकान को पूरा करने में असमर्थ होता है। अधिक दृष्टिकोण से उस व्यक्ति को गरीब या गरीबी रेखा के नीचे माना जाता है। जिसमें आय का स्तर कम होने पर व्यक्ति अपनी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होता है।


प्रश्न- गरीबी का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर- बेरोजगारी गरीबी का कारण बनती है क्योंकि यह पैसे की कमी पैदा करती है जो लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करती है। यह लोगों को उनकी इच्छा के खिलाफ अधूरा जीवन जीने के लिए मजबूर करता है। सामाजिक तनाव यह अमीर और गरीब के बीच आय असमानता के कारण सामाजिक तनाव पैदा करता है।


प्रश्न- गरीब लोग गरीब क्यों रहते हैं?

उत्तर- लोग गरीब क्यों रहते हैं, इसके बारे में दो व्यापक विचार हैं। एक बुनियादी बातों, जैसे क्षमता, प्रतिभा या प्रेरण में अंतर पर जोर देता है। दूसरा, गरीबी जाल दृश्य, अवसरों में अंतर जो धन की पहुंच से उपजी है।


प्रश्न- गरीब कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर- गरीबी दो प्रकार की होती है-

सापेक्ष गरीबी - आय में पाई जाने वाली असमानता को प्रकट करती है। सापेक्ष गरीबी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक असमानता अथवा क्षेत्रीय आर्थिक असमानता का बोध कराती है।


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