Deshatan se Labh aur Hani per nibandh//देशाटन से लाभ और हानि पर निबंध

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Deshatan se Labh aur Hani per nibandh//देशाटन से लाभ और हानि पर निबंध

Deshatan se Labh aur Hani per nibandh//देशाटन से लाभ और हानि पर निबंध

देशाटन से लाभ

अथवा

पर्यटन का महत्व


अथवा


भारत में पर्यटन विकास


अथवा



वर्तमान युग में पर्यटन की उपयोगिता-

प्रस्तावना-शिक्षा के प्रसार में लोगों में विश्व के अलग-अलग हिस्सों में जाकर वहां की जानकारी एकत्र करने की प्रबल इच्छा पैदा की नए अनुभव एवं ज्ञान प्राप्त करना तो कारण है साथ ही हवाई परिवहन में प्रगति एवं पयटक सुविधाओं के विकास में भी सीमाओं से बाहर निकलकर विचरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है विशेष रूप से दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन के तंत्र के रूप में पर्यटन के महत्व को विश्व भर में पहचान मिली है आज पर्यटन उद्योग सकल राजस्व के साथ साथ विदेशी मुद्रा आय के मामले में संपूर्ण विश्व में एक वृहत् सेवा उद्योग बन चुका है

Deshatan se Labh aur Hani per nibandh//देशाटन से लाभ और हानि पर निबंध
Desha tan se Labh aur Hani per nibandh//देशाटन से लाभ और हानि पर निबंध


पर्यटन के लाभ-पर्यटन के कई लाभ हैं पर्यटन से ना सिर्फ मनोरंजन होता है बल्कि यह शिक्षा एवं अनुभव प्राप्त करने का भी एक अच्छा साधन है इसलिए स्कूल  कॉलेजों में हर वर्ष छात्रों को पर्यटन के लिए किसी ना किसी स्थान पर ले जाया जाता है पर्यटन से व्यक्ति में नवजीवन का संचार होता है इसलिए लोग वर्ष में एक बार पर्यटन के लिए आवश्यक समय निकालते हैं,

जिंदगी की इस भागदौड़ में पर्यटन का महत्व बढ़ जाता है प्रत्येक व्यक्ति को अपने व्यस्ततम जीवन में से समय निकालकर किसी ना किसी स्थान पर घूमने के लिए जाते रहना चाहिए इससे उस व्यक्ति के जीवन में बदलाव भी आता है ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन की स्थिति में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है इस ऐतिहासिक घटनाओं को अनुभव करने का आवास होता है जिन बातों का अनुभव हम ताज महल और कुतुब मीनार को देख कर कर सकते हैं उसे किसी भी किताब के माध्यम से बताया नहीं जा सकता ।

पर्वत पठारों  झीलो नदियों की तस्वीरों या पाठ्य सामग्रियों से हमें इसके वास्तविक स्वरूप का ज्ञान नहीं हो सकता नदी के पानी को छूकर देखने पहाड़ों की सैर करने एवं झीलों में नौका बिहार का आनंद लेने के बाद इनके बारे में जो अनुभव होता है  वह विभिन्न प्रकार की किताबों से भी प्राप्त हो सकता है


रोजगार का साधन-आधुनिक समय में पर्यटन का एक और लाभ यह है कि यह रोजगार का अच्छा साधन बन चुका है भारत में भी यह बड़े सेवा उद्योग का रूप ले चुका है भारत में हर वर्ष 50लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं तथा 50 लाख  से अधिक घरेलू पर्यटक भी पर्यटन करते हैं पर्यटन के दृष्टिकोण से पहाड़ी क्षेत्र समुद्र तट एवं जंगल काफी महत्वपूर्ण एवं आनंददायक होते हैं,

समुद्र तट की सैर एवं सूर्य स्नान , सन-बाथ का

अपना अलग ही आनंद है जंगल के विविध प्राणियों को देखने का रोमांच ही अलग होता है गर्मी के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों की सैर का आनंद दोगुना हो जाता हैं भारत में प्रायः हर राज्य पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है आंकड़े बताते हैं कि आगरा का ताजमहल देखने प्रतिवर्ष लाखों देसी विदेशी पर्यटक आते हैं


भारत में पर्यटन को प्रोत्साहन -लोगों में पर्यटन के प्रति रुझान के कारण ही पर्यटन मंत्रालय ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2002 में अतुल्य भारत इन्क्रेडिबल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी इसके अंतर्गत अतुल्य भारत संबंधी विज्ञापन जनसंचार के माध्यमों मैं प्रकाशित एवं प्रचारित किया जाता है इसमें भारतीय पर्यटन की विशेषताओं का उल्लेख किया जाता है

विश्व भर में इस प्रचार अभियान ने भारत को एक ऐसे पर्यटन स्थल के रूप मैं दर्शाया जिससे कला प्रेमियों संस्कृति प्रेमियों फिल्म प्रेमियों और रोमांच  की तलाश में निकले पर्यटकों कि भारत के प्रति खासी दिलचस्पी हुई। दुनिया भर के पर्यटकों के समक्ष भारत को एक उत्कृष्ट पर्यटक स्थल के रूप में पेश करने वाले अतुल्य भारत विज्ञापन अभियान को ब्रिटेन द्वारा सर्वाधिक सृजनात्मक मीडिया अभियान के रूप में सम्मानित किया गया


उपसंहार-वास्तव में भारत मनमोहक दृश्यों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों तथा शानदार शहरो, सुनहरे तटों, धुन्ध वाले पर्वतों रंग बिरंगे लोगों समृद्ध संस्कृति और त्योहारों का देश है यह विदेशी यात्रियों के लिए लोकप्रिय गंतव्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी पहचान बना रहा है

भारत की यात्रा पर्यटकों के लिए असाधारण होती है, क्योंकि आश्चर्यों से भरे इस देश में दक्षिण के सुंदर समुद्र तट, उत्तर में प्राचीन सभ्यताओं के अभिषेक विशाल पर्वत लंबी घाटियां हरे-भरे मैदान एवं उष्णकटिबंधीय वर्षा वन आदि दिलकश नजारे लोगों को मन मोहते हैं, इसलिए कहा जाता है कि यदि आप विश्व भ्रमण कर चुके हैं तो आपने अब तक केवल आधी दुनिया ही देखी है और यदि आपने भारतीय उप महाद्वीप का भ्रमण कर चुके हैं, तो आपने अब तक केवल आधी दुनिया ही देखि है और यदि आपने भारतीय उपमहाद्वीप का भ्रमण कर लिया है तो आपने पूरी दुनिया देख ली है अपने ऐतिहासिक धरोहरों और परंपरागत आध्यात्मिकता के कारण भारत प्राचीन काल से ही विश्व भर के उत्साही प्रेरकों को अपनी और आकर्षित करता रहा है पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा दिए जाने के बाद भारत में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में भी भारत की साख बढ़ी है इस तरह पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत वास्तव मैं दुनिया में अतुल्य है आने वाले कुछ वर्षों मैं भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या मैं निःसंदेह और भी वृद्धि होगी।


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