भाषा और विभाषा में अंतर| Bhasha Aur vibhsa me antar
भाषा किसे कहते हैं?
भाषा वह साधन है जिससे हमारे विचार व्यक्ति होते हैं और हम इसके लिए दोनों का प्रयोग करते हैं। इस तरह से भाषा शब्दों और वाक्यों का ऐसा समूह है जिससे मन की बात बताई जाती है। भाषा एक राष्ट्रीय समाज की प्रतिनिधि होती है। भाषा का उपयोग समाज में साहित्य व्यापारिक वैज्ञानिक सामाजिक और प्रशासनिक आदि सभी औपचारिक कार्य में किया जाता है। हिंदी खड़ी बोली का रूप है। 700 वर्ष तक हिंदी बोली के रूप में प्रचलित रही थी। भाषा का व्याकरण मानक रूप से मान्यता से प्राप्त है।
भाषा शब्द की उत्पत्ति 'भाष' क्रिया से हुई है। इसका अर्थ बोलना यह कहना होता है जिन भाइयों द्वारा मनुष्य पर इस पर विचार विनिमय करता है उसकी सामिष्ट को भाषा कहा जाता है। ध्वनियों का अवैध समुदाय झुंड यार समूह जिसके द्वारा हम अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं भाषा कहलाती है।
भाषा की विशेषताएं-
भाषा बोली का पूर्ण विकसित रूप होता है।
भाषा साहित्य की प्रचुरता तथा महत्ता होती है।
भाषा का क्षेत्र व्यापक होता है।
भाषा का प्रयोग राजकार्य में भी होता है।
उदाहरण - हिंदी और अंग्रेजी।
भाषा का विकास कठिन ता से सरलता की ओर होता है।
भाषा का अर्चन अनुकरण द्वारा होता है।
भाषा चिर परिवर्तनशील है। भाषा शारीरिक ;मानसिक; भौतिक कई कारणों से सतत बदलती रहती है।
विभाषा किसे कहते हैं? विभाषा का अर्थ क्या है? विभाषा क्या है?
यह कहना कि ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता। व्याकरण में ऐसा प्रयोग जिस के संबंध में उक्त प्रकार के दोहरे मत विचार या सिद्धांत मिलते हो।
बोली का अर्थ विकसित हुआ रोग जिसमें साहित्य आदि रक्षा जाने लगता है उससे भी विभाषा कहते हैं जैसे- ब्रज और अवधि
भाषा की विशेषताएं-
1-विभाषा सा बोली का अर्ध विकसित रूप होता है।
2-भाषा में साहित्य तो रहता है परंतु उसे महत्वता प्राप्त नहीं हो पाती है।
3-विवाह सा का क्षेत्र सीमित होता है।
4-विभाषा केवल साहित्य तथा बोलचाल तक ही सीमित होती है।
उदाहरण -बृज और अवधि
5-विभाषा केवल साहित्य तथा बोलचाल तक ही सीमित होती है।
भाषा और भाषा में अंतर
भाषा के अंतर्गत क्या आता है?
भाषा के अंतर्गत पढ़ना लिखना बोलना सभी किराया आते हैं कोई बोली जब लिपि का रूप धारण कर लेती है। तो वह मानक भाषा बन जाती है। और लिखने पढ़ने के रूप में काम आती है। केवल बोलने के लिए रूप में उपलब्ध होने वाली बोली को बोली कहा जाता है, इसलिए एक मानक भाषा के अंतर्गत बोलना लिखना पढ़ना तीनों क्रियाएं आती हैं।
जब बोली किसी कारण से महत्व प्राप्त कर लेती है तब वह क्या कहलाती है?
जल बोली किसी प्रकार महत्व प्राप्त कर लेती है तो वह भाषा कहलाती है। किसी भी बोली के भाषा के रूप में परिवर्तन होने के लिए लिप का होना आवश्यक होता है। कोई भी भाषा जब मान्यता प्राप्त कर लेती है तो वह व्याकरण के नियमों से बन जाती है। और उसका निश्चित स्वरूप बन जाता है।
बोली और उपभाषा में क्या अंतर है?
बोली किसी छोटे क्षेत्र में स्थानीय व्यवहार में प्रयुक्त होने वाली भाषा का वह अल्प विकसित रूप बोली कहलाता है। जिसका कोई लिखित रूप अथवा साहित्य नहीं होता उपभाषा अपेक्षाकृत विस्तृत क्षेत्र अथवा प्रदेश में बोलचाल में प्रयुक्त होती है। तथा उसमें सहित रचना भी की जा सकती है इसी को उपभाषा कहते हैं।
भाषा स्वयं में क्या है?
भाषा स्वयं में एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। और इसके लिए हम वंचित ध्वनियों का प्रयोग करते हैं।
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