हिंदी साहित्य का काल विभाजन || Hindi sahitya ka itihas
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हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स
नमस्कार पाठकों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट upboard.live पर। दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपको हिंदी साहित्य का काल विभाजन बताने जा रहे हैं। जोकि आप की परीक्षाओं की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण topic है। मित्रों यदि आज की यह पोस्ट आपको पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में और सोशल मीडिया में अधिक से अधिक शेयर करिएगा।
आदिकाल (वीरगाथा काल)
(769 से 1343 ई. तक)
प्रश्न.1 आदिकाल को वीरगाथा काल क्यों कहते हैं इस काल की एक प्रमुख रचना का नाम लिखिए
उत्तर. वीरों के यशोगान एवं वीरता के अतिशयोक्ति पूर्ण वर्णन इस काल की कविता के मुख्य विषय थे इसलिए हिंदी के आदिकाल को वीरगाथा काल कहा जाता है । इस काल की प्रमुख रचना है" पृथ्वीराज रासो” है
प्रश्न 2.आदिकाल की दो प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए
उत्तर आदिकाल की दो प्रवृतियां निम्नलिखित हैं
(1). जैनों तथा सिद्धों –नाथो धार्मिक प्रवृत्ति वाले काव्य
(2). वीर एवं श्रृंगार वाल रासो काव्य
प्रश्न 3.जगनिक रचित ‘परमाल रासो’ (आल्हाखंड ) भारत के किस हिस्से में और कब गाया जाता है?
उत्तर. जगनिक रचित ‘परमाल रासो’(आल्हखंड) उत्तर भारत में वर्षा ऋतु के समय गाया जाता है
प्रश्न 4 वीरगाथा काल की रचनाएं कितने भागों में विभक्त हैै
उत्तर .वीरगाथा काल की रचनाएं दो भागों में विभक्त है
1. प्रबंध काव्य के साहित्यिक रूप में
2. वीर काव्य के रूप में
प्रश्न 5. ‘रासो ग्रन्थ’ में प्रयुक्त हुई दो भाषाओं के नाम लिखिए।
उत्तर. ‘रासो ग्रन्थ’ में प्रयुक्त हुई दो रचनाएंं के नाम है
ं 1 डिंगल
2. पिंगल
पूर्व मध्य काल(भक्ति काल)
(1343से 1643 ई. तक)
प्रश्न 1. भक्ति काल की दो धाराओं का नामोल्लेख कीजिए तथा उनके एक एक प्रतिनिधि कवि का नाम भी लिखिए।
उत्तर. भक्ति काल की दो धाराएं और कवि निम्न है
1. निर्गुण भक्ति धारा — कबीरदास
2. सगुण भक्ति धारा — सूरदास
प्रश्न 2. भक्ति काल की प्रमुख प्रवृतियो का उल्लेख कीजिए।
उत्तर . भक्तिकाल की प्रमुख प्रवृतियां निम्न है
भक्ति भावना की प्रधानता
प्रेम की प्रधानता
स्वांत: सुखाय
माया की निन्दा
गुरु महत्ता का वर्णन
प्रश्न 3. भक्ति काल के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए और उनकी एक एक प्रसिद्ध कृति का नाम लिखिए।
उत्तर . भक्ति का के दो प्रमुख कवि निम्न हहै
1. सूरदास — सूरसागर
2. तुलसीदास – रामचरितमानस
उत्तर–मध्य काल (रीतिकाल)
(1643 से 1868 ई. तक)।
प्रश्न 1. रीतिकाल का सामान्य परिचय दीजिए
उत्तर. हिंदी साहित्य में सन 1643 से 1868 ई. तक के काल को रीतिकाल कहा जाता है इस काल में श्रंगार प्रधान काव्य और लक्षण ग्रंथों की रचना हुई है। एक विशिष्ट रीति के अनुसार ग्रंथ रचने की प्रवृत्ति के कारण इसे ‘रीतिकाल ’के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 2. रीतिकाल की सामान्य विशेषताओं और प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए और इस काल के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
अथवा
रीतिकाल की प्रमुख दो विशेषताएं लिखिए
अथवा
हिन्दी साहित्य के रीतिकाल की दो प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए
अथवा
रीतिकाल की किन्ही दो/चार प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर . रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्ति निम्न है
रीति ग्रंथो की रचना
श्रृंगार रस की प्रधानता
ब्रजभाषा का प्रयोग
प्रकृति का उद्दीपन रूप में चित्रण
इस काल के प्रमुख कवियों के नाम , बिहारी तथा केशवदास है
ै
प्रश्न 3. रीतिकाल की प्रमुख धाराओं के नाम नाम लिखिए।
उत्तर. रीतिकाल की प्रमुख धाराएं निम्न है
रीति बद्ध काव्य धारा
रीति मुक्त काव्य धारा
प्रश्न 4. रीति काल में वीर रस की कविता किस कवि ने लिखी थी
उत्तर. रीतिकाल में वीर रस की कविता ‘महाकवि भूषण’ ने लिखी थी।
प्रश्न 5. रीतिकाल की प्रमुख कृतियों और उनके रचयिताओ के नाम लिखिए।
अथवा
रीति ग्रंथकारो में किन्हीं दो का नामोल्लेख कीजिए।
अथवा
रीति काल के किन्हीं दो प्रमुख कवियों का उल्लेख करते हुए उनकी एक एक सर्वाधिक प्रसिद्ध कृति का नाम लिखिए।
उत्तर. रीति ग्रन्थकार — रचना
बिहारी — बिहारी सतसई
केशवदास — रामचंद्रिका
पदमाकर — गंगा लहरी
प्रश्न 6. रितिकाल के किसी एक कवि का नाम लिखिए।
अथवा
रीतिकाल के दो प्रमुख कवियों और उनकी एक एक रचना का नाम लिखिए।
अथवा
रीतिकाल के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
अथवा
रीतिकाल के दो कवि और उनकी रचनाएं लिखिए।
उत्तर. रीतिकाल के दो प्रमुख कवि और उनकी रचनाएं
1. भूषण — शिवराज भूषण, शिवा बावनी
2. केशवदास — रामचंद्रिका, वीरसिंह देव चरित, रतन बावनी, कविप्रिया
प्रश्न 7. रसखान कवि का मूल नाम क्या था और उन्होंने किस भाषा में रखना की।
उत्तर. रसखान का मूल नाम सैयद इब्राहिम था, उन्होंने ब्रजभाषा में रचनाएं की।
प्रश्न 8. रीतिमुक्त काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों का नामउल्लेख कीजिए।
उत्तर. रीतमुक्त काव्य धारा के निम्न कवि हैं
1. घनानंद
2. द्विजदेव
प्रश्न 9. रीतिमुक्त काव्य किसे कहते हैं? किसी एक मुक्त काव्य का नाम लिखिए।
उत्तर. रीति परम्परा के बन्धन से मुक्त काव्य को रीतिमुक्त काव्य कहा जाता है। घनानंद द्वारा रचित ‘सुजान सागर’ रीतिमुक्त काव्य धारा के मुक्तक काव्य का एक उत्कृष्ट ग्रन्थ है।
प्रश्न 10. घनानन्द किस युग के कवि थे? उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर . घनानंद रीतीकाल की रीतिमुक्त काव्य धारा के कवि थे। उनकी रचना सुजान — सागर है।
प्रश्न 11. घनानंद और भिखारीदास रीतिकाल की किस धारा के कवि थे?
उत्तर. घनानंद रीतिकाल की रीतिमुक्त धारा के और भिखारी दास रीतिबद्ध धारा के कवि थे।
प्रश्न 12. रीतिमुक्त काव्य के किन्हीं दो कवियों का नामोल्लेख कीजिए।
अथवा
रीतिमुक्त काव्य के दो कवियों के नाम लिखिए तथा उनकी एक एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर. कवि — रचनाए
घनानंद — बिरहलीला
देव — देवशतक
प्रश्न 13. रीतिकाल के दो आचार्य कवियों के नाम तथा उनकी दो_ दो रचनाएं लिखिए।
उत्तर. रीतिकाल के दो आचार्य कवि तथा उनकी रचनाएं निम्न है
कवि — रचनाए
केशवदास – रामचंद्रिका, कविप्रिया
देव – देवशतक, भावविलास
आधुनिक काल
(1868 ई.से वर्तमान तक)
प्रश्न 1. आधुनिक हिन्दी काव्य को कितने कालो में बाटा जा सकता है?
उत्तर . आधुनिक हिन्दी काव्य को निम्नलिखित पांच कालो में बाटा जा सकता है
1. भारतेन्दु युग – सन् 1868 से 1900 तक
2. द्विवेदी युग – सन् 1900 से 1922 तक
3. छायावादी युग – सन् 1919 से 1938 तक
4. प्रगतिवादी युग – सन् 1938 से 1943तक
5. प्रयोगवादी या नई कविता – सन् 1943 से अब तक
प्रश्न 2. आधुनिक काल की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर . आधुनिक काल की प्रमुख विशेषताएं निम्न है
खड़ी बोली का प्रयोग
देशप्रेम की भावना
छंद मुक्त कविता
समाज सुधार का स्वर
प्रश्न 3. आधुनिक काल की प्रमुख विशेषताएं बताइए।इस काल के दो कवियों का भी नामो लेख कीजिए।
उत्तर . आधुनिक युग की प्रमुख विशेषताएं निम्न है।
1.स्वदेश प्रेम
2. यथार्थ पर विश्वाश
3.नारी के प्रति सम्मान का दृष्टिकोण
4. लधुता के प्रति सजगता
इस काल के दो प्रमुख कवि निम्न है
महादेवी वर्मा
हरिवंशराय बच्चन
भारतेन्दु युग
प्रश्न 1. भारतेंदु युग की समयावधि बताइए।
उत्तर. भारतेन्दु युग का काल सन् 1868 से 1900 तक माना गया है।
प्रश्न 2. हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय भावना के दर्शन सबसे पहले किस साहित्यकार के साहित्य में प्राप्त होता है।
उत्तर. हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय भावना के दर्शन सबसे पहले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को माना जाता है।
प्रश्न 3. आधुनिक हिन्दी साहित्य साहित्य का जन्मदाता किसे माना जाता है।
उत्तर. आधुनिक हिन्दी साहित्य का जन्मदाता भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को माना जाता है।
प्रश्न 4. भारतेन्दु युग में काव्य की प्रमुख भाषा क्या थी?
उत्तर. भारतेन्दु युग में काव्य की प्रमुख भाषा ब्रजभाषा थी।
प्रश्न 5. भारतेन्दु युग के कवियों ने कौन सा मुख्य कार्य किया ?
उत्तर. भारतेन्दु युग के कवियों ने जन भावना को पुन: जाग्रत करने का मुख्य कार्य किया।
द्विवेदी युग
प्रश्न 1. द्विवेदी युग के दो प्रमुख कवियों का नामोल्लेख कीजिए।
अथवा
द्विवेदी युग के प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर . द्विवेदी युग के प्रमुख कवि निम्न है।
श्रीधर पाठक
मैथिलीशरण गुप्त
मुकुटधर पाण्डेय
अयोध्यासिंह उपाध्याय
रामनरेश त्रिपाठी
प्रश्न 2. द्विवेदी युग के काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
द्विवेदी युग के काव्य की प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
अथवा
द्विवेदी युग की कविता की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर. द्विवेदी युग के काव्य की प्रमुख प्रवृत्ति/विशेषताएं निम्न लिखित है।
राष्ट्रीय भावना/राष्ट प्रेम
बाहा आडंबरो, कुरीतियों तथा रूढ़ियो का विरोध
मनुष्यता की भावना
श्रृंगार के स्थान पर आदर्शवाद
नारी का उत्कर्ष
प्रकृति – चित्रण
वस्तु वर्णन या आख्यान की प्रधानता
स्वच्छंदतावाद व भाषा संस्कार
प्रश्न 3. अयोध्यासिंह उपाध्याय‘ हरिऔध’ किस युग के कवि हैं। उनकी एक प्रमुख रचना लिखिए।
उत्तर . अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्विवेदी युग के कवि हैं
उनकी प्रमुख रचना ‘प्रियप्रवास’ है
प्रश्न 4. द्विवेदी युग के किन्हीं दो प्रमुख कवियों तथा उनकी प्रमुख रचनाओ के नाम लिखिए।
उत्तर . द्विवेदी युग के दो प्रमुख कवि और उनकी रचनाएं
रामनरेश त्रिपाठी – पथिक,मिलन, स्वपन
मैथिलीशरण गुप्त – भारत – भारती, साकेत, यशोधरा।
प्रश्न 5. द्विवेदी युग के दो प्रमुख महाकाव्य के नाम बताईए तथा उनके रचाइता के नाम लिखिए।
अथवा
‘युगान्तर’ के रचनाकार कौन थे?
अथवा
मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं? उनकी एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर. द्विवेदी युग के दो प्रमुख साहित्यकार और उनकी प्रमुख महाकाव्य निम्न है।
मैथिलीशरण गुप्त – भारत–भारती, साकेत
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ – प्रियप्रवास
युगांतर के रचनाकार , सुमित्रानंदन पन्त है
प्रश्न 6. माखन लाल चतुर्वेदी की एक रचना का नामोलेख कीजिए।
उत्तर. माखन लाल चतुर्वेदी जी की रचना का नाम – हिमकिरीटिनी ।
छायावादी युग
प्रश्न 1. छायावादी काव्य का परिचय दीजिए।
उत्तर. द्विवेदी युग की इतिव्रतात्मक एवं उपदेशात्मक की प्रतिक्रिया में सूक्ष्म भावों का भावुकता पूर्ण प्रतीकात्मक चित्रण करने वाला काव्य ‘छायावादी’ काव्य कहा जाता है ।इसका काल सन् 1919 से 1938 तक माना जाता है।
प्रश्न 2. छायावाद की दो प्रवृतिओ का उल्लेख कीजिए।
अथवा
छायावादी युग की कोई एक विशेषता लिखिए।
अथवा
छायावादी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां या विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
छायावादी युग की दो प्रवृत्तियां लिखिए।
अथवा
छायावाद की प्रमुख प्रवृत्तियों को लिखिए।
उत्तर . छायावादी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां निम्न है।
सौन्दर्य भावना
श्रृंगार और प्रेम वेदना
करुणा और नैराश्य की भावना
प्रकृति का मानवीकरण
रहस्य भावना
प्रश्न .3.छायावादी युग की किसी एक कवयित्री का नाम लिखिए।
उत्तर – छायावादी युग की कवयित्री का नाम महादेवी वर्मा
प्रश्न 4.छायावाद के दो महाकाव्यों के नाम लिखिए।
उत्तर .छायावाद के दो महाकाव्य हैं
(i) जयशंकर प्रसाद कृत 'कामायनी'
(ii) बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' कृत 'उर्मिला'
प्रश्न 5. 'ग्रन्थि' के कवि का नाम लिखिए।
उत्तर – 'ग्रन्थि' के कवि का नाम सुमित्रानन्दन पन्त है।
प्रश्न 6. 'नीरजा' तथा 'आकाश गंगा' के रचयिता के नाम लिखिए।
उत्तर। नीरजा – महादेवी वर्मा
आकाश गंगा – डॉ. रामकुमार वर्मा
प्रश्न 7. 'रसिकप्रिया' तथा 'दीपशिखा' के रचयिताओं के नाम लिखिए।
उत्तर रसिकप्रिया – केशवदास
दीपशिखा। – महादेवी वर्मा
प्रगतिवादी युग
प्रश्न 1. प्रगतिवादी कावया ने किसके दर्शन को आधार बनाया? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर .प्रगतिवादी कवियों ने कार्ल मार्क्स के भौतिकवादी दर्शन को अपने काव्य का आधार बनाया।
प्रश्न 2. प्रगतिवादी युग का आरम्भ किन परिस्थितियों में हुआ? इस युग के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर. प्रगतिवादी युग का आरम्भ उस समय हुआ, जब समाज में बढ़ रही कुरीतियों, रूड़ियों, अन्धविश्वासों के बढ़ते प्रभाव से सामान्य जन अत्यन्त आहत थे। जिसके फलस्वरूप प्रगतिवादी युग का आरम्भ हुआ। प्रगतिवादी कविता में सूक्ष्मता और अतिशय कल्पना का विरोध हुआ है। भगवतीचरण वर्मा, शिवमंगल सिंह 'सुमन', नागार्जुन आदि प्रमुख प्रगतिवादी कवि थे।
प्रश्न 3. प्रगतिवादी युग के काव्य की चार प्रमुख विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) लिखिए।
अथवा
प्रगतिवादी काव्य की दो विशेषताएँ लिखिए।
अथबा
प्रगतिवादी काव्य की किसी एक प्रवृत्ति का उल्लेख कीजिए।
अथवा
प्रगतिवादी कविता की किन्हीं दो प्रमुख प्रवृत्तियों (विशेषताओं) उल्लेख कीजिए।
अथवा
प्रगतिवादी साहित्य की किन्हीं दो प्रवृत्तियों का नाम लिखिए
अथवा
प्रगतिवादी की दो प्रवृत्तियाँ लिखिए।
उत्तर. प्रगतिवादी कविता की चार प्रवृत्तियाँ निम्न हैं
(1) प्राचीन रूढ़ियों एवं मान्यताओं का विरोध
(ii) मानवतावादी प्रवृत्ति
(iii) शोषक वर्ग के प्रति घृणा और शोषितों के प्रति सहानुभूति
(iv) विद्रोह एवं क्रान्ति की भावना
प्रश्न 4. किसी एक प्रगतिवादी कवि का नाम लिखिए।
अथवा
प्रगतिवादी युग के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए और उनकी एक-एक रचना का उल्लेख भी कीजिए।
अथवा
प्रगतिवादी काव्यधारा के किसी एक प्रसिद्ध कवि का नाम और उसकी एक रचना का नाम लिखिए।
अथवा
दो प्रगतिवादी काव्यधारा के कवियों के नाम लिखिए।
अथवा
निराला एवं रामधारी सिंह 'दिनकर' की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
अथवा
दो/चार प्रगतिवादी कवियों के नाम लिखिए।
अथवा।
'परशुराम की प्रतीक्षा' के रचनाकार का नाम लिखिए।
अथवा
'परशुराम की प्रतीक्षा' तथा 'हुँकार' के रचयिता का नाम लिखिए।
उत्तर प्रगतिवादी कवि और उनकी रचनाएँ निम्न हैं
रामधारी सिंह 'दिनकर" – परशुराम की प्रतीक्षा, हुँकार
नागार्जुन – प्यासी पथराई आँखें
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' – आराधना,
अनामिका, परिमल
प्रयोगवादी धारा या नई कविता
प्रश्न 1. आधुनिक काल की प्रयोगवादी काव्यधारा पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
उत्तर प्रयोगवादी काव्यधारा अज्ञेय की अगुआई में सात कवियों ने सन् 1943 में छन्द, शैली, भाषा आदि में नए प्रयोग करते हुए काव्य रचनाएँ कीं। इन्हीं नए प्रयोगों के कारण इसे प्रयोगवादी काव्यधारा कहा जाता है।
प्रश्न 2. प्रयोगवादी धारा (नई कविता) की दो प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) लिखिए।
अथवा
प्रयोगवादी काव्यधारा की दो प्रमुख प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
प्रयोगवादी काव्यधारा की मुख्य प्रवृत्तियाँ बताइए।
अथवा
प्रयोगवादी काव्य की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
प्रयोगवाद की किसी एक प्रवृत्ति का उल्लेख कीजिए।
उत्तर प्रयोगवादी काव्यधारा की मुख्य प्रवृत्तियाँ निम्न हैं
(1) घोर वैयक्तिकता
(2) अति यथार्थवादी दृष्टिकोण
(3) गहन बौद्धिकता
(4) कुंठा एवम निराशा के स्वर
(5) विद्रोह का स्वर
(6) व्यंग एवम काटुकित
प्रश्न 3. किसी एक प्रयोगवादी कवि का नाम लिखिए।
अथवा
नई कविता के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए।
अथवा
दो प्रमुख प्रयोगवादी (नई कविता के) कवियों के नाम लिखिए।
अथवा
नई कविता के किसी एक कवि का नामोल्लेख कीजिए।
अथवा
प्रयोगवादी काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों के नाम तथा उनकी एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए।
अथवा
प्रयोगवादी काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए।
अथवा
प्रयोगवादी कविता की चार रचनाओं के नाम लिखिए।
अथवा
नई कविता के चार प्रमुख कवियों नाम लिखिए।
उत्तर प्रयोगवादी कवि व उनकी रचनाएँ निम्न हैं
प्रयोगवादी कवि रचनाएँ
अज्ञेय – आँगन के पार द्वार (2016), सुनहरे शैवाल, पूर्वा
भवानीप्रसाद मिश्र – चकित है दुःख, अँधेरी कविताएँ, बुनी हुई रस्सी.
गिरिजाकुमार माथुर – धूप के धान, नाश और निर्माण, छाया मत छूना
धर्मवीर भारती – कनुप्रिया, ठण्डा लोहा
इस प्रकार से आपने देखा कि आज के अपनी पोस्ट के माध्यम से हमने हिंदी साहित्य के इतिहास से जुड़े सारी जानकारी आपको देने की कोशिश की है। फिर भी हो सकता है कि कुछ प्रश्न और उनके उत्तर बाकी रह गए हो, क्योंकि हिंदी साहित्य का इतिहास अनेक लेखकों के द्वारा लिखा गया है। लेकिन सबसे प्रमाणिक हिंदी साहित्य का इतिहास आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का माना गया है और मेरी आप लोगों को यही सलाह है कि आपको भी आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का हिंदी साहित्य का इतिहास ही पढ़ना है।
यदि आपको हमारी पोस्ट पसन्द आई हो तो अपने दोस्तो और सोशल मीडिया पर भी शेयर करिएगा।
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