भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन // sanvidhan ke ke mahatvpurn sanshodhan

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भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन // sanvidhan ke ke mahatvpurn sanshodhan

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन // sanvidhan ke ke mahatvpurn sanshodhan


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हाल ही में हुए संविधान के सभी संशोधन






81 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2000  

1- इस संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से यह नियम बनाया गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को बढ़ाया जा सकेगा |


2 .अब सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लिए आरक्षित रिक्त पदों को भरने के लिए 50% से ज्यादा आरक्षण की व्यवस्था कर सकेगी।


3. इस संशोधन के तहत राज्यों को अधिकृत किया गया कि वह किसी वर्ष खाली पडी हुई आरक्षित सीटो को अलग से रिक्त माने तथा उन्हें अगले किसी वर्ष मे भरे जाने की व्यवस्था करे. इस तरह इस संशोधन में बैक लॉग पदों में भारक्षण की 50% की सीमा समाप्त कर दिया गया।


82 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 04-Jun-2020



1.अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिये केन्द्र एवं राज्यों की लोक सेवाओं में पदोन्नति में आरक्षण के संदर्भ मे परीक्षा में अर्हता के अंको मे छूट देने या मूल्यांकन में ढील देने की व्यवस्था की गयी।



2. इस संशोधन के द्वारा राज्यों को सरकारी नौकरियों से आरक्षित रिक्त स्थानों की भर्ती हेतु प्रोन्नति के मामले मे अनुसुचित जातियो और अनुसूचित जन जातियों के अभ्यार्थियों के लिए न्यूनतम प्राप्तको में छूट प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई है। 


83 वां संविधान संशोधन (2000)


1. इस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण का प्रावधान न करने की टूट प्रदान की गई है अरुणाचल प्रदेश मे कोई भी अनुसूचित जाति न होने के कारण उसे यह छूट प्रदान की गई


84वां संविधान संशोधन (2001) 



1.इस संशोधन अधिनियम द्वारा लोक सभा तथा विधानसभाओ की सीटों की संख्या में वर्ष 2016 तक कोई परिवर्तन न करने का प्रावधान किया गया 


2. इस कानून द्वारा संविधान के अनुच्छेद 82 और 170 (3) की शर्तो में संशोधन किया गया है ताकि वर्ष 1991 की जनगणना के दौरान सुनिश्चित की गयी आबादी के आधार पर प्रत्येक राज्य के लिए आबंटित लोकसभा और राज्य सभा की सीटों की संख्या में कोई परिवर्तन किए बगैर राज्यो मे निर्वाचन क्षेत्रों को परिवर्तित तथा पुनगठित किया जाये।


85 वां संविधान संसोधन (2001)



1.सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति जन जाति के  अभ्यर्थियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था।



86 वां संविधान संशोधन (2002)




1 .इस संशोधन अधिनियम द्वारा देश के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने संबंधी प्रावधान किया गया है


 इसे अनुच्छेद 21(क) के अंतर्गत संबंधित संविधान जोड़ा गया है इस अधिनियम द्वारा संविधान के अनुच्छेद 51(क) में संशोधन किए जाने का प्रावधान है


87 वां संविधान संशोधन (2003)



1 - इस संशोधन के द्वारा अनुच्छेद 81,82, 170 में संशोधन कर परिसीमन मे संख्या का आधार 1991 की जनगणना के स्थान पर 2001 कर दी गई है।



88 वाँ संविधान संशोधन (2003)



1. सेवाओं पर कर का प्रावधान 


2. अनुच्छेद 268 जोड़ा गया।



89 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2003



1. इस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग का दो भागो मे विभाजन कर दिया गया ।


2. अब इनके नाम क्रमश: 'राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग अनुच्छेद-338 'एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अनुच्छेद 338. ए होगे।



90 वी संविधान संशोधन अधिनियम 2003




1. असम विधान सभा में अनुसूचित जनजातियों और गैर अनुसूचित जन जातियों का प्रतिनिधित्व बरकरार रखते हुए बोडोलैंड, टेरिटोरियल कैसिल क्षेत्र, गैर जनजाति के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा |


91 वा अधिनियम वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2003



1. इस संविधान अधिनियम, 2003 द्वारा मंत्रीपरिषद के आकार निश्चित कर दिया गया है। 


2. दल बदल व्यवस्था में संशोधन, केवल सम्पूर्ण दल के विलय को मान्यता, केन्द्र तथा राज्य में मंत्रीपरिषद के संख्या क्रमश: लोक सभा तथा विधान सभा की सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत होगा (जहां सदन की सदस्य संख्या 40-50 है,वहां अधिकतम 12 होगी)




92 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2003



1. संविधान की आठवी अनुसूची में चार अन्य भाषाये जोड़ी गई ये भाषाये है- बोडो, डोंगरी, मैथिली एवं संथाली


93 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2005



1.राज्यों को विशेष एवं पिछड़े वर्गो, अनुसूचित जातियो स्तं अनुसूचित जनजातियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण करने हेतु विशेष प्रावधान करने की शक्ति प्रदान की गई।



94वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2006



1.बिहार को एक जनजातीय मंत्री की नियुक्ति करने की बाध्यता से मुक्त करते हुए इस प्रावधान को अब झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ के लिए भी लागू कर दिया गया। इन राज्यो के साथ यह मध्य प्रदेश एवं ओडिशा में (अनुच्छेद-16ए) प्रभावी हो गया।


95 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2010 



1.इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के स्थानों के लिए आरक्षण ( अनुच्छेद 33 ) की समय सीमा 60वर्ष से बढ़ा कर 70 वर्ष कर दिया गया 



2- इसके अलावा आंग्ल भारतीयों के नाम निर्देशन के प्रावधान को 2020 तक (10 वर्षों के लिए) लागू कर दिया गया.


96 वां संशोधन 2011


1. इसके तहत 8वीं अनुसूची में उल्लेखित भाषाओं में "उडिया" का नाम बदलकर "ओडिया" कर दिया गया



97 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2011 



1. इस संविधान संशोधन में हर नागरिक को कोऑपरेटिव सोसाइटी (सहकारी समितियाँ) के गणन का अधिकार दिया और इसमे संविधान के भाग 9 मे भाग 9 ख जोड़ा गया।


2. संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 19 (1)(ग)  मे "सहकारी समितियाँ" शब्द जोडा गया।



हाल ही में हुए प्रमुख संशोधन


98 वा संशोधन 2012 


1- इसके अंतर्गत अनुच्छेद 371 मे कर्नाटक राज्य के हैदरबाद कर्नाटक क्षेत्र के विकास के लिए एक अलग परिषद बनाने का प्रावधान किया गया तथा इस क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों तथा सरकारी नौकरियों में जन्म या निवास के आधार पर आरक्षण का प्रावधान राष्टपति राज्यपाल को दिया गया।




99 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2014 



1. इस विधेयक का उद्देश्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त कर इसका स्थान राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग' देना था


2.नोट: सर्वोच्च - न्यायालय के 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 'राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग' के गठन संबंधित " 99वाँ संविधान संशोधन 2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014 को असंवैधानिक एवं शुन्य घोषित करते हुए रद्द कर दिया।



100 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2015



1- 2015 को भारत और बांग्लादेश के बीच हुई भू-सीमा संधि के लिए 100वाँ संशोधन किया गया।


2. दोनों देशों ने आपसी सहमति से कुछ भू– भागो का आदान -प्रदान किया । 


3- समझौते के तहत बांग्लादेश से भारत में शामिल लोगों को भारतीय नागरिकता भी दी गई।


101 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2016



1. जी. एस. टी व्यवस्था लागू करने हेतु।


2.संविधान में अनुच्छेद 256 (अ) अंतः स्थापित किया गया


3. इस संशोधन के द्वारा अनुच्छेद 270 में निर्धारित किया गया कि केन्द्र द्वारा संग्रहित जी.एस.टी को केन्द्र व राज्यो के मध्म बांटा जाएगा।


102 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2018



1.इस संशोधन के द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (Other Backward Classes) को संवैधानिक का दर्जा प्रदान किया गया



2.अनुच्छेद 338 (ख) जोड़ा गया ।



103वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2019




1. इस संशोधन के द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर, सामान्य वर्ग के लिए 10% आरक्षण की -व्यवस्था की गई।



104 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम (2019)



 (126 वाँ संविधान संशोधन विधेयक)


1. 2 दिसंबर, 2019 को राज्य सभा में भारतीय संविधान का 126वां संशोधन विधेयक, 2019 पारित किया गया ।


2. लोक सभा द्वारा द्वारा यह विधेयक इससे पूर्व पारित किया जा चुका है


3- यह भारतीय संविधान का 104वां संशोधन है।


4.इस विधेयक के तहत भारतीय संविधान के अनुच्छेद  के 334 में संशोधन किया गया है।


5. इस विधेयक के तहत लोक सभा और विधानसभाओ में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए आरक्षण की अवधि को 10 वर्ष और बढ़ाया गया है।


6. इसमें अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों के लिए लोक सभा और राज्य विधानसभाओ में 25 जनवरी, 2030 तक सीटो का आरक्षण बढाने का प्रावधान किया है।



7. पूर्व में इस आरक्षण की सीमा समय, 25 जनवरी 2020 तक थी।


8. इस संविधान संशोधन विधेयक द्वारा संसद मे एंग्लो इंडियन समुदाय के प्रदत आरक्षण को समाप्त कर दिया गयाहै


9. आरक्षण के तहत एंग्लो-इंडियन समुदाय के 2 सदस्य लोक सभा में प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे।


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