छायावाद किसे कहते हैं? छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं

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छायावाद किसे कहते हैं? छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं

 छायावाद किसे कहते हैं? छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं

    छायावाद किसे कहते हैं? छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं

छायावादी युग किसे कहते हैं तथा इसकी प्रमुख विशेषताएं।। Chayavadi yug kise kahate hain iski pramukh visheshatan


छायावादी काव्य की विशेषताएं।


1- व्यक्तिवाद की प्रधानता- छायावाद में व्यक्तिगत भावनाओं की प्रधानता है यहां कभी अपने सुख दुख एवं हर सुख को ही वाड़ी प्रदान करते हुए खुद को अभिव्यक्त करता है।


2. श्रृंगार भावना- छायावादी काव्य शुद्धता श्रृंगारी काव्य है, किंतु उसका श्रृंगार सूक्ष्म श्रृंगार है।


3. नारी के प्रति नवीन भावना- छायावाद में श्रृंगार मुख्यता और सुंदर का संबंध नारी है।


4. जीवन दर्शन- छायावादी कवियों ने जीवन के प्रति भावात्मक दृष्टिकोण अपनाया है।


5. प्रकृति का मानवीकरण- प्रकृति पर मानव जीवन का आरोप छायावाद की एक प्रमुख विशेषता है।



प्रमुख छायावादी कवि

रचनाएं

जयशंकर प्रसाद

लहर आंसू काम यानी कानन कुसुम झरना महाराणा का महत्व प्रेम पथिक प्रेम राज्य अयोध्या का उद्धार, (केवल झरना से लेकर काम में आने तक छायावादी कविताएं)

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

गीतिका अनामिका राम की शक्ति पूजा परिमल तुलसीदास सरोज स्मृति

महादेवी वर्मा

नीरजा, रशिम, निहार साध्य, गीत

सुमित्रानंदन पंत

उच्छवास

राजकुमार वर्मा 

रूप, शशि, चित्र रेखा, आकाशगंगा

वियोगी 

एक तारा, कल्पना

लक्ष्मी नारायण मिश्र

अंत जगत

उदय शंकर भट्ट

राका, मानसी विसर्जन योगदीप अमृत और विष

जनार्दन प्रसाद झा द्विज

अनुभूति अनतधवानी 


छायावादी काव्यधारा की चार विशेषताएं। (Roshani study point)


  1. प्रेम सौंदर्य का चित्रण

  2. प्रकृति का मानवीकरण

  3. करुणा एवं नाराशंस की प्रधानता

  4. अंग्रेजी के रोमैनिटसिजम (स्वच्छतावाद) से प्रभावित








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