10+ भोपाल में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल2023 || Bhopal me ghumne ki jagah

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10+ भोपाल में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल2023 || Bhopal me ghumne ki jagah

10+ भोपाल में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल2023 || Bhopal me ghumne ki jagah


Bhopal me ghumne ki jagah: भारत के मध्य में बसा राज्य मध्यप्रदेश जिसकी राजधानी भोपाल है। भोपाल के ऐतिहासिक शहर है, जो आकर्षक और दिलचस्प स्थलों में से एक है। भोपाल को जिलों का शहर भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर कई छोटे-बड़े झील है। यहां का छोटा तालाब और बड़ा तालाब पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।


इसके अलावा भी यहां पर कई ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है, जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। इसके अतिरिक्त भोपाल की खान-पान, रहन सहन पर्यटकों को काफी प्रभावित करती है। इसीलिए साल भर यहां पर पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।




10+ भोपाल में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल2023 || Bhopal me ghumne ki jagah

यदि आप भी सिटी ऑफ लेक भोपाल की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो पहले आपको भोपाल के बारे में सब कुछ जानकारी होनी चाहिए कि भोपाल में फेमस क्या है?, भोपाल में कौन कौन से प्रसिद्ध भोजन है?, साथ ही भोपाल में क्या क्या घूमने लायक जगह है? (Bhopal Tourist Places in Hindi), भोपाल किस तरीके से जा सकते हैं और भोपाल की यात्रा में कितना खर्च आएगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और भोपाल टूर गाइड के बारे में जानकारी लेते हैं।


भोपाल में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल | Bhopal me Ghumne ki Jagah



Table of Contents


  1. भोपाल के बारे में रोचक तथ्य


  1. भोपाल में घूमने की जगह (Bhopal Tourist Places In Hindi)


      2.1 मानव संग्रहालय


      2.2.भोपाल में सांची स्तूप


      2.3.भीमबेटका गुफाएं


      2.4भोजपुर मंदिर भोपाल


      2.5 बड़ा तालाब झील भोपाल


      2.6.भोपाल का मोती मस्जिद


      2.7.भोपाल का शौकत महल


3.भोपाल का प्रसिद्ध भोजन


      3.1.सुलेमान चाय


      3.2.दाल बाफला


      3.3.पोहा-जलेबी


      3.4.भोपाली गोश्त कोरमा


      3.5.भोपाली चिकन कोरमा


      3.6.भुट्टे का किस


      3.7.बर्फी रसमलाई और हाजी लस्सी वाला


4.भोपाल कैसे घूमे?


5.भोपाल में रुकने के स्थान


6.भोपाल कैसे पहुंचे?


7.FAQ


8.निष्कर्ष



भोपाल के बारे में रोचक तथ्य


  • भोपाल का पुराना नाम भोजपाल है क्योंकि ग्यारहवीं शताब्दी के दौरान राजा भोज ने इस शहर को बसाया था।


  • भोपाल का सबसे ज्यादा विकास मोहम्मद के शासनकाल के दौरान हुआ था।


  • भोपाल, हैदराबाद के बाद दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाली रियासत थी। भारत के सभी राज्यों के एकीकरण के समय यहां का अंतिम नवाब भोपाल को एक स्वतंत्र रूप देना चाहता था। लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के कारण भोपाल भारत में विलय हो पाया।

 

  • कुदसिया बेगम भोपाल की पहली महिला शासक थी, जिन्होंने अपने शासनकाल में इस शहर की काफी उन्नति की।


  • भोपाल में भी ताजमहल है, जो दिखने में हूबहू आगरा के ताजमहल की तरह है। इस ताजमहल का निर्माण हुबहू आगरा के ताजमहल की तरह भोपाल में भी एक ताजमहल है, जिसका निर्माण नवाब शाह जंहा बेगम ने करवाया था।


भोपाल में घूमने की जगह (Bhopal Tourist Places In Hindi)


मानव संग्रहालय


भोपाल में स्थिति यह मानव संग्रहालय 200 एकड़ जमीन में फैला हुआ है, जो भोपाल के आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक है। यदि आप प्राचीन संस्कृति में रुचि रखते हैं और मानव विकास के बारे में जानना चाहते हैं तो इस म्यूजियम को एक बार विजिट कर सकते हैं।



मानव संग्रहालय

यहां पर मानव जाति के बारे में सब कुछ बताया गया है। मनुष्य के विकास और संस्कृति का पूरा सफर यहां पर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा प्राचीन काल में इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन, प्राचीन काल के घर, कलाकृतियां, प्राचीन समय की खाने की वस्तुएं सारी चीजें बहुत अच्छे से प्रदर्शित की गई है।


भोपाल में सांची स्तूप


भोपाल में स्थित सांची का स्तूप पूरे देश भर में प्रख्यात है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के महान सम्राट अशोक ने इसकी स्थापना की थी। यह सबसे उल्लेखनीय स्मारकों में से एक है। अशोक ने बौद्ध धर्म के पहुंच को फैलाने के लिए इसकी स्थापना की थी। सांची का स्तूप भव्यता आज तक बेजोड़ है।


भोपाल में सांची स्तूप

इस स्तूप के विशाल गुंबद में एक केंद्रीय तिजोरी है, जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं। भोपाल जाते हैं तो इस जगह को विजिट करना बिल्कुल ना भूलें। सांची का स्तूप रोजाना सुबह 8:30 बजे से लेकर 5:30 बजे तक खुला रहता है और इस जगह की एंट्री फीस मात्र ₹10 है हालांकि विदेशियों के लिए 250 रुपए है।


महाभारत के भीम के चरित्र से संबंधित यह भीमबेटका गुफा भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित है। इस गुफा से संबंधित रोचक बात यह है कि यह गुफा लगभग 30000 साल से भी पुराना है। गुफा के अंदर चट्टानों पर गढ़ी गई सुंदर संरचना पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है।


भीमबेटका गुफाएं


इस गुफा को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है। यह गुफा वास्तव में अपने आप में बेजैड कला का एक नमूना है। यहां पर पर्यटकको की एंट्री सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम के 6:00 बजे तक होती है और यहां की एंट्री फीस भी मात्र ₹10 है।


भोजपुर मंदिर भोपाल


भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर बसा यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है, जिसकी लंबाई 18 फीट और व्यास 7.5 फीट है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में यहां के शासक राजा भोज ने करवाया था। हालांकि मंदिर का निर्माण अधूरा होने के कारण इस मंदिर को ज्यादा पहचान नहीं मिल पाई।

भोजपुर मंदिर भोपाल

लेकिन आज इस मंदिर का निर्माण पूर्ण हो जाता तो हिंदुओं का सबसे बड़ा मंदिर होता। मंदिर का शिवलिंग इतना ऊंचा है कि पुजारी को सीढ़ी लगाकर पूजा करना पड़ता है।


इस मंदिर को जिस तकनीक के साथ बनाया गया है, वह वाकई में पर्यटकों को हैरान कर देती है। इसी के कारण यहां पर पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है। मंदिर के खंभों पर शिव, पार्वती, नारायण और सीता राम का चित्र उकेरा गया है, जो देखने में वाकई आकर्षक लगती है।


यहां पर पर्यटक आकर प्राकृतिक नैसर्गिक का भी आनंद उठा सकते हैं साथ ही शांति अनुभव कर सकते हैं। मकर सक्रांति और शिवरात्रि के समय यहां पर 3 दिन का विशेष मेला भी आयोजित होता है। जहां दूर-दूर से श्रद्धालु मेले में मनोरंजन लेने के लिए आते हैं। यदि आपको भी इस मेले का मनोरंजन लेना है तो मकर सक्रांति या शिवरात्रि में यहां का दर्शन कर सकते है।


बड़ा तालाब झील भोपाल


जैसा कि हमने आपको बताया कि भोपाल झीलों की नगरी के नाम से जानी जाती है। क्योंकि यहां पर कई सारे झील है। उन्हीं में से एक बड़ा तालाब भी है। भोपाल इस बड़े तालाब के कारण काफी प्रख्यात है। यह तालाब भोपाल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। हर मौसम में यहां पर पर्यटको की भीड़ जमी रहती हैं।

बड़ा तालाब झील भोपाल

तालाब के ऊपर एक सुंदर ब्रिज का निर्माण भी किया गया है, जहां से पर्यटक सुंदर तस्वीरें याद के रूप में एकत्रित कर सकते हैं। पर्यटक यहां पर बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं। यहां पर क्रूज बोट, पर्सनल मोटर बोट, पैडल बोट के अलावा कई प्रकार के नांव की सवारी का आनंद लिया जा सकता है। यहां पर नाव की सवारी का शुल्क लगभग ₹80 से लेकर ₹250 तक होता है।


भोपाल का मोती मस्जिद


भोपाल में स्थित मोती मस्जिद जिसे सुंदर, शुद्ध सफेद और संगमरमर पत्थरों से तैयार किया गया है, जो बिल्कुल दिल्ली में मौजूद ऐतिहासिक जामा मस्जिद की तरह ही लगता है।


भोपाल का मोती मस्जिद

इस मस्जिद का निर्माण 1862 में यहां की महिला शासक सिकंदर जहान बेगम ने करवाया था। इसे ‘पर्ल मस्जिद’ नाम से भी जाना जाता है।


भोपाल का शौकत महल


भोपाल का शोकत महल प्रसिद्ध चौक क्षेत्र के प्रवेश द्वार की शोभा बढ़ाता है, जो सिकंदर बेगम के शासनकाल में बनाई गई थी। भोपाल में ज्यादातर इमारतें इस्लामी वास्तुकला से प्रभावित है। लेकिन यह इमारत एशियाई और पश्चिमी स्थापत्य कला का एक सुंदर नमूना है, जिसे भोपाल आने वाले पर्यटक विजिट करना नहीं भूलते


भोपाल का शौकत महल

यह इमारत पुनर्जागरण और गॉथिक शैलियों का एक अनूठा मिश्रण भी प्रदर्शित करती है। भोपाल जाए तो इस सुंदर इमारत को जरूर विजिट करें।


भोपाल का प्रसिद्ध भोजन


सुलेमान चाय


सुबह की शुरुआत अक्सर लोग चाय के साथ करते हैं। आपने मसालेदार चाय, अदरक की चाय या फिर इलायची की चाय जरूर चखी होगी। लेकिन सुलेमानी चाय शायद ही कहीं चखी होगी और यह चाय खास करके पुराने भोपाल में प्रसिद्ध है। यदि भोपाल जाते हैं तो इस सुलेमान चाय के चूस्की के साथ अपने सुबह का आनंद उठा सकते हैं।


दाल बाफला


दाल बाफला कुछ हद तक राजस्थान के प्रसिद्ध व्यंजन दाल बाटी से प्रभावित है। क्योंकि इसे भी कुछ हद तक उसी तरीके से बनाया जाता है। गेहूं के आटे में दाल को डालकर पानी के भाप में पकाया जाता है और फिर घी में डुबोकर चटनी के साथ इसे परोसा जाता है।


वहां के स्थानीय भाषा में इसे बाफला कहा जाता है। भोपाल जाए तो इस व्यंजन को जरूर चखें यकीन मानिए आपको कुछ नया स्वाद का एहसास होगा।


पोहा-जलेबी


यदि आप भोपाल जाते हैं तो वहां सुबह-सुबह भोपाल के हर नुक्कड़ पर आपको पोहा और जलेबी देखने को मिल जाएगा। वहां के लोग सुबह सुबह ब्रेकफास्ट में पोहा-जलेबी को बहुत पसंद करते हैं। आप अपने सुबह की शुरुआत इन ताजे मीठे दार जलेबी और पोहा से कर सकते हैं।


भोपाली गोश्त कोरमा


भोपाल केवल शाकाहारी व्यंजनों के लिए ही नहीं बल्कि मांसाहारी व्यंजनों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। यदि आप नॉनवेज पसंद करते हैं तो भोपाल में आपके लिए भोपाली गोश्त का कोरमा है, जिसे चखकर आप अपनी ऊंगुलियां चाटते रह जाएंगे।


वहां के लोगों को यह गोश्त कोरमा काफी पसंद आता है, इसी के कारण इसका नाम भी भोपाली पढ़ चुका है। इसे बनाने के लिए मटन का प्रयोग किया जाता है और इसे बनाने में  एक से 2 घंटे का समय लगता है। इसी के कारण यह स्वाद में लाजवाब होता है।


भोपाली चिकन कोरमा


जिन्हें नॉनवेज पसंद है, उन्हें भोपाली चिकन कोरमा भी बेशक पसंद आएगा। इस स्वादिष्ट व्यंजन को मसालेदार ग्रेवी में चिकन को धीमी आंच पर पकाकर बनाया जाता है, जो इस व्यंजन के स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। यदि भोपाल जाए तो इस व्यंजन को चखना न भूलें।



भुट्टे का किस


हो सकता है आप इस व्यंजन का नाम पहली बार सुन रहे होंगे लेकिन भोपाल में यह काफी प्रसिद्ध है। वहां के लोकल सड़कों पर काफी ज्यादा यह व्यंजन बिकता है और वहां के लोग इससे काफी खाना पसंद करते हैं।


आपने भुट्टे तो अक्सर खाए होंगे लेकिन भोपाल में बिकने वाला इस भुट्टे का किस काफी ज्यादा स्वादिष्ट होता है, जो शायद आपने कभी नहीं चखा होगा। इस भुट्टे को मसाले और मिक्स्ड दूध के साथ अच्छे से पकाकर परोसा जाता है, उसे चखने के बाद आप इसका स्वाद नहीं भूल पाएंगे।


बर्फी रसमलाई और हाजी लस्सी वाला


भोपाल तीखे, स्वादिष्ट और चटपटे मसालेदार व्यंजनों के अतिरिक्त मीठे व्यंजन के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। वहां की बर्फी रसमलाई आपका दिल जीत लेगी। इसके अलावा वंहा के इटवाडा चौक के पास मिलने वाली हाजी लस्सी वाला की लस्सी तो मानो हर पर्यटक के मुंह पर होता है। जो भी पर्यटक भोपाल जाते हैं, वह इस मीठे रस मलाई और हाजी लस्सी वाले के स्वाद का आनंद लेना नहीं भूलते।


इन सभी स्वादिष्ट व्यंजन के अतिरिक्त भोपाल जलेबी, हाजी, मटर पुलाव, मावा बाटी और लस्सीवाला का लस्सी, फालूदा भी काफी स्वादिष्ट मिलता है। यदि आप भोपाल जाते हैं तो इन सभी व्यंजनों को भी जरूर ट्राई करें।


भोपाल कैसे घूमे?


भोपाल पहुंचने के बाद आपको एयरपोर्ट रेलवे, स्टेशन या बस स्टैंड के बाहर कई सारी ऐसी दुकानें मिल जाएंगी, जो टूरिस्ट को किराए पर बाइक या टैक्सी देती है, जिससे वे पूरे भोपाल की यात्रा कर सकते हैं। यदि आप अकेले हैं तो बाइक को रेंट पर ले सकते हैं। वहां पर आपको न्यूनतम 350 से 500 के बीच में बाइक मिल जाएंगी।


वहीं पर यदि आप बुलेट या फिर कोई अच्छी बाइक लेना चाहते हैं तो उसके लिए लगभग 800 से ₹1000 तक का भी किराया लग सकता है।


यदि आप अपने परिवार के साथ हैं तो आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं, जो 1000 से 1500  रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराया लग सकता है। आप टूरिस्ट बस के जरिए भी पूरे भोपाल की यात्रा कम पैसे में कर सकते हैं।


भोपाल में रुकने के स्थान


भोपाल में ठहरने के लिए आपको 2 स्टार से लेकर 5 स्टार तक के होटल बहुत आसानी से मिल जाएंगे। यहां के हाय से लो रेट वाले सभी होटलों में काफी अच्छी सुविधा दी जाती है।


भोपाल के कुछ प्रसिद्ध होटल निम्नलिखित हैं:


  • होटल पलाश रेजीडेंसी

  • होटल सोनाली रीजेंसी

  • होटल सुरेंद्र विलासी

  • होटल लेक व्यू अशोक

  • होटल आमेर पैलेस

  • होटल मयूर

  • जहान नुमा पैलेस


भोपाल कैसे पहुंचे?


रेल, सड़क और हवाई मार्ग में से किसी का भी चयन करके भोपाल की यात्रा की जा सकती है। भोपाल भारत के मध्य में होने के कारण इन तीनों मार्गो से ही भोपाल भारत के सभी राज्यों से जुड़ा हुआ है। यदि आप रेल मार्ग से भोपाल जाना चाहते हैं तो भोपाल का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हबीबगंज है, जहां से ट्रेन भारत के सभी रेलवे स्टेशन जाती है।


इसके अतिरिक्त यदि आप  वायु मार्ग का चयन करना चाहते हैं तो भोपाल में भोज एयरपोर्ट है, जो भारत के सभी बड़े शहरों से यहां पर हवाई यात्रा होती है।


तीसरा विकल्प सड़क मार्ग है और आज के मॉडर्न युग में भोपाल की सड़कें सभी राज्यों से बहुत अच्छे से जुड़ी हुई है, जिससे आप अपने निजी वाहन से भी भोपाल की यात्रा करने आ सकते हैं।


FAQ


भोपाल में घूमने के लिए क्या है ?


भोपाल में शौर्य स्मारक, वाटर पार्क, डीबी मॉल, भारत भवन, भीमबैठका, शहीद भवन, बिड़ला मंदिर, वन विहार इत्यादि कुछ जगह है, जो पर्यटक को के लिए आकर्षण का केंद्र है।


भोपाल शहर कौन से पठार पर बसा हुआ है?


भोपाल मालवा पठार के पूर्वी किनारे पर स्थित है।


भोपाल का पूराना नाम क्या है?


भोपाल का पुराना नाम भोजपाल था, जो भोज और पाल दो नाम से मिलकर बना था।


निष्कर्ष


आज के लेख में हमने आपको भोपाल में घूमने लायक जगह (bhopal ghumne ki jagah) के बारे में बताया, जो आपकी यात्रा को सरल बनाने में मदद करेगा। हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।


इस लेख भोपाल टूरिस्ट प्लेस से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं और इस लेख को अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।

 
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