कोलेस्ट्रॉल क्या होता है//कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है cholesterol kya hota hai

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कोलेस्ट्रॉल क्या होता है//कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है cholesterol kya hota hai

कोलेस्ट्रॉल क्या होता है//कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है cholesterol kya hota hai

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे कोलेस्ट्रॉल क्या होता है,कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल कम होने के नुकसान सभी की जानकारी आप लोगों को विस्तार से दी जाएगी। तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।  


Table of contents 

Cholesterol kya hai

कोलेस्ट्रोल क्यों बढ़ता है?

कोलेस्ट्रोल बढ़ने से शरीर में क्या होता है?

शरीर में कोलेस्ट्रॉल होने का क्या कारण है?

कोलेस्ट्रोल बढ़ने की पहचान क्या है?



कोलेस्ट्रॉल क्या होता है//कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है cholesterol kya hota hai
कोलेस्ट्रॉल क्या होता है//कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है cholesterol kya hota hai

 कोलेस्ट्रॉल क्या है? 

कोलेस्ट्रोल लीवर द्वारा निर्मित अवस्था जैसा पदार्थ होता है जो पाचन विटामिन डी कोशिका झिल्ली इत्यादि के लिए बहुत जरूरी होता है। यह सभी पशुओं और मनुष्यों के कोशिका झिल्ली समय शरीर के हर भाग में पाया जाता है। कोलेस्ट्रोल कोशिका झिल्ली का एक महत्वपूर्ण भाग है जहां उचित मात्रा में पारगम्यता और तरलता स्थापित करने में उसकी आवश्यकता होती है। कोलेस्ट्रोल शरीर में विटामिन डी, हार्मोन्स और पित्त का निर्माण करता है जो शरीर के अंदर पाए जाने वाले वसा को पचाने में मदद करता है। शरीर में कोलेस्ट्रोल भोजन में मांसाहारी आहार के माध्यम से भी पहुंचाता है यानी अंडे, मांस, मछली और डेयरी उत्पाद इसके प्रमुख स्तोत्र है। अनाज फल और सब्जियों मैं केलोस्ट्रोल नहीं पाया जाता। शरीर में केलोस्ट्रोल का लगभग 25% उत्पादन यकृत के माध्यम से होता है। केलोस्ट्रोल शब्द यूनानी शब्द कोले और स्टियरियोज (ठोस) से बना है और इसमें रासायनिक प्रत्यय ओल लगा हुआ है। मानव शरीर को केलोस्ट्रोल की आवश्यकता है मुख्यत कोशिकाओं के निर्माण के लिए हार्मोन के निर्माण के लिए और बाइल जूस के निर्माण के लिए जो वसा के पाचन में मदद करता है।


कोलेस्ट्रोल क्यों बढ़ता है?


कोलेस्ट्रोल एक मोम जैसा पदार्थ होता है जो लीवर में बनता है और शरीर के हर हिस्से में पाया जाता है हमारे शरीर में दो तरह का कैल्शियम पाया जाता है एक गुड केलोस्ट्रोल और दूसरा बेड केलोस्ट्रोल अगर बात बैड कोलेस्ट्रॉल की कह रहे हैं तो यह हमारी आर्टिरीज में जमा हो सकता है जिससे कई तरह की बीमारियां होने लगती है हमारे शरीर को हेल्दी सेल्स बनाने के लिए केलोस्ट्रोल की जरूरत होती है लेकिन शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा होने से कई तरह के हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 


शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल फास्ट फूड खाने, एक्सरसाइज ना करने, ओवरवेट होने स्मोकिंग और ड्रिंक करने का कारण बढ़ता है के कारण बढ़ता है. कई बार यह जेनेटिक भी होता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के कोई संकेत नहीं दिखते लेकिन इसकी वजह से कई तरह की गंभीर बीमारी हो सकती है. आर्टिरीज में केलोस्ट्रोल को का लेवल बढ़ने से शरीर में अलग-अलग हिस्सों में क्रैंप एंठन की दिक्कत का सामना भी करना पड़ता है यह पेरिफेरल आर्टरी डिजीज PAD का संकेत भी हो सकता है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से होता है।


  1. क्या है पेरीफेरल आर्टरी डिजीज

पेरीफेरल आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपके सिर और ऑर्गन्स पैरों तक ब्लड ले जाने वाली आर्टरीज में केलोस्ट्रोल जमा हो जाता है यह एक सामान्य सर्कुलेटरी समस्या है जिसमें आर्टिरीज काफी ज्यादा पतली हो जाती है जिस कारण पैरों और आर्म्स तक उचित मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता पीएडी के मुख्य कारण एजिंग डायबिटीज और स्मोकिंग है।


  1. शरीर में कैल्शियम लेवल बढ़ने के लक्षण

         कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन फ्रांसिस्को के सर्जरी डिपार्टमेंट के अनुसार शरीर में खेलो स्ट्रोल का लेवल हाई होने पर कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं जिसमें से एक लक्षण है प्रेम से यानी ऐठन होना केलोस्ट्रोल का लेवल बढ़ने पर पैर जांग खोल है पिंडलियों और पंजे में क्रैंप्स की समस्या का सामना करना पड़ सकता है कुछ देर आराम करने पर अपने आप ठीक हो जाते हैं. पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के और भी कई संकेत और लक्षण हैं जिसमें से पैरों के घावों का काफी धीरे-धीरे या कई बार बिल्कुल भी ठीक नहीं हो पाते इस दौरान स्किन पीली या ब्लू कलर की नजर आ सकती है साथ ही एक पैर का तापमान दूसरे पैर की तुलना में ज्यादा या कम हो सकता है इसके साथ ही नाखून बढ़ने की स्पीड भी काफी स्लो हो जाती है।

इन सभी लक्षणों के अलावा बहुत से लोगों में पेरीफेरल आरटीडीसी की कोई भी लक्षण नजर नहीं आते ऐसे में अगर आपको इन सभी में से कोई भी लक्षण दिखते हैं या दर्द का सामना करना पड़ रहा है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।


  1. हाई कोलेस्ट्रोल लेवल का शरीर पर पड़ने वाला असर

हाई कोलेस्ट्रोल के चलते रक्त कोशिकाओं में फैट जमा होने लगता है और समय के साथ यह फैट और भी ज्यादा बढ़ जाता है जिससे कोशिकाओं में ब्लड का फ्लो काफी कम हो जाता है और एक समय के बाद रुक जाता है कुछ मामलों में यह ऐड छोटे-छोटे क्लॉट्स में टूट जाता है और ब्लड फ्लो को पूरी तरह से रोक देता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है इस प्रकार हाई केलोस्ट्रोल नर्वस सिस्टम हो रहा है हार्ट को सबसे अधिक प्रभावित करता है।


  1. कैसे रोके कोलेस्ट्रोल से जुड़ी समस्याएं

कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका सेवन करने से केलोस्ट्रोल को कम किया जा सकता है इसके लिए जरूर है कि आप सैचुएटेड फैट की वजाय अनसैचुरेटेड फैट्स को अपनी डाइट में शामिल करें, ऑलिव ऑयल, सूरजमुखी के तेल, नट्स और सीड्स ऑयल में हेल्दी फिट होता है इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज से भी आप केलोस्ट्रोल को कम कर सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल क्या होता है//कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है cholesterol kya hota hai
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कोलेस्ट्रोल कम होने के नुकसान

जब शरीर मे कोलेस्ट्रोल के लेवल में जरा कमी आती है तो यह कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं की खतरे बढ़ाती है।


कोलेस्ट्रोल का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में दिल की बीमारी का ख्याल आ जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है लेकिन या हमेशा हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर की अनेक प्रक्रियाओं के संचालक के लिए बेहद जरूरी होता है। पोषक तत्वों के शरीर में अवशोषण से लेकर तमाम हार्मोंस के प्रोडक्शन तक में कोलेस्ट्रोल बेहद जरूरी है। दरअसल कोलेस्ट्रोल दो तरह के होते हैं बैड कोलेस्ट्रॉल और गुड कोलेस्ट्रॉल। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। सामान्यतः कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होना ज्यादा बेहतर माना जाता है। नियमित एक्सरसाइज और खानपान की बदौलत केलोस्ट्रोल कम किया जा सकता है। लेकिन जब शरीर में कैलाश ट्रोल के लेवल में 11 कमी आती है तो यह कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे बढ़ाती है। 


कैंसर का खतरा -

कई तरह के कैंसर से लड़ने में बैड़ कोलेस्ट्रोल अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में जब हमारे शरीर में इसकी ज्यादा कमी होती है तो कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा लो कोलेस्ट्रोल आपको कैंसर से प्रभावी तरीके से लड़ने से रोकता है।


गुस्सा बढ़ाता है- 

तमाम शोधों में यह बताया गया है कि कोलेस्ट्रोल का कम स्तर गुस्सा बढ़ाने में मददगार होता है। इसके अलावा लोगों में हिंसक प्रवृत्ति को भी बढ़ावा देता है।


याददाश्त पर प्रभाव-

कोलेस्ट्रोल याददाश्त के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल लेवल में याददाश्त को कमजोर करने का काम करती है। कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाई दिमाग की क्षमता को कम करने के लिए जानी जाती है।


संक्रमण से लड़ने की क्षमता में कमी

करने वाली दवा है हमारे संक्रमण से लड़ने की जनता को प्रवाहित करती है एक शोध में यह बताया गया कि कोलेस्ट्रोल टीवी के मरीज के लिए यह मददगार हो सकता है।


कोलेस्ट्रोल कितना होना चाहिए?


पुरुषों में कुल कोलेस्ट्रोल की सामान्य सीमा 125 mg/dl  200 mg/dl से कम होना ठीक रहता है। एलडीएल कोलेस्ट्रोल 100 mg/dl से कम एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dl से ज्यादा और ट्राइग्लिसराइड 150 mg/dl से कम होना बेहतर है।


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