महात्मा गांधी पर निबंध//Mahatma Gandhi essay in Hindi

Ticker

महात्मा गांधी पर निबंध//Mahatma Gandhi essay in Hindi

महात्मा गांधी पर निबंध//Mahatma Gandhi essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे महात्मा गांधी पर निबंध सभी की जानकारी विस्तार रूप से दी जाएगी। तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

Table of contents 


महात्मा गांधी पर निबंध क्या है?

सरल शब्दों में महात्मा गांधी कौन है?

गांधी जयंती पर निबंध कैसे लिखें?

महात्मा गांधी का जीवन परिचय कैसे लिखें?

2 अक्टूबर क्यों मनाया जाता है?

हम गांधी जयंती क्यों मनाते हैं?

महात्मा गांधी पर निबंध 300 शब्द में

महात्मा गांधी निबंध 10 लाइन में

Mahatma Gandhi essay in Hindi

Mahatma Gandhi per nibandh


अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को ही जयंती मनाते हैं।

महात्मा गांधी पर निबंध क्या है?  सरल शब्दों में महात्मा गांधी कौन है?  गांधी जयंती पर निबंध कैसे लिखें?  महात्मा गांधी का जीवन परिचय कैसे लिखें?  2 अक्टूबर क्यों मनाया जाता है?  हम गांधी जयंती क्यों मनाते हैं?  महात्मा गांधी पर निबंध 300 शब्द में  महात्मा गांधी निबंध 10 लाइन गांधी पर निबंध//Mahatma Gandhi essay in Hindi
महात्मा गांधी पर निबंध//Mahatma Gandhi essay in Hindi


जीवन परिचय- महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 क हुआ था। महात्मा गांधी का असल नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। ‌ उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। करमचंद गांधी पोरबंदर के दीवान थे तथा माता पुतलीबाई धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी। महात्मा गांधी बचपन से ही सत्य, अहिंसा, शुद्ध और सादा जीवन शैली में विश्वास रखते थे। महात्मा गांधी अपने माता पिता की सबसे छोटी संतान थे उनसे बड़े दो भाई और एक बहन थी।

महात्मा गांधी का विवाह कस्तूरबा गांधी से महज 13 वर्ष की आयु में हो गया था। जिनसे उनके 4 पुत्र हुए-हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास। गांधीजी की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा पोरबंदर में ही हुई उसके आगे की पढ़ाई के लिए हुए राजकोट चले गए। वर्ष 1887 में भी आगे की पढ़ाई करने के लिए मुंबई (बम्बई) विश्वविद्यालय चले गए। 1888 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए और बैरिस्टर बनने के लिए वे यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन चले गए जहां से 10 जून 1891 में कानून की पढ़ाई पूरी कर वेरिस्टर बने और भारत लौट आए और 2 वर्षों तक कानून की प्रैक्टिस की। फिर भी भारतीय कारोबारी के कानूनी सलाहकार बनकर दक्षिण अफ्रीका चले गए।

दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी को रंगभेद का शिकार होना पड़ा वहां गोरे लोग काले लोगों को गोली कहते थे और उनको और गौरव के जैसे अधिकार प्राप्त नहीं थे। गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका के ट्रेन का सफर करते समय या पाया कि उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकट होने के बाद भी पीटर्सबर्ग स्टेशन पर टिकट चेकर द्वारा उन्हें थर्ड क्लास के डिब्बे में जाने के लिए कहा गया पर गांधी जी ने इस बात का विरोध किया तो उन्हें धक्के मारकर ट्रेन से बाहर निकाल दिया गया तब उन्होंने जाना कि सिर्फ रंग के कारण के साथ दिया भेदभाव किया गया। गांधीजी ने तभी निर्णय लिया किया रंगभेद नीति का पुरजोर विरोध करेंगे करुणा ने किया भी।


बस अट्ठारह सौ चौवन में गांधी जी ने नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की और इस गठन के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय को एक सजातीय राजनीतिक शक्ति के रूप में परिवर्तित करने का प्रयास किया।3 वर्ष तक पाठक प्रयास और उच्च अधिकारियों को पात्र पत्राचार कर उन्होंने इस कुरूति को मिटाने का भरसक प्रयास किया और भारतीयों के उभरे हुए नेता के रूप में अपना स्थान प्राप्त किया। वर्ष 1893 से लेकर वर्ष 1914 तक महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रहे और नागरिक अधिकारों के लिए सत्याग्रह करते रहे। सत्याग्रह यानी न्याय के खिलाफ शांतिपूर्वक लड़ना।


9 जनवरी 1915 को गांधीजी दक्षिण अफ्रीका छोड़कर भारत आ गए। इसी दिन 9 जनवरी को भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रभावी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस यानी ऐसा दिन जब हम देश के विकास में NRI समुदाय की भूमिका को रेखांकित करते हैं। गांधीजी को वर्ष 1915 में सरकार की ओर से कैसर-ए-हिंद स्वर्ण पदक प्रदान किया गया था। 

महात्मा गांधी पर निबंध//Mahatma Gandhi essay in Hindi
महात्मा गांधी पर निबंध//Mahatma Gandhi essay in Hindi


भारत आगमन के बाद गांधी जी भारत देश को अंग्रेजों से आजाद कराने की दिशा में बढ़ने लगे। गांधीजी की विशेष भूमिका वाला सत्याग्रह आंदोलन 1917 बिहार के चंपारण जिले में हुआ था। गांधी जी के नेतृत्व में भारत में किया गया यह पहला सत्याग्रह था। अंग्रेजों ने चंपारण के पट्टे दार किसानों को जबरन बड़े पैमाने पर नील की खेती करने का फरमान सुनाया था। किसानों पर अंग्रेजों की ओर से खूब शोषन और कुछ बागान मालिकों के तरफ से जुल्म ढाया जा रहा था। जिसके खिलाफ गांधीजी ने चंपारण सत्याग्रह किया। चंपारण सत्याग्रह आंदोलन के कारण ब्रिटिश हुकूमत को उसके द्वारा नील की खेती के दिए गए फरमान को रद्द करना पड़ा। महात्मा गांधी का सत्याग्रह असरदार साबित हुआ, साथ ही भारत के पहले ऐतिहासिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन के तौर पर भी सफल साबित हुआ।

गांधीजी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाए गए नमक कर के विरोध में 1930 में नमक सत्याग्रह किया। महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला था जिसके लिए उन्हें 358 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। दांडी मार्च को डांडी सत्याग्रह या नमक मार्च के रूप में भी जाना जाता है। दांडी मार्च में नमक सत्याग्रह महात्मा गांधी के द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कल लगाने की कानून का विरोध करने के लिए किया गया एक आंदोलन था। यह आंदोलन पूरे 1 साल तक चला और 1931 को गांधी इर्विन समझौते से खत्म हो गया‌।

इसके बाद 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से गांधीजी ने खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। गांधीजी ने ना सिर्फ भारत को आजादी दिलाया बल्कि पूरी दुनिया में लोगों को नागरिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति उत्साह पूर्वक आंदोलन करने के लिए भी प्रेरित किया।

गांधीजी ने हर परिस्थिति में हिंसा और सत्य का पालन किया। उन्होंने अपना जीवन साबरमती आश्रम में गुजारा और परंपरागत भारतीय पोशाक धोती वह रूप से बनी साल पानी जिसे वे स्वच्छ चरखे पर हाथ से सूत कातकर बनाते थे। उन्होंने सदा साह का हरि भोजन खाया खाया और आत्म शुद्धि के लिए कई दिनों तक लंबे लंबे उपवास रखें।


30 जनवरी 1948 में 79 वर्ष की आयु में गोली मारकर गांधीजी की हत्या कर दी गई थी। तब वे दिल्ली के बिरला भवन में शाम की प्रार्थना करके उठ रहे थे। बापूजी को श्रद्धांजलि देने के लिए हर वर्ष 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि 23 मार्च के दिन भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को फांसी दी गई थी।

महात्मा गांधी एक महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। महात्मा गांधी के अविस्मरणीय योगदान के कारण उन्हें महात्मा गांधी, राष्ट्रपिता पूर्व बाबू आदि नामों से संबोधित किया जाता है। राष्ट्रपिता नाम से महात्मा गांधी को सर्वप्रथम सुभाष चंद्र बोस ने संबोधित किया था इसके बाद पूरा भारत वर्ष महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित करने लगा। 


FAQ

प्रश्न 1 महात्मा गांधी का जीवन परिचय कैसे लिखें?

उत्तर महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था उनके पिता का नाम करमचंद गांधी की था जो ब्रिटिश राज्य के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान थे महात्मा गांधी का विवाह महज 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी के साथ हो गया था।


प्रश्न 2 अक्टूबर क्यों मनाया जाता है? 

उत्तर भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी जी ने बापू या महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

Read more 



सरस्वती पूजा पर निबंध


तर्कपूर्ण निबंध कैसे लिखें




Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2