मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां//MP ki Pramukh nadiyon ke naam

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मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां//MP ki Pramukh nadiyon ke naam

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां//MP ki Pramukh nadiyon ke naam

नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से आप लोगों को बताएंगे मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियों के नाम, मध्यप्रदेश में कितनी नदियां हैं सभी की जानकारी आप लोगों को विस्तार रूप से बताई जाएगी। तो इस लेख को पूरा पढ़ें। और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।


मध्य प्रदेश में कुल कितनी नदियां हैं उनके नाम

मध्य प्रदेश की नदियां कौन-कौन सी हैं?

मध्य प्रदेश की सबसे पवित्र नदी कौन सी है?

मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी का नाम क्या है?

मध्य प्रदेश की नदियां डाउनलोड पीडीएफ

मध्य प्रदेश की नदियों के प्राचीन नाम

मध्य प्रदेश में कुल कितनी नदियां

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां एवं उनके उद्गम स्थल

मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी कौन सी है?

मध्य प्रदेश की 5 नदियों के नाम

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां//MP ki Pramukh nadiyon ke naam
मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां//MP ki Pramukh nadiyon ke naam

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां में नर्मदा, चंबल, सोन, ताप्ती, सिंध या कालीसिंध, बेतवा पार्वती, केन, टोंस, क्षिप्रा, एवं तवा आदि। यह नदियां राज्य में विभिन्न दिशाओं में प्रवाहित होती है। इन सभी का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है।

  1. नर्मदा नदी

नर्मदा नदी प्रायद्वीपीय भारत की एक महत्वपूर्ण नदी है। इसे मध्य प्रदेश की जीवनधारा कहते हैं। प्रख्यात भूगोल विद टॉलमी ने इसे नामा दोस कहां है। इसके अन्य प्रमुख नाम मैकल, सुता, सोमो देवी तथा रेवा है। यह भारत की पांचवी बड़ी नदी है। यह गंगा के समान पवित्र मानी जाती हैं। यह नदी 1312 किलोमीटर लंबी है और मध्य प्रदेश में 1077 किलोमीटर बहती है। इसका अपवाह क्षेत्र 93180 वर्ग किलोमीटर है नर्मदा के बेसिन का 89.9% भाग मध्यप्रदेश में और 10.1% गुजरात राज्य में है।


नर्मदा नदी का उत्तरी भाग सिंचाई एवं नौकायन योग्य नहीं है इस नदी के जल के उपयोग की योजना में मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर परियोजना और गुजरात में सरदार सरोवर बांधो का निर्माण किया गया है। इस नदी की सहायक नदियों पर भी बांधों का निर्माण किया गया है इस नदी पर राज्य के कुछ महत्वपूर्ण नगर जैसे- जबलपुर, होशंगाबा,द बड़वाह, महेश्वर, ओमकारेश्वर आदि स्थित है।


नर्मदा नदी की बाएं तट पर मिलने वाली प्रमुख नदियों में बरनार, बंजर, शेर, शक्कर, दूधी,तवा, गजाल,रोटी, कुन्दी, देव, तवा देव और गोई है। जबकि दी तट पर मिलने वाली नदियो में हिरण, तिनदोरी,बरना, चंद्र केसर कानर मान ऊटी एवं हथनी है।


चंबल


यह पश्चिमी मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण नदी है इसका पौराणिक नाम धर्मावती है चंबल का उद्गम मध्य प्रदेश में मऊ के समीप जनापाव पहाड़ी से हुआ है। जो समुद्र तल से 854 मीटर की ऊंचाई पर है यह नदी पहले उत्तर पूर्व की ओर राज्य के धार ,उज्जैन, रतलाम, इंदौर, नीमच जिलों में बहती हुई राजस्थान के बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर में आती है। फिर पूर्वी भाग में बहती हुई इटावा से 38 किलोमीटर दूर यमुना में मिल जाती है। इस प्रकार यह यमुना नदी की दक्षिण की ओर से मिलने वाली प्रमुख सहायक नदी है चंबल नदी कोटा सवाई माधोपुर जिला की सीमा के समीप श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले की सीमा पर बहती है। यह नदी कोटा मंडल में भैंसरोडगढ़ के निकट 18 मीटर ऊंचा चूलिया जलप्रपात बनाती है। इस नदी की संपूर्ण लंबाई 956 किलोमीटर है इसकी प्रमुख सहायक नदियों में कालीसिंध सिन्ध पार्वती और बनास है। इन सहायक नदियों में मिलने पर इसका विस्तार क्षेत्र बन जाता है।


ताप्ती नदी

तापी या ताप्ती नदी का नाम संस्कृत में ताप सबसे उद्धृत है। यह नदी मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से मुलताई नगर के समीप 762 मीटर की ऊंचाई से निकलती है। यह नदी नर्मदा नदी की भांति पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और अंत में सूरत के निकट खंभात की खाड़ी में गिर जाती है। इस नदी की लंबाई 724 किलोमीटर है और जल अफवाह क्षमता 86340 घन मीटर है। यह नदी मध्य प्रदेश के बैतूल एवं खंडवा जिलों में बहती है बुरहानपुर इस नदी के किनारे बसा प्रमुख नगर है।


सोन नदी


सोन नदी को स्वर्ण नदी भी कहते हैं। यह नदी अमरकंटक की पहाड़ियों में से नर्मदा के उद्गम स्थान के समीप से निकलती है शीघ्र ही इसे पठार को पार कर नीचे उतरना पड़ता है। अतः इसमें अनेक जलप्रपात बन जाते हैं। इस नदी की बाढ़ें बड़ी ही आकस्मिक और विनाशकारी होती हैं। कहां जाता है लगभग 1000 वर्ष पूर्व  यह नदी गंगा में पटना के नीचे मिलती थी। लेकिन अब वह गंगा नदी में दीनापुर से 16 किलोमीटर ऊपर की ओर मिलती है। यही नदी 780 किलोमीटर लंबी है। और इसका अपवाह क्षेत्र 17900 वर्ग किलोमीटर है। यह नदी मध्यप्रदेश के शहडोल उमरिया और सीधी जिलों में बहने के बाद उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में प्रवेश करती है। इसकी सहायक नदियों में जोहिला प्रमुख है।


बेतवा


इसे वेत्रावती भी कहते हैं। यही नदी पूर्वी मालवा के अधिकांश भाग का जल लेकर भोपाल से निकलकर उत्तर पूर्व दिशा में बहती हुई भोपाल, ग्वालियर, झांसी व जालौन आदि जिलों में बहती है। इसके ऊपरी भाग में कई जलप्रपात हैं किंतु झांसी के निकट कांप मैदान में धीमे-धीमे बहती है। इस नदी की कुल लंबाई 480 किलोमीटर है यह हमीरपुर के निकट यमुना नदी में मिल जाती है झांसी से 23 किलोमीटर दूर पश्चिम में इस पर माताटीला बांध बनाया गया है। जहां से बेतवा नहर निकाली जाती है। बेतवा की दो सहायक नदियां बीना और दशान दाहिनी ओर से मिलती हैं जबकि एक अन्य सहायक सिंधु बाई ओर से गुना जिले को समविभाजित करती हुई मिलते हैं। बीना नदी सागर जिले की पश्चिमी सीमा के पास राहतगढ़ कस्बे के निकट एक ऊंचा खड़ा जलप्रपात भालकुंड प्रभात बनाती है। गुना से आने वाली एक और नदी के मिलने से बेतवा की दिशा उत्तर से उत्तर पूर्व हो जाती है।


नर्मदा नदी रेवा

 उद्गम अमरकंटक (अनूपपुर) समापन खंभात की खाड़ी (अरब सागर) देश की 5 मी बड़ी नदी मध्यप्रदेश की गंगा लंबाई 1312 किलोमीटर। प्रदेश के 15 जिलों से गुजरती है (शहडोल मंडला डिंडोरी जबलपुर नरसिंहपुर रायसेन होशंगाबाद हरदा खंडवा खरगोन बड़वानी) मध्यप्रदेश में बहाव 1077 किलोमीटर। सहायक नदी कुंदी, शेर, हिरन, दुधी, हथनी, बंजर, शक्कर।


परियोजना

1-रानी अवंती बाई सागर बरगी परियोजना (जबलपुर बिजोरा)


2-सरदार सरोवर परियोजना (गुजरात राजस्थान मध्य प्रदेश महाराष्ट्र संयुक्त) रूप से


3-29 बड़ी 135 मध्यम 3000 छोटी योजनाएं।


4-इंदिरा गांधी नर्मदा सागर परियोजना खंडवा (पुनासा)


दर्शनीय स्थल- कपिलधारा, दुग्ध धारा, सहस्त्रधारा, भेड़ाघाट प्रभात बनाती हैं।


किनारे शहर-होशंगाबाद, जबलपुर, महेश्वर, ओमकारेश्वर



मध्यप्रदेश में सिंचाई

1-मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है राज्य की 73.54% जनसंख्या गांव में निवास करती है।


2-2.23 करोड़ एकड़ फीट भू-जल उपलब्ध है।


3-कुल उपलब्ध जल से 68.20 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता हो सकती है।


4-प्रदेश में वर्तमान में 44.94 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता है।


5-शासकीय स्रोतों से वर्ष 2004-5 तक 20.59 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित हो गई है।


6-खरीफ का क्षेत्र 107.28 लाख हेक्टेयर व रबी का  74.53 लाख हैक्टेयर क्षेत्र वर्ष 2004-5 में था राज्य में सर्वाधिक सिंचाई कूओं से लगभग 66.3% होती है।


7-शासकीय नेहरो से 16.8%।


8-तालाबों से 2.3% सिंचाई होती है।


9-14.6% अन्य स्रोतों से।


10-कुओं द्वारा पश्चिमी क्षेत्र में सर्वाधिक सिंचाई होती है।


11-बालाघाट वा सिवनी में तालाबों से सिंचाई होती है।


12-सर्वाधिक पवनचक्की सिंचाई इंदौर में होती है।


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प्रश्न 1 मध्य प्रदेश में कुल कितनी नदियां हैं उनके नाम?

 उत्तर-नर्मदा, चंबल, सोन तथा ताप्ती नदी मध्य प्रदेश के चार प्रमुख बड़ी नदियां है उत्तर दिशा की ओर बहने वाली मध्य प्रदेश की नदियों में चंबल, बेतवा, केन और सोन नदी प्रमुख है।



प्रश्न 2 मध्य प्रदेश की नदियां कौन-कौन सी है? 

उत्तर-1-नर्मदा उद्गम अनूपपुर जिले के अमरकंटक से


2-चंबल उद्गम इंदौर जिले के महू की जानापाव पहाड़ी से


4-सोन नदी उद्गम अनूपपुर के अमरकंटक से


3-ताप्ती नदी उद्गम बैतूल के मुलताई से


4-बेतवा नदी उद्गम रायसेन जिले कुमारा गांव से


5-तवा नदी


6-शिप्रा नदी


7-कालीसिंध


प्रश्न 3 मध्य प्रदेश की सबसे पवित्र नदी कौन सी है?

 उत्तर-नर्मदा नदी जो भारत में मां रेवा के नाम से भी जाने जाते हैं। भारत की 10 पवित्र नदियों में से एक नर्मदा नदी भी है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक में मैकला पर्वतमाला से निकलती है। और गुजरात मध्यप्रदेश होती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। यह नदी गुजरात और मध्यप्रदेश के लिए लाइफ भी मानी जाती है।


प्रश्न 4 मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी का नाम क्या है? 

उत्तर-नर्मदा 1077 किलोमीटर तक मध्य प्रदेश में ही बहती है अनूपपुर जिले में स्थित मैकाल पर्वत माला के अमरकंटक पहाड़ी से निकलती है। और पश्चिम की तरफ होते हुए गुजरात में जाकर खंभात की खाड़ी में गिरती है। यह मध्य प्रदेश के 15 जिलों से होकर बहती है।



उम्मीद है दोस्तों यह लेख पसंद आया होगा। अगर पसंद आया हो तो दोस्तों कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताना। पूरा लेख पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।


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