भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था | why was India know as the golden Bird in Hindi

Ticker

भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था | why was India know as the golden Bird in Hindi

भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था | why was India know as the golden Bird in Hindi

आज हम आपको भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था? के बारे में बताने जा रहे हैं कृपया फूड जानकारी के लिए इस ब्लॉक को अवश्य पढ़ें और अन्य जानकारी नव जगत के साथ बने रहे।


जैसा कि आप सभी जानते हैं, आज लगभग 400 वर्ष पहले भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता। क्योंकि हमारे भारत देश में सोना पर्याप्त मात्रा में पाया जाता था। यही कारण था, यह विश्व के अमीर देशों की सूची में आता था। और इसी के चलते हर कोई भारत देश पर शासन करने का स्वप्न देखता था। भारत पर अपना अधिपत्य स्थापित करने के लिए यहां कई देशों द्वारा आक्रमण किए गए। जिनमें से कुछ देशों द्वारा यहां लंबे समय तक राज भी किया गया।

history of india in hindi, history of india and indian national movement, history of india for upsc, history of india and indian national movement for upsc in hindi, history of india for upsc in hindi, history of india gk, history of india hindi, history of india hindi story, history of india before independence, history of india before independence in hindi, history before independence of india, a history of british india, story of india before independence
भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था | why was India know as the golden Bird in Hindi

Table of contents 

भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था।

भारत का सोने की चिड़िया कहे जाने के कारण

मोर सिंहासन ( what is peacock Thorne)

मोर सिंहासन का इतिहास ( mayur singhasan history)

विकसित से विकासशील देश

उस्मान अली खान का शासन ( Osman Ali Khan history

भारत के राजाओं की मेहनत

निष्कर्ष ( conclusion) 

FAQ-question 

एक समय था जब भारत के सबसे अमीर देशों में शामिल हुआ करता था. जिसके चलते हर कोई हमारे देश पर शासन करने का सपना देखता था. भारत पर शासन करने के मकसद से यहां पर कई लोगों द्वारा आक्रमण और कई राजाओं द्वारा राज भी किया गया है.


वही हमारे देश पर अंग्रेजों ने भी काफी लंबे समय तक अपनी हुकूमत चलाई है. और इस दौरान भारत को कई तरह के नुकसान भी हुए हैं. जहां पहले भारत देश को एक सोने की चिड़िया होने का दर्जा मिला था, वहीं अब भारत को मिला यह दर्जा पूरी तरह खत्म हो चुका है. किन कारणों से हमारे देश को यह दर्जा मिला हुआ था. उन कारणों के बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे.


भारत का सोने की चिड़िया कहे जाने के कारण (reasons  Why India know as the golden bird in Hindi)


भारत को यह नाम कई वजहों से मिला हुआ था. उस दौर में भारत की राजाओं के पास काफी धन और संपत्ति हुआ करती थी. वहीं भारत में मसाले कपास और लोहा काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते थे और इन चीजों को अन्य देश के लोगों द्वारा खरीदा जाता था इसके अलावा उस समय भारत की जीडीपी भी काफी अच्छी हुई करती थी. वहीं भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने के अन्य कारणों को नीचे बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं-


भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था | why was India know as the golden Bird in Hindi
भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था | why was India know as the golden Bird in Hindi

मोर सिंहासन ( what is peacock Thorne)


भारत को सोने की चिड़िया कहने के पीछे जो एक सबसे बड़ा कारण हुआ करता था, वह मोर सिंहासन था. इस सिंहासन की अपनी एक अलग ही पहचान हुआ करती थी. कहा जाता था कि इस सिंहासन को बनाने के लिए जो धन इस पर लगाया गया था, उतने धन में तो ताजमहल का निर्माण किया जा सकता था. लेकिन साल 1739 में फारसी शासक नादिरशाह ने एक युद्ध जीतकर इस सिंहासन को हासिल कर लिया था. आखिर ऐसा क्या खास था इस सिंहासन के बारे में और किसका धागे सिंहासन इसके बारे में नीचे बताया गया है.


मोर सिंहासन का इतिहास ( mayur singhasan history)


मोर सिंहासन का निर्माण शाहजहां द्वारा 17 वीं शताब्दी में शुरू किया गया था. इस भाषण के निर्माण के लिए शाहजहां ने काफी खर्च किया था. इस भाषण को बनाने के लिए करीब एक हजार किलो सोने का प्रयोग किया गया था. इतना ही नहीं इस संगठन में कई बेशकीमती पत्थर जुड़े हुए थे. इन पत्रों के अलावा इस सिंहासन की शान कोहिनूर हीरे ने और बढ़ा दी थी. यह हीरा भी इस सिंहासन में लगा हुआ था. वही इस सिंहासन की कीमत की बात करें, तो इसकी कीमत 4.5 अरब की बताई जाती थी, जो कि भारत के रुपए के अनुसार 450 करोड़ की है.


•कोहिनूर हीरा ( kohinoor daimond history


कोहिनूर हीरे का जिक्र आप लोगों ने कई बार सुना होगा. आपको पता ही होगा कि यह हीरा भारत के पास हुआ करता था, जिसके बाद यह हीरा कई लोगों के हाथों से गुजरते हुए आज इंग्लैंड की रानी के ताज की शान बढ़ा रहा है. उस समय पूरे विश्व में इस हीरे का आकार सबसे बड़ा हुआ करता था. वही कहा जाता है कि यह हीरा 5000 साल पुराना था.


विकसित से विकासशील देश


भारत से विदेशी लुटेरों ने बेशकीमती सोना लूट लूट कर ले गए। दुनिया का सबसे विकसित माना जाने वाला देश आज विकासशील देश बन गया। इसकी गिनती अब दुनिया के गरीब और बिछड़े हुए देशों में की जाने लगी। भारत को फिर से एक विकसित देश बनाने का प्रयास किया जा रहा है देश विदेशों से अपने संबंधों को स्थापित कर आए को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने का प्रयत्न किया जा रहा है। जब तक देश में गरीब खत्म नहीं हो जाते तब तक हम भारत को एक विकसित देश नहीं कह सकते देश में फिर से एक क्रांति लानी होगी बेरोजगारी खत्म कर भ्रष्टाचार को मिटाना होगा तभी इस सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश को फिर से एक समृद्ध राष्ट्र बनेगा।


•भारत के उस्मान अली खान थे दुनिया के सबसे अमीर आदमी (the wealth of Mir Osman Ali Khan)


हैदराबाद के शासक उस्मान अली खान को टाइम मैगजीन द्वारा साल 1937 में दुनिया का सबसे अमीर आदमी कोशिश किया गया था. इतना ही नहीं टाइम मैगजीन ने उनकी फोटो अपनी पत्रिका के कवर पेज पर भी लगाई थी और मैगनीज के मुताबिक उस वक्त उनके पास दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति हुआ करती थी, जो कि उस समय अमेरिका की अर्थव्यवस्था के 2% के बराबर मानी जाती थी.


कृष्ण नदी और स्वर्ण रेखा नदी


कृष्ण नदी एक दुनिया की ऐसी नदी है जिस पर देश-विदेश के लोगों की नजर टिकी है। सोना उगलने वाली यह नदी झारखंड की घाटियों में बहती है। इस नदी से सैकड़ों सालों से सोने के कड़ निकल रहे हैं। इस बात का आज तक पता नहीं चला कि यह सोने के कड़ कहां से इस नदी में आ रहे हैं वैज्ञानिकों का मानना है कि पहाड़ों से जब यह नदी बहती है। तो घर्षण की वजह से पहाड़ों से सोना घिस कर इसमें मिल जाता है। यहां रहने वाले स्थानीय निवासी इस नदी की रेत में से छानकर सोने के कण निकल कर बहुत सस्ते दामों में बेच देते हैं। यह दुनिया में एकमात्र नदी है जो सोना उगलती है।


उस्मान अली खान का शासन ( Osman Ali Khan history


उस्मान अली खान ने साल 1911 में हैदराबाद के शासक के तौर पर गद्दी संभाली थी. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य उस वक्त हैदराबाद का हिस्सा हुआ करते थे. निजाम की शान और शौकत देकर उस समय भारत में राज करने वाले ब्रिटिश इंडिया भी हैरान हो गई थी. कहा जाता है कि उनके पास कई तरह के हीरे हुए करते थे. निजाम इतने अमीर थे कि उनके पास हीरे की गोल्फ की गेंद हुआ करती थी. वही इस वक्त इस हीरे को दुनिया में पांचवा सबसे बड़ा हीरा नामित किया गया है. और उसकी कीमत 10 करोड़ रुपए के आसपास बताई जाती है. इतना ही नहीं निजाम ने साल 1947 में ब्रिटिश की रानी को उनकी शादी में हीरे का हार तोहफे में दिया था, जिस हारूको निज़ाम ऑफ हैदराबाद के हार के नाम से आज भी जाना जाता है. इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने ब्रिटिश की मदद करने के लिए उन्हें दो लड़ाकू जहाज दिए थे और उनकी इस मदद के लिए उनको साल 1946 में विश्व ने सम्मानित भी किया था


•अपनी खुद की थी मुद्रा (state Bank of Hyderabad origen)


उस्मान अली खान के पास अपनी खुद की मुद्रा भी थी, जो कि हैदराबाद में चलती थी. उस मुद्रा को उस्मानिया सिक्का कहा जाता था इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद उनके शासन के काल में ही खोला गया था.


•भारत के राजाओं की मेहनत


भारत के महान शासकों ने अपने शासनकाल में अपने -अपने राज्य की तरक्की के लिए कई कार्य किए थे, जिससे कि उनका राज हमेशा से धनी रहा करता था. कहा जाता है कि मुगल शासन के दौरान देश की आय ब्रिटेन के पूरे राज्य को से भी बड़ी थी. इसके अलावा भारत में ही सबसे पहले वस्तु विनिमय प्रणाली चलती थी. भारत कई चीजों का आयात और नियत भी किया करता था.


निष्कर्ष ( conclusion) 


भारत देश शुरू से ही हर चीज को लेकर धनी रहा है. हमारे देश में खेती के जरिए कई चीजों का उत्पाद कई वर्षों से किया जाता रहा है. वहीं भारत की जमीन पर कई मात्रा में सोने और हीरे भी पाए जाते थे. वहीं भारत में मौजूद इन्हीं चीजों को अंग्रेजों और दूसरे देश के राजाओं द्वारा लूट लिया गया था और जिसके कारण हमारे देश को काफी हानि हुई थी. अगर भारत में इन लोगों द्वारा शासन नहीं किया जाता, तो शायद आज हम यह कह सकते थे कि भारत एक सोने की चिड़िया है. लेकिन समय के साथ-साथ भारत का स्थान दुनिया में कम होता चला गया और यह सवाल पीछे छोड़ गया कि भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था।


FAQ-question


प्रश्न-भारत को सोने की चिड़िया कब कहा गया था।

उत्तर-प्राचीन भारत (3000 ईसा पूर्व से लगभग 10 वीं शताब्दी ईस्वी तक) वह काल है जब भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। इस युग में मौर्य , शंगु , कुशाण, गुप्त, आदि जैसे कई लोग कई राजवंश देखे गए।


प्रश्न-भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाले राजा कौन था?

उत्तर-महाराजा विक्रमादित्य ने केवल धर्म ही नहीं बचाया उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर सोने की चिड़िया बनाई, उनके राज कोही भारत का स्वर्णिम राज्य कहा जाता है। भारत में इतना सोना आ गया था कि विक्रमादित्य काल में सोने के सिक्के चलते थे।


प्रश्न-भारत की पहली सोने की खान कौन सी है।

उत्तर- भारत में सोने का खनन पहले शहर शादी ईशा पूर्व का है। और पूरे बीसवीं शताब्दी में बैंगलोर के पास कोलार गोल्ड फील्ड का प्रयोग तथा।


प्रश्न-सोने की चिड़िया का सारांश क्या है?

उत्तर- द गोल्डन बर्ड एक ब्रदर्स ग्रिम परी कथा है। 23 राजकुमारों में से सबसे कम उम्र के राजकुमारों के बारे में है जो सोने की चिड़िया को पकड़ने के लिए निकलते हैं। एक लोमड़ी की मदद से उसे एक राजकुमारी और एक सुनहरा घोड़ा भी मिलता है। उसके भाई उसे मारने की कोशिश करते हैं लेकिन असफल रहते हैं। लोमड़ी एक आदमी में बदल जाती है और वे एक साथ खुशी से रहते हैं।







Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2