अम्लीय वर्षा पर निबंध//Acid rain essay in Hindi

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अम्लीय वर्षा पर निबंध//Acid rain essay in Hindi

अम्लीय वर्षा पर निबंध//Acid rain essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे अम्लीय वर्षा पर निबंध सभी की जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से दी जाएगी। तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।


अम्लीय वर्षा पर निबंध//Acid rain essay in Hindi

Table of contents


अम्लीय वर्षा का मुख्य स्रोत क्या है?

अम्लीय वर्षा पर निबंध हिंदी में

अम्ल वर्षा कैसे होती है टिप्पणी कीजिए इसके प्रभाव की चर्चा कीजिए।

अम्ल वर्षा के पांच कारण क्या है?

अम्ल वर्षा के पांच प्रभाव क्या है?

अम्लीय वर्षा कक्षा 11 क्या है?

अम्लीय वर्षा के कारण

Essay on Acid rain 

Essay on Acid rain in Hindi

FAQ



अमली वर्षा आज का एक प्रमुख पर्यावरणीय समस्या है। जिसका स्वरूप दिनों दिन विस्तृत होता जा रहा है। अमली वर्षा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 872 में ब्रिटेन के अल्कली प्रमुख इस्पेक्टर रॉबर्ट एन्गस स्मिथ ने किया जब उन्होंने मेन्चेस्टर के क्षेत्र में होने वाली वर्षा में अमृता पाई।


अम्लीय वर्षा से तात्पर्य है जब प्राकृतिक वर्षा का जल हवा में उपस्थित कतिपय प्रदूषण की प्रतिक्रिया के फल स्वरुप अम्लीय हो जाता है। तुसी अम्लीय वर्षा की संज्ञा दी जाती है। इस प्रकार की वायु प्रदूषण में सर्वाधिक प्रभाव सल्फर और नाइट्रोजन का होता है।


विशेषकर सल्फर डाइऑक्साइड so2 नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO and N2O) वायुमंडल में विभिन्न स्रोतों से प्रवेश करते हैं। सल्फर डाइऑक्साइड द्वारा वायु में प्रतिक्रिया स्वरूप सल्फाइड ट्राईऑक्साइड बनता है। तथा सल्फर ट्राईऑक्साइड जब वाष्प कणो से क्रिया करता है तो उससे सल्फ्यूरिक एसिड बनता है।


इसी प्रकार नाइट्रोजन के ऑक्साइड जब क्रिया करते हैं तो नाइट्रिक एसिड बनता है। यह दोनों प्रकार के अम्ल बहुत तेज होते हैं। तथा जब पानी के साथ घोलकर वर्षा के रूप में गिरते हैं तो यह अम्लीय वर्षा कहलाती है। सामान्य वर्षा में कुछ अम्ल कार्बन डाइऑक्साइड के मिश्रण के फलस्वरूप होता है किंतु वह इतना कम होता है कि उसका किसी प्रकार का हानिकारक प्रभाव नहीं होता।


किंतु आते देख पेट्रोलियम उत्पादों के प्रयोग उद्योगों वाहनों थर्मल प्लांट्स आदि के द्वारा अम्लीय वर्षा का फैलाव दिन प्रतिदिन अधिक होता जा रहा है। तथा इससे अनेक पर्यावरणीय समस्याओं का जन्म हो रहा है। अमली वर्षा का विपरीत प्रभाव वनस्पति मृदा जलीय जीव मानव यहां तक कि विशेष इमारतों पर भी होता है। अमली वर्षा का वनस्पति पर व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है अमेरिका और यूरोप के वन 30 गुना से अधिक अम्लता से ग्रसित हैं।


इनका परिणाम वनस्पति की वृद्धि में कमी पत्तों के रंग में परिवर्तन  असमय पत्तों एवं फूलों का गिरना वृक्षों के शिखर पर सीमित होना और अंत में वनस्पति विनाश के रूप में होता है। अम्लीय वर्षा से जल संसाधनों विशेषकर जल जीवो का विनाश होने लगता है। तथा मछलियों में हानिकारक तत्वों के समावेश से वे मनुष्य के उपयोग योग नहीं रहते। मृदा में अम्लीय वर्षा से संरचनात्मक परिवर्तन होने लगते हैं जिससे उसकी उत्पादकता कम हो जाती है।


हाइड्रोजन के आयनों के ऊंचे स्तर जो बारिश के पानी के साथ जमीन पर गिरते हैं हम सभी अम्लीय वर्षा के रूप में संदर्भित होते हैं। इस घटना के कई कारण हैं जिनका शोधकर्ताओं ने लंबे समय तक अध्ययन किया है। अम्ल वर्षा न केवल पौधों बल्कि मानव जीवन और अन्य जीवित प्राणियों के लिए भी हानिकारक मानी जाती है। इसलिए छात्रों के लिए अम्लीय वर्षा के कारणों हमारे और अन्य वनस्पतियों और जीवो पर इसके क्या हानिकारक प्रभाव हैं और अंत में इसे रोकने के लिए क्या किया जा सकता है के बारे में आप लोगों से चर्चा करेंगे तो इस आर्टिकल को आप लोग अंत तक जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।


अम्लीय वर्षा पर निबंध 150 शब्द में

परिचय

अम्लीय वर्षा का सीधा सा अर्थ है की उच्च अम्लीय सामग्री जैसे हाइड्रोजन आयनो की उच्च दर वाली वर्षा वन्य जीवन और जिलों पर इसके प्रभाव के कारण चिंता का कारण है काफी हद तक अमली वर्षा हमारे प्राकृतिक पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है।


अम्लीय वर्षा के कारण


जब हम जीवाश्म ईंधन जलाते हैं तो हम वातावरण में बहुत अधिक मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड छोडते हैं। यह यौगिक जब वायु में मिल जाते हैं तो सीधे वायुमंडल में चले जाते हैं इस स्तर पर वे अम्लीय बरसा बनने के लिए पानी, ऑक्सीजन और अन्य घटकों के साथ मिश्रित होते हैं।

अम्लीय वर्षा पर निबंध//Acid rain essay in Hindi
अम्लीय वर्षा पर निबंध//Acid rain essay in Hindi

अम्लीय वर्षा का प्रभाव


जली जंतुओं के लिए अम्लीय वर्षा घातक हो जाती है। क्योंकि यह पानी में पीएच स्तर को कम कर देता है। कई जानवर जो पानी में रहते हैं उन्हें जीवित रहने के लिए एक विशेष पीएच स्तर की आवश्यकता होती है। जब वह पीएच स्तर कम हो जाता है तो जीवित रहना मुश्किल हो जाता है पेड़ों के लिए अम्लीय वर्षा उन्हें रोगों के संपर्क में छोड़ देती है।


निष्कर्ष

हमारा पशु और पौधों का जीवन हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए इसे समाप्त करने के लिए हमें वायुमंडल में ज़हरीली गैसों की रिहाई को कम करना होगा।


अम्लीय वर्षा पर 250 शब्दों में निबंध

विज्ञान और बड़े पैमाने पर औद्योगिकरण की प्रगति ने कई मानव प्रेरित घटनाओं को जन्म दिया है। और अम्लीय वर्षा उनमें से एक है। यह और कुछ नहीं बल्कि बारिश है जो सामग्री में अत्यधिक अम्लीय है। रसायनिक उद्योगों से निकलने वाली जहरीली गैस सल्फर नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के ऑक्साइड से वातावरण को प्रदूषित करती है। जब यह ऑक्साइड बादलों में ऊपर उठते हैं तो वह वहां पानी के अणुओं के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। और उन्हें क्रमसा सल्फ्यूरिक एसिड नाइट्रिक एसिड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड में बदल देते हैं। यह अम्लीय वर्षा हिमपात या अवक्षेपण के रूप में वायुमंडल में छोड़े जाते हैं। ज्वालामुखी न्यू और जीवाश्म ईंधन के दहन जैसी प्राकृतिक घटनाएं भी हानिकारक गैसें उत्पन्न करते हैं जो अम्लीय वर्षा का कारण बन सकती हैं।


अम्ल वर्षा के बाद के प्रभाव

अमली वर्षा का मनुष्यों जानवरों और पर्यावरण पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है अस्थमा जैसी सांस की समस्या बच्चों और वयस्कों में समान रूप से होती हैं। अमली वर्षा के सीधे संपर्क में आने पर त्वचा का छिलना संभव है। धातुओं का क्षरण इमारतों पर पेंट का छिलना संगमरमर ग्रेनाइट और चूना पत्थर जैसे प्राकृतिक पत्थरों का क्षरण सभी समावेशी हैं। इसके अलावा नदियां और महासागर अमृत की वर्षा सामग्री से प्रदूषित हो जाते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप पौधों मछलियों और अन्य समुद्री जीवो की मृत्यु हो जाती है। सीधे और लगातार संपर्क में आने से पेड़ मर जाते हैं। कई कीट एक साथ मर जाते हैं और उद्गार कृषि भूमि और खेती के लिए उपयुक्त नहीं होगी।


निष्कर्ष

उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण से बचने के उपाय किए जाने चाहिए पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को सभी को अपनाने की जरूरत है। जनता और सरकार दोनों को इस मुद्दे की गंभीरता को समझने और अम्ल वर्षा की समस्या को हल करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।


FAQ

1-अम्लीय वर्षा क्या होती है समझाइए? उत्तर-वर्षा के जल का पीएच मान जाओ 5.6 से कम हो जाता है तो वह अमली वर्षा कहलाती है अम्लीय वर्षा का जल जब नदी में प्रवाहित होता है तो नदी के जल का पीएच मान कम हो जाता है ऐसी नदी में जीव धारियों का रहना कठिन हो जाता है।


2-आप अम्ल वर्षा पर निबंध कैसे लिखेंगे? उत्तर-वे एसिड बनाने के लिए वातावरण में पानी के अणुओं के साथ प्रतिक्रिया करते हैं जनसंख्या और औद्योगिकरण में तेजी से वृद्धि के साथ अम्ल वर्षा की समस्या ना केवल बड़ी है बल्कि यह और भी हानिकारक हो गई है।





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