सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi) |
हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है, हम आज के लेख में सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi) लेकर आए हैं। इस लेख में हम समाचार पत्र से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करेंगे।
वाहन चलाते या सड़क यात्रा के वक्त कभी जल्दबाजी ना दिखाएं, कभी भी सिग्नल तोड़कर या जल्दबाजी में भागकर रास्ता पार ना करें। ट्रैफिक सिग्नल तथा नियमों की पूरी जानकारी रखे और सदैव इनका पालन करें। सड़क पार करते वक्त जेब्रा क्रॉसिंग, फुट ओवर ब्रिज करे और जहां यह सुविधाएं ना हो, वहा सड़क के दोनो तरफ देखकर ही सड़क पार करें।
सड़क सुरक्षा एक आम और महत्वपूर्ण विषय है, आम जनता में खासतौर से नये आयु वर्ग के लोगों में अधिक जागरुकता लाने के लिये इसे शिक्षा, सामाजिक जागरुकता आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ा गया है। सभी को सड़क यातायात नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिये खासतौर से बच्चे और युवा लोगों को जो महत्वपूर्ण सड़क दुर्घटना के खतरे पर रहते हैं। आँकड़ों के अनुसार (विश्व स्वास्थ्य संगठन, 2008), ऐसा पाया गया है कि अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होने का मामला और मृत्यु की मुख्य वजह सड़क दुर्घटना है।
सड़क सुरक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Road Safety in Hindi, Sadak Suraksha par Nibandh Hindi mein)
निबंध 1 (300 शब्द)
प्रस्तावना
सभी सड़क सुरक्षा उपायों के प्रयोग द्वारा सड़क हादसों की रोक-थाम और बचाव है सड़क सुरक्षा। सड़क पर यात्रा करते समय ये लोगों को बचाने के लिये है। ये सड़क इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को सुरक्षित रखने के लिये जैसे पैदल चलने वाले, दो-पहिया, चार-पहिया, बहु-पहिया और दूसरे वाहन इस्तेमाल करने वालों के लिये।
सड़क किनारे हादसें, चोट और मृत्यु को टालने के लिये बहुत महत्वपूर्ण पहलूओं में से एक है सड़क पर लोगों की सुरक्षा। दुर्घटनाओं और मृत्यु की पूरी सूचना के बारे में राष्ट्रीय सांख्यिकीय आँकड़ों के आधार पर सड़क सुरक्षा के महत्व का हम मूल्यांकन कर सकते हैं। लगभग 42% मामलों में पैदल चलने वाले और एक तरफ का सड़क इस्तेमाल करने वाले होते हैं।
सड़क सुरक्षाके नियम
आम लोगों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के कई सारे तरीके हैं जैसे सेमिनार, कार्यशाला, पाठ्यक्रम में मूल सड़क-सुरक्षा पाठ जोड़ने के द्वारा विद्यार्थी शिक्षा, रुको, देखों, सुनो, सोचो और फिर पार करो अर्थात् ग्रीन क्रॉस कोड के बारे में लोगों को जागरुक बनाये, यातायात लाईटों को सीखना, रोड चिन्हों को समझना आदि।
सड़क सुरक्षा के उपाय
सभी सड़क समस्याओं से बचने के लिये निम्न सभी सड़क सुरक्षा उपाय बहुत मदद करते हैं। सड़क सुरक्षा के कुछ प्रभावकारी उपाय हैं जैसे वाहन के बारे में मूल जानकारी, मौसम और सड़क के हालात के अनुसार रक्षात्मक चालन, वाहन लाईटों और हॉर्न का प्रयोग, सीट पेटीका पहनना, वाहन शीशा का सही प्रयोग, अधिक-गति से बचना, रोड लाईट को समझना, सड़क पर दूसरे वाहनों से दूरी बना के रखना, परेशानी की स्थिति को संभालने की उचित समझ, टी.वी पर डॉक्यूमेंटरी जागरुकता का प्रसारण आदि।
निष्कर्ष
सभी लोगों के लिये उनके पूरे जीवन भर सड़क सुरक्षा उपायों का अनुसरण करना बहुत ही अच्छा और सुरक्षित है। सभी को गाड़ी चलाते समय या पैदल चलते वक्त दूसरों का सम्मान करना चाहिये और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिये।
निबंध 2 (400 शब्द)
वाहनों के टकराव और उचित सड़क सुरक्षा उपायों की अनदेखी के कारण सड़क हादसा बेहद आम होता जा रहा है। लोगों द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और वाहनों की भिड़ंत से हादसों से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। सभी सड़कें पूरे दिन के लिये व्यस्त होती हैं जहाँ वाहन अपने उच्च गति से दौड़ती है। आज की दुनिया में लोगों को अपने नीजि वाहनों की आदत है जिसकी वजह से सड़कों पर यातायात की समस्या पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में, सावधानीपूर्वक सुरक्षित चालन की क्रिया के लिये यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा नियमों का अनुसरण लोगों से अपेक्षित है। तब जाकर कहीं सड़क हादसों पर काबू पाया जा सकेगा।
सड़क पर चालन शुरु करने से पहले हरेक व्यक्ति को रक्षात्मक चालन कोर्स (किसी मान्यता-प्राप्त चालन स्कूल के द्वारा अधिकृत प्रशिक्षक के तहत मार्गदर्शन) जरुर करना चाहिये। सड़क सुरक्षा उद्देश्यों के लिये ये बहुत जरुरी है। विभिन्न दुर्घटनाओं और जीवन को सड़क पर बचाने के लिये वाहन (वाहनों को कैसे संचालित करें) या खुद से उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति को संभालने का तरीका सभी को जरुर पता होना चाहिये।
एक महत्वपूर्ण विषय के रुप में स्कूल में सड़क सुरक्षा उपायों को जरुर जोड़ना चाहिये जिससे चालन से पहले ही अपने शुरुआती समय में ही विद्यार्थीयों को इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके। वाहनों के संचालन और उचित सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में गलत जानकारी के कारण ज्यादातर सड़क हादसें होते हैं।
दिनों-दिन सड़क पर गाड़ी चलाना असुरक्षित बनता जा रहा है। कई बार लोग लंबे समय तक अपने नीजि वाहनों को बिना किसी नियमित रख-रखाव और मरम्मत के रखते हैं, इसलिये ये बहुत जरुरी है कि समय से मरम्मत के साथ वाहनों की ठीक ढंग से कार्य करने की स्थिति के प्रति आश्वस्त रहें। ये केवल वाहन के जीवन को ही नहीं बढ़ाता है; हादसों को घटाने में भी मदद करता है। चालक को गाड़ी का ब्रेक अच्छे से जाँचना चाहिये और ब्रेक खराब होने की चेतावनी चिन्ह के बारे में पता होना चाहिये। किसी भी यात्रा पर जाने से पहले प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, आपातकालीन टूल, उचित मात्रा में गैसोलिन आदि रखने के साथ ही वाहन की पूरी जाँच करनी चाहिये।
यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा नियम दिये गये है:
सड़क पर चलने वाले सभी को अपने बाँये तरफ होके चलना चाहिये खासतौर से चालक को और दूसरी तरफ से आ रहे वाहन को जाने देना चाहिये।
चालक को सड़क पर गाड़ी घुमाते समय गति धीमी रखनी चाहिये।
अधिक व्यस्त सड़कों और रोड जंक्शन पर चलते समय ज्यादा सावधानी बरतें।
दोपहिया वाहन चालकों को अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट पहनने चाहिये नहीं तो उन्हें बिना हेलमेट के रोड पर नहीं आना चाहिये।
गाड़ी की गति निर्धारित सीमा तक ही रखें खासतौर से स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलोनी आदि क्षेत्रों में।
सभी वाहनों को दूसरे वाहनों से निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिये।
सड़कों पर चलने वाले सभी लोगों को रोड पर बने निशान और नियमों की अच्छे से जानकारी हो।
यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा के नियम-कानूनों को दिमाग में रखें।
निबंध 3 (500 शब्द)
प्रस्तावना
धरती पर हरेक इंसान के द्वारा सड़क सुरक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिये चाहे वो वाहन का इस्तेमाल करता हो या नहीं। बड़ों के मार्गदर्शन की कमी के कारण सड़क हादसों, छोटी चोट या बड़ी चोटें यहाँ तक की मृत्यु की ओर बच्चे और विद्यार्थी सबसे कमजोर समूह हैं। उनके शुरुआती समय में सड़क सुरक्षा नियमों और उपायों के बारे में बच्चों को अच्छे से जागरुक बनाने में कोई देर नहीं होनी चाहिये। ये माता-पिता और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वो उन्हें अच्छे से मार्गदर्शन दें।
बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा ज्ञान की जरुरत
आँकड़ों के अनुसार, ये पाया गया है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटना मामले जिसमें बच्चे शामिल होते हैं, क्योंकि वो दूसरे आयु वर्ग के समूह से ज्यादा खतरे पर होते हैं। उन्हें अपने शुरुआती समय से ही सड़क सुरक्षा ज्ञान और शिक्षा की जरुरत है। उनके पाठ्यक्रम में इसे विषय के रुप में जोड़ने के द्वारा उनके घर और स्कूल से ही इसकी शुरुआत होनी चाहिये। यहाँ दिये निम्न बिंदु इस बात की तस्दीक करेंगे कि क्यों सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है:
बच्चे, बच्चे होते हैं, यातायात परिस्थिति के दौरान घर या दूसरी जगहों खासतौर से सड़क में वो अगला क्या करेंगे कोई भी इसके बारे में आश्वस्त नहीं है।
बच्चे बिल्कुल निर्दोष होते हैं, सड़क पर तेज गति से चलने वाले वाहनों का वो मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं।
उनके छोटे कद के कारण चालक भी सड़क पर उनके मूड को भाँप नहीं सकता जब वो वाहन के सामने सड़क को पार करने की कोशिश करते हैं।
वो अंदाजा नहीं लगा सकते कि कैसे प्राय: वाहन खाली सड़क पर आ जाते हैं।
वो सड़क को कहीं से भी पार सकते हैं क्योंकि उन्हें सड़क को पार करने के लिये उचित तरीका नहीं पता होता।
वो जल्दी ही डर जाते हैं और ये नहीं समझ पाते कि उन्हें क्या करना चाहिये जब वो वाहन को अपनी ओर आते हुए देखते हैं।
बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा नियम
सड़क पर उन्हें जिम्मेदार पैदल यात्री बनाने के द्वारा सड़क हादसों से बच्चों को बचाने में निम्न कुछ जरुरी सड़क सुरक्षा नियम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं:
अभिवावकों को अपने बच्चों को अतिरिक्त सावधान बनाना चाहिये और सड़क को पार करने से पहले हर तरफ (बाँये और दाँये) देखने के बारे में सिखाना चाहिये।
बच्चों को सड़क पार करते हुए अपने बड़ों या दोस्तों का हाथ हमेशा पकड़े रहना चाहिये।
उन्हे कभी-भी सड़क पर दौड़ना नही चहिये, माता-पिता का हाथ छोड़ना या जल्दी में नहीं होना चाहिये और धैर्य रखें।
किसी भी वजह से उनका ध्यान न बँटे और सड़क पर उन्हें अधिक सचेत होने की जरुरत है।
केवल फुटपाथ का अनुसरण करने के लिये उनके अभिवावकों द्वारा उन्हें अभ्यस्त बनाना चाहिये या हमेशा सड़क पर बाँये तरफ का प्रयोग करें जहाँ फुटपाथ अनुपलब्ध हो।
पैदलयात्रीयों के लिये यातायात सिग्नलों को देखने के बाद चौराहे पर केवल सड़क को पार करने के लिये उन्हें सिखाना चाहिये।
सड़क पर रंगों के मायने (लाल अर्थात् रुको, हरा अर्थात् चलो और पीला का भी अर्थ रुकना है), यातायात लाईट की मूल जानकारी और यातायात चिन्हों के महत्व को उन्हें जरुर बताएँ।
कार या बस से बाहर आने के दौरान पैसेंजर सीट के पीछे की तरफ का इस्तेमाल उन्हें करना चाहिये।
बच्चों को सड़क पर या खेलने की जगह से बाहर के क्षेत्र में नहीं खेलने के बारे में बच्चों को सिखाना चाहिये।
ब्रेक, हार्न और स्टीयरिंग या हैंडल के कार्य को ठीक से जाँचने के द्वारा सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान सभी उपयों के इस्तेमाल और हेलमेट को जरुर पहनना चाहिये।
सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान बच्चों को ईयरफोन या गाना सुनने का कोई दूसरा यंत्र नहीं प्रयोग करना चाहिये।
कार चलाने के दौरान सीट-बेल्ट या बाईक चलाने के दौरान हेलमेट पहनने के लिये अभिवावक को उन्हें सिखाना चाहिये। एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिये गाड़ी चलाने के दौरान अभिवावकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का अनुसरण करना चाहिये क्योंकि अपने बच्चों के जीवन में माता-पिता ही पहला उदाहरण किसी कार्य को सीखने के लिये बनते हैं।
निष्कर्ष
सड़क हादसों और चोट के मामलों की संख्या को कम करने के साथ ही सावधान और सुरक्षित होने के लिये सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है। इसलिये, सभी को सख्ती से सड़क यातायात लाईटों के सभी नियमों, नियंत्रकों और चिन्हों का अनुसरण करना चाहिये। स्कूल में शिक्षकों के द्वारा उचित शिक्षा पाने और घर पर अपने अभिवावकों से बच्चों को सही ज्ञान के द्वारा सड़क सुरक्षा के बारे में अच्छे से अभयस्त होना चाहिये।
निबंध 4 (600 शब्द)
प्रस्तावना
आज के समय मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ गयी है और इस समस्या का कोई एक कारण नही है वास्तव में ऐसे कई सारे कारण है। जो सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं जैसे – यातायात नियमों की जानकारी ना होना, सड़को की स्थिति ठीक ना होना, वाहन चलाते वक्त सुरक्षा सावधानियां ना बरतना आदि। हमारे देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या को देखते हुए। अब यह काफी आवश्यक हो चुका है कि हम सड़क सुरक्षा से जुड़े मानकों को अनिवार्य रुप से अपनायें क्योंकि मात्र इसी के द्वारा ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकती है।
सड़क दुर्घटना के कारण
सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ ही इन दुर्घटनाओं में जान गवाने वालों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। यदि इस समस्या पर समय रहते ध्यान नही दिया गया तो सड़क दुर्घटना की यह समस्या आगे चलकर और भी भयावह रुप धारण कर लेगी। सामान्यतः सड़क दुर्घटनाओं का मूल कारण यातायात नियमों की जानकारी ना होना, अपरिपक्व चालक द्वारा वाहन चलाना, सीमा गति से अधिक गति में वाहन चलाना, सुरक्षा उपायों की अनदेखी करना, यातायात नियमों का पालन ना करना, सड़को की स्थिति खराब होना आदि हैं।
सड़क हादसों से जुड़े तथ्य
पूरे विश्व भर में प्रतिवर्ष 13 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा देते हैं।
भारत में प्रतिवर्ष 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसों में मृत्यु हो जाती है।
शराब पीकर गाड़ी चलाना सड़क हादसों का सबसे प्रमुख कारण हैं।
पूरे वर्ष सड़क हादसों में होने वाली मृत्यु में 25 प्रतिशत दुपहिया वाहन चालक होते हैं।
भारत में होने वाले सड़क हादसों में लगभग 16 बच्चे प्रतिदिन अपनी जान गवा बैठते हैं।
यदि इन तथ्यों पर गौर किया जाये, तो भविष्य में यह समस्या और भी ज्यादे भयावह होने वाली है। एक शोध में इस बात का पता चला है कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो सन् 2020 तक प्रतिवर्ष 20 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवायेंगे।
सड़क सुरक्षा से जुड़ी सावधानियां
पैदल चलते वक्त हमेशा फुटपाथ का प्रयोग करना चाहिए और जहां फुटपाथ ना हो वहां सदैव सड़क के बाए ओर से चलना चाहिए।
वाहन चलाते या सड़क यात्रा के वक्त कभी जल्दबाजी ना दिखाएं, कभी भी सिग्नल तोड़कर या जल्दबाजी में भागकर रास्ता पार ना करें।
ट्रैफिक सिग्नल तथा नियमों की पूरी जानकारी रखे और सदैव इनका पालन करें।
सड़क पार करते वक्त जेब्रा क्रॉसिंग, फुट ओवर ब्रिज करे और जहां यह सुविधाएं ना हो, वहा सड़क के दोनो तरफ देखकर ही सड़क पार करें।
कभी भी रेड सिग्नल पर सड़क पार करने का प्रयास ना करें। सड़क पार करते वक्त हमेशा ग्रीन सिग्नल का ध्यान रखे।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे की बस आदि में दौड़कर चढ़ने की कोशिश ना करें।
उतरते वक्त भी बस के पूरी तरह से रुकने पर ही उतरें, कभी भी चलते बस से उतरने का प्रयास ना करे।
कभी भी नशे के हालत में वाहन ना चलायें।
सड़क सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां
सड़क की स्थिति ठीक ना होना।
शहरों में मैनहोल और सीवर का खुला होना।
सड़को पर पानी लगा होना।
छुट्टा पशुओं का सड़क पर खुले आम घुमना।
लोगो द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन ना करना।
वाहन चलाते वक्त ध्यान ना देना।
वाहन चलाते वक्त मोबाइल का उपयोग करना।
सड़क सुरक्षा के निवारक उपाय
यदि नीचे दिये गये सड़क सुरक्षा से जुड़े निवारक उपाय अपनाया जाये तो सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लायी जा सकती है।
वाहन चलाते तथा सवारी के वक्त सीट बेल्ट पहनना, हेलमेट लगाना जैसे सुरक्षा उपायों को अपनायें।
वाहन चलाते वक्त मेकअप करना, बाल सवारना या फोन पर बात करने जैसे कार्य ना करें।
सदैव यातायात नियमों का पालन करें।
वाहन की गति पर नियंत्रण रखे।
शराब पीकर या गाड़ी ना चलायें, यात्रा के दौरान सिगरेट या किसी प्रकार का नशा ना करें।
कभी भी वन वे में गलत दिशा या रिवर्स में गाड़ी ना चलायें।
निष्कर्ष
सड़को पर तेजी से बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण, यह काफी जरुरी हो चुका है कि इसके लिए निवारक उपाय अपनाएं जायें क्योंकि मात्र इन्हीं के द्वारा ही हम मानवीय कारणों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा भी सड़को की स्थिति को सुधारे जाने तथा यातायात नियमों को और भी कड़ाई से लागू किये जाने की आवश्यकता है। यदि हम सब वाहन चलाते वक्त नियमों का पालन करें और संयम बरते तो सड़क सुरक्षा के इस सपने को एक दिन अवश्य ही साकार कर पायेंगे।
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