चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (A Visit to Zoo Essay in Hindi)
चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (A Visit to Zoo Essay in Hindi) |
चिड़ियाघर की यात्रा मेरे लिए बहुत ही उत्साहित और रोमांचित थी। समय बितने के साथ ही चिड़ियाघर के लिए मेरी उत्सुकता और अधिक बढ़ती जा रही थी। इससे पहले मैंने केवल सिनेमा और किताबों में ही चिड़ियाघर के बारे में देखा और पढ़ा था। यह मेरे जीवन का बहुत ही अच्छा पल था की मुझे सर्दियों के मौसम में चिड़ियाघर जाने का मौका मिला।
हम अपने मनोरंजन या घूमने के उद्देश्य से कई जगहों पर जाना पसंद करते हैं। हमारे आस-पास ऐसे कई स्थान हैं जहां हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए जाते हैं और उन जगहों का आनंद लेते हैं। इस प्रकार से हमें अपने रोजमर्रा के कार्यों से थोड़ा आराम मिलता है और हम खुद को तरोताजा महसूस करते है। किसी पहाड़ी, धार्मिक स्थल, चिड़ियाघर ऐसे कई मनोरंजन के स्थान हैं। बचपन में सभी ने चिड़ियाघर का आनंद अवश्य लिया होगा। यहाँ जाना सभी के लिए बहुत ही आनंदपूर्ण होता है।
मैं यहां चिड़ियाघर की अपनी एक यात्रा को प्रदर्शित कर रहा हूँ। उम्मीद है इससे आप बहुत ही रोमांचित होंगे।
चिड़ियाघर की सैर पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on A Visit to Zoo in Hindi, Chidiyaghar ki Sair par Nibandh Hindi mein)
निबंध 1 (250-300 शब्द)-चिड़ियाघर की सैर पर निबंध
परिचय
चिड़ियाघर की सैर बहुत आनंददायक और शिक्षाप्रद होता है। हम नए नए पशु पक्षियों से परिचित होते है, जिससे हमें एक अलग अनुभव प्राप्त होता है। हम अपने पसंद के जानवरों के बारे में अधिक से अधिक जानने की इच्छा रखते हैं। विभिन प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखने और उनके बारे में जानने के लिए बच्चे बड़े ही उत्सुक रहते हैं। इसके लिए वो चिड़ियाघर जाने के लिए हमेशा ही तैयार रहते है।
मेरा अनुभव
मै पहली बार वाराणसी के सारनाथ चिड़ियाघर में गया था। मै इस सैर पर जाने के लिए बहुत उत्सुक था। मुझे याद है जब मै सारनाथ चिड़ियाघर गया था मैंने पहली बार भालू देखा था। वहां सारस, मोर, हाथी, तोता जैसे पशु पक्षी थे। मैंने वहां एक मादा हाथी को देखा जो अपने बच्चे को प्यार कर रही थी। मैंने वहां पर उन पशु पक्षियों की तस्वीर भी ली। मैंने पूरे चिड़ियाघर में विचरण किया और वहां के प्रत्येक जानवरों व पक्षियों को नजदीक से देखा और उनके बारे में जानकारी प्राप्त किया ।
चिड़ियाघरमें पाये जाने वाले जानवर और पक्षी
चिड़ियाघर में तरह तरह के पशु पक्षी पाए जाते है। जिनमे साइबेरियन पक्षी, ऑस्ट्रेलियन तोता, दरियाई घोडा, कठफोड़वा, बाज़, गेंडा, हाथी,हाइना, पांडा, जिराफ, किंगफ़िशर, पेंगुइन, शुतुरमुर्ग जैसे पशु पक्षी प्रमुख रूप से पाए जाते है। चिड़ियाघर में हिरण, बबून, तेंदुआ आदि जैसे दुर्लभ पशु पक्षी भी पाए जाते है।
निष्कर्ष
हम सभी को चिड़ियाघर की सैर करनी चाहिए। चिड़ियाघर की सैर से हमें प्रकृति से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त होता है। हमें प्रकृति की सुंदरता का आभास होता है।
चिड़ियाघर की सैर पर दीर्घ निबंध – 1600 शब्द
परिचय
हममें से कईयों ने चिड़ियाघर का दौरा अवश्य किया होगा। उनमें से कई अपने पसंद के जनवरों से प्यार भी करते होंगे। हर किसी को अलग-अलग तरह के जानवर पसंद होंगे। सभी ने अपने पसंद के जानवर को टेलीविजन या चिड़ियाघर के दौरे में अवश्य ही देखा होगा। इन जानवरों को देखना हमारे लिए आनंददायी और रोमांचकारी होता हैं। हम अपने पसंद के जानवरों के बारे में अधिक से अधिक जानने की इच्छा रखते हैं। विभिन प्रकार के जानवरों को देखने और उनके बारे में जानने के लिए बच्चे बड़े ही उत्सुक रहते हैं। इसके लिए वो चिड़ियाघर जाने के लिए हमेशा ही तैयार रहते है।
चिड़ियाघर क्या है?
चिड़ियाघर एक ऐसी जगह है जिसे सार्वजनिक रूप से लोगों के घूमने के लिए संरक्षित की जाती है। यहां विभिन्न प्रकार के जीव जंतु एक साथ अलग-अलग जगहों पर रखे जाते हैं। जानवरों से लोगों और लोगों से जानवरों की रक्षा के लिए इसे तरह-तरह के सुरक्षा तरीकों से सुरक्षित किया गया होता हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के जानवर एक जगह स्टील के तारों या लोहे की सलाखों की सहायता से अलग-अलग रखे जाते हैं। इनमें जानवरों को अलग-अलग रखा जाता है ताकि वो प्रजनन कर अपने परिवार को और अधिक बढ़ा सके।
जानवरों के रहने के लिए इन्हें प्राकृतिक रूप से प्रकृति जैसी ही सुंदरता और सुविधाजनक बनाई जाती हैं। यहां जानवर सुरक्षित अवस्था में रह सकते है। एक चिड़ियाघर बहुत ही अधिक क्षेत्रफल में होता हैं, जिसमें जानवरों को अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षित रखा जाता हैं। इसमें जानवरों के लिए विभिन्न तरीकों से जंगल के जैसा माहौल देने की कोशिश की जाती है ताकि जानवर जंगल जैसा एहसास यहां महसूस कर सकें।
मानवों के अंधा-धुंध जंगलो की कटाई से जानवरों का अस्तित्व खतरे में आ गया हैं। इसके कारण जंगल भी खत्म होते जा रहे है। जंगलों के कटाव के कारण जानवरों के रहने और खाने की समस्या और अधिक बढ़ती जा रही हैं। जिसके उपरांत आजकल जगलों के नजदीक गावों में जानवरों का मानवों पर आक्रमण बढ़ता देखा जा सकता हैं। इसके साथ ही जानवरों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर खड़ी हैं। चिड़ियाघर जंगलों की तरह ही माहौल वाला एक बड़ा क्षेत्र होता है जो सरकार के द्वारा जानवरों और पक्षियों के सुरक्षा और देखभाल करने के लिए बनाई जाती है। इस प्रकार से जानवरों की सुरक्षा और उनको विलुप्त होने से बचाये रखने में सहायता मिलती है।
बच्चों को जानवरों के प्रति अधिक प्यार और सम्मोहन होता हैं। वो अपने पसंददीदा जानवर को देखकर बहुत ही प्रसन्न होते है। अपने पसंदीदा जानवर को देखना और उनके बारे में अधिक जानकारी इकठ्ठा करने के लिए उन्हें चिड़ियाघर जाना बहुत ही अच्छा लगता है। बच्चों के लिए यह जगह बहुत रोमांचकारी होती हैं वही बड़ों के लिए यह एक पिकनिक स्थान के तरह होता हैं। जहां घूमने से रोज के कार्यों से वो खुद को तरोताजा महसूस करते है।
भारत में जूलॉजिकल पार्क
भारत के विभिन्न राज्यों के अनेक शहरों में कुल मिलाकर 72 चिड़ियाघर बनाये गए हैं। ये चिड़ियाघर जानवरों के विलुप्त होने से बचाने के लिए बनाये गए हैं। इनमें उनके संरक्षण के लिए जंगलो जैसा माहौल बनाया गया हैं और उनकी पूरी तरह से देखभाल की जाती हैं। ऐसे चिड़ियाघर पर्यटकों/घूमने वालों के लिए एक निश्चित समय के लिए ही खोले जाते हैं, जिससे की जानवरों और इंसानों दोनों की सुरक्षा की जा सकें। बच्चों के लिए ये स्थान सीखने के साथ-साथ आनंद के लिए एक उचित जगह के रूप में होती हैं। यहां पर हम विभिन्न प्रकार के जानवरों को प्रत्यक्ष रूप में देख सकते हैं और उनके बारे में अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
चिड़ियाघर जाने का मेरा अनुभव
मुझे प्रकृति से बहुत प्यार है और मुझे प्राकृतिक जगहों पर घूमना बहुत पसंद हैं। पक्षी और जानवर ही हमारी प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाते है और मुझे ऐसा लगता है की इनके बिना प्रकृति अधूरी है। ये सभी प्रकृति की सुंदरता और लोगों की आजीविका को आपस में जोड़ते हैं।
स्कूल के दिनों में मुझे लखनऊ के चिड़ियाघर की यात्रा करने का मौका मिला। इस चिड़ियाघर का नाम नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान था। मैं अपनी इस यात्रा को लेकर बहुत ही उत्साहित था, क्योंकि यह चिड़ियाघर की मेरी पहली यात्रा थी।
कुछ ही घंटो के बाद हम सुरक्षित चिड़ियाघर पहुंच गए और अध्यापकों के कहे अनुसार सभी एक कतार में खड़े हो गए, और अंदर जाने के लिए अपनी बारी का इंतिजार करने लगें। हमारे अध्यापक ने पहले से ही सभी के लिए टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन ही कर ली थी। हम सभी अपनी कतार के अनुसार एक-एक करके अंदर गए।
चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार – चिड़ियाघर के प्रवेश द्वार पर एक विशालकाय पेड़ का प्रारूप बनाया गया था, इस पेड़ की शाखाओं पर कोई भी पत्तियां नहीं थी। इस पेड़ पर अलग-अलग जानवरों की आकृति बनाई गई थी, जैसे बंदर, भालू, मोर, तरह-तरह के पक्षी इत्यादि। द्वार के सामने ही एक बड़े शेर की आकृति बनाई गई थी। इस पेड़ के आस-पास ज़ेबरा, गैंडा, जिराफ़ व अन्य जानवरों की आकृति भी बनाई गई थी। यह पूरी तरह से हमें चिड़ियाघर के अंदर का एक परिदृश्य दिखा रहा था। प्रवेश द्वार पर हमें अपनी कई तस्वीरों को भी लिया था।
चिड़ियाघर के अंदर – चिड़ियाघर के अंदर प्रवेश के रास्तें में विभिन्न जानवरों की प्रतिमा जैसे शेर, भालू, हाथी, गैंडा इत्यादि की मूर्तियों से सजी पड़ी थी। शुरू में ही काले हिरण का एक झुण्ड था जो की स्टील की बाड़ों से घिरे हुए थे। सभी हिरन इधर-उधर टहल रहे थे। किसी भी जानवर की पूर्ण जानकारी और सुरक्षा के नियम वहां के संरक्षित क्षेत्र के बाहर बोर्ड पर अंकित की गयी थी।
चिंपांजी का निवास स्थल बहुत ही दिलचस्प दिखाई दे रहा था। हमने देखा की वहां दो चिंपांजी बैठे थे और धुप से गर्मी ले रहे थे। चिंपांजी हमें देखकर विभिन्न प्रकार के चहरे बना रहे थे जिन्हें देखकर हमें हसी आ रही थी। चिंपांजी बहुत ही बुद्धिमान जानवर होते हैं वे बहुत ही ढंग से बैठे हुए थे। हम सभी ने थोड़ी देर वहां रुक कर चिंपांजी की रहने के तरीकों और हरकतों का आनंद लिया। इसके बाद हमने शुतुरमुर्ग को उसके पिंजरे में देखा, वास्तव में यह बहुत ही विशालकाय पक्षी था जैसा की हम सभी ने कितबों में पढ़ा था।
चिड़ियाघर में एक ही कतार में अलग-अलग प्रकार के कई पक्षियों का पिंजरा था। पक्षियों के इतनी मात्रा में देखकर हम मंत्रमुग्ध हो गए। सभी पक्षी विभिन्न रंगों और नश्लों के थे। आगे चलकर हमने शेर और बाघ को भी देखा। शेर दहाड़ते हुए बहुत ही भयानक दिखाई दे रहा था। बाघ अपने बाड़ों में इधर-उधर घूम रहा थे। हमें चिड़ियाघर में तीन हिमालयन भालू को भी देखा, जो अपने बाड़ों में आराम कर रहे थे। वहां हमने सफेद बाघ को भी देखा जो बहुत ही शानदार दिखाई दे रहा था।
इन सभी के अलावा चिड़ियाघर में एक खिलौने वाली ट्रेन भी थी, इसके साथ ही विभिन्न झूलों के साथ एक पार्क भी स्थित था। हम सभी 4-5 घंटे तक चिड़ियाघर के अंदर ही थे। हम सभी पूरे चिड़ियाघर में घूमे और वहां के प्रत्येक जानवरों को नजदीक से देखा और उनके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर पायें।
क्या चिड़ियाघर कुछ सीखने और मनोरंजन का स्थान है?
चिड़ियाघर घूमने के लिए एक बहुत ही मनोरंजक और रोचक जगह है। हम इसमें विभिन्न जानवरों को अपनी आखों के सामने देख सकते हैं। हम शेर, भालू, गैंडा, सफेद बाघ इत्यादि जानवरों को चिड़ियाघर में देख सकते हैं जो की केवल जंगलों में ही देखे जा सकते है। हमने इन सभी जानवरों के रहने और उनके व्यवहार करने के तरीकों को बहुत ही नजदीक से देख सकते हैं और इनके बार में अधिक जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं।
चिड़ियाघरों में हमें विभिन्न प्रकार के नए जानवरों को देखने और उनके बारे में भी पता चलता हैं। जिन्हें हमने पहले केवल किताबों या टी.वी. पर ही देखा था। चिड़ियाघर में जाने के बाद हम उनके साथ अधिक समय और उनके बारे में अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की सोचते है। वहां से बहार निकलन का हमारा मन नहीं करता है।
मेरी राय में चिड़ियाघर अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनोरंजन और आनंद लेने की एक उत्तम जगह के रूप में है। यहां हमें विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखने और उनके बारे में अनेकों जानकारी एक साथ प्राप्त हो जाती हैं। इस प्रकार से हम यह कह सकते हैं कि चिड़ियाघर सीखने और मनोरंजन करने का एक सम्पूर्ण स्थान है।
निष्कर्ष
इस चिड़ियाघर के दौरे के बाद मैं बहुत ही प्रसन्न था। यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे पलों में से एक था जो मैंने चिड़ियाघर के अंदर बिताये थे। मेरे मन में बार-बार चिड़ियाघर घूमने की भावना आती है। हमें चिड़ियाघर घूमते समय वहां दिए गए दिशा-निर्देशों का अवश्य पालन करना चाहिए ताकि हमें किसी भी प्रकार की समस्या या जानवरों के गुस्से का सामना न करना पड़े।
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चिड़ियाघर की यात्रा निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. आप चिड़ियाघर में कैसे जाते हैं?
उत्तर: हम पिछले रविवार को अपने चाचा की कार में चिड़ियाघर गए थे।
प्रश्न 2. आप चिड़ियाघर का वर्णन कैसे करेंगे?
उत्तर: एक चिड़ियाघर, जिसे प्राणी उद्यान या प्राणी उद्यान के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसा स्थान है जहाँ जानवरों को जनता के देखने के लिए बाड़ों में बंद कर दिया जाता है। कई चिड़ियाघर जानवरों को भी पालते हैं। वर्तमान में 1,000 से अधिक बड़े पशु संग्रह जनता के लिए खुले हैं उनमें से 80% प्रमुख शहरों में हैं।
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