पुस्तकालय पर निबंध // Library Essay In Hindi

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पुस्तकालय पर निबंध // Library Essay In Hindi

पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi)

पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi)

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका एक और नया आर्टिकल में इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi) के बारे में बताने वाले हैं तो अगर आप लोगों को यह आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और मित्रों मैं ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहे


आज के इस लेख में हम पुस्तकालय पर निबंध (Essay On Library In Hindi) लिखेंगे। पुस्तकालय पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।


पुस्तकालय पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Library In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।



                   Table of contents



1.पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi)


2. प्रस्तावना


3. पुस्तकालय में पुस्तक संग्रह


4. पुस्तकालय का महत्व


5. पुस्तकालय के रूप


6. पुस्तकालय के भाग


7. पुस्तकालय के लाभ


8. पुस्तकालय हमारे राष्टीय धरोहर


9. पुस्तकालय का असर पुराने काल से


10. पुस्तकालय में सावधानियां


11. उपसंहार


पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi)


प्रस्तावना


जहाँ ज्ञान का भण्डार एक साथ हमें मिल जाये, जहाँ ज्ञान की बढ़ोतरी होती है, जहा हम हमारे समय का सदुपयोग करते है, उसे हम पुस्तकालय कहते है। पुस्तकालय में तरह-तरह की ज्ञानवर्धक पुस्तके पड़ने को हमे मिलती है। जिन्हें कोई भी पुस्तक प्रेमी जाकर पड़ सकता है।


पुस्तकालय में जाकर आप अपने ज्ञान में व्रद्धि कर सकते है। पुस्तक वो कीमती धन है, जिसमें हमे ढेरों काम की चीजें मिल जाती है। प्रत्येक समस्या का हल पुस्तक होती है और ये पुस्तके हमें पुस्तकालय में आसानी से मिल जाती है।


पुस्तकालय में पुस्तक संग्रह


पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार के पुस्तकों का संग्रह होता है। पुस्तकालय नाम से ही हमे समझ में आता है की पुस्तकों का बहुत बड़ा संग्रह पुस्तकालय कहलाता है, जहां विभिन्न विषयों जैसे हिंदी, गणित, इतिहास, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य, दर्शन शास्त्र, ग्रह विज्ञान आदि विभिन्न विषयों की पुस्तकें होती है ।


हिंदी के पुस्तकालय में काव्य, कहानियां, कविता, गीत, लेखकों का परिचय आदि जानकारियां प्राप्त होती है। हिंदी के पुस्तकालय में जाने माने ऐतिहासिक कारको की जीवनियां पड़ने को मिल जाती है।


पुस्तकालय का महत्व


पुस्तको में वह ज्ञान का भंडार होता है, जिसे हम पड़ कर अपने ज्ञान को और अधिक बढ़ा सकते हैं। एक ही विषय की कई पुस्तकें और उनके लेखक भी अलग-अलग होते हैं। सब का ज्ञान पुस्तक में ही लिखित होता है। पुस्तक पढ़ने वाला कई ढेर सारी जानकारी, शब्दों का उच्चारण, विषयों की गहराई आदि जानकारी पुस्तकों से प्राप्त करता है।


पुस्तकालय के रूप


  1. पाठशाला का पुस्तकालय


पाठशाला पुस्तकालय में विद्यार्थियों को अपने समय का सही उपयोग, एकांत वातावरण, ध्यान चित विषयो को सही और समझ से पढ़ने का अवसर प्राप्त होता है। विद्यार्थी नोट्स बनाने जैसे आदि कामो के लिए पुस्तकालय में पुस्तकों से ज्ञान ओर समय का सही उपयोग कर सकते है। विद्यार्थी पुस्तकालय के साथ से सभी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते है।


  1. विश्वविद्यालय का पुस्तकालय


विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का विद्यार्थि समय- समय पर उपयोग करते हैं और इसका महत्व समझते हैं। कई विषयों के कई लेखक होते है और एक विषय के अनेक लेखक होते है, जिससे विद्यार्थी अपने नोट एक ही विषय की अलग अलग किताबे पढ़ कर बनाते है।


परीक्षा परिणाम में पुस्तकालय की मद्त से अधिक अंक प्राप्त किये जा सकते हैं। पुस्तकालय में विद्यार्थियों के अलावा शिक्षकगण भी जाते है ओर उनके लिए वो सभी पुस्तके उपलब्ध हो जाती है।


शिक्षकों को वह सारी किताबे मिल जाती है, जिसकी उन्हें जरूरत होती है। जो पुस्तके हमे बहार ढूढ़ने पर भी नही मिलती, वो हमे पुस्तकालय में आसानी से मिल जाती है। इसलिए विद्यार्थीगण पुस्तकालय का प्रयोग करते हैं। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र, कहानियां, रोजगार के अखबार प्रदान किये जाते है।


  1. फैक्ट्री


बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में भी पुस्तकालय की सुविधा रहती है। पुस्तकों के ज्ञान के भंडार से आम व्यक्तियों और उनके कर्मचारियों को, जिन्हे पढ़ने और लिखने का शौक होता है, वह इसका समय- समय पर उपयोग करते हैं।


  1. सामाजिक संस्था


सामाजिक संस्था में कई उच्चगण पुस्तकालय का संग्रह कर पुस्तकालय खोल देते है। जिससे समाजिकगण पुस्तकालय का उपयोग करते हैं। कई नाटक, उसका चित्रात्मक अभिनय जैसे रामलीला, रामायण, महाभारत, महापुरुषों के बारे में वर्णन, देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारियों के बारे में वर्णन आदि जानकारी पुस्तकों के द्वारा ही प्राप्त की जाती है।


आज हम अपने इतिहास के बारे में जानते है तो उसका सबसे बड़ा श्रेय पुस्तकों को ही जाता है। क्युकी हमारे इतिहास के बारे में हमे पुस्तकों और हमारे बड़ो से ही पता चल पाया है।


पुस्तकालय के भाग


सामान्यतः पुस्तकालय में दो भाग होते हैं। पुस्तकालय में एक भाग किताबो को पढ़ने के लिए और दूसरा भाग किताबों को जारी करने के लिए होता है। यहां लाइब्रेरियन होता है जो लाइब्रेरी में आने वाले लोगों की सूची की जानकारी रखता है। पुस्तकालय के भाग कुछ इस प्रकार है।


  1. प्रथम भाग


सर्वप्रथम पुस्तकालय में प्रवेश करने से पूर्व पुस्तकालय के बाहर एक रूम होता है, जिसमें कई अलमारी या खाने बने होते हैं। इन अलमारियों में या फिर खानो में बैग, थैला या अन्य चीजों को रख दिया जाता है।


इनकी देखभाल के लिए एक कर्मचारी भी होता है, जो समान का ध्यान रखता है। पुस्तकालय में प्रवेश के लिए कलम, लिखने के लिए कॉपी, पेज को लेकर जाने की अनुमति होती है।


  1. किताबे जारी करने का भाग


इस कक्ष में सभी पुस्तकालय की देख-रेख के लिए लाइब्रेरियन होता है। लाइब्रेरियन द्वारा लाइब्रेरी में रखी गई किताबें, लाइब्रेरी में आने जाने वाले व्यक्तियों की सूची, उनके द्वारा जारी की गई किताबों का रिकॉर्ड रखा जाता है।


कौन -कौन से व्यक्ति पुस्तकालय में आ रहे हैं तथा उनके द्वारा पढ़ने के लिए चुनी गई किताबों की लिस्ट किताबे जारी करने के भाग में लाइब्रेरियन द्वारा रख रखाव कि जाती है।पुस्तकालय में जाने के लिए एक कार्ड होता है, जिसमें फोटो या पहचान पत्र होता है।


लाइब्रेरियन उसे देखकर अपने रिकॉर्ड में हस्ताक्षर करवाता है तथा कार्ड अपने पास रख लेता है। एक रजिस्टर में आने का समय, तारीख और दिन का विवरण व हस्ताक्षर करना होता है। वहा अनुचित सामग्री को ले जाना वर्जित है।


आप पुस्तकालय में कोपी ओर कलम के अलावा कुछ नहीं ले जा सकते है। पुस्तकालय के बाहर निकलते वक्त समय, तारीख, दिन और हस्ताक्षर कर आई कार्ड वापस ले लिया जाता है।


  1. रीडिंग सेक्शन व राइटिंग सेक्शन


इस कक्ष में एक लंबा टेबल, किताबें, अखबार, मासिक दैनिक पत्रिकाये (मैगजीन्स) रखी होती है जिन्हे आप पढ़ सकते है। साथ ही इस कक्ष में बैठने के लिए कुर्सियां होती है। कॉपी में कुछ नोट करना हो तो टेबल पर रख कर नोट किया जाता हैं।


किताबों के पेजो को सावधानीपूर्वक व किताबों को संभाल कर पढ़ा जाता है व नोट किया जाता है। इस भाग में विभिन्न विषयों पर आधारित ढेर सारी पुस्तकें रखी जाती है। कोई भी व्यक्ति अपनी रूचि के अनुसार उस विषय पर रखी हुई पुस्तकों को इस कक्ष में आराम से बैठ कर पढ़ सकता है।


  1. निगरानी कक्ष या कर्मचारी


पुस्तकालय में कैमरे लगे रहते हैं। वह एक कर्मचारी होती है, जो व्यक्ति गण व शिक्षार्थियों पर नजर रखते है। यहाँ से पुस्तकालय में हल्ला या शोर ना हो और शांत वातावरण बना रहे आदि बातों पर ध्यान दिया जाता है।


  1. पुस्तकालय का सदस्य बनने के सामान्य नियम


वैसे तो अलग-अलग पुस्तकालय के अपने -अपने नियम होते हैं। परंतु फिर भी कुछ नियम प्रत्येक पुस्तकालय में लागू किए जाते हैं। पुस्तकालय में आने जाने के लिए कुछ सामान्य नियम बना दिये गए है।


पुस्तकालय का सदस्य बनने के लिए पुस्तकालय में मासिक रूप से कुछ शुल्क देय करना होता है। साथ ही ऐसे कही पुस्तकालय है जहा आपको कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होती है।


एक बार पुस्तकालय का सदस्य बनने के बाद व्यक्ति पुस्तकालय में उपलब्ध अपनी मनचाही कोई भी किताब पढ़ सकता है। किसी भी पुस्तकालय का सदस्य बनते समय शुल्क जमा करवाना होता है, ये शुल्क किताबो की देखरेख के लिए लिया जाता है।


पुस्तकालय में समय सीमा के अंदर किताबो को लौटना होता है। किताब जमा करवाने तथा उन्हें लौटाने के अलग-अलग पुस्तकालय के अलग-अलग नियम होते है।


  1. पुस्तकालय के प्रकार


सार्वजनिक पुस्तकालय

सार्वजनिक पुस्तकालय ऐसा पुस्तकालय है, जो सभी वर्ग के लोगो के लिए उपलब्ध रहता है। इस पुस्तकालय में कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी मनचाही किताब पढ़ सकता है। आपको सार्वजानिक पुस्तकालय कही जगह देखने को मिल जायेंगे।


  1. निजी पुस्तकालय


कुछ विशेष वर्ग के लोग जैसे वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, इंजीनियर आदी के पेशे से जुड़े पहलुओं को जानने और समझने के लिए अलग-अलग किताबों की आवश्यकता होती है। इसलिए वे अपने पेशे से जुड़ी किताबों का संग्रह कर स्वयं का पुस्तकालय बना लेते हैं और ऐसे पुस्तकालय को ही प्राइवेट या निजी पुस्तकालय कहा जाता है।


पुस्तकालय के लाभ


अगर आपको अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ाना है तो पुस्तक ही सहायक होती हैं। जब कभी किसी विषय में महारत हासिल करनी होती है, तो पुस्तक ही आपको मदद कर सकती है।पुस्तकालय में जाकर पढ़ने से पढाई में ध्यान लगता है।


ऐसा इसलिए होता है, क्योकि पुस्तकालय में शांत वातावरण रहता है। शांत वातावरण होने से हमारा ध्यान पढ़ने पर केंद्रित रहता है। पुस्तकालय के शांत वातावरण से एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है।



अगर आप पुस्तकालय में पढ़ने या लिखने नियमित रूप से जाते है, तो आपके उच्चारण व पढ़ने में सुधार होता है। ये सुधार आप अपने घर पर पढ़ कर भी कर सकते है, परन्तु पुस्तकालय में इसकी बात ही कुछ और होती है।


जब विद्यार्थी नियमित रूप से पुस्तकालय का उपयोग करते है और पुस्तकालय में पढाई करते है, तो उन्हें अच्छे अंक प्राप्त होते है। इसका कारण पुस्तकालय में रहने वाला शांत वातावरण होता है।


पुस्तकालय हमारे राष्टीय धरोहर


पुस्तकालय में हमारे पूर्वजों की लिखी हुई कई अच्छी किताबे है। जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, ए पी जे अब्दुल कलम, ऐसे कई महान व्यक्ति है, जिनकी लिखी पुस्तके हमे पुस्तकालय में उपलब्ध हो जाती है। जिन्हें पड़कर हम हमारे ज्ञान में बढ़ोतरी करते।


पुस्तकालय में कई अच्छे लेखकों की भी पुसतको का संग्रहण किया जाता है। जिसका उपयोग हम आगे आने वाले जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते है। जो भी व्यक्ति अच्छी और अधिक मूल्य वाली पुस्तके नहीँ खरीद सकता, वह यहां पर आकर आराम से शांत माहौल में वह पुस्तक पड़ सकता है और अपने ज्ञान के जिज्ञासा को शांत कर सकता है।


पुस्तकालय का असर पुराने काल से


पुस्तकालय का असर हमारे उप्पर पुराने काल से ही है। क्योंकि प्राचीन काल मे प्रिंटिंग मशीन नहीं होने के कारण, जो भी लिखना रहता था वो पुस्तकों में हाथो से ही लिखा जाता था। जिस कारण उनका मूल्य भी अधिक रखा जाता था।


हाथो से लिखे जाने के कारण किताबे भी कम ही उपलब्ध हो पाती थी, क्योंकि हस्तलिखित पुस्तक का निर्माण बहुत कम होता था। इसी को देखकर पुस्तकालय की स्थापना की गई थी।


पुस्तकालय की स्थापना से जो भी व्यक्ति किताबे पड़ने का इक्छुक होता था, वह पुस्तकालय में जाकर शांत माहौल में किताबे पढ़ सकता है। इससे गरीब वर्ग के लोगो को अधिक फायदा हुआ, क्योंकि वो लोग अधिक मूल्य की पुस्तक पड़ नही सकते थे।


पुस्तकालय में सावधानियां


पुस्तकालय एक ज्ञान का मंदिर है, जहा हमे कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी होता है। हमे पुस्तकालय के नियमों का पालन करना चाहिए। पुस्तकालय में हमे कभी भी शोर और आवाज नही करना चाहिए।


पुस्तकालय में अक्सर देखा गया है की कुछ लोग किताबें चोरी या पेन चोरी करते है, जो बिलकुल भी अच्छी बात नहीं होती है। कही लोग तो पुस्तकालय के पुस्तको को भी फाड़ते है, ऐसे में वो ना सिर्फ दुसरो का और देश का नुकसान कर रहे है बल्कि खुदका भी नुकसान कर रहे है।


हमे पुस्तकालय में जाकर चोरी, किताबे फाड़ना जैसे काम नहीं करना चाहिए। जब भी हम पुस्तकालय में जाते है, तो हमे अनुशासन का पालन करना चाहिए। क्युकी बिना अनुशासन के पुस्तकालय में पढ़ने का वातावरण नहीं बन सकता है।


सभी पुस्तकालयों के नियम अलग अलग होते है, इसलिए हमे लाइब्रेरियन के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।


उपसंहार


किताबों से ही पुस्तकालय बनता है, उन्हें पढ़कर ही विषयों में समझ ओर ज्ञान के भंडार में बढ़ावा होता है। अनुशासित जीवन शैली, एकांत व एकाग्रचित वातावरण, आराम से किताबो को पढ़ना ये सब पुस्तकालय से पाप्त होता है।


पुस्तकालय हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्त्व रखता है, जो लोग पुस्तकालय का नियमित रूप से इस्तेमाल करते है वे इस बात को भले भाती समज़ते है। अगर आप एक विद्यार्थी है या फिर किताबे पढ़ने में रूचि रखते है, तो आपको पुस्तकालय में एक बार जरूर जाना चाहिए।


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तो यह था पुस्तकालय पर निबंध, आशा करता हूं कि पुस्तकालय पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Library) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।




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