सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी | Sakaratmak Soch Ki Shakti ki story in hindi

Ticker

सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी | Sakaratmak Soch Ki Shakti ki story in hindi

सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी | Sakaratmak Soch Ki Shakti ki story in hindi 

हेलो दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे वेबसाइट पर तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी के बारे में बिल्कुल विस्तार पूर्व बताने जा रहे हैं तो अब आपको पोस्ट की अंत तक जरूर बने रहना है अगर आपको यह पोस्ट पसंद आए तो मेरे दोस्तों मैं शेयर करना बिल्कुल भी ना भूले।


सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी | Sakaratmak Soch Ki Shakti ki story in hindi 


Table of contents 

सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी | Sakaratmak Soch Ki Shakti ki story in hindi 

सकारात्मक सोच की कहानी || ध्यान का रहस्य

सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी (Sakaratmak Soch Ki Shakti Story in hindi)

शिक्षा (Moral of the story)

दिमाग को हमेशा पॉजिटिव कैसे रखें।

सकारात्मक सोच की शक्ति काम करती है?

एक सकारात्मक व्यक्ति क्या है।

सकारात्मक सोच के अच्छे परिणाम क्या होते हैं?

निष्कर्ष 

Also asked questions


Sakaratmak Soch Ki Shakti Story in hindi


मित्रों हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां लोग आदर्शवाद जैसे बड़े का आदर करना, जरूरतमंद की सहायता करना बच्चे हुए भोजन को व्यर्थ ना होने देना जल और बिजली का अपव्यय न होने देना सड़क पर गंदगी ना फैलाना अनुशासन में रहना आदि और भी बहुत से कार्य करने की बातें करते हैं किंतु आधुनिक समय की चकाचौंध ने लोगों को बहुत ही व्यस्त कर दिया है जिससे वे इन बातों का पालन करना भूल गए हैं। लोगों को लगता है कि उनकी अकेले इन कामों को करने से क्या होगा सिर्फ समय की बर्बादी और कुछ नहीं वह सिर्फ एक ही कहावत को मानते हैं "अकेला चना भांड़ नहीं फोड़ सकता" किंतु यदि किसी एक व्यक्ति ने भी यह कोशिश की कि वह इन कामों को कर सकता है तो यह कहावत भी सच हो सकती है की "बूँद – बूँद से घट भरता है"।


ऐसे ही इस कहावत को सच करने के लिए एक प्रेरणादायी कहानी प्रस्तुत है जोकि शायद आपने कभी सुनी हो किंतु अपने जीवन में नहीं अपनाया होगा।


1992 में नार्मल विशेट पीर ने अपनी पुस्तक द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग प्रकाशित की। इस पुस्तक ने सकारात्मक सोच की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया। अपनी किताब में जो आजकल भी लोकप्रिय है में उड़ने पाठक को एक आशावादी रवैया हासिल करने में मदद करने के लिए डिजाइन किए गए व्यावहारिक निर्देश प्रदान किए।


सकारात्मक सोच की कहानी || ध्यान का रहस्य


जब सोचने की बात आती है तो ज्यादातर लोग ये नहीं समझ पाते है कि क्या सोचना चाहिए । किसी भी सोच के दो पहलू होते है – एक विधेयात्मक दूसरा नकारात्मक । दोनों का मतलब लगभग एक सा होता है लेकिन इनका दिमाग पर असर ठीक उल्टा होता है । कैसे ? तो आइये देखते है ये कहानी –


एक बार की बात है, एक युवक ने ध्यान की बड़ी महिमा सुनी । उसने सुना कि ध्यान करने से मस्तिष्क की क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है । अतः उसने ध्यान की विधि सीखने की ठानी ली । ध्यान की विधि सीखने की इच्छा से वह एक योगीजी के पास पहुँच गया ।


सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी (Sakaratmak Soch Ki Shakti Story in hindi)


एक बार की बात है एक बहुत ही दयावान आदमी था। वह हर रोज सुबह घर पर काम के लिए निकलते हुए कुछ लोगों की मदद करता था, जैसे सबसे पहले वह एक घर की बालकनी से गिरते हुए पानी को व्यर्थ होने से बचाने के लिए वहां एक छोटे से पौधे वाला गमला रख देता है। जिससे पानी उस पौधे पर गिरे। इसके बाद वह थोड़ा और आगे जाता है वहां एक आदमी का ठेला एक गड्ढे में फस जाता है उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आता तब वह आदमी उसकी मदद करता है इसके बाद थोड़ा और आगे चलने पर एक बहुत ही गरीब लड़की जो पढ़ना चाहती है, वहां फूटपाथ बैठकर भीख मांगती है ताकि कुछ पैसे इकठे हो सके और वह पढ़ाई कर सके वह आदमी उसे रोज कुछ पैसे देता है। 


इस तरह वह रोज कुछ लोगों की मदद करता है, ऐसा वह हर रोज करता है। एक दूसरा आदमी उस आदमी को यह सारे काम हर रोज करते देखता है।


एक दिन उस दूसरे आदमी ने उस आदमी से पूछा कि – "भाई साहब आप रोज इन लोगों की मदद करते हैं लेकिन इससे क्या फर्क पड़ेगा? इससे केवल समय की बर्बादी होगी"‌। तब वह आदमी उस दूसरे आदमी से कहता है कि – "इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, इससे आपको भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा और इससे इस दुनिया में भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, किंतु जो मैं करता हूं वह मेरा फर्ज है, मैं सिर्फ अपना फर्ज निभा रहा हूं और फर्ज निभाने में समय की बर्बादी नहीं होती"। ऐसा कहकर वह वहां से चला जाता है। ऐसा करते – करते कुछ दिन बीत जाते हैं। फिर एक दिन वह देखता है कि हुआ है बालकनी के नीचे रखा हुआ पौधा बड़ा हो गया है। फिर थोड़ा आगे जाकर वह हर रोज की तरह उस ठेले वाले आदमी की मदद के लिए जाता है तो देखता है कुछ और लोग उसकी मदद कर रहे हैं फिर थोड़ा और आगे उस लड़की को पैसे देने के लिए जाता है। तो देखता है कि वह लड़की वहां नहीं है वह उसका वही इंतजार करता है थोड़ी देर बाद वह लड़की एक स्कूल की यूनिफार्म पहन कर उसके सामने आती है।


यह सब देख कर वह बहुत खुश होता है। लेकिन वह दूसरा आदमी भी यह सब देख रहा होता है, और यह सब देख कर उसे समझ आता है कि एक आदमी ने कोशिश की तो किसी का कितना भला हो गया इसी तरह यदि और लोग भी ऐसा करने लगे तो इस देश की पूरी सूरत ही बदल सकती है।


शिक्षा (Moral of the story)


इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती हैं कि हमें नकारात्मक सोच नहीं रखना चाहिए हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए। व्यर्थ ही पैसे खर्च करने से अच्छा है कि किसी जरूरतमंद की मदद करें, क्योंकि इससे आपको खुशी मिलेगी और किसी को नया जीवन मिल जाएगा। किसी जरूरतमंद की मदद करना समय और पैसे की बर्बादी नहीं बल्कि अपना फर्ज समझना चाहिए। यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि एक अकेले आदमी की कोशिश से क्या होगा दोस्तों यदि एक आदमी भी कोशिश करे तो बहुत कुछ हो सकता है इसलिए हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए।


दोस्तों आशा करता हूं कि ये छोटी सी कहानी Sakaratmak Soch Ki Shakti ki kahani in hindi आपके लिए मार्गदर्शन करने में काफी सहयोग करेगी अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें।


Also asked questions


Q. दिमाग को हमेशा पॉजिटिव कैसे  रखें।

Ans- Positive Thinking in Hindi के लिए कुछ पावरफुल बातें इस प्रकार हैं:


  1. हमेशा अच्छा सोचें।

  2. देखने का नजरिया बदलो।

  3. शिकायत मत करो।

  4. परेशानी के ऊपर फोकस मत करो।

  5. हमेशा हंसते रहो।

  6. एक्सरसाइज करो।

  7. ध्यान करो।

  8. दूसरों को प्रोत्साहित करो।


Q. सकारात्मक सोच के अच्छे परिणाम क्या होते हैं?

Ans- अच्छे सकारात्मक विचारों द्वारा आध्यात्मिक चेतना को प्राप्त किया जा सकता है इस प्रकार सकारात्मक सोच व्यक्ति के समस्त पक्षो को प्रभावित करता है। उसे सुयोग बनाकर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता दिला सकता है एवं अतः उसे जीवन के परम लक्ष्य तक पहुंचा सकता है।


Q. सकारात्मक सोच की शक्ति काम करती है?

Ans-सकारात्मक सोच तनाव प्रबंध में मदद करती है और आपके स्वस्थ को भी बेहतर बना सकती है। प्रदान किए गए उदाहरणों के साथ नकारात्मक हाथ में चर्चा पर काबू पाने का अभ्यास करें।


Q. एक सकारात्मक व्यक्ति क्या है।

Ans- एक सकारात्मक व्यक्ति इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि उनके जीवन में क्या अच्छा है साधारण चीजों में खुशी पाता है और सामान रवैया अपनाता है की बहुत सारी चीजें हैं जो वे सीधे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। वे नियंत्रित कर सकते हैं कि वह किस पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।


यह भी पढ़ें👇👇

पृथ्वी पर निबंध हिंदी में


सूर्योदय पर निबंध हिंदी में


अम्लीय वर्षा पर निबंध हिंदी में





Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2