Odisha Train Accident // ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट

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Odisha Train Accident // ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट

Odisha Train Accident: ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट में 207 से अधिक लोगों की गई जान, जानें कब-कब हुए ऐसे बड़े हादसे?

Odisha Train Accident

Odisha Train Accident: ओडिशा में हुई एक बड़ी ट्रेन दुर्घटना के बाद देश में शोक की लहर है. इस हादसे में अब तक 207 लोगों की मौत की सूचना सामने आई है और 900 से ज्यादा लोग घायल हैं.


Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए बड़े ट्रेन हादसे ने अब तक 207 लोगों की जिंदगी छीन ली है और 900 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस हादसे की सूचना मिलने के बाद हर कोई स्तब्ध है कि आखिर एक ही जगह पर तीन ट्रेनें कैसे हादसे की शिकार हो गई. हादसे को लेकर दुख व्यक्त किया गया है और मुआवजे का ऐलान भी किया जा चुका है.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, घटना को लेकर रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे. उन्होंने कहा, ‘‘पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए.’’


अधिकारी ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई. उन्होंने बताया कि हादसा शाम को करीब सात बजे हुआ. वहीं, रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी और इसके 10-12 डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस की पटरी पर जा गिरे.


Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (2 जून) शाम को हुए एक बड़े रेल हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. हादसे में अब तक 288 लोगों की जान चली गई. ऐसे में इस भयानक मंजर के बाद जिंदा बचे लोगों ने हादसे की डरावनी कहानियां शेयर की और बताया कि जब ट्रेनें आपस में टकराईं थीं तो किसी का पैर कटा हुआ था तो किसी का चेहरा पूरी तरह खराब हो चुका था.


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोमंडल-शालीमार एक्सप्रेस से चेन्नई जा रहे दिहाड़ी मजदूर संजय मुखिया उस दौरान शौचालय गए हुए थे, तभी उन्हें जोर का झटका लगा. बिहार के रहने वाले मुखिया ने अपनी चोट दिखाते हुए बताया कि सब कुछ हिल रहा था और हम कोच को गिरते हुए महसूस कर सकते थे. कुछ ही देर में उन्हें मलबे से बाहर निकाल लिया गया.


किसी का पैर कटा हुआ था तो किसी का चेहरा..'



यात्री संजय ने आगे बताया कि हादसा इतना खौफनाक था कि रेल के डिब्बे एक दूसरे के ऊपर पड़े हुए थे और सभी यात्रियों का सामान बिखरा हुआ पड़ा था. जिसके बाद बचाव अभियान के बाद लाशों को मलबे से बाहर निकाला गया. वहीं दूसरे शख्स ने बताया कि उस मलबे में कटे हुए हाथ-पैर और दूसरे अंग बिखरे हुए थे. हमें समझ नहीं आ रहा था कि हम क्या करें? 


तीसरे यात्री ने बताया कि जब ट्रेन पटरी से उतरी तब मैं सो रहा था. करीब 10 से 15 लोग मेरे ऊपर गिर गए. जब मैं कोच से बाहर आया तो मैंने देखा कि चारों तरफ अंग बिखरे हुए थे. किसी का एक पैर कटा हुआ था तो वहीं दूसरे का हाथ मलबे में दबा हुआ था. इसके अलावा किसी का चेहरा बुरी तरह से खराब हो गया था.


कैसे तीन ट्रेनों की एक साथ हुई टक्कर?



दरअसल, 2 जून की शाम जब बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस हावड़ा की ओर जा रही थी तो इसी दौरान कई डिब्बे पटरी से उतरकर गिर गए. वहीं दूसरी ओर शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस इस एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई. इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे सामने से आ रही मालगाड़ी के डिब्बों से भी टकरा गए. ये दर्दनाक हादसा बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ.


10 बड़े ट्रेन हादसे


1. इन सब के बीच ये पहली बार नहीं है जब इतना बड़ा हादसा हुआ है. इससे पहले, 13 जनवरी, 2022 को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कम से कम 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में पटरी से उतर गए, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 36 अन्य घायल हो गए. वहीं, साल 2018 में अक्टूबर के महीने में रावण दहन के मौके पर पंजाब के अमृतसर में एक भीषण ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था जिसमें 61 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी.


2. 23 अगस्त, 2017 को दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस के 9 कोच उत्तर-प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए, जिसमें कम से कम 70 लोग घायल हो हुए थे.


3. 19 अगस्त, 2017 को हरिद्वार और पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिसमें 21 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 97 घायल हो गए.


4. साल 2016 में इंदौर पटना एक्सप्रेस कानपुर के पुखरायां के पास पटरी से उतर गई. जिसमें कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई.


5. 20 मार्च 2015 को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस में एक बड़ा हादसा हो गया था. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बछरावां रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के इंजन और उसके साथ लगी दो बोगियों के पटरी से उतरने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और लगभग 150 अन्य घायल हो गए.


6. 26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर इलाके में गोरखपुर की ओर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास रुकी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए.


7. 30 जुलाई, 2012 को दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में नेल्लोर के पास आग लग गई थी, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए थे.


8. उससे पहले 22 मई, 2012 को हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई. जिसमें 25 यात्रियों की मौत हो गई और 43 लोग घायल हो गए.


9. साल 2012 को भारतीय रेलवे के इतिहास में रेल दुर्घटनाओं के मामले में सबसे खराब में से एक माना गया था. इस साल लगभग 14 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें ट्रेन के पटरी से उतरने से लेकर आमने-सामने की टक्कर दोनों शामिल हैं.


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10. 7 जुलाई, 2011 को उत्तर प्रदेश में एटा जिले के पास छपरा-मथुरा एक्सप्रेस एक बस से टकरा गई थी. इस घटना में 69 लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसा मानव रहित क्रासिंग पर देर रात को हुआ था. ट्रेन तेज गति से चल रही थी और बस करीब आधा किलोमीटर तक घसीटती रही.




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