सोनू निगम का जीवन परिचय//Sonu Nigam biography in Hindi
सोनू निगम एक प्रसिद्ध भारतीय बैकग्राउंड सिंगर और संगीत निर्देशक हैं। उनकी शैली को महान गायक मोहम्मद रफी के समान माना जाता है। यही कारण है कि उन्हें अक्सर आधुनिक रफी माना जाता है।
सोनू निगम का जीवन परिचय//Sonu Nigam biography in Hindi |
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असाधारण सुरीली आवाज और अद्भुत बहुमुखी प्रतिभा की धनी सोनू निगम को हाल के समय के सर्वश्रेष्ठ गायकों में से एक कहा जा सकता है।
बहुत कम उम्र से शुरू होकर सोनू ने ना केवल एक पार्श्व गायक के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है बल्कि विभिन्न शैलियों के साथ आसानी से प्रयोग किया है।
अब तक उन्होंने लगभग 10 अलग-अलग भाषाओं में 2000 से अधिक गाने गाए हैं सोनू बॉलीवुड में बैकग्राउंड सिंगर के रुप में सबसे ज्यादा फीस चार्ज करने वाले लोगों में से एक हैं।
2010-11 के आसपास एक समय बॉलीवुड फिल्म का हर दूसरा गाना सोनू निगम द्वारा गाया जाता था उन्होंने लता मंगेशकर और खय्याम जैसे भारती संगीत के दिग्गजों के साथ काम किया है।
सोनू निगम का जन्म एवं शुरुआती जीवन
सोनू निगम का जन्म 30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद शहर में पिता अगम कुमार निगम एवं मां शोभा निगम के यहां हुआ था।
उनके पिता का नाम अगम कुमार नश निगम है। जो आगरा के रहने वाले हैं और बॉलीवुड सिंगर भी हैं उनकी माता का नाम शोभा निगम है जो गढ़वाल की रहने वाली हैं।
उनकी दो छोटी बहनें जिनका नाम तीसरा निगम निकेता निगम और मीनल निगम है सोनू ने 15 फरवरी 2002 को मधुरमा निगम से शादी की और उन दोनों का नेवान नाम का एक बेटा है।
जब सोनू की उम्र मात्र 4 साल थी तब वह मंच पर अपने पिता अगम कुमार निगम के साथ मोहम्मद रफी का गाना क्या हुआ तेरा वादा गाने के लिए शामिल हुए थे निगम अपने पिता के साथ शादी और पार्टियों में उनकी गायकी में शामिल होने लगे।
सोनू की ट्रेनिंग कब से शुरू हुई वह अपने पिता से संगीत की बारीकियां सीखते हुए बड़े हुए हैं उन्होंने दिल्ली में उस्ताद महा कंजर नवीद से शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण दिया।
सोनू निगम का जीवन परिचय//Sonu Nigam biography in Hindi |
संगीत के प्रति उनके जुनून के हर दूसरी रुचि को पीछे छोड़ दिया और उन्होंने इससे एक ही ध्यान केंद्रित करके आगे बढ़ाया एक किशोर के रूप में उन्होंने कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संगीत प्रतियोगिता में भाग लिया और उनमें से अधिकांश में जीत हासिल की।
तभी उनके मन में बॉलीवुड में मशहूर प्लेबैक सिंगर बनने का ख्याल आया उन्होंने 18 साल की उम्र में मुंबई जाने का फैसला किया और उनके साथ उनके पिता भी गए थे।
उन्होंने अपना संगीत प्रशिक्षण जारी रखा जब भी महान शास्त्रीय संगीत उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के संरक्षण में अवसरों की तलाश कर रहे थे।
सोनू निगम की शिक्षा
सोनू ने अपने शुरुआती पढ़ाई जेडी टाइटलर स्कूल दिल्ली से प्राप्त की उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी करने से दिल्ली विश्वविद्यालय नई दिल्ली में दाखिला ले लिया जहां से उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
सोनू निगम का करियर
बैकग्राउंड सिंगर के रूप में शुरुआत
सोनू को बैकग्राउंड सिंगिंग के लिए पहला ब्रेक 1990 में एक फिल्म जन्म में मिला लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म रिलीज नहीं हुई।
उन्होंने टी सीरीज के साथ हुए कांटेक्ट पर बहुत भरोसा किया लेकिन एसपी बालासुब्रमण्यम की वजह से उनके गाने ठुकराए जाने से सोनू नाराज हो गए।
उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार ने उन्हें सुपर हिट फिल्म बेवफा सनम के लिए सिंगर के रूप में चुना। सोनू के द्वारा उनकी पहली फिल्म के लिए गाया हुआ गाना अच्छा सिला दिया तूने गाना बहुत हिट हुआ और लोगों ने बैठकर इस प्रतिभाशाली गाय को नोटिस करना शुरू कर दिया।
उन्होंने मुंबई में अपने शुरुआती दिनों में संघर्ष किया क्योंकि उन्हें प्लेबैक के कई अवसर नहीं मिल रही थी उन्होंने कुछ रेडियो विज्ञापन किए।
उनकी आय का मुख्य स्रोत मोहम्मद रफी की आवाज के रूप में स्टेज शो था उन्होंने आजा मेरी जान 1992 शबनम 1993 आग 1994 खुद्दार 1994 हलचल 1994 स्टंटमैन जैसी फिल्मों में कुछ भूलने योग पार्श्व भूमिकाएं की। 1994 और राम जाने 1995।
उनके करियर की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने 1997 की फिल्म बॉर्डर में बैक टू बैक हिट गाने संदेशे आते हैं के लिए गया जिसके लिए उन्होंने ज़ी सिने अवॉर्ड जीता।
उन्होंने प्रदेश 1999 में यह दिल 2000 की फिल्म का गाना कल हो ना हो भी गाया सुपर सक्सेसफुल दिल चाहता है के गाने तन्हाई के लिए shankar-ehsaan-loy की तिकड़ी के साथ उन्होंने बतौर सिंगर सहयोग किया।
उन्होंने फिल्म कभी खुशी कभी गम के सूरज हुआ मध्यम जैसे रोमांटिक गानों में अपनी आवाज देकर दर्शकों का दिल जीत लिया
सोनू निगम के कन्नड़ फिल्मों के गाने
हिंदी के अलावा उन्हें कन्नड़ फिल्म उद्योग में भी बड़ी सफलता मिली अब तक उन्होंने कन्नड़ भाषा में 600 से अधिक गाने गाए हैं।
फिल्म मोनालिसा के टाइटल ट्रैक मजनू के चेलबे येके बंदे और फिल्म अहम प्रेमा समी के वी रवि चंदन द्वारा कंपोज किया गया कन्नले कन्नाले जैसे गानों में खूब सनसनी मचाई और उन्हें कई अवार्ड भी दिलाये।
संगीत एल्बम में करियर
1992 में उन्होंने प्रसिद्ध मोहम्मद रफीक गीतों के कवर से युक्त एल्बम रफी की यादें जारी किया 2007 में उन्होंने 6 डिक्स प्रारूप में 100 से अधिक गीतों के साथ कल आज और कल नामक रफी गीतों का एक और संग्रह जारी किया। उन्होंने 2008 में रफी के गीतों का दो डिस्क संग्रह रफी रीसर्रक्टेड नामक एल्बम भी जारी किया।
उन्होंने बसों में मूल गीतों के साथ कई एल्बम जारी किए 1999 में टी सीरीज के लेवल के तहत रिलीज किया गया उनका एल्बम दीवाना एक बड़ी सफलता थी उनके अनमोल एल्बम जैसे जान और चंदा की डोली क्रमसा 2000 और 2005 में रिलीज हुई थे।
अवार्ड और उपलब्धियां
कल हो ना हो 2003 फिल्म के गीत कल हो ना हो के लिए सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड सिंगर होने के नाते राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साथिया 2002 फिल्म के गीत साथिया के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया।
कल हो ना हो 2003 फिल्म के गीत कल्होंनाहो के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया।
हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा गौरव सम्मान प्राप्त।
FAQ
1 सोनू निगम का धर्म क्या है?
उत्तर-सोनू निगम का धर्म हिंदू धर्म है।
2-सोनू निगम कौन है?
उत्तर-सोनू निगम एक भारतीय पार्श्वगायक संगीत निर्देशक और अभिनेता हैं उन्होंने लगभग 10 भाषाओं में अपने गाने गाए हैं इसके अलावा उन्हें कई टीवी शोज में जज के रूप में देखा गया।
3-सोनू निगम के पिता का नाम क्या है?
उत्तर-मालूम हो कि हिंदी सिनेमा के फेमस सिंगर सोनू निगम के पिता अगम कुमार निगम भी कॉफी पॉपुलर सिंगर रहे हैं।
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